भारत में संसदीय समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, जो शासन के विभिन्न पहलुओं की निगरानी और मूल्यांकन करती हैं। इनमें से एक प्रमुख समिति है लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee – PAC), जो सरकार के व्यय की समीक्षा करती है और यह सुनिश्चित करती है कि सार्वजनिक धन का सही और कुशल उपयोग हो रहा है या नहीं। हाल ही में, लोक लेखा समिति ने स्वदेश दर्शन योजना के कमजोर कार्यान्वयन को लेकर केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की आलोचना की है।
लोक लेखा समिति | परिचय
स्थापना और उद्देश्य
लोक लेखा समिति भारत की सबसे पुरानी संसदीय समिति है, जिसकी स्थापना 1921 में की गई थी। इसका प्रमुख उद्देश्य सरकार के राजस्व और व्यय की लेखा जांच करना और यह सुनिश्चित करना है कि सार्वजनिक धन का कुशल और वैध तरीके से उपयोग हो रहा है। समिति यह भी सुनिश्चित करती है कि संसद द्वारा स्वीकृत धनराशि सही तरीके से खर्च की जा रही है।
मुख्य कार्य
लोक लेखा समिति के कार्य निम्नलिखित हैं:
- नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की सरकारी व्यय पर ऑडिट रिपोर्ट की जांच करना।
- यह सुनिश्चित करना कि सरकार द्वारा खर्च की गई धनराशि निर्धारित उद्देश्यों के लिए ही प्रयोग हो रही है।
- वित्तीय अनियमितताओं, हानियों और सरकारी खर्च में अक्षमताओं की जांच करना।
- सरकारी विभागों द्वारा की गई अनुचित वित्तीय गतिविधियों और कुप्रबंधन को उजागर करना।
सदस्यता और संगठन
लोक लेखा समिति के कुल 22 सदस्य होते हैं:
- 15 सदस्य लोकसभा से।
- 7 सदस्य राज्यसभा से।
अध्यक्ष:
- परंपरागत रूप से लोकसभा का एक विपक्षी सांसद समिति का अध्यक्ष होता है।
कार्यकाल:
- समिति के सदस्यों का कार्यकाल एक वर्ष का होता है।
- किसी भी मंत्री को लोक लेखा समिति का सदस्य नहीं बनाया जा सकता।
स्वदेश दर्शन योजना | पर्यटन को बढ़ावा देने की एक पहल
योजना का परिचय
भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पर्यटन मंत्रालय द्वारा 2015 में स्वदेश दर्शन योजना की शुरुआत की गई थी। इसका उद्देश्य सतत और जिम्मेदार पर्यटन स्थलों का विकास करना और थीम आधारित पर्यटन सर्किट तैयार करना था।
वित्तपोषण और क्रियान्वयन
- 100% केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित योजना है।
- पर्यटन मंत्रालय राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन और केंद्रीय एजेंसियों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
- पर्यटन स्थलों के संचालन और रखरखाव (Operation & Maintenance – O&M) की जिम्मेदारी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों की होती है।
मुख्य विशेषताएँ
- थीम आधारित पर्यटन सर्किट का विकास: विभिन्न विषयों पर आधारित पर्यटन सर्किट तैयार करना, जैसे कि धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक पर्यटन।
- बुनियादी ढांचे का विकास: पर्यटन स्थलों पर सड़कें, साइनबोर्ड, पार्किंग और सार्वजनिक सुविधाओं का निर्माण करना।
- इको-पर्यटन और धरोहर संरक्षण: पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखते हुए पर्यटन का विकास।
- स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना: रोजगार और व्यापार के अवसर पैदा करना।
लोक लेखा समिति द्वारा स्वदेश दर्शन योजना की समीक्षा और आलोचना
हाल ही में लोक लेखा समिति ने स्वदेश दर्शन योजना के कार्यान्वयन को लेकर केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की आलोचना की। समिति ने इस योजना के निष्पादन और धन के उपयोग में पाई गई कमियों को उजागर किया।
प्रमुख समस्याएँ और आलोचनाएँ
- परियोजनाओं में देरी:
- कई पर्यटन स्थलों पर परियोजनाएँ समय पर पूरी नहीं हो पाईं।
- धीमी गति के कारण वित्तीय संसाधनों का कुशल उपयोग नहीं हो सका।
- धन के उपयोग में अनियमितताएँ:
- कई राज्यों में आवंटित धनराशि का उचित उपयोग नहीं किया गया।
- परियोजनाओं की लागत में अनावश्यक बढ़ोतरी देखी गई।
- संरक्षण और रखरखाव में लापरवाही:
- योजना के तहत विकसित किए गए पर्यटन स्थलों की उचित देखभाल राज्य सरकारों द्वारा नहीं की गई।
- कई स्थानों पर बुनियादी ढांचे का रखरखाव नहीं किया गया, जिससे वे जल्द ही खराब हो गए।
- स्थानीय समुदायों की भागीदारी की कमी:
- पर्यटन स्थलों के विकास में स्थानीय लोगों को शामिल नहीं किया गया।
- इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को उतना लाभ नहीं मिला जितना कि अपेक्षित था।
समाधान और सुझाव
लोक लेखा समिति की रिपोर्ट के आधार पर, स्वदेश दर्शन योजना को सफल बनाने के लिए निम्नलिखित सुधार किए जा सकते हैं:
- परियोजनाओं की समयबद्धता सुनिश्चित की जाए:
- परियोजनाओं की नियमित निगरानी और रिपोर्टिंग प्रणाली विकसित की जाए।
- धनराशि के उपयोग में पारदर्शिता:
- आवंटित धन के सटीक उपयोग की निगरानी के लिए एक स्वतंत्र निकाय बनाया जाए।
- CAG द्वारा नियमित ऑडिट किया जाए।
- संरक्षण और रखरखाव में सुधार:
- राज्य सरकारों को पर्यटन स्थलों के देखरेख और रखरखाव के लिए जवाबदेह बनाया जाए।
- निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा दिया जाए।
- स्थानीय समुदायों की भागीदारी:
- पर्यटन स्थलों के विकास में स्थानीय लोगों को शामिल किया जाए ताकि वे रोजगार और व्यावसायिक अवसर प्राप्त कर सकें।
लोक लेखा समिति का कार्य सरकार के वित्तीय प्रबंधन की जांच करना और उसमें सुधार लाना है। स्वदेश दर्शन योजना एक महत्वपूर्ण पहल है जो भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई थी, लेकिन इसके कार्यान्वयन में कई कमियाँ पाई गई हैं। लोक लेखा समिति द्वारा उठाए गए मुद्दों को ध्यान में रखते हुए योजना के कार्यान्वयन में पारदर्शिता, समयबद्धता और स्थानीय भागीदारी को सुनिश्चित करना आवश्यक है। यदि ये सुधार किए जाते हैं, तो स्वदेश दर्शन योजना वास्तव में भारत के पर्यटन क्षेत्र को नई ऊँचाइयों तक ले जा सकती है।
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इन्हें भी देखें –
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- वैज्ञानिक नाम | जीव-जंतु, फल, फूल, सब्जी आदि