माउंट लेवोटोबी लकी-लकी | फ्लोरेस द्वीप पर ज्वालामुखी विस्फोट की दहला देने वाली गाथा

इंडोनेशिया के फ्लोरेस द्वीप पर स्थित माउंट लेवोटोबी लकी-लकी (Mount Lewotobi Lakilaki) एक बार फिर चर्चा में आ गया है। इस बार कारण था इसका अत्यंत शक्तिशाली ज्वालामुखी विस्फोट, जिसने न केवल स्थानीय आबादी को प्रभावित किया, बल्कि वैश्विक भूवैज्ञानिक समुदाय का भी ध्यान आकर्षित किया। इस विस्फोट से उत्पन्न राख का स्तंभ 11 किलोमीटर की ऊंचाई तक आकाश में उठ गया, जो इसकी तीव्रता और प्रभाव को दर्शाता है।

माउंट लेवोटोबी की परिचयात्मक झलक

माउंट लेवोटोबी इंडोनेशिया के ईस्ट नूसा तेंगारा प्रांत (East Nusa Tenggara Province) में स्थित एक युगल ज्वालामुखी संरचना है, जो स्ट्रैटोवोल्केनो की श्रेणी में आता है। इसका नाम ही इसकी संरचना और स्थानीय मान्यताओं को प्रकट करता है – “Lewotobi” का अर्थ है पति और पत्नी। इस क्षेत्र में दो अलग-अलग लेकिन निकटवर्ती ज्वालामुखी शिखर स्थित हैं: Lewotobi Lakilaki (पुरुष) और Lewotobi Perempuan (स्त्री)

भौगोलिक और भूगर्भीय विशेषताएँ

स्थान और क्षेत्रीय स्थिति

फ्लोरेस द्वीप, जो इंडोनेशियाई द्वीपसमूह का एक हिस्सा है, प्रशांत महासागर के ‘Ring of Fire’ अर्थात ‘आग की अंगूठी’ पर स्थित है। यह क्षेत्र विश्व के सबसे अधिक सक्रिय ज्वालामुखीय और भूकंपीय क्षेत्रों में से एक है। यह रिंग ऑफ फायर हजारों किलोमीटर तक फैला है और इसमें सैकड़ों सक्रिय ज्वालामुखी शामिल हैं। इंडोनेशिया इस पट्टी पर स्थित सबसे प्रमुख देशों में से एक है, जहाँ नियमित रूप से ज्वालामुखीय गतिविधियाँ होती रहती हैं।

जुड़वां ज्वालामुखी: Lewotobi Lakilaki और Lewotobi Perempuan

Lewotobi Lakilaki (पुरुष):

  • ऊँचाई: 1584 मीटर
  • समिट क्रेटर की चौड़ाई: 400 मीटर
  • यह उत्तर दिशा में खुला हुआ है और ऐतिहासिक रूप से अधिक सक्रिय माना जाता है।
  • इसमें 19वीं और 20वीं शताब्दी में कई बार विस्फोट दर्ज किए गए हैं।

Lewotobi Perempuan (स्त्री):

  • ऊँचाई: 1703 मीटर
  • क्रेटर की चौड़ाई: लगभग 700 मीटर
  • इसके विस्फोट अपेक्षाकृत कम हुए हैं – ऐतिहासिक रिकॉर्ड में केवल दो बार इसका सक्रिय होना दर्ज किया गया है।

इन दोनों ज्वालामुखियों के बीच की दूरी लगभग 2 किलोमीटर है और इनके बीच स्थित सैडल (संधिबिंदु) की ऊँचाई 1232 मीटर है। यह संरचना उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व दिशा में फैली हुई है।

स्ट्रैटोवोल्केनो: एक परिचय

स्ट्रैटोवोल्केनो या मिश्रित ज्वालामुखी ऐसे पर्वत होते हैं जो परत दर परत ज्वालामुखीय राख, लावा और अन्य ज्वालामुखीय मलबे के जमाव से बनते हैं। इनकी खासियत होती है – तीव्र विस्फोट, उच्च राख स्तंभ और लावा प्रवाह की विविधता। Lewotobi जैसे स्ट्रैटोवोल्केनो अक्सर अस्थिर और खतरनाक माने जाते हैं।

2025 का विस्फोट: घटना का विवरण

वर्ष 2025 में Lewotobi Lakilaki में जो विस्फोट हुआ, वह वैज्ञानिकों और आपदा प्रबंधन एजेंसियों के लिए एक गंभीर चेतावनी साबित हुआ। इस विस्फोट में:

  • आकाश में राख का स्तंभ लगभग 11 किलोमीटर की ऊँचाई तक पहुँचा।
  • हवा में सल्फर डाइऑक्साइड और अन्य गैसों की उपस्थिति से वायुमंडलीय प्रदूषण बढ़ा।
  • निकटवर्ती गांवों में राख की परतें जम गईं, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ।
  • स्थानीय प्रशासन ने आसपास के गांवों को अस्थायी रूप से खाली करवाया।

इंडोनेशियाई ज्वालामुखी और भूगर्भीय संकट न्यूनीकरण एजेंसी (PVMBG) ने इस विस्फोट को स्तर 3 (Siaga) यानी ‘उच्च सतर्कता’ श्रेणी में रखा।

इतिहास में माउंट लेवोटोबी की सक्रियता

Lewotobi Lakilaki ऐतिहासिक रूप से काफी सक्रिय रहा है। ज्वालामुखी विज्ञानियों के अनुसार, 19वीं और 20वीं शताब्दी में कई बार इसने लावा उगलने और राख फैलाने की घटनाओं को जन्म दिया। वहीं Lewotobi Perempuan की सक्रियता तुलनात्मक रूप से बहुत कम रही है, लेकिन यह भी विस्फोट की क्षमता रखता है, जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता।

20वीं शताब्दी के दौरान दोनों समिट क्रेटरों में लावा डोम (Lava Dome) का निर्माण देखा गया था। यह डोम धीरे-धीरे बनते हैं और फिर तीव्र विस्फोट का कारण बन सकते हैं, जिससे ज्वालामुखी अस्थिर हो जाता है।

नाम की सांस्कृतिक व्याख्या: “Lewotobi”

इंडोनेशियाई स्थानीय समुदायों में ज्वालामुखियों को केवल प्राकृतिक संरचना नहीं माना जाता, बल्कि उनके साथ सांस्कृतिक और धार्मिक विश्वास भी जुड़े होते हैं। “Lewotobi” का अर्थ ही ‘पति-पत्नी’ होता है – यह नाम दो ज्वालामुखियों की भौगोलिक युगल रचना को दर्शाने के साथ-साथ स्थानीय लोककथाओं और मान्यताओं का भी प्रतिनिधित्व करता है।

कुछ कहानियों में इन ज्वालामुखियों को देवी-देवताओं का निवास स्थान माना गया है, जहाँ बलिदान और पूजा की पारंपरिक पद्धतियाँ आज भी जीवित हैं। Lewotobi Lakilaki को पुरुषत्व और शक्ति का प्रतीक माना जाता है, जबकि Lewotobi Perempuan को मातृत्व, जीवन और प्रकृति की कोमलता से जोड़ा जाता है।

स्थानीय प्रभाव और आपदा प्रबंधन

इस विस्फोट के कारण सैकड़ों लोगों को स्थानांतरित करना पड़ा। कृषि पर भारी प्रभाव पड़ा क्योंकि राख ने खेतों को ढक लिया, जिससे फसलें नष्ट हो गईं। जल स्रोतों में राख मिल जाने से जल आपूर्ति भी प्रभावित हुई। स्थानीय प्रशासन और आपातकालीन सेवाओं ने त्वरित कार्यवाही करते हुए:

  • अस्थायी शिविर स्थापित किए।
  • राशन, पीने का पानी, मास्क और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कीं।
  • वैज्ञानिक निगरानी और चेतावनी प्रणाली को सक्रिय किया।

इंडोनेशिया की सरकार ने इस क्षेत्र को विशेष निगरानी क्षेत्र घोषित किया है और भविष्य के विस्फोटों को लेकर सतर्कता बढ़ाई गई है।

भविष्य की आशंकाएँ और वैज्ञानिक दृष्टिकोण

Lewotobi की हालिया सक्रियता यह संकेत देती है कि इसके भीतर अभी भी मैग्मा गतिविधियाँ जारी हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि:

  • पुनः विस्फोट की संभावना बनी हुई है।
  • क्षेत्रीय भूकंपीय गतिविधियों से इसका संबंध हो सकता है।
  • जलवायु पर भी इसका असर दिख सकता है – जैसे अस्थायी वैश्विक ठंडक (Volcanic Winter)।

वैश्विक परिप्रेक्ष्य में माउंट लेवोटोबी

हाल के वर्षों में क्लाइमेट मॉडल और उपग्रह प्रेक्षण ने यह दर्शाया है कि ज्वालामुखी विस्फोट का असर केवल स्थानीय नहीं बल्कि वैश्विक होता है। यदि राख स्तंभ स्ट्रैटोस्फीयर तक पहुँचता है, तो वह सूर्य के प्रकाश को अवरुद्ध कर सकता है, जिससे ग्लोबल कूलिंग की स्थिति उत्पन्न होती है।

Lewotobi का हालिया विस्फोट इसी दिशा में एक अध्ययन का विषय बन गया है।

माउंट लेवोटोबी लकी-लकी की यह घटना एक प्राकृतिक चेतावनी है। यह दर्शाता है कि हम चाहे कितनी भी तकनीकी प्रगति क्यों न कर लें, प्रकृति की शक्तियाँ अब भी अपार और अपरिभाषित हैं। इसके साथ ही यह घटना यह भी दर्शाती है कि विज्ञान, प्रशासन और समुदायों को मिलकर ज्वालामुखीय जोखिम से निपटने की तैयारी करनी चाहिए।

Lewotobi एक जीवंत उदाहरण है – जहां भूगर्भ, संस्कृति और मानवीय जीवन एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं। ऐसे ज्वालामुखियों का अध्ययन केवल वैज्ञानिक रुचि का विषय नहीं बल्कि सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन को समझने का एक द्वार है।

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