भारत ने 15 अगस्त 2025 को अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस बड़े धूमधाम और गर्व के साथ मनाया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया। यह संबोधन कई दृष्टियों से ऐतिहासिक रहा—समय की लंबाई, महत्वपूर्ण घोषणाओं और भावी नीतियों के खाके के कारण। प्रधानमंत्री का यह भाषण 103 मिनट का रहा, जो अब तक के स्वतंत्रता दिवस के इतिहास में सबसे लंबा भाषण है। इसमें उन्होंने न केवल पिछले एक दशक की उपलब्धियों को सामने रखा, बल्कि आने वाले दशकों के लिए भारत की दिशा भी तय की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लाल किले से संबोधन: एक ऐतिहासिक क्षण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार 12वीं बार लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। इससे पहले यह रिकॉर्ड केवल जवाहरलाल नेहरू के नाम था, जिन्होंने 17 बार लगातार तिरंगा फहराया था। इंदिरा गांधी ने 11 बार लगातार यह सम्मान प्राप्त किया था, जिसे मोदी ने इस वर्ष पीछे छोड़ दिया।
भाषण की शुरुआत प्रधानमंत्री ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए की, जिसने आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ नीति और कार्रवाई को दुनिया के सामने रखा। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा, आत्मनिर्भर भारत, नक्सलवाद, अवैध घुसपैठ, सिंधु जल संधि और देश की आर्थिक व सामाजिक प्रगति जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।
प्रधानमंत्री की प्रमुख घोषणाएँ: भविष्य का रोडमैप
प्रधानमंत्री मोदी के भाषण का सबसे महत्वपूर्ण पहलू था उनकी घोषणाओं का विस्तृत खाका, जो भारत को विकसित और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है। आइए इन्हें विस्तार से समझते हैं—
1. सेमीकंडक्टर – मिशन मोड में
भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स और तकनीकी क्षेत्र में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री ने सेमीकंडक्टर निर्माण को मिशन मोड में ले जाने की घोषणा की।
- लक्ष्य: इस वर्ष के अंत तक पहला ‘मेड इन इंडिया’ चिप तैयार करना।
- महत्व: इससे इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में आयात पर निर्भरता कम होगी, रोजगार बढ़ेंगे और भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला में एक सशक्त खिलाड़ी बनेगा।
- यह कदम ‘इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन’ को नई गति प्रदान करेगा।
2. परमाणु ऊर्जा विस्तार
ऊर्जा सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए प्रधानमंत्री ने परमाणु ऊर्जा को लेकर बड़े लक्ष्य तय किए।
- योजना: देश में 10 नए परमाणु रिएक्टर निर्माणाधीन।
- लक्ष्य: 2047 तक परमाणु ऊर्जा क्षमता को 10 गुना बढ़ाना।
- लाभ: यह न केवल ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करेगा बल्कि 2070 तक भारत के नेट ज़ीरो लक्ष्य की प्राप्ति में भी सहायक होगा।
3. जीएसटी सुधार
कर सुधारों की दिशा में प्रधानमंत्री ने कहा कि दिवाली पर अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार लागू होंगे।
- फोकस: आवश्यक वस्तुओं पर कर में कमी, एमएसएमई और स्थानीय विक्रेताओं को राहत।
- उद्देश्य: कर प्रणाली को सरल बनाना और ‘Ease of Doing Business’ को बढ़ावा देना।
- इससे उपभोक्ताओं और छोटे व्यापारियों को सीधे लाभ होगा।
4. भारत सुधार टास्क फोर्स
प्रधानमंत्री ने एक नई भारत सुधार टास्क फोर्स के गठन की घोषणा की।
- मंतव्य: तेज आर्थिक विकास को गति देना।
- उद्देश्य: नौकरशाही की जटिलताओं को कम करना और शासन का आधुनिकीकरण।
- यह कदम नीतिगत अड़चनों को दूर कर निवेश और नवाचार को बढ़ावा देगा।
5. पीएम विकसित भारत रोजगार योजना
युवाओं के रोजगार और आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने पीएम विकसित भारत रोजगार योजना की शुरुआत की।
- बजट: ₹1 लाख करोड़।
- लाभ: नए नियुक्त युवाओं को ₹15,000 प्रत्यक्ष सहायता।
- कवरेज: लगभग 3 करोड़ युवाओं को सीधा फायदा।
- उद्देश्य: रोजगार सृजन, आर्थिक प्रोत्साहन और युवाओं को स्थिर कैरियर की दिशा।
6. उच्च–शक्ति जनसांख्यिकी मिशन
प्रधानमंत्री ने जनसांख्यिकीय असंतुलन को लेकर चिंता जताई।
- मुद्दा: घुसपैठ और अवैध प्रवासन से राष्ट्रीय एकता और नागरिक अधिकारों पर खतरा।
- लक्ष्य: राष्ट्रीय सुरक्षा और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा।
- यह मिशन देश की जनसांख्यिकीय स्थिरता को बनाए रखने में सहायक होगा।
7. ऊर्जा स्वतंत्रता – ‘समुद्र मंथन’
भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रधानमंत्री ने ‘समुद्र मंथन’ मिशन की घोषणा की।
- उद्देश्य: गहरे समुद्र से ऊर्जा संसाधनों का दोहन।
- विकास: सौर, हाइड्रोजन, हाइड्रो और परमाणु ऊर्जा पर फोकस।
- लाभ: जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता और आयात बिल में कमी।
8. ‘मेड इन इंडिया’ जेट इंजन – राष्ट्रीय चुनौती
प्रधानमंत्री ने देश को स्वदेशी जेट इंजन निर्माण की चुनौती दी।
- प्रेरणा: COVID-19 वैक्सीन और UPI जैसी भारतीय सफलताएँ।
- उद्देश्य: रक्षा क्षेत्र में रणनीतिक आत्मनिर्भरता और वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति को मजबूत करना।
भाषण की ऐतिहासिकता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह संबोधन कई मायनों में ऐतिहासिक रहा।
- सबसे लंबा भाषण: 103 मिनट का संबोधन, जिसने उनके ही पूर्व रिकॉर्ड को तोड़ा।
- लगातार 12वीं बार तिरंगा फहराना: जवाहरलाल नेहरू (17 बार) के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले नेता बने।
- विषयों की विविधता: सुरक्षा से लेकर अर्थव्यवस्था, ऊर्जा से लेकर रोजगार और प्रौद्योगिकी से लेकर जनसांख्यिकी तक—हर महत्वपूर्ण मुद्दे पर उन्होंने राष्ट्र को दिशा दिखाई।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 79वें स्वतंत्रता दिवस का भाषण भारत के लिए एक दृष्टिपत्र (Vision Document) के समान रहा। इसमें आत्मनिर्भर भारत, ऊर्जा स्वतंत्रता, जनसांख्यिकीय संतुलन, रोजगार सृजन, आर्थिक सुधार और रक्षा आत्मनिर्भरता की स्पष्ट झलक दिखाई दी। प्रधानमंत्री ने भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प दोहराया और इसके लिए ठोस योजनाओं का रोडमैप भी प्रस्तुत किया।
यह संबोधन न केवल वर्तमान भारत की चुनौतियों और उपलब्धियों का आईना है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भारत के भविष्य की दिशा भी निर्धारित करता है। मोदी का यह ऐतिहासिक भाषण लंबे समय तक राष्ट्रीय विमर्श में चर्चा का विषय रहेगा और भारत की विकास यात्रा में एक मील का पत्थर साबित होगा।
इन्हें भी देखें –
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