प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ब्यूनस आयर्स में ‘की टू द सिटी’ सम्मान: भारत-अर्जेंटीना संबंधों का नया अध्याय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में ‘की टू द सिटी’ (Key to the City) जैसे प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजा गया। यह सम्मान भारत और अर्जेंटीना के बीच गहरे होते द्विपक्षीय संबंधों, आपसी विश्वास और सांस्कृतिक सहयोग को सम्मानित करने हेतु प्रदान किया गया। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा ऐतिहासिक रही क्योंकि यह 57 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली आधिकारिक अर्जेंटीना यात्रा थी। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति जेवियर मिलेई से उच्च स्तरीय वार्ता की, जिसमें ऊर्जा, रक्षा, कृषि, खनन, व्यापार, शिक्षा और खेल जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी।

अर्जेंटीना ने भारत को लिथियम और शेल गैस आपूर्ति का आश्वासन दिया, जो भारत की हरित ऊर्जा नीतियों के लिए महत्वपूर्ण है। पीएम मोदी ने महात्मा गांधी, रवींद्रनाथ टैगोर और अर्जेंटीना के स्वतंत्रता सेनानी जनरल जोस दे सैन मार्टिन को श्रद्धांजलि दी, जिससे सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बल मिला। प्रवासी भारतीयों से भावनात्मक मुलाकात ने इस यात्रा को और भी विशेष बना दिया। यह सम्मान और यात्रा भारत की वैश्विक सॉफ्ट पावर, कूटनीतिक संवाद और सांस्कृतिक एकता को दर्शाती है, जो भारत-अर्जेंटीना संबंधों में एक नया युग आरंभ करती है।

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भारत-अर्जेंटीना संबंधों की ऐतिहासिक यात्रा में एक नया पड़ाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स की हालिया आधिकारिक यात्रा ने दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। यह यात्रा कई मायनों में ऐतिहासिक रही — एक ओर जहां यह 57 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली अर्जेंटीना यात्रा थी, वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री मोदी को ‘की टू द सिटी’ जैसा सम्मान प्रदान कर उस मैत्री और आपसी विश्वास को वैश्विक मान्यता दी गई, जो भारत और अर्जेंटीना के रिश्तों की नींव है।

यह लेख प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के विभिन्न पहलुओं, भारत-अर्जेंटीना द्विपक्षीय संबंधों, सांस्कृतिक साझेदारी और प्रवासी भारतीयों से उनके जुड़ाव पर प्रकाश डालता है।

‘की टू द सिटी’ सम्मान: क्या है इसका महत्व?

की टू द सिटी’ या शहर की चाबी एक प्रतिष्ठित प्रतीकात्मक सम्मान होता है जो आमतौर पर किसी विशेष अतिथि को उस शहर के प्रति विश्वास, आदर और सम्मान जताने के लिए दिया जाता है। यह परंपरा विश्व के कई शहरों में है, जहां यह सम्मान उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने सांस्कृतिक, राजनीतिक, सामाजिक या आर्थिक दृष्टिकोण से उस शहर से गहरे संबंध स्थापित किए हों।

ब्यूनस आयर्स शहर सरकार के प्रमुख जॉर्ज मैकरी (Jorge Macri) द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को यह सम्मान सौंपा गया। अर्जेंटीना सरकार ने यह स्पष्ट रूप से कहा कि यह सम्मान भारत और अर्जेंटीना के बीच घनिष्ठ होते संबंधों तथा प्रधानमंत्री मोदी के वैश्विक नेतृत्व को सम्मानित करने की दिशा में एक प्रतीक है।

प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रियाएं: भारत के गौरव का क्षण

‘की टू द सिटी’ सम्मान प्राप्त करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने आधिकारिक X (पूर्व ट्विटर) अकाउंट के माध्यम से इस विशेष क्षण की तस्वीरें साझा कीं और ब्यूनस आयर्स सरकार और नागरिकों का आभार प्रकट किया। उन्होंने इसे “भारत और अर्जेंटीना के बीच बढ़ते विश्वास और सांस्कृतिक समरसता का प्रतीक” बताया। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा —

“मैं इस सम्मान को भारत के 140 करोड़ नागरिकों का सम्मान मानता हूं। यह भारत की सॉफ्ट पावर और वैश्विक संवाद की शक्ति का प्रतिफल है।”

सांस्कृतिक विरासत को किया गया सम्मानित: साझा मूल्यों का प्रदर्शन

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान भारत और अर्जेंटीना के साझा मूल्यों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को रेखांकित करते हुए कई महत्वपूर्ण प्रतीकों को सम्मानित किया।

महात्मा गांधी और रवींद्रनाथ टैगोर को पुष्पांजलि

ब्यूनस आयर्स में स्थापित महात्मा गांधी और गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की प्रतिमाओं पर प्रधानमंत्री मोदी ने पुष्प अर्पित किए और उन्हें विश्व शांति, अहिंसा तथा मानवता के संदेशवाहक बताया। उन्होंने कहा कि —

“गांधीजी का शांति और अहिंसा का मार्ग आज भी समूची मानवता के लिए एक प्रकाशस्तंभ है। वहीं टैगोर की रचनात्मकता और वैश्विक दृष्टिकोण अर्जेंटीना के लोगों के दिलों में गहराई से जुड़ा है।”

जनरल जोस दे सैन मार्टिन को श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री मोदी ने अर्जेंटीना के स्वतंत्रता संग्राम के महानायक जनरल जोस दे सैन मार्टिन (José de San Martín) को भी श्रद्धांजलि दी। सैन मार्टिन को दक्षिण अमेरिका में स्वतंत्रता की मशाल जलाने वाला नेता माना जाता है। मोदी ने उन्हें “दक्षिण अमेरिका का गांधी” की उपमा देते हुए उनके संघर्ष को आदर्श बताया।

भारत-अर्जेंटीना संबंधों को मिला नया विस्तार

प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा केवल सांस्कृतिक आदान-प्रदान तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसके दौरान रणनीतिक, आर्थिक, ऊर्जा, रक्षा, और शिक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में ठोस द्विपक्षीय वार्ताएं भी हुईं।

75 वर्ष के राजनयिक संबंध: साझा विकास की दिशा में कदम

भारत और अर्जेंटीना ने 75 वर्षों के राजनयिक संबंधों का जश्न मनाया और इस अवसर पर दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और भी गहरा करने का संकल्प लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई (Javier Milei) से द्विपक्षीय बैठक की, जिसमें निम्नलिखित प्रमुख मुद्दों पर सहमति बनी —

  • ऊर्जा सुरक्षा: अर्जेंटीना ने भारत को लिथियम और शेल गैस की आपूर्ति बढ़ाने पर सहमति दी। यह भारत की हरित ऊर्जा एवं ई-वाहन नीति के लिए महत्वपूर्ण है।
  • रक्षा सहयोग: रक्षा उत्पादन, रक्षा प्रशिक्षण, और तकनीकी सहयोग के क्षेत्र में भविष्य की साझेदारी पर चर्चा हुई।
  • खाद्य एवं कृषि: जैविक खेती, बीज विकास और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग की योजनाएं बनीं।
  • खनन: विशेषकर लिथियम के क्षेत्र में, दोनों देशों ने दीर्घकालिक सहयोग का खाका तैयार किया।
  • दवा क्षेत्र: पीएम मोदी ने भारतीय दवाओं के आयात में सरलता और लागत में प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने की बात उठाई।
  • शिक्षा और खेल: छात्र विनिमय, योगा, आयुर्वेद और फुटबॉल जैसे खेलों में आपसी साझेदारी बढ़ाने पर चर्चा हुई।

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति मिलेई को भारत की यात्रा के लिए आमंत्रित किया, जिसे राष्ट्रपति ने सादर स्वीकार किया।

प्रवासी भारतीयों से आत्मीय मुलाकात: संस्कृति का भावनात्मक पक्ष

प्रधानमंत्री मोदी की हर विदेशी यात्रा में एक विशेष आकर्षण प्रवासी भारतीय समुदाय से उनकी मुलाकात होती है। ब्यूनस आयर्स में भी यह दृश्य अभूतपूर्व रहा। प्रधानमंत्री के होटल के बाहर भारतीय ध्वज लहराते, पारंपरिक वेशभूषा में लोग नृत्य-गीत प्रस्तुत करते नजर आए। माहौल पूरी तरह भारतमय हो गया।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा —

“दूरी कभी भी सांस्कृतिक रिश्तों को तोड़ नहीं सकती। आप सभी हमारे देश की ‘सॉफ्ट पावर’ के दूत हैं। आपने अर्जेंटीना में भारत की छवि को मजबूत किया है।”

इस दौरान प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों की उपलब्धियों की सराहना करते हुए भारत की विकास यात्रा में उनके योगदान को रेखांकित किया।

भारत-अर्जेंटीना: संभावनाओं से भरा भविष्य

प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत और अर्जेंटीना केवल पारंपरिक सहयोग तक सीमित नहीं रहेंगे। आने वाले वर्षों में निम्नलिखित क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों के नए अवसर खुलेंगे:

  1. लैटिन अमेरिका में भारत की सशक्त उपस्थिति: अर्जेंटीना के साथ सहयोग से भारत को पूरे लैटिन अमेरिकी क्षेत्र में अपनी रणनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक उपस्थिति को मजबूत करने का अवसर मिलेगा।
  2. लिथियम मिशन: वैश्विक ऊर्जा बदलाव के इस दौर में अर्जेंटीना से लिथियम आपूर्ति भारत की ईवी (Electric Vehicle) क्रांति के लिए आधारशिला साबित हो सकती है।
  3. वैश्विक मंचों पर समर्थन: संयुक्त राष्ट्र, G20, ब्रिक्स और WTO जैसे मंचों पर दोनों देशों के हित अक्सर समान रहे हैं। इस सहयोग को संस्थागत रूप दिया जा सकता है।
  4. टेक्नोलॉजी और AI सहयोग: अर्जेंटीना के स्टार्टअप इकोसिस्टम और भारत की तकनीकी शक्ति के मेल से इनोवेशन के नए द्वार खुल सकते हैं।

निष्कर्ष: सम्मान, संवाद और सहयोग की ऐतिहासिक यात्रा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्यूनस आयर्स यात्रा एक ऐसे क्षण का प्रतीक बन गई है, जब भारत की सॉफ्ट डिप्लोमेसी ने वैश्विक पहचान को और गहराई दी है। ‘की टू द सिटी’ जैसा सम्मान न केवल एक शहर का विश्वास है, बल्कि एक देश की सोच, संस्कृति और नेतृत्व के प्रति वैश्विक समुदाय की सराहना का प्रतीक है।

भारत और अर्जेंटीना के बीच यह बढ़ता संवाद दोनों देशों की जनता को स्थायी शांति, विकास और समावेशी साझेदारी की ओर अग्रसर करता है। यह यात्रा इस बात का प्रमाण है कि कैसे राजनयिक दौरे केवल समझौते नहीं, बल्कि दो संस्कृतियों और दो सभ्यताओं के बीच स्थायी पुल बनाते हैं।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रश्न 1: ‘की टू द सिटी’ सम्मान क्या होता है?
उत्तर: यह एक प्रतीकात्मक सम्मान होता है जो किसी विशिष्ट अतिथि को मैत्री और विश्वास के प्रतीक के रूप में प्रदान किया जाता है।

प्रश्न 2: प्रधानमंत्री मोदी को यह सम्मान क्यों दिया गया?
उत्तर: भारत और अर्जेंटीना के बीच संबंधों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने में उनकी भूमिका के लिए यह सम्मान प्रदान किया गया।

प्रश्न 3: इस यात्रा में किन क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा हुई?
उत्तर: रक्षा, ऊर्जा, कृषि, खनन, व्यापार, शिक्षा, खेल और दवा क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा हुई।

प्रश्न 4: इस यात्रा की ऐतिहासिक विशेषता क्या रही?
उत्तर: यह 57 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली अर्जेंटीना यात्रा थी।

प्रश्न 5: क्या प्रधानमंत्री मोदी ने प्रवासी भारतीयों से मुलाकात की?
उत्तर: हां, उन्होंने ब्यूनस आयर्स में प्रवासी भारतीय समुदाय से आत्मीय मुलाकात की और उनके योगदान की सराहना की।

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