डिजिटल युग में प्रत्येक संगठन को अपनी प्रक्रियाओं को आधुनिक बनाने और नई तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता होती है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भी इस डिजिटल क्रांति में पीछे नहीं है। हाल ही में, लंदन में आयोजित एक समारोह में भारतीय रिजर्व बैंक को डिजिटल परिवर्तन पुरस्कार (Digital Transformation Award) से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार केंद्रीय बैंकिंग (Central Banking) संस्था द्वारा प्रदान किया गया, जो दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों की प्रगति और नवाचार को मान्यता देती है। इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से यह प्रमाणित होता है कि RBI ने अपने कार्यों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। विशेष रूप से ‘सारथी’ (Sarthi) और ‘प्रवाह’ (Pravaah) नामक दो प्रमुख डिजिटल पहलों ने इस परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
सारथी (Sarthi) पहल | डिजिटल दक्षता की ओर कदम
शुरुआत और उद्देश्य
भारतीय रिजर्व बैंक ने जनवरी 2023 में ‘सारथी’ पहल की शुरुआत की। इस पहल का मुख्य उद्देश्य RBI के आंतरिक कार्यप्रवाह (Internal Workflows) को डिजिटल बनाना था। हिंदी में ‘सारथी’ शब्द का अर्थ ‘रथ का चालक’ होता है, जो इस पहल की भूमिका को दर्शाता है। यह प्रणाली RBI के कर्मचारियों को अधिक प्रभावी और सुगम कार्य करने में सहायता प्रदान करती है।
प्रमुख विशेषताएँ
- सुरक्षित दस्तावेज़ प्रबंधन: यह प्रणाली कर्मचारियों को दस्तावेज़ों को सुरक्षित रूप से स्टोर और साझा करने की सुविधा प्रदान करती है।
- रिकॉर्ड प्रबंधन में सुधार: दस्तावेज़ों को सुव्यवस्थित रूप से संग्रहीत करने और महत्वपूर्ण डेटा को व्यवस्थित रखने की क्षमता बढ़ाई गई है।
- डेटा विश्लेषण में सहायक: रिपोर्ट और डैशबोर्ड के माध्यम से डेटा विश्लेषण को सरल बनाया गया है।
- व्यापक पहुंच: यह पहल 13,500 से अधिक कर्मचारियों को 40 से अधिक स्थानों पर समर्थन प्रदान करती है।
प्रवाह (Pravaah) पहल | पारदर्शी और दक्ष नियामक प्रक्रिया
शुरुआत और उद्देश्य
मई 2024 में लॉन्च की गई ‘प्रवाह’ पहल का मुख्य उद्देश्य बाहरी नियामक अनुप्रयोगों (Regulatory Applications) को डिजिटल रूप से सुव्यवस्थित करना है। हिंदी में ‘प्रवाह’ का अर्थ है ‘सुव्यवस्थित प्रवाह’, जो इस प्रणाली की कार्यप्रणाली को प्रतिबिंबित करता है। इस पहल को विशेष रूप से नियामक अनुप्रयोगों के लिए पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
प्रमुख विशेषताएँ
- सारथी के साथ सहज एकीकरण: प्रवाह को इस प्रकार डिज़ाइन किया गया है कि यह RBI की पहले से मौजूद डिजिटल प्रणाली सारथी के साथ आसानी से एकीकृत हो सके।
- बेहतर दक्षता और पारदर्शिता: 70 से अधिक नियामक अनुप्रयोगों के लिए कार्यप्रणाली को पारदर्शी और अधिक प्रभावी बनाया गया है।
सारथी और प्रवाह | भारतीय रिजर्व बैंक के डिजिटल परिवर्तन में भूमिका
आवेदनों में उल्लेखनीय वृद्धि
प्रवाह प्रणाली के लॉन्च के बाद से मासिक आवेदनों में 80% की वृद्धि दर्ज की गई है। यह प्रमाणित करता है कि RBI की नई डिजिटल प्रणाली को सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है और इससे बैंकिंग प्रक्रियाएँ अधिक सुलभ और प्रभावी बन रही हैं।
कागजी कार्यवाही में कमी
पारंपरिक कागज आधारित प्रणाली में प्रक्रियाओं को पूरा करने में अधिक समय लगता था और इसमें विलंब होने की संभावना अधिक रहती थी। प्रवाह पहल ने इस समस्या को हल करते हुए कागजी कार्यवाही को कम किया है और प्रक्रियाओं को त्वरित और डिजिटल बनाया है।
डिजिटल पहल के लाभ
- सरल और सुव्यवस्थित आवेदन प्रक्रिया: इन दोनों पहलों के माध्यम से आवेदन प्रक्रिया को सरल और त्वरित बनाया गया है।
- रियल-टाइम ट्रैकिंग: अब आवेदक और RBI प्रबंधक अपने आवेदनों की स्थिति को वास्तविक समय में ट्रैक कर सकते हैं, जिससे पारदर्शिता और दक्षता में सुधार हुआ है।
- संगठनात्मक दक्षता में सुधार: RBI की कार्यप्रणाली अधिक संगठित और डिजिटल रूप से उन्नत हो गई है।
भारतीय रिजर्व बैंक की ‘सारथी’ और ‘प्रवाह’ जैसी डिजिटल पहलें न केवल इसकी कार्यक्षमता को आधुनिक बना रही हैं, बल्कि यह देश के डिजिटल इंडिया मिशन में भी योगदान दे रही हैं। डिजिटल परिवर्तन पुरस्कार (Digital Transformation Award) प्राप्त करना इस बात का प्रमाण है कि RBI अपने कार्यों को और अधिक पारदर्शी, दक्ष और डिजिटल रूप से संगठित करने में सफल रहा है। भविष्य में भी, RBI डिजिटल नवाचारों को अपनाकर बैंकिंग और वित्तीय प्रणाली को और अधिक प्रभावी और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने की दिशा में प्रयासरत रहेगा।
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