भारत के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति प्रक्रिया और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की नियुक्ति का संवैधानिक महत्व
भारत में न्यायपालिका को संविधान द्वारा एक स्वायत्त और विशिष्ट स्थान प्राप्त है। यह न केवल कानून की व्याख्या करने वाली संस्था है, बल्कि संविधान की संरक्षक (Guardian of the Constitution) के रूप में लोकतंत्र के तीनों स्तंभों — विधानपालिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका — के बीच संतुलन बनाए रखने का दायित्व भी निभाती है। न्यायपालिका … Read more