हिंदी गद्य साहित्य का उद्भव और विकास

हिंदी गद्य साहित्य का उद्भव और विकास

प्राचीन हिंदी गद्य साहित्य काव्य जितना समृद्ध, विस्तृत एवं विविधतापूर्ण नहीं है। मूल गद्य के अलावा, टिप्पणियों और अनुवादों के रूप में भी प्रचुर मात्रा में गद्य सामग्री उपलब्ध है। हिंदी गद्य का प्रामाणिक रूप 13वीं शताब्दी में राजस्थानी, 14वीं शताब्दी में मैथिली, 16वीं शताब्दी में ब्रजभाषा और दखिनी, 17वीं शताब्दी में खड़ीबोली और अन्य … Read more

छायावादी युग के कवि और उनकी रचनाएँ

छायावादी युग

छायावादी युग का समय 1918 ई. से 1936 ई. के मध्य की कालावधि को माना जाता है। हालाँकि कुछ जगहों पर छायावाद का प्रारंभ 1920 ई. से माना जाता है। वहीं इलाचंद्र जोशी, शिवनाथ और प्रभाकर माचवे ने छायावाद का आरंभ लगभग 1912 ई. से 1914 ई. के मध्य माना है। द्विवेदी युगीन काव्य की प्रतिक्रिया में छायावाद … Read more

सर्वनाम (Pronoun) किसे कहते है? परिभाषा, भेद एवं उदाहरण भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग | नाम, स्थान एवं स्तुति मंत्र प्रथम विश्व युद्ध: विनाशकारी महासंग्राम | 1914 – 1918 ई.