क्रिया-विशेषण (Adverb): परिभाषा, प्रकार और 100+ उदाहरण

भाषा की संरचना में शब्दों का अपना-अपना विशिष्ट स्थान होता है। वाक्य निर्माण के क्रम में प्रत्येक शब्द किसी न किसी रूप में अर्थ, भाव और अभिप्राय को व्यक्त करता है। भाषा के इन्हीं अंगों में क्रिया-विशेषण (Kriya Visheshan) एक अत्यंत महत्वपूर्ण श्रेणी है। यह न केवल वाक्य में प्रयुक्त क्रिया का विस्तार करता है, बल्कि यह विशेषण, वाक्य तथा अन्य क्रिया-विशेषणों की जानकारी को भी स्पष्ट और अर्थपूर्ण बनाता है। इस प्रकार यह भाषा के अभिव्यक्ति पक्ष को अधिक सटीक, प्रभावशाली और संप्रेषणीय बनाता है।

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क्रिया-विशेषण की संकल्पना

क्रिया-विशेषण (Adverb) हिंदी व्याकरण का एक ऐसा अवयव है, जो क्रिया (Verb), विशेषण (Adjective) अथवा किसी अन्य क्रिया-विशेषण की विशेषता प्रकट करता है। अंग्रेजी में इसे Adverb कहा जाता है। शब्दगत दृष्टि से यह दो शब्दों के मेल से बना है—

  • क्रिया + विशेषण
    अर्थात वह शब्द जो क्रिया को विशेषित करे या उसके अर्थ को और अधिक स्पष्ट करे।

उदाहरण:

  • वह धीरे-धीरे चलता है।
    इस वाक्य में चलता है क्रिया है तथा धीरे-धीरे उस क्रिया की विशेषता बताता है, इसलिए यह शब्द क्रिया-विशेषण है।

क्रिया-विशेषण की परिभाषा

“जो शब्द वाक्य में प्रयुक्त क्रिया की विशेषता को स्पष्ट करें, उन्हें क्रिया-विशेषण कहते हैं।”

उदाहरण:

  • वह जोर से रोता है।
    यहाँ रोता है क्रिया है और जोर से उस क्रिया की रीति या प्रकार बताता है, इसलिए वह क्रिया-विशेषण कहलाता है।

क्रिया-विशेषण की आवश्यकता और उपयोगिता

वाक्यों के अर्थ-अर्थालंकार, भावों की तीव्रता तथा भाषा के संप्रेषणीय पक्ष को परिपूर्ण करने में क्रिया-विशेषण की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। एक साधारण वाक्य क्रिया-विशेषण से प्रभावित होकर और अधिक सजीव, भावपूर्ण और परिशुद्ध स्वरूप धारण कर लेता है।

उदाहरण:

सामान्य वाक्यक्रिया-विशेषण सहित वाक्य
राम बोलता है।राम धीरे-धीरे बोलता है।
वह आए।वह अचानक आए।
सूरज निकला।सूरज धीरे-धीरे निकला।

इन उदाहरणों से स्पष्ट है कि क्रिया-विशेषण वाक्य में गति, समय, स्थान, मात्रा और भाव की स्पष्टता प्रदान करता है।

क्रिया-विशेषण के उदाहरण

कुछ सामान्य उदाहरण:

  • वह कल आपसे मिलेगा।
  • वे पार्टी में जल्दी पहुँच गए।
  • बारिश लगातार हो रही है।
  • छात्र बहुत ध्यान से पढ़ रहे हैं।
  • वह वहाँ बैठा है।
  • रीना बहुत धीरे बोलती है।
  • बच्चे पार्क में खुशी-खुशी खेल रहे थे।
  • वह अभी घर से निकला है।
  • ट्रेन काफी देर से आई।
  • वह हमेशा सच बोलता है।
  • हम कल दिल्ली जाएंगे।
  • छात्र परीक्षा में बेहद सावधानी से लिख रहे थे।
  • मोहन बार-बार वही प्रश्न पूछ रहा है।
  • चिड़िया ऊपर उड़ रही है।
  • वह मेरे घर के पास ही रहता है।
  • सूरज धीरे-धीरे बादलों से बाहर आ रहा है।
  • उसने कहानी गंभीरता से सुनी।
  • बारिश तेज़ी से बढ़ रही है।
  • वह किताब ध्यानपूर्वक पढ़ रहा है।
  • गाड़ी जहाँ-तहाँ खड़ी थीं।
  • वह हमें इतनी जल्दी क्यों बुला रहा है?
  • खिलाड़ी मैदान में लगातार अभ्यास कर रहे हैं।
  • वह शायद आज न आए।
  • छात्र कक्षा में सही तरह से बैठे हैं।
  • राम ने खाना जल्दी में खाया।
  • यह काम कठिनाई से पूरा हुआ।
  • सैनिक सीमा पर बहादुरी से डटे रहे।
  • बच्चा धीरे-धीरे चलना सीख रहा है।
  • शिक्षक ने उसे दुबारा समझाया।
  • उसने उत्तर ठीक से नहीं दिया।

इन उदाहरणों में प्रयुक्त शब्द क्रमशः समय, गति, मात्रा और स्थान को दर्शाते हैं। अतः ये सभी क्रिया-विशेषण के उदाहरण हैं।

क्रिया-विशेषण का वर्गीकरण

हिंदी व्याकरण में क्रिया-विशेषण का वर्गीकरण तीन मुख्य आधारों पर किया जाता है—

  1. अर्थ के आधार पर
  2. प्रयोग के आधार पर
  3. रूप के आधार पर

इन तीनों आधारों में क्रिया-विशेषणों की विभिन्न श्रेणियाँ निर्धारित की गई हैं, जो वाक्य के अर्थ, उद्देश्य और पाठ्य संदर्भ को स्पष्ट बनाती हैं।

अर्थ के आधार पर क्रिया-विशेषण के भेद

अर्थ के अनुसार क्रिया-विशेषण ने मुख्य रूप से निम्नलिखित प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है—

  1. स्थानवाचक क्रिया-विशेषण
  2. कालवाचक क्रिया-विशेषण
  3. परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण
  4. रीतिवाचक क्रिया-विशेषण

1. स्थानवाचक क्रियाविशेषण

स्थान बताने वाले अविकारी शब्द जो किसी क्रिया के होने की जगह या दिशा का ज्ञान कराएं, उन्हें स्थानवाचक क्रियाविशेषण कहा जाता है। ऐसे शब्द वाक्य में इस बात का संकेत देते हैं कि क्रिया कहाँ घटित हो रही है।

सरल परिभाषा

👉 जिन शब्दों से किसी स्थान या लोकेशन का बोध होता है तथा जो क्रिया को विशेषित करते हैं, वे स्थानवाचक क्रियाविशेषण कहलाते हैं।

उदाहरण वाक्य

स्थानवाचक क्रियाविशेषण के उदाहरण वाक्य नीचे दिए जा रहे हैं –

वाक्यक्रियाविशेषण
वह बाहर सो रहा है।बाहर
कनिका यहाँ चल रही है।यहाँ
रामू छत पर खेल रहा है।पर
चूहा जाल में फँस गया।में

स्थान जैसे — यहाँ, वहाँ, ऊपर, नीचे, भीतर, बाहर, आगे, पीछे, पास, दूर आदि शब्द इसी श्रेणी में आते हैं।

स्थान वाचक क्रिया विशेषण के उदाहरण

  • मैंने चाबियाँ यहीं रखीं थीं।
  • वह हर जगह उसे तलाश रहा था।
  • बिल्ली अंदर बैठी है।
  • दुकान सामने है।
  • मंदिर घर के पास ही है।

👉 यहाँ प्रयुक्त शब्द — यहीं, हर जगह, अंदर, सामने, पास — सभी स्थानवाचक क्रियाविशेषण हैं।

स्थान वाचक क्रिया विशेषण के उपभेद

स्थान वाचक क्रिया विशेषण को सामान्यतः निम्न उपभेदों में बाँटा जा सकता है—

उपभेदउदाहरण शब्द
1. स्थितिवाचकवहाँ, यहाँ, बहार, भीतर
2. दिशावाचकदायें, बाएं, इधर, उधर
1️⃣ स्थितिवाचक क्रिया-विशेषण

जो शब्द यह बताते हैं कि कार्य किस स्थान पर हो रहा है, वे स्थितिवाचक कहलाते हैं।

मुख्य शब्द:

वहाँ, यहाँ, बाहर, भीतर

✔ स्पष्ट उदाहरण

  1. राम वहाँ खड़ा है।
    “वहाँ” उस स्थान को बताता है जहाँ राम खड़ा है।
  2. बच्चे यहाँ खेल रहे हैं।
    “यहाँ” बोलने वाले के निकट के स्थान को दर्शाता है।
  3. वह बाहर चली गई।
    “बाहर” बताता है कि वह घर के बाहर किसी स्थान पर गई।
  4. बिल्ली भीतर सो रही है।
    “भीतर” कमरे के अंदर का स्थान बता रहा है।

➡ इन सभी वाक्यों में बोल्ड शब्द क्रिया के स्थान का स्पष्ट बोध कराते हैं।

2️⃣ दिशावाचक क्रिया-विशेषण

ये शब्द बताते हैं कि क्रिया किस दिशा में हो रही है।

मुख्य शब्द:

दाएँ, बाएँ, इधर, उधर

✔ स्पष्ट उदाहरण

  1. गाड़ी दाएँ मुड़ गई।
    “दाएँ” दिशा बता रहा है कि गाड़ी किस ओर मुड़ी।
  2. वह बाएँ तरफ चला गया।
    “बाएँ” दिशा सूचित कर रहा है।
  3. बच्चे इधर आओ।
    “इधर” वक्ता की ओर आने की दिशा दर्शाता है।
  4. लोग उधर जा रहे हैं।
    “उधर” किसी दूर दिशा की ओर जाने का संकेत देता है।

➡ इन शब्दों द्वारा क्रिया की दिशा स्पष्ट रूप से ज्ञात होती है।

सारणी (Table) — स्थानवाचक क्रिया-विशेषण के उपभेद

उपभेदअर्थप्रमुख शब्दउदाहरण वाक्य
स्थितिवाचकक्रिया किस स्थान पर हो रही हैवहाँ, यहाँ, बाहर, भीतरवह यहाँ बैठा है।
दिशावाचकक्रिया किस दिशा में हो रही हैदाएँ, बाएँ, इधर, उधरकार उधर जा रही है।

2. कालवाचक क्रियाविशेषण

वे अव्यय शब्द जो बताते हैं कि क्रिया कब हुई, हो रही है अथवा होगी, वे कालवाचक क्रियाविशेषण कहलाते हैं। ये समय, दिनांक, अवधि या आवृत्ति संबंधी जानकारी देते हैं।

सरल परिभाषा

👉 वे शब्द जिनसे क्रिया के समय का पता चले, उन्हें कालवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।

उदाहरण वाक्य

कालवाचक क्रियाविशेषण के उदाहरण वाक्य नीचे दिए जा रहे हैं –

वाक्यक्रियाविशेषण
खुशी ने सुबह खाना खाया।सुबह
वह यहाँ प्रतिदिन आता है।प्रतिदिन
मैं अभी उससे मिलकर आ रहा हूँ।अभी

इस श्रेणी में — आज, कल, परसों, सदा, प्रतिदिन, कभी-कभी, अभी, पहले, बाद में, फिर, लगातार आदि शब्द आते हैं।

काल वाचक क्रिया विशेषण के उदाहरण

  • मैं उससे कल मिला था।
  • वे जल्द ही वापस आएँगे।
  • हम आज यात्रा पर जा रहे हैं।
  • समस्या का समाधान फौरन चाहिए।
  • वह कभी-कभी देर से आता है।

👉 यहाँ आए शब्द — कल, जल्द ही, आज, फौरन, कभी-कभी — कालवाचक क्रियाविशेष

कालवाचक क्रिया विशेषण के उपभेद

कालवाचक क्रिया विशेषण को सामान्यतः निम्न उपभेदों में बाँटा जा सकता है—

उपभेदउदाहरण शब्द
1. समयवाचकआज, कल, अभी, तुरंत
2. अवधिवाचकआजकल, रातभर, दिनभर, नित्य
3. बारंबारतावाचककईबार, प्रतिदिन, हर बार
1️⃣ समयवाचक क्रिया-विशेषण

जो शब्द स्पष्ट समय बताएं कि कार्य कब हुआ / हो रहा है / होगा, उन्हें समयवाचक कहते हैं।

मुख्य शब्द:

आज, कल, अभी, तुरंत

✔ उदाहरण

  1. वह आज स्कूल जाएगा।
  2. मैं कल तुमसे मिलूँगा।
  3. वह अभी खाना खा रही है।
  4. डॉक्टर तुरंत आ रहे हैं।

➡ इन सभी वाक्यों में बोल्ड शब्द क्रिया के समय को दर्शा रहे हैं।

2️⃣ अवधिवाचक क्रिया-विशेषण

ये शब्द बताते हैं कि कोई कार्य कितनी अवधि (duration) तक हुआ या होता रहा।

मुख्य शब्द:

आजकल, रातभर, दिनभर, नित्य

✔ उदाहरण

  1. वह आजकल नई नौकरी कर रहा है।
  2. बारिश रातभर होती रही।
  3. वह दिनभर पढ़ाई करता है।
  4. वह नित्य योग करती है।

➡ यहाँ सभी शब्द कार्य की कुल अवधि / समयावधि बताते हैं।

3️⃣ बारंबारतावाचक क्रिया-विशेषण

ये शब्द बताते हैं कि कोई कार्य कितनी बार (frequency) होता है।

मुख्य शब्द:

कई बार, प्रतिदिन, हर बार

✔ उदाहरण

  1. मैंने यह बात कई बार समझाई है।
  2. वह प्रतिदिन विद्यालय जाता है।
  3. परीक्षा में वह हर बार सफल होता है।

➡ यहाँ शब्द क्रिया की बारंबारता या दोहराव को दर्शा रहे हैं।

सारणी (Table) — कालवाचक क्रिया-विशेषण के उपभेद
उपभेदअर्थउदाहरण शब्दउदाहरण वाक्य
समयवाचककार्य कब हुआआज, कल, अभीवह अभी आ रहा है।
अवधिवाचककार्य कितनी अवधि तकआजकल, रातभरवह रातभर जागता रहा।
बारम्बारतावाचककार्य कितनी बार हुआकई बार, प्रतिदिनमैंने उसे कई बार समझाया।

3. परिमाणवाचक क्रियाविशेषण

जब कोई क्रियाविशेषण क्रिया के परिमाण, संख्या, गहनता, तीव्रता या सीमा का बोध कराता है, तो वह परिमाणवाचक क्रियाविशेषण कहलाता है।

सरल परिभाषा

👉 वे शब्द जो क्रिया की मात्रा या स्तर दर्शाएँ, वे परिमाणवाचक क्रियाविशेषण कहलाते हैं।

उदाहरण वाक्य

परिमाणवाचक क्रियाविशेषण के उदाहरण वाक्य नीचे दिए जा रहे हैं –

वाक्यक्रियाविशेषण
उसने केवल कुतुबमीनार देखा।केवल
वह बहुत खाता है।बहुत
कमरा पूरी तरह सजाया गया।पूरी तरह

इस श्रेणी में — बहुत, थोड़ा, अत्यधिक, लगभग, केवल, ज्यादा, कुछ-कुछ, काफी, एक-एक करके, आदि शामिल हैं।

परिमाण वाचक क्रिया विशेषण के उदाहरण

  • वह काफी तेज बोल रही है।
  • उसने पहेली लगभग पूरी कर ली।
  • सूप बहुत गर्म था।
  • शिक्षक ने बात स्पष्ट रूप से समझाई।
  • काम पूरी तरह समाप्त हो गया।

👉 यहाँ आए शब्द — काफी, लगभग, बहुत, स्पष्ट रूप से, पूरी तरह — परिमाणवाचक क्रियाविशेषण हैं।

परिमाण वाचक क्रिया विशेषण के उपभेद

परिमाणवाचक क्रिया विशेषण को सामान्यतः निम्न उपभेदों में बाँटा जा सकता है—

उपभेदउदाहरण शब्द
1. अधिकताबोधकबहुत, खूब, अत्यंत, अति
2. न्यूनताबोधककुछ, जरा, थोड़ा, किंचित्
3. पर्यप्तिवोधककाफी, ठीक, बस, यथेष्ट
4. तुलनाबोधककम, अधिक, इतना, उतना
5. श्रेणीवोधकथोड़ा-थोड़ा, बारी-बारी, तिल-तिल
1️⃣ अधिकताबोधक क्रिया-विशेषण

जो शब्द क्रिया की अधिकता (Intensity / High Degree) दर्शाते हैं।

मुख्य शब्द:
बहुत, खूब, अत्यंत, अति

✔ उदाहरण

  1. वह बहुत तेज दौड़ता है।
  2. बच्चे खूब खुश हुए।
  3. मौसम अत्यंत ठंडा हो गया।
  4. उसने अति विनम्रता से उत्तर दिया।

➡ ये सभी शब्द क्रिया की ज्यादा मात्रा या तीव्रता दिखाते हैं।

2️⃣ न्यूनताबोधक क्रिया-विशेषण

ये क्रिया की कम मात्रा या थोड़े स्तर का बोध कराते हैं।

मुख्य शब्द:
कुछ, ज़रा, थोड़ा, किंचित

✔ उदाहरण

  1. वह कुछ उदास लग रहा है।
  2. कृपया ज़रा रुकिए।
  3. पानी थोड़ा बचा है।
  4. बात किंचित देर में समझ आई।

➡ यहाँ पर मात्रा को कम दर्शाया गया है।

3️⃣ पर्याप्तिबोधक क्रिया-विशेषण

ये क्रिया की पर्याप्त (Enough / Sufficient) मात्रा दर्शाते हैं।

मुख्य शब्द:
काफी, ठीक, बस, यथेष्ट

✔ उदाहरण

  1. आपके लिए चाय काफी है।
  2. यह दूरी पैदल चलने के लिए ठीक है।
  3. अब बस, आगे मत बोलो।
  4. भोजन यथेष्ट है।

➡ इन शब्दों से पता चलता है कि मात्रा न अधिक है, न कम — पर्याप्त है।

4️⃣ तुलनाबोधक क्रिया-विशेषण

ये क्रिया की मात्रा का तुलनात्मक बोध कराते हैं—
किसी चीज़ के कम–अधिक, या इतना–उतना होने का।

मुख्य शब्द:
कम, अधिक, इतना, उतना

✔ उदाहरण

  1. वह दूसरों से कम बोलता है।
  2. यह काम पहले से अधिक कठिन है।
  3. तुम इतना क्यों घबरा रहे हो?
  4. मैं उतना खुश नहीं हूँ।

➡ शब्द क्रिया की मात्रा की आपसी तुलना कर रहे हैं।

5️⃣ श्रेणीबोधक क्रिया-विशेषण

ये क्रिया की मात्रा को भागों/स्तरों में बताते हैं।
अर्थात कार्य धीरे-धीरे, टुकड़ों में, क्रम से आदि हो रहा है।

मुख्य शब्द:
थोड़ा-थोड़ा, बारी-बारी, तिल-तिल

✔ उदाहरण

  1. उसने खाना थोड़ा-थोड़ा खाया।
  2. बच्चों ने बारी-बारी से उत्तर दिया।
  3. वह तिल-तिल करके दर्द सहता रहा।

➡ यहाँ पर क्रिया को खंडों या क्रम में किया जाना दर्शाया गया है।

सारणी (Table) — परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण के उपभेद
उपभेदअर्थप्रमुख शब्दउदाहरण
अधिकताबोधकअधिक मात्रा/तीव्रताबहुत, खूब, अत्यंत, अतिवह बहुत तेज दौड़ता है।
न्यूनताबोधककम मात्राकुछ, ज़रा, थोड़ा, किंचितपानी थोड़ा बचा है।
पर्याप्तिबोधकपर्याप्त मात्राकाफी, ठीक, बस, यथेष्टयह खाना काफी है।
तुलनाबोधकतुलना करते हुए मात्राकम, अधिक, इतना, उतनावह दूसरों से कम बोलता है।
श्रेणीबोधकक्रम/भागों में मात्राथोड़ा-थोड़ा, बारी-बारी, तिल-तिलउसने बारी-बारी से उत्तर दिया।

4. रीतिवाचक क्रियाविशेषण

वे शब्द जो क्रिया के करने की रीति, ढंग या स्टाइल बताते हैं, उन्हें रीतिवाचक क्रियाविशेषण कहा जाता है। ये बताते हैं कि क्रिया कैसे की गई।

परिभाषा

👉 वे क्रियाविशेषण जो क्रिया की विधि या प्रक्रिया बताते हैं, उन्हें रीतिवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।

उदाहरण वाक्य

रीतिवाचक क्रियाविशेषण के उदाहरण वाक्य नीचे दिए जा रहे हैं –

वाक्यक्रियाविशेषण
वह तेजी से दौड़ता है।तेजी से
उसने पहेली आसानी से हल की।आसानी से
बच्चे चुपचाप बैठे थे।चुपचाप

इस श्रेणी में — धीरे-धीरे, जोर से, शांति से, सावधानी से, सुंदर ढंग से, धीरे-धीरे, सही से, लगन से, निडरता से आदि शब्द आएंगे।

रीति वाचक क्रिया विशेषण के उदाहरण

  • छात्र ने प्रश्न का उत्तर सही ढंग से दिया।
  • उसने मंच पर शानदार नृत्य किया।
  • उपहार पाकर वह खुशी से मुस्कुराया।
  • सैनिकों ने देश की रक्षा बहादुरी से की।
  • कलाकार ने चित्र बड़ी बारीकी से बनाया।

👉 ये सभी शब्द क्रिया के प्रकार या ढंग का संकेत करते हैं।

रीतिवाचक क्रिया-विशेषण के उपभेद

रीतिवाचक क्रियाविशेषण क्रिया की रीति, तरीका, ढंग, भाव आदि बताते हैं।
इन्हें सामान्यतः निम्न उपभेदों में बाँटा जा सकता है—

उपभेदउदाहरण शब्द
1. ढंगबोधकधीरे, जोर से
2. भावबोधकखुशी से, गुस्से में
3. व्यवहारबोधकआदरपूर्वक, शांति से
4. प्रयोजनबोधकजानबूझकर, अनजाने में
5. क्रमबोधकएक-एक करके
1️⃣ ढंगबोधक रीतिवाचक क्रियाविशेषण

जो क्रिया के सामान्य ढंग (General manner) को दिखाते हों।

मुख्य शब्द:
धीरे, जल्दी, जोर से, चुपचाप, साफ-साफ, ध्यान से

उदाहरण:

  • वह धीरे बोल रहा था।
  • बच्चे ध्यान से पढ़ रहे हैं।
2️⃣ भावबोधक रीतिवाचक क्रियाविशेषण

जो क्रिया के भाव या मन:स्थिति को प्रकट करते हैं।

मुख्य शब्द:
खुशी से, दुखी होकर, गुस्से में, प्रेम से, प्रसन्न होकर

उदाहरण:

  • उसने मुझे खुशी से गले लगाया।
  • वह गुस्से में घर से निकल गया।
3️⃣ व्यवहारबोधक रीतिवाचक क्रियाविशेषण

जो बताते हैं कि व्यक्ति क्रिया को कैसे व्यवहार के साथ कर रहा है।

मुख्य शब्द:
सभ्यता से, बदतमीज़ी से, आदरपूर्वक, शांति से

उदाहरण:

  • उसने शिक्षक से आदरपूर्वक बात की।
  • बच्चे शांति से लाइन में खड़े थे।
4️⃣ प्रयोजनबोधक रीतिवाचक क्रियाविशेषण

जो क्रिया के उद्देश्य/नियत प्रयोजन के ढंग को बताएं।

मुख्य शब्द:
जानबूझकर, अनजाने में, मजबूरी में, आवश्यकतः

उदाहरण:

  • उसने यह काम जानबूझकर किया।
  • मैंने फ़ोन अनजाने में काट दिया।
5️⃣ रीति/क्रमबोधक रीतिवाचक क्रिया-विशेषण

क्रिया किस क्रम या बनावट में की जा रही है, यह बताता है।

मुख्य शब्द:
एक-एक करके, धीरे-धीरे, क्रमशः

उदाहरण:

  • उसने पन्ने एक-एक करके पलटे।
  • बच्चे धीरे-धीरे आगे बढ़े।
सारणी (Table) — रीतिवाचक क्रिया-विशेषण के उपभेद
उपभेदक्या बताते हैंउदाहरण शब्दउदाहरण वाक्य
ढंगबोधकक्रिया का तरीका/ढंगधीरे, जोर सेवह धीरे बोलता है।
भावबोधकभाव, मनोदशाखुशी से, गुस्से मेंउसने मुझे खुशी से देखा।
व्यवहारबोधकव्यवहार/स्वभावआदरपूर्वक, शांति सेउसने आदरपूर्वक उत्तर दिया।
प्रयोजनबोधकउद्देश्य/नियतजानबूझकर, अनजाने मेंउसने यह काम जानबूझकर किया।
क्रमबोधकक्रम/क्रमिक क्रियाएक-एक करकेबच्चों ने एक-एक करके पढ़ा।

प्रयोग के आधार पर क्रिया-विशेषण के प्रकार

हिंदी भाषा में क्रिया-विशेषण का अध्ययन केवल उसके अर्थ या रूप तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके उपयोग अर्थात प्रयोग के आधार पर भी इनका वर्गीकरण किया जाता है। वाक्य में क्रिया-विशेषण किस प्रकार प्रयुक्त हो रहा है और उसका वाक्य में भूमिका क्या है — इसी मानदंड पर इन्हें तीन मुख्य वर्गों में विभाजित किया जाता है। ये तीन प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:

  1. साधारण क्रिया-विशेषण
  2. सयोजक (Conjunctive) क्रिया-विशेषण
  3. अनुबद्ध क्रिया-विशेषण

आइए, इन तीनों की विस्तृत व्याख्या उदाहरण सहित समझते हैं।

1. साधारण क्रिया-विशेषण (Simple Adverb)

साधारण क्रिया-विशेषण वे अविकारी शब्द होते हैं, जिनका प्रयोग वाक्य में सीधे क्रिया से संबंधित होकर होता है। ऐसे क्रिया-विशेषण अकेले प्रयुक्त होते हैं और किसी शब्द या वाक्यांश के सहारे नहीं होते। यह सीधे-सीधे बताता है कि क्रिया कैसे, कब या कितनी मात्रा में हुई।

विशेषताएँ:

  • स्वतंत्र रूप से प्रयुक्त होते हैं।
  • केवल क्रिया से संबंधित रहते हैं।
  • वाक्य में इनके हटने से अर्थ अधूरा हो सकता है।

उदाहरण वाक्य:

वाक्यक्रिया-विशेषणप्रयोग का प्रकार
वह लड़का कहाँ चला गया?कहाँसाधारण
तुम कब आए?कबसाधारण
यह क्या हो गया?क्यासाधारण
बेटा जल्दी आओ।जल्दीसाधारण

इन उदाहरणों में कहाँ, कब, क्या, जल्दी सीधे-सीधे क्रिया के बारे में जानकारी देते हैं, इसलिए ये साधारण क्रिया-विशेषण कहलाते हैं।

2. सयोजक क्रिया-विशेषण (Conjunctive Adverb)

वे क्रिया-विशेषण जो वाक्य में दो उपवाक्यों या विचारों को जोड़ने का कार्य करते हैं, सयोजक क्रिया-विशेषण कहलाते हैं। ये न केवल क्रिया का परिचय देते हैं, बल्कि तर्क, समय या स्थान अनुसार वाक्यों का संबंध भी स्थापित करते हैं।

उदाहरण स्वरूप शब्द:

👉 हालांकि, इसलिए, इसके अलावा, फिर भी, जब-तक… तब-तक, जहाँ… वहाँ आदि

उदाहरण वाक्य:

वाक्यसयोजक क्रिया-विशेषण
जब-तक तुम पहुँचोगे, तब-तक हम जा चुके होंगे।जब-तक… तब-तक
जहाँ तुम खड़े हो, वहाँ पहले पुस्तकालय था।जहाँ… वहाँ
यहाँ लोग रो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग हँस रहे हैं।वहीं

यहाँ प्रयुक्त शब्द न केवल वाक्य को जोड़ रहे हैं, बल्कि क्रिया के साथ संबंध भी बना रहे हैं, इसीलिए इन्हें सयोजक क्रिया-विशेषण कहा जाता है।

3. अनुबद्ध क्रिया-विशेषण (Emphatic/Bonded Adverb)

अनुबद्ध क्रिया-विशेषण वे शब्द हैं जो वाक्य में निश्चय, दृढ़ता, बल या भावात्मक तीव्रता व्यक्त करते हैं। इन्हें वाक्य में कहीं भी रखा जा सकता है, लेकिन इनका कार्य वाक्य में अर्थ को प्रबल बनाना होता है।

विशेषताएँ:

  • वाक्य का भाव प्रबल करते हैं।
  • स्थान परिवर्तन के बावजूद अर्थ समान रहता है।
  • स्वतंत्र रूप से पूर्ण अर्थ नहीं देते।

उदाहरण:

वाक्यक्रिया-विशेषणभाव
कुंभकरण के खाने भर की देर है।खाने भर की देरनिश्चितता/भाव
मेरा काम तो गलत ही हुआ है।हीविशेष जोर

यहाँ “ही” और “बेहद निश्चित अभिव्यक्ति जैसे “खाने भर की देर” वाक्य में भाव की तीव्रता को उभारते हैं। इसलिए वे अनुबद्ध क्रिया-विशेषण माने जाते हैं।

सारांश तालिका

क्रिया-विशेषण का प्रकारपरिभाषाउदाहरण
साधारणसीधे क्रिया से संबंधित स्वतंत्र अव्ययकब, कहाँ, जल्दी
सयोजकदो वाक्यों, उपवाक्यों या भावों को जोड़ता हैइसलिए, फिर भी, जहाँ-वहाँ
अनुबद्धवाक्य में भाव, निश्चितता या बल व्यक्त करता हैही, तो, बस, अवश्य

प्रयोग के आधार पर क्रिया-विशेषणों का वर्गीकरण हिंदी व्याकरण में अत्यंत आवश्यक तत्व है क्योंकि इससे स्पष्ट होता है कि वाक्य में प्रयुक्त अविकारी शब्द किस प्रकार अर्थ, भाव और व्याकरणिक संरचना को प्रभावित करते हैं। चाहे वाक्य में समय का संकेत हो, भाव का जोर हो या विचारों में संबंध स्थापित करना हो — हर स्थिति में क्रिया-विशेषण अपनी विशिष्ट भूमिका निभाते हैं।

रूप के आधार पर क्रिया-विशेषण (Form Based Classification of Kriya Visheshan)

हिंदी व्याकरण में क्रिया-विशेषणों को उनके स्वरूप और संरचना के आधार पर भी वर्गीकृत किया जाता है। यह वर्गीकरण इस बात पर निर्भर करता है कि क्रिया-विशेषण किसी अन्य शब्द से मिलकर बने हैं या वे बिना किसी रूपांतरण के स्वतंत्र रूप में प्रयुक्त होते हैं। रूप के आधार पर क्रिया-विशेषण मुख्य रूप से तीन श्रेणियों में विभाजित किए जाते हैं—

  1. मूल क्रिया-विशेषण
  2. यौगिक क्रिया-विशेषण
  3. स्थानीय क्रिया-विशेषण

इन तीनों प्रकारों की संरचना, उपयोग और उदाहरण नीचे विस्तार से दिए गए हैं।

1. मूल क्रिया-विशेषण (Basic Adverb)

जो शब्द किसी भी संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण से जुड़े बिना ही क्रिया की विशेषता व्यक्त करते हैं, वे मूल क्रिया-विशेषण कहलाते हैं। ये शब्द अपने आप में पूर्ण होते हैं और इन्हें समझने या प्रयोग करने के लिए किसी अन्य शब्द की आवश्यकता नहीं होती। ऐसे शब्द सामान्यतः बोलचाल की भाषा में बहुत अधिक प्रयोग में आते हैं।

इन शब्दों से समय, स्थिति, भाव, दूरी या क्रिया की तीव्रता का बोध होता है।

उदाहरण :

  • अचानक
  • फिर
  • पास
  • दूर
  • नहीं
  • ऊपर
  • ठीक
  • हमेशा
  • आज

उदाहरण वाक्य :

  • वह अचानक गायब हो गया।
  • डॉक्टर ने मरीज को ठीक कर दिया।
  • वह मेरे घर के पास रहता है।

इन वाक्यों में “अचानक”, “ठीक” और “पास” स्वतंत्र रूप से क्रिया की विशेषता बता रहे हैं, अतः ये मूल क्रिया-विशेषण हैं।

2. यौगिक क्रिया-विशेषण (Compound Adverb)

जब दो शब्द (अक्सर संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण या क्रिया) मिलकर एक नया पद बनाते हैं, और वह पद क्रिया की विशेषता प्रकट करता है, तब उसे यौगिक क्रिया-विशेषण कहा जाता है।

ये शब्द संयुक्त रूप में अर्थ देते हैं और प्रायः लिखने-बोलने में अधिक स्पष्टता प्रदान करते हैं।

यौगिक क्रिया-विशेषण कई आधारों पर बनाए जा सकते हैं, जैसे—

(क) संज्ञा से बने यौगिक क्रिया-विशेषण :

  • सवेरे
  • रातभर
  • प्रेमपूर्वक
  • क्रमशः
  • सायंकाल

(ख) सर्वनाम से बने यौगिक क्रिया-विशेषण :

  • यहाँ
  • वहाँ
  • अब
  • जब
  • उतना
  • इससे

(ग) विशेषण से बने यौगिक क्रिया-विशेषण :

  • पहले
  • धीरे
  • चुपके
  • दूसरे

(घ) क्रिया से बने यौगिक क्रिया-विशेषण :

  • खाते-पीते
  • सोते-जागते
  • उठते-बैठते

उदाहरण वाक्य :

  • वह सवेरे टहलने जाता है।
  • बच्चे धीरे-धीरे लिखना सीख रहे हैं।
  • वह यहाँ बैठा था, लेकिन अब दिखाई नहीं दे रहा।

इन वाक्यों में प्रयुक्त शब्द संयुक्त होकर क्रिया की विशेषता बता रहे हैं, इसलिए ये यौगिक क्रिया-विशेषण कहलाते हैं।

तालिका : यौगिक क्रिया-विशेषण के प्रकार और उदाहरण

क्रमांकयौगिक क्रिया-विशेषण का आधारउदाहरण शब्दउदाहरण वाक्यअर्थ एवं व्याख्या
1संज्ञा से बने यौगिक क्रिया-विशेषणसवेरेवह सवेरे टहलने जाता है।“सवेरे” शब्द समय बता रहा है और क्रिया “टहलने” की स्थिति स्पष्ट कर रहा है, इसलिए यह यौगिक क्रिया-विशेषण है।
रातभरउसने रातभर पढ़ाई की।यहाँ “रातभर” पढ़ाई की अवधि बताता है, इसलिए यह यौगिक क्रिया-विशेषण है।
प्रेमपूर्वकवह बच्चों से प्रेमपूर्वक बात करती है।“प्रेमपूर्वक” क्रिया की शैली/भाव दर्शाता है।
क्रमशःछात्र क्रमशः कक्षा से बाहर गए।यह बताता है कि क्रिया क्रम में हुई, इसलिए यह यौगिक क्रिया-विशेषण है।
सायंकालहम सायंकाल मंदिर जाएंगे।यह समय को इंगित करता है और क्रिया को स्पष्ट करता है।
2सर्वनाम से बने यौगिक क्रिया-विशेषणयहाँवह यहाँ बैठा था।“यहाँ” स्थान बताने वाला क्रिया-विशेषण है।
वहाँबच्चे वहाँ खेल रहे हैं।“वहाँ” क्रिया के स्थान को स्पष्ट करता है।
अबवह अब स्कूल जाता है।“अब” समय की स्थिति बताता है।
जबजब बरसात होती है तब हम घर में रहते हैं।“जब” उपवाक्य को जोड़कर क्रिया को समय से जोड़ता है।
उतनावह उतना तेज नहीं दौड़ सकता।“उतना” क्रिया के परिमाण को दर्शाता है।
इससेतुमने इससे बेहतर प्रयास किया।यहाँ तुलना का भाव है, इसलिए यह क्रियाविशेषण है।
3विशेषण से बने यौगिक क्रिया-विशेषणपहलेवह पहले स्कूल पहुंच गया।“पहले” समय व क्रम की जानकारी देता है।
धीरेबच्चे धीरे चल रहे हैं।यह क्रिया की गति बताता है।
चुपकेवह कमरे से चुपके निकल गया।“चुपके” क्रिया की विधि दर्शाता है।
दूसरेवह दूसरे नंबर पर आया।यह क्रम स्पष्ट करता है, अतः क्रियाविशेषण है।
4क्रिया से बने यौगिक क्रिया-विशेषणखाते-पीतेवह खाते-पीते बोलता रहता है।यह दर्शाता है कि बोलने की क्रिया दूसरी क्रिया के साथ हुई।
सोते-जागतेवह सोते-जागते उसी के बारे में सोचता रहा।यह निरंतरता व अवस्था महसूस कराता है।
उठते-बैठतेवह उठते-बैठते शिकायत करता रहा।यह बताता है कि क्रिया बार-बार होती रही।

समग्र निष्कर्ष

यौगिक क्रिया-विशेषण भाषा को अधिक अभिव्यक्तिपूर्ण और प्रभावशाली बनाते हैं। वे न केवल क्रिया को स्पष्ट करते हैं, बल्कि समय, स्थान, मात्रा, शैली और परिस्थिति के अनुसार वाक्य के अर्थ को भी विस्तार देते हैं।

इनका उपयोग विशेष रूप से कहानी, संवाद, निबंध, कविता और औपचारिक लेखन में वाक्य को अधिक स्वाभाविक और अभिव्यक्तिपूर्ण बनाने में होता है।

3. स्थानीय क्रिया-विशेषण (Place-Specific Adverb)

ऐसे क्रिया-विशेषण जिनका स्थान वाक्य में निश्चित होता है और जिनका प्रयोग किसी विशेष स्थिति या स्थान को इंगित करने के लिए किया जाता है, उन्हें स्थानीय क्रिया-विशेषण कहा जाता है। विशेष बात यह है कि इनका स्वरूप व अक्षर-रूप बिना बदले वाक्यांश में प्रयुक्त होता है।

इनका मुख्य उद्देश्य किसी वस्तु, व्यक्ति या क्रिया की स्थिति या स्थान को निर्धारित करना है।

उदाहरण वाक्य :

  • मैंने अपनी जैकेट वहीं रखी थी।
  • खिलौना मेज़ के नीचे गिरा हुआ है।

इन वाक्यों में वहीं और नीचे स्थान का संकेत दे रहे हैं और बिना रूप-परिवर्तन के क्रिया की विशेषता व्यक्त कर रहे हैं, अतः इन्हें स्थानीय क्रिया-विशेषण माना जाता है।

रूप के आधार पर क्रिया-विशेषणों का यह वर्गीकरण हमें यह समझने में सहायता करता है कि भाषा में किसी शब्द की संरचना ही नहीं, बल्कि उसका प्रयोग और स्थान भी उसके अर्थ में परिवर्तन ला सकता है। मूल, यौगिक और स्थानीय क्रिया-विशेषण—all तीन प्रकार—क्रिया और वाक्य की स्पष्टता, प्रभाव और अभिव्यक्ति को अधिक सुगम एवं अर्थपूर्ण बनाते हैं।

विशेषण और क्रिया-विशेषण में अंतर

भाषा-विज्ञान में विशेषण और क्रिया-विशेषण दोनों ही वर्णनात्मक शब्दों की श्रेणी में आते हैं, परंतु उनका कार्य और उपयोग एक-दूसरे से भिन्न होता है। विशेषण जहाँ संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताता है, वहीं क्रिया-विशेषण क्रिया, विशेषण या स्वयं किसी अन्य क्रिया-विशेषण की विशेषता बताता है।

इस अंतर को समझने के लिए दोनों की परिभाषा, प्रयोग तथा उदाहरणों को विस्तार से समझना आवश्यक है।

अर्थ के आधार पर अंतर

मानकविशेषण (Adjective)क्रिया-विशेषण (Adverb)
अर्थवह शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम को विशेषता प्रदान करता है।वह शब्द जो क्रिया, विशेषण या अन्य क्रिया-विशेषण की विशेषता बताता है।
मुख्य उद्देश्यव्यक्ति, वस्तु या स्थान के गुण, रूप, आकार, रंग, अवस्था आदि की जानकारी देना।क्रिया की शैली, समय, स्थान, मात्रा, कारण, आवृत्ति आदि की जानकारी देना।

व्याकरणीय भूमिका के आधार पर अंतर

विशेषणक्रिया-विशेषण
यह संज्ञा या सर्वनाम के साथ प्रयोग किया जाता है।यह क्रिया, विशेषण या अन्य क्रिया-विशेषण के साथ प्रयोग होता है।
वाक्य में संज्ञा के पूर्व या बाद में आता है।वाक्य में क्रिया के बाद, पहले या कभी-कभी वाक्य के मध्य में आता है।

उदाहरणों के आधार पर अंतर

विशेषण सहित वाक्यक्रिया-विशेषण सहित वाक्य
यह काली गाय है।यह काली गाय शांति से चर रही है।
नरेंद्र अच्छा वक्ता है।नरेंद्र बहुत अच्छा बोलता है।
उस पेड़ पर लाल फल लगे हैं।उस पेड़ पर फल जल्दी पकते हैं।
वह सुंदर लड़की है।वह धीरे-धीरे चल रही है।
यह लंबा कुत्ता है।यह कुत्ता बहुत तेजी से दौड़ता है।

प्रश्नों के उत्तर देने की क्षमता के आधार पर अंतर

विशेषणक्रिया-विशेषण
यह प्रश्नों का उत्तर देता है — कैसा? कितने? किस प्रकार का?यह प्रश्नों का उत्तर देता है — कब? कहाँ? कैसे? कितने स्तर तक? कितनी बार?

उदाहरण:

  • विशेषण: यह घर बड़ा है। → (कैसा घर?)
  • क्रिया-विशेषण: यह घर बहुत दूर है। → (कहाँ? कितनी दूरी?)

परिवर्तन क्षमता के आधार पर अंतर

विशेषणक्रिया-विशेषण
विशेषण वचन, लिंग और कारक के अनुसार बदल सकता है। जैसे— अच्छा, अच्छी, अच्छे, अच्छा-सासामान्यतः क्रिया-विशेषण अपरिवर्तनीय होता है; इसका रूप नहीं बदलता। जैसे— जल्दी, बहुत, कम, अधिक

निष्कर्ष

विशेषण और क्रिया-विशेषण दोनों वर्णनात्मक शब्द हैं लेकिन इनके प्रयोग का क्षेत्र अलग है।

  • विशेषण व्यक्ति या वस्तु के स्वरूप और गुण का परिचय देता है।
  • क्रिया-विशेषण क्रिया की रीति, समय, स्थान या मात्रा को स्पष्ट करता है।

इस प्रकार, क्रिया-विशेषण वाक्य को अधिक सूचना-प्रधान, स्पष्ट और अभिव्यक्तिपूर्ण बनाता है जबकि विशेषण संज्ञा को अधिक जीवंत, अर्थपूर्ण और विशिष्ट बनाता है।

भाषा में क्रिया-विशेषण का महत्व

क्रिया-विशेषण न केवल वाक्य में क्रिया का पूरक होता है, बल्कि अर्थ की सूक्ष्मता, भाव की गहनता और संप्रेषण की प्रभावशीलता को भी बढ़ाता है। इसके प्रयोग से भाषा अधिक अभिव्यक्तिपूर्ण बनती है।

उदाहरण लेकर समझें—

  • वह हँसा। (साधारण अर्थ)
  • वह तेज आवाज़ में हँसा। (अधिक स्पष्ट अर्थ)
  • वह बहुत जोर से हँसा। (अर्थ की चरम स्पष्टता)

इन वाक्यों में क्रिया-विशेषण के प्रयोग का स्तर बढ़ने के साथ अभिव्यक्ति और अर्थ स्पष्ट होते जाते हैं।

क्रिया-विशेषण के प्रकार — सारणी (Table Form)

क्रमांकक्रिया-विशेषण का प्रकारउपप्रकार / आधारविवरणउदाहरण शब्दउदाहरण वाक्य
1अर्थ के आधार पर क्रिया-विशेषणअर्थ के अनुसार क्रिया की विशेषता बताते हैं।
➤ स्थानवाचक (Place Adverb)स्थान के बारे में बताता है।यहाँ, वहाँ, नीचे, पासवह वहीं खड़ा है।
➤ कालवाचक (Time Adverb)समय के बारे में बताता है।आज, कल, अभी, पहलेवह कल आएगा।
➤ परिमाणवाचक (Quantity Adverb)मात्रा या सीमा बताता है।बहुत, थोड़ा, अधिकवह बहुत तेज बोलता है।
➤ रीतिवाचक (Manner Adverb)क्रिया के करने की शैली बताता है।धीरे, जल्दी, चुपचापवह धीरे-धीरे चलता है।
2प्रयोग के आधार पर क्रिया-विशेषणवाक्य में उपयोग की स्थिति के आधार पर।
➤ साधारण क्रिया-विशेषणस्वतंत्र रूप से प्रयुक्त होते हैं।कब, कहाँ, जल्दीवह कब आएगा?
➤ संयोजक क्रिया-विशेषणउपवाक्यों को जोड़ते हुए क्रिया की विशेषता बताते हैं।जहाँ, जब तक, इसलिएजहाँ तुम थे, वहाँ मैं भी था।
➤ अनुबद्ध क्रिया-विशेषणनिश्चय या भाव व्यक्त करते हैं।ही, भर, मात्रयह काम तुमसे ही होगा।
3रूप के आधार पर क्रिया-विशेषणशब्दों की बनावट पर आधारित।
➤ मूल क्रिया-विशेषणबिना परिवर्तन के क्रिया-विशेषण।आज, फिर, ऊपरवह आज नहीं आएगा।
➤ यौगिक क्रिया-विशेषणदो शब्दों से मिलकर बनते हैं।धीरे-धीरे, खाते-पीतेवह धीरे-धीरे लिखता है।
➤ स्थानीय क्रिया-विशेषणस्थान को सूचित करते हैं और वाक्य में स्थिर रहते हैं।वहीं, नीचेकिताब नीचे रख दो।

अतिरिक्त उदाहरण (Extra Sample Sentences)

वाक्यप्रयुक्त क्रिया-विशेषण
बच्चा खुशी-खुशी खेल रहा है।खुशी-खुशी (रीतिवाचक)
वह हमेशा सच बोलता है।हमेशा (कालवाचक)
ट्रेन काफी देर से आई।काफी (परिमाणवाचक)
वह शायद आज न आए।शायद (अनुबद्ध)
शिक्षक ने मुझे दोबारा समझाया।दोबारा (कालवाचक)

क्रिया-विशेषण के सभी निर्दिष्ट प्रकार — उदाहरणों के साथ

क्रमवाक्यप्रकार (ऊपर वर्णित नाम के अनुसार)
1वह यहाँ बैठा है।स्थानवाचक क्रिया-विशेषण
2किताब ऊपर रखी है।स्थानवाचक क्रिया-विशेषण
3वे गाँव के बाहर रहते हैं।स्थानवाचक क्रिया-विशेषण
4हम नीचे चलेंगे।स्थानवाचक क्रिया-विशेषण
5तुम पास ही ठहरो।स्थानवाचक क्रिया-विशेषण
6वह कल आएगा।कालवाचक क्रिया-विशेषण
7वह आज स्कूल नहीं गया।कालवाचक क्रिया-विशेषण
8मैं अभी आ रहा हूँ।कालवाचक क्रिया-विशेषण
9वह कभी देर नहीं करता।कालवाचक क्रिया-विशेषण
10हम जल्द ही मिलेंगे।कालवाचक क्रिया-विशेषण
11उसने बहुत मेहनत की।परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण
12वह थोड़ा काम करेगा।परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण
13आज मौसम काफी खराब है।परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण
14वह लगभग जीत गया।परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण
15वह कम बोलता है।परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण
16वह धीरे चलता है।रीतिवाचक क्रिया-विशेषण
17बच्चे जोर से चिल्ला रहे हैं।रीतिवाचक क्रिया-विशेषण
18शिक्षक शांति से पढ़ा रहे हैं।रीतिवाचक क्रिया-विशेषण
19वह सुंदरता से नाचती है।रीतिवाचक क्रिया-विशेषण
20वह चुपचाप बैठा रहा।रीतिवाचक क्रिया-विशेषण
21वह कहाँ गया?साधारण क्रिया-विशेषण
22तुम कब लौटोगे?साधारण क्रिया-विशेषण
23तुम क्यों हँस रहे हो?साधारण क्रिया-विशेषण
24क्या अब भी दर्द है?साधारण क्रिया-विशेषण
25जल्दी अंदर आओ।साधारण क्रिया-विशेषण
26जब तक तुम पढ़ोगे, तब तक पास हो जाओगे।सयोंजक क्रिया-विशेषण
27जहाँ चाह, वहाँ राह।सयोंजक क्रिया-विशेषण
28जैसे को तैसासयोंजक क्रिया-विशेषण
29जब बारिश होगी, तब ठंड बढ़ेगी।सयोंजक क्रिया-विशेषण
30मैंने जहां देखा, वहां कुछ नहीं था।सयोंजक क्रिया-विशेषण
31वह तो आया ही नहीं।अनुबद्ध क्रिया-विशेषण
32तुमने जरूर कुछ गलत कहा है।अनुबद्ध क्रिया-विशेषण
33उसने ही सारी समस्या हल की।अनुबद्ध क्रिया-विशेषण
34मैंने तो पहले ही कहा था।अनुबद्ध क्रिया-विशेषण
35यह काम बिल्कुल ठीक हुआ है।अनुबद्ध क्रिया-विशेषण
36वह आज बाहर गया।मूल क्रिया-विशेषण
37वह पास खड़ा है।मूल क्रिया-विशेषण
38हमें फिर कोशिश करनी चाहिए।मूल क्रिया-विशेषण
39वह अचानक चिल्लाया।मूल क्रिया-विशेषण
40वह तुरंत लौट आया।मूल क्रिया-विशेषण
41वह सवेरे उठता है।यौगिक क्रिया-विशेषण
42बच्चे रातभर सोए रहे।यौगिक क्रिया-विशेषण
43वह प्रेमपूर्वक बोलता है।यौगिक क्रिया-विशेषण
44वे क्रमशः पुरस्कार जीतते गए।यौगिक क्रिया-विशेषण
45हम मन से काम करें।यौगिक क्रिया-विशेषण
46किताब वहीं रखी है।स्थानीय क्रिया-विशेषण
47गेंद नीचे लुढ़की।स्थानीय क्रिया-विशेषण
48वह वहीं खड़ा रहा।स्थानीय क्रिया-विशेषण
49बैग अंदर रखा है।स्थानीय क्रिया-विशेषण
50फाइल ऊपर रख दो।स्थानीय क्रिया-विशेषण
51वहाँ से हट जाओ।स्थानवाचक क्रिया-विशेषण
52बाद में मैं आऊँगा।कालवाचक क्रिया-विशेषण
53उसने ज़्यादा नहीं खाया।परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण
54वह तेजी से भागा।रीतिवाचक क्रिया-विशेषण
55तुम अब आओ।साधारण क्रिया-विशेषण
56यदि तुम पढ़ोगे, तो सफल हो जाओगे।सयोंजक क्रिया-विशेषण
57उसने ही सबको चौंकाया।अनुबद्ध क्रिया-विशेषण
58वह कभी नहीं झूठ बोलता।मूल क्रिया-विशेषण
59वह पहले आएगा।यौगिक क्रिया-विशेषण
60केक नीचे रख दो।स्थानीय क्रिया-विशेषण

ऊपर दी गई तालिका क्रिया-विशेषण के सभी प्रकारों को एक साथ समझने में सहायक है। इससे विद्यार्थी आसानी से पहचान सकते हैं कि किस स्थिति में कौन-सा क्रिया-विशेषण प्रयोग होता है।

निष्कर्ष

क्रिया-विशेषण हिंदी व्याकरण का एक अनिवार्य अंग है, जो वाक्य में क्रिया, विशेषण या अन्य क्रिया-विशेषण की विशेषता बताता है। इसका प्रयोग भाषा को अधिक सटीक, सौंदर्यपूर्ण और प्रभावी बनाता है। बिना क्रिया-विशेषण के भाषा यंत्रवत्, सीमित और भावहीन प्रतीत होती है, जबकि इसके प्रयोग से अभिव्यक्ति में अर्थ की गहराई और भाव सौंदर्य दोनों विकसित होते हैं।


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