भारतीय संविधान के प्रमुख संविधान संशोधन

भारतीय संविधान के प्रमुख संविधान संशोधन

भारत के संविधान में संशोधन की प्रक्रिया एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील विषय है, तथा भारत के लोकतांत्रिक ढांचे का एक अभिन्न अंग है। यह प्रक्रिया संविधान को समय-समय पर बदलते सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक परिवेश के अनुसार अद्यतन और प्रासंगिक बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अब तक 106 संशोधन किये जा चुके हैं, … Read more

संविधान संशोधन की प्रक्रिया एवं प्रमुख संविधान संशोधन

भारतीय संविधान संशोधन | इतिहास और महत्व

भारतीय संविधान ने अपने अस्तित्व में आने के बाद से कई महत्वपूर्ण संशोधनों का सामना किया है। ये संविधान संशोधन न केवल कानूनी और प्रशासनिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि देश की सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों को भी परिलक्षित करते हैं। भारतीय संविधान ने अपने संशोधनों के माध्यम से समाज और राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव … Read more

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना, प्रारंभिक दौर और ऐतिहासिक अधिवेशन

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को मुंबई (तत्कालीन बंबई) में ए. ओ. ह्यूम, एक सेवानिवृत्त ब्रिटिश अधिकारी और स्कॉटलैंड के निवासी, द्वारा की गई थी। प्रारंभ में, इसका नाम भारतीय राष्ट्रीय संघ था, जिसे 1884 में दादा भाई नौरोजी के सुझाव पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के रूप में परिवर्तित किया गया। इसे … Read more

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) | संरचना, कार्य, और प्रभाव

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC)

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) भारत में मानव अधिकारों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए स्थापित एक प्रमुख संस्था है, जिसकी स्थापना 12 अक्टूबर 1993 को राष्ट्रीय मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम के तहत हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य मानव अधिकारों के उल्लंघन के मामलों की जांच करना और उनके निवारण के लिए सिफारिशें करना है। … Read more

राज्यपाल | भारतीय राज्यों का संवैधानिक प्रमुख

राज्यपाल | भारतीय राज्यों का संवैधानिक प्रमुख

भारतीय संविधान में राज्यपाल का उल्लेख राज्य की कार्यपालिका के प्रमुख के रूप में किया गया है। संविधान के अनुच्छेद 153 से 161 के अंतर्गत राज्यपाल की नियुक्ति, शक्तियों और कर्तव्यों का वर्णन है। यह आलेख भारतीय संविधान के अनुच्छेदों के अनुसार राज्यपाल के प्रावधान, नियुक्ति, कार्यकाल, शक्तियाँ और अन्य महत्वपूर्ण तथ्यों का विस्तार से … Read more

राज्य विधान मण्डल | भाग VI | अनुच्छेद 152 से 237

राज्य विधान मण्डल | भाग VI | अनुच्छेद 152 से 237

भारतीय संविधान के भाग VI (राज्य) और अनुच्छेद 152 से 237 के अंतर्गत राज्य विधान मण्डल का विस्तृत वर्णन किया गया है। यह राज्य की विधायिका, न्यायपालिका, और कार्यपालिका की संरचना और कार्यप्रणाली को संहिताबद्ध करता है। राज्य विधानमण्डल में दो प्रमुख सदन होते हैं: विधान सभा और विधान परिषद। विधान सभा प्रथम और निम्न … Read more

सर्वोच्च न्यायालय | भाग – 5 | भारतीय न्याय व्यवस्था की मुख्य धारा

सर्वोच्च न्यायालय: भारतीय न्याय व्यवस्था की मुख्य धारा

भारतीय संविधान के भाग V और अध्याय 6 के अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की गई है, जो संविधान के अनुच्छेद 124 से 147 के तहत अपने संगठन, स्वतंत्रता, अधिकार क्षेत्र, शक्तियों और प्रक्रियाओं को नियंत्रित करता है। सर्वोच्च न्यायालय भारत की सबसे उच्च न्यायिक संस्था है और इसे संविधान द्वारा विशेष अधिकार प्रदान किए … Read more

निर्वाचन आयोग | संरचना, कार्य और महत्व

निर्वाचन आयोग | संरचना, कार्य और महत्व

भारतीय निर्वाचन आयोग का महत्व देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह आयोग न केवल चुनाव प्रक्रिया को संचालित करता है, बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी हों। आयोग के प्रयासों से भारत में लोकतंत्र की जड़ें और भी मजबूत हुई हैं और यह देश की राजनीतिक स्थिरता में … Read more

भारतीय संसद | लोक सभा और राज्य सभा | संरचना और कार्य प्रणाली

भारतीय संसद | लोक सभा और राज्य सभा

भारतीय संसद, जो राष्ट्रपति, लोकसभा और राज्यसभा से मिलकर बनती है, भारतीय लोकतंत्र की धुरी है। यह संविधान के अनुच्छेद 79 के तहत स्थापित है। लोकसभा और राज्यसभा, जनता और राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हुए, कानून निर्माण, बजट स्वीकृति और महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करते हैं। लोकसभा अस्थायी सदन है जिसका कार्यकाल 5 वर्ष … Read more

भारत के महान्यायवादी, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक | भूमिका, नियुक्ति और कर्तव्य

भारत के महान्यायवादी, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक: भूमिका, नियुक्ति और कर्तव्य

भारत के महान्यायवादी और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) संविधान के तहत महत्वपूर्ण पद हैं, जिनका मुख्य कर्तव्य देश की विधिक और वित्तीय प्रणाली का निरीक्षण और समीक्षा करना है। महान्यायवादी, राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है और विधिक सलाह देने के अलावा न्यायालयों में सरकार का प्रतिनिधित्व करता है। इसके अलावा, वह संसद की … Read more

सर्वनाम (Pronoun) किसे कहते है? परिभाषा, भेद एवं उदाहरण भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग | नाम, स्थान एवं स्तुति मंत्र प्रथम विश्व युद्ध: विनाशकारी महासंग्राम | 1914 – 1918 ई.