खानवा का युद्ध | भारतीय इतिहास का निर्णायक संघर्ष

खानवा का युद्ध (16 मार्च, 1527)

खानवा का युद्ध (16 मार्च, 1527) भारतीय इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण युद्धों में से एक है। यह युद्ध मुगल साम्राज्य के संस्थापक बाबर और राजपूत शासक राणा सांगा के बीच लड़ा गया था। इस युद्ध ने न केवल उत्तर भारत के राजनीतिक परिदृश्य को बदल दिया, बल्कि मुगल सत्ता की नींव को मजबूत करने में … Read more

महाराणा सांगा | जीवन परिचय, शासन, युद्ध और विरासत

महाराणा सांगा

महाराणा सांगा, 16वीं शताब्दी के महान राजपूत योद्धा, जिन्होंने अपनी वीरता, नेतृत्व और अद्वितीय सैन्य रणनीति से भारत में मुगलों और सल्तनत की सत्ता को चुनौती दी। उन्होंने खतौली, धौलपुर, इदर, गागरोन, बयाना और खानवा जैसे कई ऐतिहासिक युद्ध लड़े, जिनमें उन्होंने राजपूत शक्ति का परचम लहराया। 1527 में बाबर के साथ लड़े गए खानवा … Read more

खिलजी वंश | Khilji Dynasty | 1290ई. – 1320 ई.

खिलजी वंश

खिलजी वंश दिल्ली सल्तनत पर शासन करने वाला गुलाम वंश के बाद दूसरा वंश था। खिलजी वंश का शासन 1290 में शुरू हुआ और 1320 में समाप्त हुआ। खिलजी वंश का दिल्ली सल्तनत के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान है। इस वंश का शासनकाल 30 वर्षों तक चला और इस अवधि में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ और … Read more

नसिरुद्दीन महमूद शाह | 1246-1266 ई.

नसिरुद्दीन महमूद शाह | 1246-1266 ई.

नसिरुद्दीन महमूद शाह इल्तुतमिश का कनिष्ठ पुत्र तथा ग़ुलाम वंश का आठवां सुल्तान था। यह 10 जून 1246 ई. को सिंहासन पर बैठा। उसके सिंहासन पर बैठने के बाद अमीर सरदारों एवं सुल्तान के बीच शक्ति के लिए चल रहा संघर्ष लगभग समाप्त हो गया। सुल्तान नसिरुद्दीन महमूद विद्या प्रेमी और बहुत ही शांत स्वभाव का व्यक्ति था। शासन का … Read more

आंग्ल-मराठा युद्ध | 1775 ई. -1818 ई.

आंग्ल-मराठा युद्ध (1775-1818ई.)

भारत के इतिहास में तीन बार आंग्ल-मराठा युद्ध हुए हैं। ये तीनों युद्ध 1775 ई. से 1818 ई. तक चले। ये युद्ध ब्रिटिश सेनाओं और ‘मराठा महासंघ’ के बीच हुए थे। इन युद्धों का परिणाम यह हुआ कि मराठा महासंघ का पूरी तरह से विनाश हो गया। मराठों में पहले से ही आपस में काफ़ी भेदभाव थे, … Read more

शेरशाह सूरी | 1485 ई.- 1545 ई.

शेरशाह सूरी

शेरशाह सूरी सूर राजवंश की नींव रखने वाले एक ऐसे शासक थे, जिनकी बहादुरी औऱ साहस के किस्से भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखे गए हैं। अपनी वीरता के बल पर शेर शाह सूरी दिल्ली के गद्दी पर बैठा और दिल्ली को उसने अपनी राजधानी बनाया। साल 1540 में शेरशाह ने मुगल साम्राज्य पर शासन किया … Read more

महाराणा प्रताप | 1540 ई.-1597 ई.

Maharana Pratap

महाराणा प्रताप का नाम भारतीय इतिहास में हमेशा उनकी वीरता और दृढ़ प्रतिज्ञा के लिए लिया जाता रहेगा। महाराणा प्रताप उदयपुर, मेवाड़ में सिसोदिया राजवंश के राजा थे। वह अत्यंत पराक्रमी और एक शूरवीर योद्धा थे, जिन्होंने आखिरी दम तक मुगलों के साथ संघर्ष किया और कभी भी हार नहीं मानी। वह तिथि धन्य है, जब मेवाड़ की शौर्य-भूमि पर ‘मेवाड़-मुकुट मणि’ राणा … Read more

तैमूर लंग | 1336 ई. – 1405 ई.

तैमूर लंग

तैमूर लंग अथवा तैमूर (1336 ई. – 1405 ई.) चौदहवीं शताब्दी का एक शासक था, जिसने महान् तैमूरी राजवंश की स्थापना की थी। ‘तैमूर’ का शुद्ध शब्द ‘तिमुर’ है, जिसका अरबी भाषा में अर्थ है लोहा। तैमूर 1369 ई. में समरकंद के शासक के रूप में अपने पिता के सिंहासन पर बैठा और इसके बाद ही विश्व-विजय के लिए निकल पड़ा मेसोपोटामिया, फ़ारस और अफ़ग़ानिस्तान को … Read more

खिज्र खां | 1414 ई. – 1421 ई.

खिज्र खां | 1414 ई. - 1421 ई.

खिज्र खां सैयद वंश का संस्थापक था। ख़िज़्र ख़ाँ ने 1414 ई. में दिल्ली की राजगद्दी पर अधिकार कर लिया। ख़िज़्र ख़ाँ ने सुल्तान की उपाधि न धारण कर अपने को ‘रैयत-ए-आला’ की उपाधि से ही खुश रखा। खिज्र खान का संक्षिप्त परिचय दिल्ली के 25वें सुल्तान – खिज्र खान शासन 28 मई 1414 – 20 मई 1421 राज्याभिषेक 28 … Read more

इब्राहिम लोदी | 1480 ई.-1526 ई.

इब्राहिम लोदी | 1480 ई.-1526 ई.

इब्राहिम लोदी, लोदी वंश का अंतिम शासक था, जो अपने पिता सिकंदर लोदी के बाद लोदी वंश के सिंहासन पर अफगान सरदारों की सर्वसम्मति से बैठा। दिल्ली सल्लतनत का अंतिम सुल्तान इब्राहिम लोदी के अंदर एक शासक के सारे गुण थे, लेकिन उसके द्धारा जल्दबाजी में लिए गए कुछ फैसलों की वजह से उसे अपने … Read more

सर्वनाम (Pronoun) किसे कहते है? परिभाषा, भेद एवं उदाहरण भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग | नाम, स्थान एवं स्तुति मंत्र प्रथम विश्व युद्ध: विनाशकारी महासंग्राम | 1914 – 1918 ई.