उपसर्ग शब्दों के शुरुआती भाग होते हैं जो मूल शब्द के साथ मिलकर नए शब्द बनाते हैं। उपसर्ग मूल शब्द के अर्थ को परिवर्तित नहीं करते हैं, लेकिन वे शब्द को भाव, प्रक्रिया, स्थिति, दिशा, समय, या किसी अन्य संदर्भ में प्रभावित करते हैं। Upsarg शब्दांश को साधारणतः मूल शब्द के पहले रखा जाता है। उपसर्ग के उदाहरण हैं: अ-, अद्य-, उत्तर-, अध-, अभि-, पर-, वि-, विपरीत-, निस-, अनु-, अभि-, वि-, विशेष-, विरोध-, निर-, प्रति- आदि।
यहां कुछ उदाहरण हैं:
- अस्वीकार: इस शब्द में “अ-” Upsarg है जो इसके अर्थ को प्रभावित करता है और इसे “स्वीकार” के विपरीत बनाता है।
- परलोक: इस शब्द में “पर-” उपसर्ग है जो इसे “लोक” से जुड़ा हुआ बनाता है और इसका अर्थ होता है “दूसरी दुनिया” या “आकाशीय लोक”।
- उदाहरण: इस शब्द में “उद-” Upsarg है जो इसे “आहरण” से जोड़कर बनाता है और इसका अर्थ होता है “मार्गदर्शन” या “नमूना”।
उपसर्गों का प्रयोग करके हम शब्दों के अर्थ को प्रभावित करते हैं और उन्हें व्याकरणिक रूप में परिवर्तित करते हैं। यह हिंदी भाषा में शब्द रचना करने का महत्वपूर्ण तत्व है और हमें शब्दों के विविध अर्थों और प्रयोगों को समझने में मदद करता है।
उपसर्ग की परिभाषा
वे शब्दांश, जो किसी शब्द के पूर्व में जुड़कर उसके अर्थ को परिवर्तित कर देते हैं अथवा उसके अर्थ में विशेषता ला देते है, उन्हें Upsarg कहते हैं। Upsarg शब्द, ‘सर्ग‘ शब्द के पहले ‘उप’ नामक Upsarg लगाने से बना है। हिंदी में 22 Upsarg सर्ग हैं।
उप का अर्थ है – समीप या पहले तथा सर्ग का अर्थ है – सृष्टि करना। इस प्रकार Upsarg का अर्थ है – किसी शब्द के समीप अथवा पहले आ कर नया शब्द की सृष्टि करना अथवा नया शब्द बनाना।
उपसर्ग को आदि प्रत्यय भी कहते है, जिसमे आदि का अर्थ होता है आरम्भ का।
Upsarg, किसी शब्द के अर्थ को बदल कर, नया शब्द बना कर या मूल शब्द के अर्थ में विशेषता पैदा करके उसके अर्थ को प्रभावित करते हैं। Upsarg का अपना कोई स्वतंत्र अर्थ नहीं होता है। जैसे:-
उपसर्ग के उदहारण
- अभिमान: अभिमान में “अभि-” Upsarg है, जो इसे “मान” से जोड़कर बनाता है। इसका अर्थ होता है “गर्व” या “अहंकार”।
- निर्माण: इस शब्द में “निर-” Upsarg है, जो इसे “मान” से जोड़कर बनाता है। इसका अर्थ होता है “निर्माण” या “बनावट”।
- उद्घाटन: इस शब्द में “उद्-” Upsarg है, जो इसे “घाट” से जोड़कर बनाता है। इसका अर्थ होता है “उद्घाटन” या “उद्घाटित करना”।
- परिपक्व: इस शब्द में “परि-” Upsarg है, जो इसे “पक्व” से जोड़कर बनाता है। इसका अर्थ होता है “पूरी तरह से पका हुआ” या “परिपूर्ण”।
- विरोधी: इस शब्द में “वि-” Upsarg है, जो इसे “रोधी” से जोड़कर बनाता है। इसका अर्थ होता है “विरोधी” या “विरोध करनेवाला”।
- निस्संदेह: इस शब्द में “निस-” Upsarg है, जो इसे “संदेह” से जोड़कर बनाता है। इसका अर्थ होता है “बिना संदेह के” या “निःसंदेह”।
कुछ अन्य उदाहारण
- उपसर्ग + शब्द/धातु नया शब्द – अर्थ परिवर्तन
- वि + हार = विहार – भ्रमण
- उप + हार = उपहार – भेंट
- सम् + हार = संहार – मारना
- प्र + हार = प्रहार – चोट
- आ + हार = आहार – भोजन
- परि + हार = परिहार – त्यागना
- प्रति + हार = प्रतिहार – द्वारपाल
- वि + अव + हार = व्यवहार – आचरण
उपसर्ग के महत्वपूर्ण तथ्य
- Upsarg कभी भी अविकारी शब्दों के साथ नहीं जुड़ते। यह तात्सम शब्दों के साथ संस्कृत में, हिंदी भाषा के शब्दों के साथ हिंदी में और विदेशी भाषा के शब्दों के साथ विदेशी भाषाओं में प्रयुक्त होते हैं।
- Upsarg अव्यय स्वरूप होते हैं, और उनके द्वारा बनाए जाने वाले नए शब्द भी अव्यय स्वरूप होते हैं। इसका मतलब है कि Upsarg स्वतंत्र रूप से उपयोग नहीं किया जा सकता है, वे किसी शब्द के साथ मिलकर ही उपयोग होते हैं।
- Upsarg के योग से संधि पद और सामासिक पद बनाए जा सकते हैं। यह Upsarg और अन्य शब्दों के संयोजन से नए शब्दों का निर्माण करता है।
Upsarg हिंदी व्याकरण में महत्वपूर्ण होते हैं और शब्दों को उच्चारण, अर्थ, और वाक्य प्रयोग में प्रभावित करने में मदद करते हैं।
उपसर्ग के प्रकार (भेद)
हिंदी भाषा मे देखा जाए तो, इसके कोई भेद नहीं है परन्तु भाषा की दृष्टि से उपसर्गों को चार भागों में विभाजित किया गया है, और ये विभाजन भाषाओं के आधार पर होता है। जैसे संस्कृत Upsarg, हिंदी Upsarg, विदेशी उपसर्ग और तद्भव उपसर्ग।
यह विभाजन शब्दों के मूल उद्भव के आधार पर होता है और इसका उद्देश्य है उपसर्गों को उनकी मूल भाषाओं के आधार पर संक्षेप में विभाजित करना। यह विभाजन हमें उपसर्गों की पहचान करने और उनका उच्चारण और अर्थ समझने में मदद करता है।
ये निम्न भागों में विभक्त है-
- संस्कृत के उपसर्ग
- संस्कृत भाषा के अन्य उपसर्ग
- हिन्दी के उपसर्ग
- आगत उपसर्ग अथवा तद्भव उपसर्ग
- विदेशी भाषा के उपसर्ग
संस्कृत के उपसर्ग
संस्कृत में कुल 22 Upsarg होते हैं, लेकिन निस्, निर्, दुस्, दुर् में कोई अंतर नहीं माना जाता है इस कारण से कही कही इनकी संख्या 19 भी मानी जाती है। इन्हे संस्कृत Upsarg या फिर तत्सम Upsarg भी कहते है। ये Upsarg शब्दों के अर्थ और उनके व्याकरणिक रूप को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा संस्कृत में कुछ अन्य Upsarg भी होते हैं। अन्य Upsarg के बारे में इन 22 उपसर्गों के बाद आगे दिया गया है। –
1.अति उपसर्ग
- अति Upsarg का अर्थ – अधिक, उस पार, ऊपर, परे।
- अति Upsarg के उदाहरण – अतिशय, अतीव, अतिकाल, अतिमानव, अत्याचार, अत्यन्त, अतिक्रमण, अतिवृष्टि, अतिरिक्त।
2. अधि उपसर्ग
- अधि Upsarg का अर्थ – ऊपर, अधिक, प्रधान, श्रेष्ठ।
- अधि Upsarg के उदाहरण – अधिकरण, अधिकार, अधीन, अधिपाठक, अधिराज, अधिष्ठाता, अध्यात्म, अध्यक्ष, अध्यादेश, अधिपति, अधिगम, अधिनायक, अधिसूचना, अधिमास, अधीक्षण।
3. अनु उपसर्ग
- अनु Upsarg का अर्थ – पीछे, समान.
- अनु Upsarg के उदाहरण – अनुरूप, अनुगामी, अनुशासन, अनुवाद, अनुमान, अनुक्रम, अनुकरण, अनुकूल, अनुदान, अनुताप, अनुच्छेद, अनुज, अनुबन्ध, अनुभव, अनुराग, अनुशंसा, अनुसार, अन्वय, अनुग्रह, अनुस्वार, अनुपात।
4. अप उपसर्ग
- अप Upsarg का अर्थ – बुरा, विपरीत, हीन, विरूद्ध, अभाव।
- अप Upsarg के उदाहरण – अपकार, अपशकुन, अपयश, अपकर्म, अपकीर्ति, अपमान, अपराध, अपहरण, अपव्यय, अपकर्ष, अपशब्द, अपभ्रंश, अपसव्य।
5. अभि उपसर्ग
- अभि Upsarg का अर्थ – सामने, पास, ओर।
- अभि Upsarg के उदाहरण – अभिमुख, अभिभाषण, अभिनय, अभिज्ञान, अभिशंसा, अभिनव, अभीष्ट, अभिवादन, अभ्यागत, अभिलाषा, अभिषेक, अभिभूत, अभिमान, अभिसार, अभिप्राय, अभ्युदय, अभियान, अभिमुख, अभ्यास, अभिलाष।
6. अव उपसर्ग
- अव Upsarg का अर्थ – नीचा, बुरा, हीन, अभाव।
- अव Upsarg के उदाहरण – अवनति, अवतीर्ण, अवगुण, अवज्ञा, अवधान, अवगाह, अवनत, अवतार, अवबोध, अवधारणा, अवलेह, अवसाद, अवगत, अवकाश, अवसर, अवलोकन, अवस्था, अवसान।
7. आ उपसर्ग
- आ Upsarg का अर्थ – तक, इधर, से, उल्टा, समेट।
- आ Upsarg के उदाहरण – आजन्म, आक्रमण, आयात, आचरण, आतप, आकांक्षा, आकर्षण, आकाश, आक्रमण, आगमन, आकार, आचार, आदान, आगार, आधार, आमोद, आहार, आभार, आलंबन, आशंका, आतंक, आरंभ।
8. उत्/उद् उपसर्ग
- उत्/उद् Upsarg का अर्थ – ऊपर, उँचा, श्रेष्ठ।
- उत्/उद् Upsarg के उदाहरण – उत्पन्न, उत्कृष्ट, उत्तम, उत्थान, उत्कर्ष, उत्कण्ठा, उल्लेख, उद्बोधन, उन्मत्त, उत्सर्ग, उज्जयिनी, उत्पत्ति, उन्नति, उद्घाटन, उद्देश्य, उत्पल।
9. उप उपसर्ग
- उप Upsarg का अर्थ – पास, सहायक, निकट, गौण, सदृश।
- उप Upsarg के उदाहरण – उपसर्ग, उपहार, उपचार, उपभेद, उपनेत्र, उपकृत, उपमंत्री, उपनाम, उपस्थिति, उपसमिति, उपवास, उपयोग, उपदेश, उपनिवेश, उपबंध, उपमान, उपराम, उपवन, उपवचन, उपभेद, उपवेद।
10. दुर् उपसर्ग
- मूल उपसर्ग ‘दु:’ होता है संधि होने पर इसी के दुर्, दुस्, दूष्, दुश् इत्यादि उपसर्ग बनते हैं।
- दुर् Upsarg का अर्थ – कठिन, बुरा, विपरीत.
- दुर् Upsarg के उदाहरण – दुर्लभ, दुर्जन, दुर्गुण, दुर्गति, दुराचार, दुर्योधन, दुर्गंध, दुर्भावना।
10. नि उपसर्ग
- नि Upsarg का अर्थ – बड़ा, विशेष।
- नि Upsarg के उदाहरण – निगूढ़, निष्ठा, निरोध, निकर, निलंबन, निगम, निधन, निवास, निदान, निपात, नियुक्त, निपुण, नियोग, निज, निबंध, निदेशक, नियंत्रण, नियुक्ति, नियोजन।
12. निर् उपसर्ग
- मूल उपसर्ग ‘नि:’ होता है, संधि होने पर इसी के निर्, निस्, निश्, निष् इत्यादि उपसर्ग बनते हैं।
- निर् Upsarg का अर्थ – बाहर, बिना।
- निर् Upsarg के उदाहरण – निरादर, निर्यात, निरंकुश, निरंतर, निरामिष, निराकार, निर्गुण, निरनुनासिक, निरस्त, निरतिशय, निराश्रय, निरीश्वर, निरुत्साह, निर्मम, निर्णय, निरपराध, निर्भीक, निर्वाह, निर्दोष, निराधार, निरुपाय, निर्बल, निरोग, निर्जल।
13. परा उपसर्ग
- परा Upsarg का अर्थ – परे, विपरीत, पीछे, अधिक।
- परा Upsarg के उदाहरण – पराकाष्ठा, परामर्श, परावर्तन, पराभव, पराजय, पराक्रम, पराविद्या।
14. परि उपसर्ग
- परि Upsarg का अर्थ – चारों ओर, पास
- परि Upsarg के उदाहरण – परिक्रमा, परिवार, परिजन, परिधान, परितोष, परिचारिका, परिणय, परिमार्जन, परिसर, परिज्ञान, परिधि, परिवर्तन, परिपूर्ण, परिकल्पना, परिमाण, परिश्रम, पर्याप्त।
15. प्र उपसर्ग
- प्र Upsarg का अर्थ – आगे, अधिक।
- प्र Upsarg के उदाहरण – प्रबंध, प्रणीत, प्रदान, प्रगाढ़, प्रमाद, प्रणयन, प्रगति, प्रचुर, प्रसिद्ध, प्रपौत्र, प्रभाव, प्रचार, प्रगीत, प्रस्तुत, प्रमुख, प्रकोप, प्रबल।
16. प्रति उपसर्ग
- प्रति Upsarg का अर्थ – विपरीत, प्रत्येक, ओर।
- प्रति Upsarg के उदाहरण – प्रतिकूल, प्रतिहिंसा, प्रतिक्षण, प्रतिज्ञा, प्रतिघात, प्रतिवाद, प्रतिक्रिया, प्रतिकार, प्रतिवादी, प्रतीक्षा, प्रतिध्वनि, प्रतिदिन, प्रतिरूप, प्रतिनिधि, प्रतिस्पर्धा, प्रतिबन्ध, प्रत्येक।
17. वि उपसर्ग
- वि Upsarg का अर्थ – विशेष, भिन्न, अभाव।
- वि Upsarg के उदाहरण – विघटन, वितान, विदीर्ण, विधान, विपाक, विहार, विभेद, विशेष, विक्रम, विनय, विदेश, विज्ञानं, विख्यात, विपक्ष, विकार, विनाश, विजय, विलोचन, विप्लव, विस्मरण, वियोग।
18. सम् उपसर्ग
- सम् Upsarg का अर्थ – अच्छी तरह, पूर्ण, साथ, शुद्ध।
- सम् Upsarg के उदाहरण – सम्पूर्ण, संधान, संपर्क, संभव, संबंध, संतोष, सम्मान, संचार, सन्देश, संसार, संहार, सम्मुख, समाचार, संगम, संघटन, संचय, संगत, संजय, सम्मोह, संज्ञा, संवहन।
19. सु उपसर्ग
- सु Upsarg का अर्थ – अच्छा, सरल, विशद।
- सु Upsarg के उदाहरण – सुपुत्र, सुकर्म, सुमार्ग, सुमन, सुशील, सुगति, सुअवसर, सुचरित्र, सुगंध, सुलभ, सुजन, सुपरिचित, सुशिक्षित।
20. निस् उपसर्ग
- निस् Upsarg का अर्थ – बाहर, निषेध, बिना।
- निस् Upsarg के उदाहरण – निरपराध, निस्तेज, निराकार।
21. दुस्/दुष् उपसर्ग
- दुस् Upsarg का अर्थ – बुरा, विपरीत, कठिन।
- दुस् Upsarg के उदाहरण – दुष्कर, दुष्कर्म ।
22. अन् उपसर्ग
- अन् Upsarg का अर्थ – अभाव, रहित।
- अन् Upsarg के उदाहरण – अनन्त, अनादि, अनेक।
संस्कृत के अन्य उपसर्ग, उनके अर्थ तथा उदाहरण
संस्कृत भाषा में कुछ शब्दांश ऐसे होते हैं, जो मूल रूप से Upsarg नहीं होते हैं लेकिन उपसर्गों की तरह व्यवहार करते हैं। इन्हीं शब्दांशों को संस्कृत के अन्य Upsarg कहते हैं।
निचे सबसे पहले क्रम संख्या, उसके बाद संस्कृत Upsarg का नाम उसके बाद संस्कृत Upsarg का अर्थ और फिर संस्कृत Upsarg के उदाहरण दिए गए हैं।
- अ- (तत्सम) ==> नहीं, अभाव ==> अज्ञान, अभाव, अमंद, अधर्म, अजात, अकाल, अकारण, अथाह, अबाध, अटल, अव्यय
- अध: ==> नीचे ==> अध:पतन, अधोगति, अधोमुख, अधोवस्त्र, अधोभाग
- अन्त: ==> भीतर, मध्य ==> अन्तःपुर, अन्तर्यामी, अन्तःकरण, अंतर्गत, अंतर्मन, अंतरात्मा
- अमा ==> पास ==> अमात्य, अमावस्या
- तिरस् ==> तुच्छ ==> तिरस्कार, तिरोधान, तिरोहित
- सत् ==> सत्कार ==> सत्संग, सदाचरण, सदुपदेश, सन्मार्ग, सन्मति, सज्जन
- स्व ==> अपना ==> स्वदेश, स्वतंत्र, स्वार्थ, स्वार्थी, स्वाभिमान
- पर ==> दूसरा ==> परदेश, परतंत्र, परार्थ, परहित, परोपकार
- सह ==> साथ ==> सहचर, सहयोग, सहगान, सहयात्री, सहचर, सहोदर
- प्राक् ==> पहले का ==> प्राक्तन, प्राक्कथन, प्राक्कलन
- पुनर्(पुनः) ==> फिर ==> पुनर्जन्म, पुनरावृति, पुनरागमन, पुनर्निर्माण, पुनर्वास, पुनर्भाव
- पुरस्(पुर:) ==> सामने, आगे ==> पुरस्कार, पुरोहित, पुरस्सर, पुरोगामी
- नमस् नमः ==> नमस्कार, नमस्कर्ता, नमस्कृत
- प्रातर ==> पहले ==> प्रातःकाल, प्रातःवंदनीय
संस्कृत के उपसर्ग के उदहारण
- अ- (a-) – निषेध या अभाव – अदृष्ट, अशब्द, अमर्त्य
- अधि- (adhi-) – अधिकता, ऊपरीता – अधिपति, अधिकार, अधिशासन
- अनु- (anu-) – अनुसरण, अनुकरण – अनुवाद, अनुसंधान, अनुक्रमणिका
- उत्- (ut-) – ऊर्ध्व, ऊपरी – उत्क्रान्ति, उत्पन्न, उत्सव
- उप- (upa-) – निकटता, समीपता – उपकार, उपनिषद, उपास्य
- नि- (ni-) – नीचता, अवचेतन – निर्माण, निर्णय, निष्ठा
- परा- (para-) – अतीत, अग्र – परमाणु, परवाना, परमार्थ
- परि- (pari-) – चारों ओर, आसपास – परिवृत्ति, परिपूर्ण, परियोजना
- प्रति- (prati-) – प्रत्येक, विरोध – प्रतिपक्ष, प्रतिवर्ष, प्रतिद्वंद्वी
- प्राक्- (prak-) – पूर्व, आदि – प्राकृतिक, प्राग्ज्योतिष, प्राचीन
- बहिः- (bahis-) – बाहर, अल्पता – बहिरङ्ग, बहिरागमन, बहिष्प्रवेश
- बहु- (bahu-) – बहुत, विविध – बहुवचन, बहुसंख्यक, बहुरूप
- भुज्- (bhuj-) – धारण, प्राप्ति – भोगभूमि, भुजंग, भुजाधारी
- महा- (maha-) – महान, बड़ा – महाकाव्य, महासभा, महाजन
- वि- (vi-) – विभाजन, विपरीत – विज्ञान, विपथ, विभाजन
- वि- (vi-) – प्रत्येक, विपरीत – विज्ञान, विपथ, विभाजन
- सम्- (sam-) – समान, संगत – समुद्र, समय, समरस
- समु- (samud-) – उद्दीपन, संग्रह – समुद्घाटन, समुद्र, समुद्री
- सम्प्रति- (samprati-) – अभी, इस समय – सम्प्रति, सम्प्रत्युदय, सम्प्रत्यागम
- हि- (hi-) – नियति, प्राप्ति – हित, हिमशील, हितोपदेश
- आ- (aa-) – प्रवेश, पूर्व, ऊर्ध्व – आगम, आवर्तन, आत्मा
- अ- (a-) – निषेध या अभाव – अदृष्ट, अशब्द, अमर्त्य
हिंदी के उपसर्ग
हिंदी में मानक रूप में 22 Upsarg होते हैं। उपसर्ग और उनके अर्थ के सही सूची के लिए नीचे दिये गए विवरण का उपयोग करें:
- निचे सबसे पहले क्रम संख्या, उसके बाद हिंदी Upsarg का नाम उसके बाद हिंदी Upsarg का अर्थ और फिर हिंदी Upsarg के उदाहरण दिए गए हैं।
- सम- (sama-) – बराबर – समय, समाचार, समरूप, सम्मान
- अन- (an-) – बिना, नहीं – अनजान, अनुभव, अनुवाद, अन्य
- अध- (adhi-) – आधा – अध्ययन, अधिकार, अधिकृत
- उ- (u-) – ऊँचा – उच्च, उपवास, उत्सव, उन्मुक्त
- उन- (una-) – एक कम – उन्नीस, उनतीस, उनासी, उन्मास
- औ- (au-) – बुरा, नीचे – औगुण, औरत, औचित्य, औरंगजेब
- क- (ka-) – बुरा – काला, कर्म, करुणा
- नाना- (nana-) – विभिन्न – नानाप्रकार, नानारंग, नानाविधि
- कु- (ku-) – बुरा – कुचलना, कुरूप, कुत्ता, कुम्हार
- आप- (aap-) – स्वयं – आपत्ति, आपसी, आपत्तिजनक
- स- (sa-) – अच्छा – सच्चा, सचेत, सत्य
- पच- (pach-) – पांच – पचीस, पचास, पचवान
- बिन- (bin-) – निषेध, अभाव – बिनबोध, बिनसुना, बिनरुचि
- भर- (bhar-) – पूरा, भरा हुआ – भरपूर, भरोसा, भरमार
- चौ- (chau-) – चार – चौबीस, चौबंकी, चौकन्ना
- ति- (ti-) – तीन – तिहाई, तिसरा, तिरंगा
- दु- (du-) – दो – दुबला, दुश्मन, दुबारा
- पर- (par-) – दूसरा – परवाह, परिवार, परलोक
- का- (kaa-) – नीच, बुरा – कामुक, कामना, काव्य
- चिर- (chir-) – देर तक – चिरकाल, चिरंजीवी, चिरस्थायी
- न- (na-) – अभाव – नास्तिक, नष्ट, निर्माण
- बहु- (bahu-) – बहुत – बहुमूल्य, बहुभाषी, बहुसंख्यक
ये हिंदी भाषा में प्रयुक्त होने वाले Upsarg हैं, जो शब्दों को विभिन्न अर्थों और विशेषताओं के साथ प्रदान करते हैं।
आगत उपसर्ग अथवा तद्भव उपसर्ग
हिंदी भाषा में विदेशी भाषाओं से आए शब्द आगत Upsarg कहलाते हैं। ये शब्द मुख्यतः उर्दू भाषा से विकसित हुए है, जो निम्न प्रकार से है-
- Upsarg ==> अर्थ ==> उदाहरण
- गैर ==> अभाव, नहीं ==> गैर-कानूनी, गैरहाजिर, गैर-सरकारी
- कम ==> थोड़ा, हीन ==> कमअक्ल, कमउगम्र, कमज़ोर
- दर ==> में ==>दरअसल, दरकार, दरमियान
- ना ==> अभाव ==> नापसन्द, नाराज़, नासमझ
- खुश ==> अच्छा ==> खुशबू, खुशहाल, खुशदिल
- ब ==> अनुसार में ==> बनाम, बदौलत, बदस्तूर
- हर ==> प्रत्येक ==> हररोज, हरएक
- अल==> निश्चित ==> अलबत्ता, अलगरज़, अलमस्त
- बिल ==> के साथ ==> बिल्कुल, बिलवजह, बिलआखिर
- बर ==> ऊपर, बाहर, पर ==> बरदाश्त, बरखास्त
- बद ==> बुरा ==> बदनीयत, बदतमीज़, बदमाश
- बिला ==> बिना ==> बिलाकसूर, बिलाशक
- फ़िल, फी ==> प्रति, में ==> फिलहाल, फ़ीआदमी
- बे ==> बिना ==> बेचारा, बेइमान
- बा ==> साथ ==> बाइंसाफ, बावफा, भाकायदा
- ला ==> बिना ==> लाजबाव, लाचार
- सर ==> मुख्य ==> सरदार, सरताज
- हम ==> बराबर ==> हमउम्र, हमवतन
विदेशी भाषाओं के उपसर्ग अथवा अंग्रेजी उपसर्ग
हिन्दी भाषा मे विदेशी देशो से आए शब्दो को विदेशी शब्द या फिर अंग्रेजी शब्द कहते है, इन देशों से आये शब्द जब उपसर्ग के रूप में प्रयोग किये जाते हैं, तो उन्हें विदेशी भाषाओं के Upsarg अथवा अंग्रेजी Upsarg कहते हैं। जो कि निम्न है-
- Upsarg ==> अर्थ ==> उदाहरण
- सब ==> अधीन, नीचे ==> सब-जज, सब-कमेटी
- फुल ==> पूरा ==> फुल शर्ट, फुल प्रूफ
- जनरल ==> प्रधान ==> जनरल मैनेजर, जनरल सेक्रेटरी
- डिप्टी ==> सहायक==> डिप्टी रजिस्ट्रार, डिप्टी कलेक्टर
- वाइस ==> सहायक ==> वाइस चांसलर, वाइसराय
- हेड ==> मुख्य ==> हेड मास्टर, हेड कलर्क
- डबल ==> दुगुना ==> डबलरोटी, डबल बेड
- चीफ ==> प्रमुख ==> चीफ-इन्जीनियर, चीफ-मिनिस्टर
महत्वपूर्ण उपसर्ग
Upsarg | Upsarg का अर्थ | Upsarg के उदाहरण |
अ- (तत्सम) | नहीं, अभाव | अज्ञान, अभाव, अमंद, अधर्म, अजात, अकाल, अकारण, अथाह, अबाध, अटल, अव्यय |
अध:- | नीचे | अध:पतन, अधोगति, अधोमुख, अधोवस्त्र, अधोभाग |
अन्त:- | भीतर, मध्य | अन्तःपुर, अन्तर्यामी, अन्तःकरण, अंतर्गत, अंतर्मन, अंतरात्मा |
अमा- | पास | अमात्य, अमावस्या |
तिरस् | तुच्छ | तिरस्कार, तिरोधान, तिरोहित |
सत् | सत्कार | सत्संग, सदाचरण, सदुपदेश, सन्मार्ग, सन्मति, सज्जन |
स्व | अपना | स्वदेश, स्वतंत्र, स्वार्थ, स्वार्थी, स्वाभिमान |
पर | दूसरा | परदेश, परतंत्र, परार्थ, परहित, परोपकार |
सह | साथ | सहचर, सहयोग, सहगान, सहयात्री, सहचर, सहोदर |
प्राक्- | पहले का | प्राक्तन, प्राक्कथन, प्राक्कलन |
पुनर्(पुनः) | फिर | पुनर्जन्म, पुनरावृति, पुनरागमन, पुनर्निर्माण, पुनर्वास, पुनर्भाव |
पुरस्(पुर:) | सामने, आगे | पुरस्कार, पुरोहित, पुरस्सर, पुरोगामी |
नमस् | नमः | नमस्कार, नमस्कर्ता, नमस्कृत |
प्रातर | पहले | प्रातःकाल, प्रातःवंदनीय |
ख़ुश- | अच्छा | ख़ुशक़िस्मत, ख़ुशबू, ख़ुशहाल, ख़ुशनुमा, ख़ुशदिल, खुशख़बरी. |
गैर- | रहित, भिन्न | ग़ैर-ज़रूरी, ग़ैर-हाज़िर, ग़ैर-सरकारी, ग़ैर-मुमकिन, ग़ैर-जवाबी. |
फ़ी- | प्रत्येक | फ़ी आदमी, फ़ी मैदान. |
बद- | बुरा | बदनाम, बदचलन, बदतमीज़, बदबू, बदकार, बदज़ात, बदनसीब, बदहवास, बदसूरत, बदमाश, बदहज़मी. |
बा- | अनुसार, साथ में | बाक़ायदा, बाइज़्ज़त, बादब, बमुलाइज़ा. |
बिला- | बिना | बिलवाज़ह, बिलाशर्त, बिलाशक. |
बे- | अभाव, रहित | बेचारा, बेईमान, बेहद, बेहिसाब, बेसमझ, बेजान, बेचैन, बेदर्द, बेइज़्ज़त, बेमानी, बेसिर, बेवक़्त, बेधड़क, बेरहम, बेवकूफ़. |
ला- | बिना | लाइलाज, लाचार, लापता, लाजवाब, लावारिस, लापरवाह, लाज़िम. |
दर- | में | दरहक़ीक़त, दरअसल, दरकार. |
ना- | बिना | नालायक़, नापसन्द, नाकाम, नाचीज़, नामुमकीन, नादान, नाबालिग़. |
सर- | अच्छा | सरकार, सरनाम, सरपंच, सरदार, सरताज, सरहद. |
हर- | प्रत्येक | हरवक़्त, हररोज़, हरएक, हरदम, हरतरफ़, हरबार, हरकोई. |
ब- | सहित | बखूबी, बतौर, बशर्त. |
बेश- | अत्यधिक | बेश कीमती, बेश कीमत. |
नेक- | भला | नेकराह, नेकनाम, नेकदिल, नेकइंसान, नेकनीयत. |
ऐन- | ठीक | ऐनवक़्त, ऐनजगह. |
हम- | साथ | हमराज़, हमदम, हमउम्र, हमराही, हमसफ़र. |
अल- | निश्चित | अलगरज, अलविदा. |
हैड- | प्रमुख | हैडमास्टर, हैड ऑफिस. |
हाफ- | आधा | हाफकमीज, हाफ़पैंट. |
सब- | उप | सब रजिस्ट्रार, सब कमेटी, सब डिवीज़न, सब इंस्पेक्टर. |
को- | सहित | को-ऑपरेटिव, को-ओपरेशन. |
वाइस | उप | वाइस प्रेसिडेंट, वाइस चांसलर, वाइस प्रिंसिपल. |
टेली | दूर | टेलीफोन, टेलीविज़न, टेलिस्कोप. |
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