उत्तर वैदिक काल | 1000-500 | ई.पू. The Post Vedic Age
उत्तर वैदिक काल का समय 1000 ई.पू.से 600 ई. पू. तक माना जाता हैं। कही-कही उत्तर वैदिक काल का समय 1000 ई.पू.से 500 ई. पू. तक माना गया हैं।
उत्तर वैदिक काल का समय 1000 ई.पू.से 600 ई. पू. तक माना जाता हैं। कही-कही उत्तर वैदिक काल का समय 1000 ई.पू.से 500 ई. पू. तक माना गया हैं।
पूर्व वैदिक काल वैदिक काल के शुरुआत के समय को कहते है। वैदिक संस्कृति का एकमात्र स्रोत वैदिक साहित्य है। इनमें चार वेद (संहिता भी कहे जाते हैं), ऋग्वेद, साम-वेद, यजुर-वेद और अथर्व-वेद हैं; ब्राह्मण, अरण्यक और उपनिषद। ऋग्वेद सबसे प्राचीनतम वेद होने के कारण इस समय को ऋग्वेद काल भी कहते हैं। ऋग्वेद भजन … Read more
पाषाण काल के रूप में उस काल को परिभाषित किया गया है, जब प्रागैतिहासिक मनुष्य अपने जीवन यापन के लिए पत्थरों का उपयोग करते थे । मनुष्य के जन्म के बाद से हुए विकास को अलग अलग कालो में बांटा गया है।
सिंधु घाटी सभ्यता (3300-1700 ई.पू.) विश्व की प्राचीन नदी घाटी सभ्यताओं में से एक प्रमुख सभ्यता थी. यह हड़प्पा सभ्यता और सिंधु-सरस्वती सभ्यता के नाम से भी जानी जाती है. ब्रिटिश काल में हुई खुदाइयों के आधार पर पुरातत्ववेत्ता और इतिहासकारों का अनुमान है कि यह अत्यंत विकसित सभ्यता थी और ये शहर अनेक बार बसे और उजड़े हैं।
सिंधु घाटी सभ्यता के पश्चात भारत में जिस नवीन सभ्यता का विकास हुआ उसे ही आर्य अथवा वैदिक सभ्यता के नाम से जाना जाता है। वैदिक सभ्यता ही हिन्दू सभ्यता है। इस काल की जानकारी हमे मुख्यत: वैदिक साहित्य से प्राप्त होती है, जिसमे ऋग्वेद सर्वप्राचीन होने के कारण सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। इस काल की … Read more