विशेषण (Adjective)- भेद तथा 50+ उदाहरण
संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं। विशेषण वस्तु का अप्रत्यक्ष नाम होता है और इसलिए यह संज्ञा की एक विशेष श्रेणी होती है।
हिंदी व्याकरण
संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं। विशेषण वस्तु का अप्रत्यक्ष नाम होता है और इसलिए यह संज्ञा की एक विशेष श्रेणी होती है।
वे शब्दांश, जो किसी शब्द के पूर्व में जुड़कर उसके अर्थ को परिवर्तित कर देते हैं अथवा उसके अर्थ में विशेषता ला देते है, उन्हें उपसर्ग कहते हैं।
प्रत्यय शब्द वे शब्दांश होते हैं जो किसी शब्द या धातु के अंत में जुड़कर उसके अर्थ को प्रभावित कर देते हैं। इन शब्दों का स्वतंत्र अस्तित्व नहीं होता है।
क्रिया के जिस रूप में किसी कार्य होने के समय का ज्ञान होता है, उसे काल कहते है। काल एक मापन है जिससे दिखाया जा सकता है कि घटनाएं कितने समय तक हुई हैं।
संज्ञा के जिस रूप से किसी व्यक्ति या वस्तु के स्त्री या पुरुष जाति का होने का बोध होता हो उसे लिंग (Gender) कहते हैं।
‘क्रिया’ का अर्थ होता है- करना। जिस शब्द के द्वारा किसी कार्य के करने या होने का बोध होता है उसे क्रिया कहते है। जैसे- पढ़ना, खाना, पीना, जाना इत्यादि।
संज्ञा के स्थान पर आने वाले शब्दों (व्यक्ति, वस्तु, स्थान आदि के नाम) को सर्वनाम (Pronoun) कहते हैं। जैसे- तुम, हम, आप, उसका, आदि I
संज्ञा शब्द विशेष रूप से एक विकारी शब्द है, जिसका अर्थ नाम होता है। इस संसार की प्रत्येक वस्तु या व्यक्ति का नाम संज्ञा होता है।
क्रिया के लिंग, वचन और पुरुष कर्ता के अनुसार होंगे या कर्म के अनुसार अथवा स्वयं भाव के अनुसार, इसका बोध वाच्य’ है।
शब्दों का वह सार्थक समूह जिससे एक विचार की स्पष्ट एवं पूर्ण अभिव्यक्ति होती हो उसे वाक्य कहते हैं। भाषा व व्याकरण का सबसे बड़ा अंग वाक्य होता है।