बौद्ध धर्म | Buddhism | गौतम बुद्ध | 563-483BC
बौद्ध धर्म (Buddhism) की स्थापना गौतम बुद्ध ने की थी। वैदिक सभ्यता के उपरान्त भारत में हिन्दु धर्म से कई अन्य धर्मों की उत्पत्ति हुई, जिनमें से एक धर्म ‘बौद्ध धर्म’ था।
भारत का प्राचीन इतिहास
बौद्ध धर्म (Buddhism) की स्थापना गौतम बुद्ध ने की थी। वैदिक सभ्यता के उपरान्त भारत में हिन्दु धर्म से कई अन्य धर्मों की उत्पत्ति हुई, जिनमें से एक धर्म ‘बौद्ध धर्म’ था।
भगवन Mahaveer Swami (महावीर स्वामी), राजा सिद्धार्थ और रानी त्रिशला के पुत्र थे। इनका जन्म 599 ईसा पूर्व में चैत्र महीने के 13वें दिन शुक्ल पक्ष में हुआ था। ग्रेगोरियन कैलेंडर(Gregorian calendar) के अनुसार इनका जन्म मार्च या अप्रैल के महीने में हुआ था। जबकि कुछ लोगों का कहना है कि महावीर स्वामी का जन्म क्षत्रियकुंड राज्य में हुआ था।
जैन धर्म के प्रारंभिक इतिहास की जानकारी भद्रबाहु के कल्पसूत्र से मिलती है। जैन दार्शनिक परम्परा वैदिक परम्परा के ही समकालीन एक आंदोलन माना जाता है।
धार्मिक आन्दोलन (Religious Movements) के छठी शताब्दी ईसा पूर्व दुनिया के विभिन्न हिस्सों में कई धार्मिक आंदोलनों का गवाह बना। इओनिया द्वीप में हेराक्लिटस, फारस में जोरोस्टर और चीन में कन्फ्यूशियस ने नए सिद्धांतों का प्रचार किया। भारत में भी, नए विचारों का उथल पुथल हुआ, जिससे नए दार्शनिक सिद्धांतों और धार्मिक संप्रदायों का उदय हुआ।
उत्तर वैदिक काल का समय 1000 ई.पू.से 600 ई. पू. तक माना जाता हैं। कही-कही उत्तर वैदिक काल का समय 1000 ई.पू.से 500 ई. पू. तक माना गया हैं।
पूर्व वैदिक काल वैदिक काल के शुरुआत के समय को कहते है। वैदिक संस्कृति का एकमात्र स्रोत वैदिक साहित्य है। इनमें चार वेद (संहिता भी कहे जाते हैं), ऋग्वेद, साम-वेद, यजुर-वेद और अथर्व-वेद हैं; ब्राह्मण, अरण्यक और उपनिषद। ऋग्वेद सबसे प्राचीनतम वेद होने के कारण इस समय को ऋग्वेद काल भी कहते हैं। ऋग्वेद भजन … Read more
पाषाण काल के रूप में उस काल को परिभाषित किया गया है, जब प्रागैतिहासिक मनुष्य अपने जीवन यापन के लिए पत्थरों का उपयोग करते थे । मनुष्य के जन्म के बाद से हुए विकास को अलग अलग कालो में बांटा गया है।
सिंधु घाटी सभ्यता (3300-1700 ई.पू.) विश्व की प्राचीन नदी घाटी सभ्यताओं में से एक प्रमुख सभ्यता थी. यह हड़प्पा सभ्यता और सिंधु-सरस्वती सभ्यता के नाम से भी जानी जाती है. ब्रिटिश काल में हुई खुदाइयों के आधार पर पुरातत्ववेत्ता और इतिहासकारों का अनुमान है कि यह अत्यंत विकसित सभ्यता थी और ये शहर अनेक बार बसे और उजड़े हैं।
भारत के प्राचीन इतिहास को अगर विश्व के इतिहास के महान अध्यायों में से एक कहा जाए तो इसे अतिश्योक्ति नहीं कहा जा सकता। इसका वर्णन करते हुए भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु ने कहा था, ‘‘विरोधाभासों से भरा लेकिन मजबूत अदृश्य धागों से बंधा’’। भारतीय इतिहास की विशेषता है कि वो खुद को … Read more
सिंधु घाटी सभ्यता के पश्चात भारत में जिस नवीन सभ्यता का विकास हुआ उसे ही आर्य अथवा वैदिक सभ्यता के नाम से जाना जाता है। वैदिक सभ्यता ही हिन्दू सभ्यता है। इस काल की जानकारी हमे मुख्यत: वैदिक साहित्य से प्राप्त होती है, जिसमे ऋग्वेद सर्वप्राचीन होने के कारण सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। इस काल की … Read more