गोदान उपन्यास | भाग 22 – मुंशी प्रेमचंद
22.इधर कुछ दिनों से राय साहब की कन्या के विवाह की बातचीत हो रही थी। उसके साथ ही एलेक्शन भी सिर पर आ पहुँचा था; मगर इन सबों से आवश्यक उन्हें दीवानी में एक मुक़दमा दायर करना था जिसकी कोर्ट-फ़ीस ही पचास हज़ार होती थी, ऊपर के ख़र्च अलग। राय साहब के साले जो अपनी … Read more