भारत के विमानन इतिहास में एक और दुखद घटना उस समय दर्ज हो गई जब अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरते ही एयर इंडिया के एक विमान की दुर्घटना हो गई। सौभाग्य से इस हादसे में किसी की जान नहीं गई, लेकिन विमान को गंभीर क्षति पहुँची और कई सवाल खड़े हो गए। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने इस हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट हाल ही में जारी की है, जिसमें तकनीकी खामी को संभावित कारण बताया गया है। इस लेख में हम हादसे से जुड़ी तकनीकी जानकारी, संभावित कारण, संबंधित सिस्टम और उनके कार्यों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
प्रारंभिक जांच रिपोर्ट: क्या हुआ टेकऑफ के बाद?
एयर इंडिया के इस विमान ने अहमदाबाद हवाई अड्डे से सामान्य रूप से टेकऑफ किया था। रिपोर्ट के अनुसार, उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद विमान ने आवश्यक ऊंचाई प्राप्त कर ली थी। लेकिन इसी दौरान एक अप्रत्याशित घटना घटी—विमान के दोनों इंजन अचानक ‘रन’ से ‘कटऑफ’ मोड में चले गए। इसका अर्थ है कि दोनों इंजनों में ईंधन की आपूर्ति अचानक बंद हो गई, जिससे विमान की शक्ति क्षीण हो गई और वह गिर पड़ा।
यह घटना इतनी तेजी से घटी कि पायलटों को संभलने का मौका नहीं मिला। यद्यपि इस स्थिति में आपातकालीन प्रणाली सक्रिय हो गई, लेकिन टेकऑफ के इतने पास होने के कारण कोई बड़ा सुधार नहीं हो सका और विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
मुख्य कारण: इंजन फ्यूल कंट्रोल स्विच की भूमिका
फ्यूल कंट्रोल स्विच क्या होता है?
फ्यूल कंट्रोल स्विच एक महत्वपूर्ण यंत्र होता है, जो इंजन में ईंधन की आपूर्ति को नियंत्रित करता है। यह स्विच प्रत्येक इंजन के लिए अलग होता है। उदाहरण के लिए, बोइंग 787 जैसे विमानों में दो इंजन होते हैं, तो दो फ्यूल कंट्रोल स्विच होते हैं।
पायलट इस स्विच का उपयोग मुख्यतः निम्नलिखित उद्देश्यों से करता है:
- इंजन को चालू करने के लिए (RUN मोड)
- इंजन को बंद करने के लिए (CUTOFF मोड)
- आपात स्थिति में इंजन शटडाउन के लिए
RUN और CUTOFF की व्याख्या
RUN मोड:
जब स्विच RUN स्थिति में होता है, तो इसका मतलब होता है कि इंजन में ईंधन की आपूर्ति चालू है। यह स्थिति टेकऑफ, उड़ान और लैंडिंग के दौरान सामान्य रूप से सक्रिय रहती है। इससे विमान को आवश्यक थ्रस्ट यानी गति बल मिलता है।
CUTOFF मोड:
CUTOFF स्थिति का अर्थ होता है कि इंजन में ईंधन की आपूर्ति बंद कर दी गई है। इसका उपयोग आमतौर पर विमान की लैंडिंग के बाद किया जाता है या फिर किसी तकनीकी/आपात स्थिति में जब इंजन को तत्काल बंद करना हो।
क्या यह स्विच गलती से बंद हो सकता है?
यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रश्न है, क्योंकि हादसे के समय दोनों इंजन ‘कटऑफ’ मोड में चले गए थे। सामान्य परिस्थितियों में ऐसा होना लगभग असंभव होता है।
बोइंग 787 जैसे आधुनिक विमानों में यह स्विच एक सुरक्षा ब्रैकेट (protective barrier) से घिरा होता है, जिससे यह असावधानी से ऑपरेट नहीं हो सकता। पायलट को पहले ब्रैकेट उठाना पड़ता है, फिर RUN या CUTOFF मोड चुनना होता है। इससे गलती से फ्यूल कटऑफ होने की संभावना अत्यंत कम हो जाती है।
फिर कैसे हुआ यह हादसा?
संभावना जताई जा रही है कि यह कोई तकनीकी खराबी या सॉफ्टवेयर ग्लिच हो सकता है, जिसमें सिस्टम ने स्वचालित रूप से दोनों स्विच को CUTOFF स्थिति में डाल दिया। यदि ऐसा है, तो यह एक गंभीर डिजाइन खामी मानी जा सकती है और इसकी विस्तृत जांच आवश्यक होगी।
आपात स्थिति में RAM Air Turbine (RAT) की भूमिका
जब विमान के इंजन बंद हो जाते हैं और प्राथमिक तथा द्वितीयक पावर स्रोत काम करना बंद कर देते हैं, तब एक विशेष यंत्र—RAM Air Turbine (RAT)—सक्रिय हो जाता है। यह यंत्र विमान की गति से उत्पन्न वायु प्रवाह से ऊर्जा प्राप्त करता है और विमान को आवश्यक बिजली या हाइड्रॉलिक शक्ति प्रदान करता है।
RAM Air Turbine (RAT) क्या है?
RAT एक छोटा, लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण उपकरण होता है, जो मुख्य इंजन फेल हो जाने की स्थिति में विमान को विद्युत और हाइड्रॉलिक ऊर्जा प्रदान करता है। यह विशेष रूप से क्रिटिकल सिस्टम जैसे:
- उड़ान नियंत्रण (Flight Controls)
- नेविगेशन उपकरण (Navigation Systems)
- संचार प्रणाली (Communication Systems)
- ब्रेक और लैंडिंग गियर नियंत्रण
को कार्यरत रखने के लिए बैकअप पावर देता है।
RAT कैसे कार्य करता है?
- यह टरबाइन विमान के फ्यूज़लाज या विंग में रखा होता है।
- जब विमान की दोनों पावर सप्लाई (जनरेटर और APU) फेल हो जाती हैं, तो RAT स्वतः सक्रिय हो जाता है।
- यह वायु प्रवाह से घूमता है और एक छोटे जनरेटर के रूप में कार्य करता है।
- बड़ी RAT इकाइयाँ 5 से 70 किलोवॉट तक बिजली उत्पन्न कर सकती हैं, जबकि छोटे RAT करीब 400 वाट तक पावर दे सकते हैं।
तैनाती प्रक्रिया और लाभ
- RAT स्वतः सक्रिय होता है, जिससे पायलट को इसमें हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं होती।
- कुछ विमानों में पायलट इसे मैन्युअली भी सक्रिय कर सकते हैं।
- सक्रिय होने पर RAT ब्लेड हवा में घूमते हैं और बिजली उत्पन्न करते हैं।
लाभ:
- बैकअप पावर उपलब्ध कराना:
जब इंजन या जनरेटर फेल हो जाएं तो यह वैकल्पिक स्रोत के रूप में काम करता है। - स्वतंत्र कार्य:
यह मुख्य इंजन से स्वतंत्र रूप से कार्य करता है और विश्वसनीयता को बढ़ाता है। - महत्वपूर्ण प्रणालियों को सक्रिय बनाए रखना:
फ्लाइट कंट्रोल, संचार, और अन्य आवश्यक सिस्टम को पावर देता है।
क्या हो सकती है दुर्घटना की गहराई से वजह?
हालांकि प्रारंभिक रिपोर्ट में इंजन फ्यूल कटऑफ को कारण बताया गया है, लेकिन अब कई सवाल उठ रहे हैं:
- क्या यह स्वचालित सॉफ्टवेयर आदेश के तहत हुआ?
- क्या कोई इलेक्ट्रिकल फॉल्ट सिस्टम ने फ्यूल कंट्रोल सिस्टम को गड़बड़ा दिया?
- क्या फ्लाइट डेक (cockpit) में किसी अन्य बटन या स्विच का गलती से संचालन हुआ?
- क्या पायलट ट्रेनिंग या हैंडलिंग में कोई चूक रही?
इन सभी संभावनाओं की गहन जांच की जा रही है। इसके लिए फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) की मदद ली जा रही है। इससे ज्ञात होगा कि उस समय पायलटों ने क्या किया और कौन से सिस्टम सक्रिय या निष्क्रिय थे।
विमान सुरक्षा और भविष्य की दिशा
यह हादसा एक बार फिर विमानन उद्योग को चेतावनी देता है कि आधुनिक तकनीक और ऑटोमेशन के बावजूद मानवीय निरीक्षण और उपकरणों की विश्वसनीयता अत्यंत आवश्यक है। AAIB की अंतिम रिपोर्ट से यह स्पष्ट होगा कि यह गलती मानव की थी, मशीन की थी या फिर दोनों की संयोजन।
उपाय और सुधार की संभावनाएं:
- फ्यूल कंट्रोल सिस्टम की डिजाइन की समीक्षा
- सिस्टम में फेलसेफ मैकेनिज्म की पुनः जांच
- सभी बोइंग 787 विमानों में अनिवार्य सॉफ्टवेयर अपडेट
- पायलट ट्रेनिंग में आपातकालीन प्रक्रियाओं का अधिक अभ्यास
निष्कर्ष
अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे की प्रारंभिक रिपोर्ट तकनीकी दृष्टि से गंभीर चिंताओं को उजागर करती है। यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि विमान तकनीक कितनी भी उन्नत क्यों न हो, उसमें संभावित जोखिम सदैव मौजूद रहते हैं।
फ्यूल कंट्रोल स्विच का अचानक कटऑफ मोड में चले जाना, RAM Air Turbine जैसी आपात प्रणाली की जरूरत, और संपूर्ण एविएशन इंडस्ट्री की जिम्मेदारी इस रिपोर्ट में साफ झलकती है।
आने वाले समय में AAIB की विस्तृत रिपोर्ट से यह स्पष्ट होगा कि यह एक isolated case था या बड़े स्तर पर किसी तकनीकी सुधार की आवश्यकता है। इस हादसे ने निश्चित रूप से विमानों की सुरक्षा प्रणाली और उनकी विश्वसनीयता को नए सिरे से जांचने की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
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