सौत कहानी – मुंशी प्रेमचंद | पात्र परिचय, चरित्र चित्रण, सारांश

सौत कहानी मुंशी प्रेमचंद

सौत कहानी मुंशी प्रेमचंद जी द्वारा लिखी एक ऐसी कहानी है, जिसमे उन्होंने गाँव के रहने वाले एक परिवार का चित्रण किया है। इस कहानी एक व्यक्ति जिसका नाम रामू रहता है, वह अपनी पत्नी की सौत लेकर आता है। फिर उस परिवार में क्या होता है, रामू के जीवन में और उसकी दोनों पत्नियों … Read more

एक चिनगारी घर को जला देती है – मुंशी प्रेमचंद | हिंदी अनुवाद

एक चिनगारी घर को जला देती है

एक चिनगारी घर को जला देती है” रुसी लेखक और महान साहित्यकार लियो टॉलस्टॉय द्वारा लिखी एक प्रसिद्द कहानी है, जिसका हिंदी अनुवाद प्रेमचंद जी द्वारा किया गया है।

मंत्र कहानी – मुंशी प्रेमचंद | पात्र परिचय, चरित्र चित्रण, सारांश

मंत्र कहानी - मुंशी प्रेमचंद | पात्र परिचय | सारांश

मुंशी प्रेमचंद जी द्वारा लिखी गयी कहानी “मंत्र” एक बहुत ही मार्मिक और लोकप्रिय कहानी है, जिसको पढने पर पाठकों के आँखों में आंसू आ जाते हैं। इसको पढने पर मन में दया भाव स्वतः ही उत्पन्न हो जाता है। यह कहानी समाज के अन्दर मानवता, दया और परोपकार को जीवित रखने का प्रयास है। … Read more

मुंशी प्रेमचंद का जीवन परिचय, रचनाएं एवं भाषा शैली

मुंशी प्रेमचंद

हिन्दी साहित्य में लोकप्रियता की दृष्टि से मुंशी प्रेमचंद का विशेष स्थान है। मुंशी प्रेमचंद जी का वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव था। वे न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी, विशेषकर रूस में, खासा लोकप्रिय हैं। मुंशी प्रेमचंद जी उपन्यास सम्राट तो थे ही, उसके साथ वह अपने समय में भारतीय जनता के … Read more

आकाशदीप कहानी- जयशंकर प्रसाद

आकाशदीप

यह कहानी प्राचीन भारतीय इतिहास के उन गौरवशाली पहलुओं को उजागर करती है। उस समय भारत एक समृद्ध देश था, और दुनिया भर में सम्मानित था। इस कहानी के कथानक में दो मुख्य पात्र हैं। उनमें से एक समुद्री डाकू बुद्धगुप्त है, और दूसरी चंपा नाम की महिला है। यह कहानी पुरातनता का ऐतिहासिक माहौल … Read more

हिंदी गद्य साहित्य का उद्भव और विकास

हिंदी गद्य साहित्य का उद्भव और विकास

प्राचीन हिंदी गद्य साहित्य काव्य जितना समृद्ध, विस्तृत एवं विविधतापूर्ण नहीं है। मूल गद्य के अलावा, टिप्पणियों और अनुवादों के रूप में भी प्रचुर मात्रा में गद्य सामग्री उपलब्ध है। हिंदी गद्य का प्रामाणिक रूप 13वीं शताब्दी में राजस्थानी, 14वीं शताब्दी में मैथिली, 16वीं शताब्दी में ब्रजभाषा और दखिनी, 17वीं शताब्दी में खड़ीबोली और अन्य … Read more

छायावादी युग के कवि और उनकी रचनाएँ

छायावादी युग

छायावादी युग का समय 1918 ई. से 1936 ई. के मध्य की कालावधि को माना जाता है। हालाँकि कुछ जगहों पर छायावाद का प्रारंभ 1920 ई. से माना जाता है। वहीं इलाचंद्र जोशी, शिवनाथ और प्रभाकर माचवे ने छायावाद का आरंभ लगभग 1912 ई. से 1914 ई. के मध्य माना है। द्विवेदी युगीन काव्य की प्रतिक्रिया में छायावाद … Read more

छंद – परिभाषा, भेद और 100+ उदाहरण

छंद परिभाषा भेद और उदाहरण

छंद उस पघ रचना को कहते हैं जो वर्णों अथवा मात्राओं की गणना यति गति क्रम एवं तुक के विशेष नियमों से बँधी हो। दोहा चौपाई रोला सोरठा आदि इसके उदाहरण है।

रस | परिभाषा, भेद और उदाहरण

रस परिभाषा और उसके भेद

रस का शाब्दिक अर्थ है – ‘आनंद’। किसी काव्य को पढ़ने अथवा सुनने से जिस आनंद की अनुभूति होती है, उसे रस कहा जाता है। रस को काव्य की आत्मा भी कहते है। काव्य पढ़ते अथवा सुनते समय आने वाला ‘आनन्द’ अर्थात ‘रस’ लौकिक न होकर अलौकिक होता है। संस्कृत में कहा गया है कि … Read more

अलंकार- परिभाषा, भेद और 100 + उदाहरण

अलंकार

श्रृंगार के लिए जिस प्रकार से किसी आभूषण की आवश्यकता होती है, ठीक उसी प्रकार से शब्दों और भावों को बेहतर बनाने के लिए अलंकार की आवश्यकता होती है।

सर्वनाम (Pronoun) किसे कहते है? परिभाषा, भेद एवं उदाहरण भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग | नाम, स्थान एवं स्तुति मंत्र प्रथम विश्व युद्ध: विनाशकारी महासंग्राम | 1914 – 1918 ई.