भारतीय पासपोर्ट (संशोधन) नियम 2025 | परिवर्तन और आवेदन प्रक्रिया

भारतीय पासपोर्ट न केवल एक यात्रा दस्तावेज है बल्कि यह नागरिकता और पहचान का भी प्रमाण है। हाल ही में, केंद्र सरकार ने पासपोर्ट नियमों में महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं, जिससे आवेदन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाया गया है। ये नए नियम आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचित होने के बाद प्रभावी होंगे।

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पासपोर्ट (संशोधन) नियम 2025 | प्रमुख परिवर्तन

विदेश मंत्रालय ने 24 फरवरी 2025 को एक सार्वजनिक अधिसूचना जारी की, जिसमें भारतीय पासपोर्ट से जुड़े संशोधित नियमों की जानकारी दी गई। इनमें मुख्यतः निम्नलिखित बदलाव शामिल हैं:

1. जन्म प्रमाणपत्र अनिवार्य

नए नियमों के अनुसार, 1 अक्टूबर 2023 या उसके बाद जन्मे लोगों के लिए पासपोर्ट आवेदन में जन्म प्रमाणपत्र (Birth Certificate) अनिवार्य कर दिया गया है। पहले आवेदनकर्ता अपनी जन्मतिथि सत्यापित करने के लिए अन्य दस्तावेज जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, आधार कार्ड, स्कूल छोड़ने का प्रमाणपत्र प्रस्तुत कर सकते थे, लेकिन अब यह विकल्प नई पीढ़ी के लिए उपलब्ध नहीं रहेगा।

2. पासपोर्ट के अंतिम पृष्ठ में बदलाव

संशोधित नियमों के तहत, पासपोर्ट के अंतिम पृष्ठ पर माता-पिता का नाम नहीं लिखा जाएगा। साथ ही, अब आवेदक का रेजिडेंशियल एड्रेस (Residential Address) पासपोर्ट के अंतिम पृष्ठ पर प्रिंट नहीं किया जाएगा। इसके बजाय, यह जानकारी डिजिटल रूप में बारकोड के माध्यम से उपलब्ध होगी, जिसे आव्रजन अधिकारी स्कैन करके सत्यापित करेंगे।

नए पासपोर्ट नियम लागू करने के कारण | पासपोर्ट नियमों में बदलाव का उद्देश्य

1. फर्जीवाड़े पर रोक

सरकार ने पासपोर्ट आवेदन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए नए नियम लागू किए हैं। पहले, जन्मतिथि प्रमाणित करने के लिए कई दस्तावेजों का विकल्प उपलब्ध था, जिससे गलत जानकारी देकर पासपोर्ट बनवाने की संभावनाएं अधिक थीं। अब केवल जन्म प्रमाणपत्र ही मान्य दस्तावेज होगा, जिससे फर्जी जन्मतिथि दर्ज कराने की प्रक्रिया पर अंकुश लगेगा।

2. दस्तावेजों की सटीकता सुनिश्चित करना

जन्म प्रमाणपत्र अनिवार्य करने से यह तय होगा कि जन्मतिथि से संबंधित कोई गलत या भ्रामक जानकारी न दी जाए। इससे पहचान संबंधी धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी और पासपोर्ट की विश्वसनीयता बढ़ेगी।

3. निजता (व्यक्तिगत जानकारी) की सुरक्षा

पहले पासपोर्ट के अंतिम पृष्ठ पर आवेदक का रिहायशी पता प्रिंट किया जाता था, जिससे निजी जानकारी सार्वजनिक होने का जोखिम बना रहता था। नए नियमों के तहत, यह जानकारी डिजिटल रूप से संरक्षित रहेगी और बारकोड स्कैन करने पर ही उपलब्ध होगी। इससे आवेदकों की व्यक्तिगत गोपनीयता की सुरक्षा मजबूत होगी।

4. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्वसनीयता बढ़ाना

नए नियमों के माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया है कि प्रक्रिया में कोई फर्जीवाड़ा न हो और पासपोर्ट धारकों की पहचान स्पष्ट और प्रमाणित हो। इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारतीय पासपोर्ट की विश्वसनीयता मजबूत होगी।

5. सरकारी प्रक्रियाओं में तेजी

पहले 26 जनवरी 1989 को जन्म प्रमाण पत्र को अनिवार्य किया गया था, लेकिन 2016 में इसे हटा दिया गया। अब पुनः इसे अनिवार्य किया गया है, जिससे सरकारी कामकाज में अधिक पारदर्शिता और कुशलता आएगी।

पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया

पासपोर्ट बनवाना अब एक आसान और सुव्यवस्थित प्रक्रिया बन चुकी है। अगर आप पहली बार पासपोर्ट के लिए आवेदन कर रहे हैं या पुराने पासपोर्ट का नवीनीकरण करवाना चाहते हैं, तो आपको निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो करना होगा:

1. ऑनलाइन पंजीकरण

  • सबसे पहले आपको पासपोर्ट सेवा पोर्टल (www.passportindia.gov.in) पर जाना होगा।
  • यदि पहले से अकाउंट नहीं है, तो रजिस्ट्रेशन करें और लॉग इन करें।

2. आवेदन फॉर्म भरना

  • “नए पासपोर्ट / पासपोर्ट को फिर से जारी करने के लिए आवेदन करें” विकल्प पर क्लिक करें।
  • जरूरी जानकारी भरें और फॉर्म को सबमिट करें।

3. भुगतान और अपॉइंटमेंट बुक करें

  • आवश्यक शुल्क का भुगतान ऑनलाइन माध्यम से करें।
  • भुगतान के बाद अपॉइंटमेंट शेड्यूल करने के लिए उपलब्ध स्लॉट में से कोई एक चुनें।

4. पासपोर्ट सेवा केंद्र (PSK) में विजिट करें

  • निर्धारित अपॉइंटमेंट के दिन और समय पर पासपोर्ट सेवा केंद्र जाएं।
  • अपने साथ सभी आवश्यक दस्तावेजों को ले जाना न भूलें।

5. पुलिस वेरिफिकेशन

  • आवेदन के सत्यापन के लिए स्थानीय पुलिस द्वारा जांच की जाएगी।
  • सफल सत्यापन के बाद, पासपोर्ट जारी कर दिया जाएगा और आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

पासपोर्ट आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज

1 अक्टूबर 2023 के बाद जन्मे आवेदकों के लिए

नए संशोधित नियमों के अनुसार, 1 अक्टूबर 2023 के बाद जन्मे सभी नागरिकों के लिए जन्म प्रमाण पत्र (Birth Certificate) अनिवार्य कर दिया गया है। इन नागरिकों को पासपोर्ट आवेदन के साथ जन्म प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।

1 अक्टूबर 2023 से पहले जन्मे आवेदकों के लिए

यदि आपका जन्म 1 अक्टूबर 2023 से पहले हुआ है, तो आपको निम्नलिखित वैकल्पिक दस्तावेजों में से किसी एक को जन्म प्रमाण के रूप में जमा करने की अनुमति होगी:

  • ट्रांसफर सर्टिफिकेट (Transfer Certificate)
  • स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (School Leaving Certificate)
  • मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट (Matriculation Certificate)
  • पैन कार्ड (PAN Card)
  • सरकारी कर्मचारियों के लिए सर्विस रिकॉर्ड (Service Record)
  • पेंशन ऑर्डर (Pension Order)
  • ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License)
  • वोटर आईडी कार्ड (Voter ID Card)
  • एलआईसी (LIC) या सार्वजनिक कंपनियों द्वारा जारी पॉलिसी बॉन्ड

भारतीय पासपोर्ट का इतिहास और विकास

ब्रिटिश शासन में पासपोर्ट

  • 1915 में, “डिफेंस ऑफ इंडिया एक्ट” के तहत भारत से बाहर जाने और भारत में प्रवेश करने के लिए पासपोर्ट अनिवार्य किया गया।
  • 1920 में, भारतीय पासपोर्ट अधिनियम पारित हुआ, जिसने भारतीय नागरिकों और विदेशी यात्रियों की आवाजाही को नियंत्रित किया।
  • यह पासपोर्ट 1920 में लीग ऑफ नेशंस (League of Nations) द्वारा तय किए गए प्रारूप पर आधारित था।

स्वतंत्र भारत में पासपोर्ट

  • 1952 में भारत सरकार ने ब्रिटिश शासन में जारी किए गए सभी पुराने पासपोर्ट रद्द कर दिए।
  • 1967 में सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया कि पासपोर्ट प्राप्त करना हर नागरिक का मौलिक अधिकार है।
  • इसके बाद, “भारतीय पासपोर्ट अधिनियम, 1967” पारित किया गया, जो पासपोर्ट जारी करने और यात्रा दस्तावेजों से जुड़े नियमों को स्पष्ट करता है।

भारतीय पासपोर्ट की विशेषताएँ

  • प्रत्येक भारतीय पासपोर्ट में भारत के राष्ट्रपति का आधिकारिक संदेश होता है।
  • इसमें सभी जानकारियाँ हिंदी और अंग्रेज़ी में छपी होती हैं।
  • पासपोर्ट सुरक्षा उपायों में फोटो, उंगलियों के निशान, मशीन-रीडेबल ज़ोन (Machine-Readable Zone), और होलोग्राफ़िक छवियाँ शामिल हैं।
  • पासपोर्ट 36 और 60 पृष्ठों में उपलब्ध होता है।

भारतीय पासपोर्ट के प्रकार

भारत में पासपोर्ट को तीन श्रेणियों में बनता गया है –

  1. सामान्य पासपोर्ट (P-टाइप)
  2. सरकारी पासपोर्ट (S-टाइप)
  3. राजनयिक पासपोर्ट (D-टाइप)
    • e-पासपोर्ट

1. सामान्य पासपोर्ट (P-Type)

  • नीले रंग का यह पासपोर्ट आम नागरिकों के लिए जारी किया जाता है।
  • इसे यात्रा, शिक्षा, व्यवसाय आदि के लिए उपयोग किया जाता है।

2. सरकारी पासपोर्ट (S-Type)

  • सफेद रंग का यह पासपोर्ट सरकारी अधिकारियों को जारी किया जाता है।
  • यह केवल आधिकारिक उद्देश्यों के लिए मान्य होता है।

3. राजनयिक पासपोर्ट (D-Type) | e-पासपोर्ट

  • मैरून रंग का यह पासपोर्ट राजनयिकों, सांसदों और उच्च सरकारी अधिकारियों को जारी किया जाता है।

अब सरकारी और राजनयिक पासपोर्ट धारकों को e-पासपोर्ट जारी किए जा रहे हैं, जिनमें बायोमेट्रिक डेटा और इलेक्ट्रॉनिक चिप होती है।

वैश्विक स्तर पर भारतीय पासपोर्ट की मान्यता

  • 2025 में, हेनले पासपोर्ट इंडेक्स के अनुसार, भारतीय पासपोर्ट 85वें स्थान पर रहा।
  • भारतीय नागरिक 57 देशों में बिना वीज़ा यात्रा कर सकते हैं।
  • कुछ देशों में भारतीय नागरिकों को वीज़ा ऑन अराइवल की सुविधा मिलती है।
  • दुनिया में सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट सिंगापुर का है, जिससे उसके नागरिक 195 देशों में बिना वीज़ा यात्रा कर सकते हैं।

हेनले पासपोर्ट इंडेक्स में भारत की स्थिति

जनवरी 2025 तक, हेनले पासपोर्ट इंडेक्स में भारत 85वें स्थान पर था। भारतीय नागरिकों को 57 देशों में वीज़ा-मुक्त यात्रा की सुविधा मिलती है।

वीज़ा-ऑन-अराइवल सुविधा वाले देश

भारतीय नागरिक निम्नलिखित देशों में वीज़ा-ऑन-अराइवल की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं:

  • अंगोला (Angola)
  • बारबाडोस (Barbados)
  • भूटान (Bhutan)
  • ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स (British Virgin Islands)
  • कुक आइलैंड्स (Cook Islands)

सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट

हेनले पासपोर्ट इंडेक्स के अनुसार, वर्तमान में दुनिया का सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट सिंगापुर का है, जिससे इसके नागरिक 195 देशों में बिना वीज़ा यात्रा कर सकते हैं।

पासपोर्ट (संशोधन) नियम 2025 के लागू होने से पासपोर्ट आवेदन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाया गया है। जन्म प्रमाण पत्र की अनिवार्यता से फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी, सरकारी प्रक्रियाओं में तेजी आएगी और पासपोर्ट धारकों की पहचान को और अधिक प्रमाणिक बनाया जाएगा। भारतीय पासपोर्ट की वैश्विक पहचान और विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

भारतीय पासपोर्ट नियमों में किए गए संशोधन न केवल सुरक्षा को मजबूत करेंगे, बल्कि इससे पारदर्शिता और निजता की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। सरकार के ये प्रयास पासपोर्ट प्रणाली को आधुनिक और अधिक विश्वसनीय बनाने में सहायक होंगे। नए नियमों के लागू होने से भारतीय पासपोर्ट की साख और वैश्विक स्तर पर पहचान और भी मजबूत होगी।

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