गोदान उपन्यास | भाग 19 – मुंशी प्रेमचंद
19.मिरज़ा खुर्शेद का हाता क्लब भी है, कचहरी भी, अखाड़ा भी। दिन भर जमघट लगा रहता है। मुहल्ले में अखाड़े के लिए कहीं जगह नहीं मिलती थी। मिरज़ा ने एक छप्पर डलवाकर अखाड़ा बनावा दिया है; वहाँ नित्य सौ-पचास लड़िन्तये आ जुटते हैं। मिरज़ाजी भी उनके साथ ज़ोर करते हैं। मुहल्ले की पंचायतें भी यहीं … Read more