राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन (NTTM) | भारत के तकनीकी विकास की नई इबारत

वर्ष 2024 में, भारत सरकार का राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन (NTTM) अपनी 5वीं वर्षगाँठ मना रहा है। यह मिशन भारत को तकनीकी वस्त्रों के क्षेत्र में वैश्विक नेता बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 2020 में वस्त्र मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए इस मिशन का उद्देश्य तकनीकी वस्त्रों के अनुसंधान, नवाचार, और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना है। इस लेख में, हम तकनीकी वस्त्रों की अवधारणा, NTTM के लक्ष्य, उपलब्धियों, चुनौतियों, और भविष्य की संभावनाओं पर गहन चर्चा करेंगे।

तकनीकी वस्त्र | परिभाषा और विशेषताएँ

परिभाषा:
तकनीकी वस्त्र (Technical Textiles) पारंपरिक वस्त्रों से भिन्न होते हैं। इन्हें सौंदर्य या फैशन के बजाय विशिष्ट कार्यात्मक गुणों जैसे मजबूती, लचीलापन, इन्सुलेशन, या सुरक्षा प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है। ये वस्त्र उन्नत सामग्रियों और प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हैं, जो उन्हें औद्योगिक और तकनीकी अनुप्रयोगों के लिए अनुकूल बनाते हैं।

मुख्य विशेषताएँ:

  1. उन्नत फाइबर प्रौद्योगिकी:
  • अरैमिड्स (Aramids): उच्च तापमान और रसायनों के प्रति प्रतिरोधी फाइबर, जैसे बुलेटप्रूफ जैकेट में उपयोग।
  • कार्बन फाइबर (Carbon Fiber): हल्केपन और मजबूती के लिए एयरोस्पेस और ऑटोमोबाइल उद्योग में प्रयुक्त।
  • नॉन-वोवेन्स (Nonwovens): गैर-बुने हुए कपड़े, जैसे मास्क, सैनिटरी उत्पाद, और भू-टेक्सटाइल।
  1. कार्यात्मक गुण:
  • तापरोधी (Fire-Resistant), जलरोधी (Waterproof), रासायनिक प्रतिरोधी (Chemical Resistant)।
  • उच्च यांत्रिक शक्ति (High Tensile Strength) और टिकाऊपन (Durability)।

तकनीकी वस्त्रों का महत्व और उपयोग

तकनीकी वस्त्र आधुनिक उद्योगों की रीढ़ हैं। इनके प्रमुख अनुप्रयोग निम्नलिखित क्षेत्रों में देखे जा सकते हैं:

  1. ऑटोमोबाइल उद्योग:
  • कार सीटों, टायरों, और इंजन पार्ट्स में हल्के और मजबूत कंपोजिट सामग्री।
  • उदाहरण: कार्बन फाइबर से बनी चेसिस, जो ईंधन दक्षता बढ़ाती है।
  1. चिकित्सा क्षेत्र:
  • सर्जिकल गाउन, हृदय स्टेंट, और कृत्रिम अंगों में बायो-कम्पेटिबल फाइबर।
  • COVID-19 महामारी के दौरान PPE किट और N95 मास्क का निर्माण।
  1. निर्माण एवं इंफ्रास्ट्रक्चर:
  • भू-टेक्सटाइल (Geotextiles) जो सड़कों और बांधों की स्थिरता बढ़ाते हैं।
  • एंटी-वाइब्रेशन मैटेरियल्स जो भूकंपरोधी इमारतों में उपयोगी हैं।
  1. कृषि:
  • एग्रो-टेक्सटाइल जो फसलों को कीटों और मौसमी नुकसान से बचाते हैं।
  1. सुरक्षा उपकरण:
  • अग्निशामकों के लिए फायरप्रूफ सूट, सैन्य उपयोग के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट।

राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन (NTTM) | एक परिचय

शुरुआत और उद्देश्य:
NTTM की शुरुआत 2020 में वस्त्र मंत्रालय द्वारा की गई थी। इसका प्राथमिक लक्ष्य भारत को तकनीकी वस्त्रों के उत्पादन और नवाचार में आत्मनिर्भर बनाना है। सरकार ने इसे ‘सूर्योदय क्षेत्र’ (Sunrise Sector) का दर्जा दिया है, जो इसके रोजगार सृजन, तकनीकी उन्नति, और निर्यात क्षमता को दर्शाता है।

मिशन के चार प्रमुख स्तंभ:

  1. अनुसंधान, नवाचार और विकास (R&D):
  • IITs, NITs, और उद्योगों के साथ साझेदारी में नई सामग्रियों और प्रक्रियाओं पर शोध।
  • उदाहरण: बायोडिग्रेडेबल फाइबर का विकास, जो पर्यावरण अनुकूल हैं।
  1. प्रचार और बाजार विकास:
  • तकनीकी वस्त्रों के लिए घरेलू बाजार का विस्तार।
  • अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियों और व्यापार मेलों के माध्यम से वैश्विक पहुँच।
  1. निर्यात संवर्धन:
  • तकनीकी वस्त्र निर्यात परिषद का गठन, जो निर्यातकों को कर छूट और लॉजिस्टिक सहायता प्रदान करता है।
  • लक्ष्य: 2030 तक भारत के तकनीकी वस्त्र निर्यात को 10 बिलियन डॉलर तक पहुँचाना।
  1. शिक्षा और कौशल विकास:
  • डिज़ाइन और टेक्सटाइल इंजीनियरिंग में विशेष पाठ्यक्रम।
  • उद्योग-शैक्षणिक संस्थानों के बीच इंटर्नशिप कार्यक्रम।

NTTM की उपलब्धियाँ और प्रगति

पाँच वर्षों में, NTTM ने कई महत्वपूर्ण मील के पत्थर हासिल किए हैं:

  • R&D परियोजनाएँ: 150+ शोध परियोजनाओं को वित्तीय सहायता, जिनमें से 40% चिकित्सा और कृषि क्षेत्र से जुड़ी हैं।
  • उत्पादन क्षमता: 2020 से 2024 के बीच, तकनीकी वस्त्रों का घरेलू उत्पादन 20% बढ़ा है।
  • निर्यात वृद्धि: 2023-24 में, तकनीकी वस्त्र निर्यात 2.5 बिलियन डॉलर तक पहुँचा, जो 2020 के मुकाबले 50% अधिक है।
  • स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन: 100+ स्टार्टअप्स को फंडिंग और मेंटरशिप प्रदान की गई, विशेष रूप से मेडटेक और सस्टेनेबल टेक्सटाइल में।

उल्लेखनीय पहलें:

  • ‘टेकटेक्स फाउंडेशन’: एक डिजिटल प्लेटफॉर्म जो शोधकर्ताओं और उद्योगों को जोड़ता है।
  • ‘स्किल इंडिया’ के तहत प्रशिक्षण: 50,000+ युवाओं को तकनीकी वस्त्रों के डिज़ाइन और निर्माण में प्रशिक्षित किया गया।

चुनौतियाँ और समाधान

  1. जागरूकता की कमी:
  • समस्या: छोटे उद्योग तकनीकी वस्त्रों के लाभों से अनजान हैं।
  • समाधान: राज्य स्तर पर वर्कशॉप और सेमिनार आयोजित करना।
  1. उन्नत तकनीक तक पहुँच:
  • समस्या: एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग तकनीकों का अभाव।
  • समाधान: जापान और जर्मनी जैसे देशों के साथ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर समझौते।
  1. वित्तीय सीमाएँ:
  • समस्या: R&D के लिए उच्च लागत।
  • समाधान: सरकारी सब्सिडी और PPP (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल को बढ़ावा।

भविष्य की राह: संभावनाएँ और लक्ष्य

  • हरित प्रौद्योगिकी: बायोडिग्रेडेबल और रिसाइकिल योग्य वस्त्रों पर ध्यान।
  • स्मार्ट टेक्सटाइल्स: IoT-एनबल्ड कपड़े, जो स्वास्थ्य मॉनिटरिंग कर सकें।
  • ग्लोबल हब बनाना: 2030 तक भारत को तकनीकी वस्त्रों का वैश्विक उत्पादन केंद्र बनाना।

राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन न केवल भारत के औद्योगिक परिदृश्य को बदल रहा है, बल्कि यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार करने में भी अहम भूमिका निभा रहा है। तकनीकी वस्त्रों का यह सफर नवाचार, स्थिरता, और समृद्धि की नई कहानी लिख रहा है। आने वाले वर्षों में, यह मिशन भारत को वैश्विक टेक्नोलॉजी मानचित्र पर एक अग्रणी स्थान दिलाने में सफल होगा।
(यह लेख सरकारी रिपोर्ट्स, NTTM की आधिकारिक वेबसाइट, और उद्योग विशेषज्ञों के विश्लेषण पर आधारित है।)

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