हंतावायरस एक दुर्लभ लेकिन गंभीर संक्रामक रोग है, जो मुख्य रूप से कृन्तकों (Rodents) के माध्यम से फैलता है। हाल ही में, ऑस्कर विजेता अभिनेता जीन हैकमैन की पत्नी बेट्सी अराकावा की मृत्यु हंतावायरस से जुड़ी एक श्वसन संबंधी बीमारी के कारण हुई, जिसने इस वायरस के बारे में जागरूकता को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। यह वायरस विशेष रूप से हंतावायरस पल्मोनरी सिंड्रोम (Hantavirus Pulmonary Syndrome – HPS) का कारण बन सकता है, जो घातक हो सकता है।
हंतावायरस क्या है?
हंतावायरस वायरसों के एक समूह का नाम है, जो मनुष्यों में गंभीर श्वसन और गुर्दे की बीमारियों का कारण बन सकता है। यह संक्रमण अधिकतर चूहों और अन्य कृन्तकों द्वारा फैलता है और संक्रमित व्यक्ति के लिए घातक साबित हो सकता है। यह वायरस मुख्य रूप से अमेरिका, एशिया और यूरोप के कुछ हिस्सों में अधिक सक्रिय है।
हंतावायरस कैसे फैलता है?
हंतावायरस मुख्य रूप से कृन्तकों (चूहों- Deer mice, Rice rats, White-footed mice, Cotton rats) के माध्यम से फैलता है। निम्नलिखित तरीके इसके संक्रमण के प्रमुख स्रोत हैं –
- एरोसोल संक्रमण (Aerosol Transmission): जब संक्रमित चूहों की बीट, मूत्र या लार सूखकर हवा में मिल जाती है, तो मनुष्य इसे सांस के द्वारा ग्रहण कर सकते हैं। यह संक्रमण का सबसे सामान्य तरीका है।
- संक्रमित वस्तुओं का स्पर्श (Direct Contact): यदि कोई व्यक्ति संक्रमित वस्तुओं को छूने के बाद अपनी आँखें, नाक या मुँह छू लेता है, तो यह संक्रमण फैल सकता है।
- कृन्तकों (चूहों) के काटने से (Rodent Bites): हालांकि यह दुर्लभ होता है, लेकिन यदि संक्रमित चूहा किसी व्यक्ति को काटता है, तो यह वायरस सीधे रक्त प्रवाह में प्रवेश कर सकता है।
- खाद्य या पानी के माध्यम से (Food and Water Contamination): यदि भोजन या पानी संक्रमित कृन्तकों (चूहों) के संपर्क में आता है, तो इसका सेवन करने से भी संक्रमण हो सकता है।
हंतावायरस पल्मोनरी सिंड्रोम (HPS) के लक्षण
हंतावायरस पल्मोनरी सिंड्रोम (HPS) एक गंभीर श्वसन संक्रमण है, जो तेजी से विकसित होता है। इसके लक्षण आमतौर पर दो चरणों में प्रकट होते हैं:
प्रारंभिक लक्षण
- बुखार (Fever)
- ठंड लगना (Chills)
- सिरदर्द (Headache)
- मांसपेशियों में दर्द (Muscle Pain)
- थकान (Fatigue)
- उल्टी और दस्त (Vomiting & Diarrhea)
गंभीर लक्षण
- श्वसन संकट (Respiratory Distress)
- फेफड़ों में तरल पदार्थ का संचय (Fluid Buildup in Lungs)
- रक्तचाप में गिरावट (Low Blood Pressure)
- हृदय गति में तेज़ी (Increased Heart Rate)
- मृत्यु की संभावना (Risk of Death)
हंतावायरस नेफ्रोपैथी सिंड्रोम (HFRS)
कुछ मामलों में, हंतावायरस गुर्दे को प्रभावित कर सकता है, जिससे हेमोरेजिक फीवर विद रीनल सिंड्रोम (Hemorrhagic Fever with Renal Syndrome – HFRS) हो सकता है। इसके लक्षणों में शामिल हैं:
- तेज बुखार
- पेट और पीठ में दर्द
- कमर दर्द
- गुर्दे की खराबी
- रक्तस्राव की समस्या
हंतावायरस संक्रमण का निदान
हंतावायरस संक्रमण की पुष्टि के लिए निम्नलिखित परीक्षण किए जा सकते हैं:
- रक्त परीक्षण (Blood Test): एंटीबॉडी की उपस्थिति की जांच की जाती है।
- पीसीआर टेस्ट (PCR Test): वायरस के जेनेटिक मटेरियल की पहचान करने के लिए किया जाता है।
- फेफड़ों का एक्स-रे (Chest X-ray): यह फेफड़ों में तरल पदार्थ के संचय की जांच के लिए किया जाता है।
- यूरिन टेस्ट (Urine Test): यह गुर्दे की कार्यक्षमता की जांच करने के लिए किया जाता है।
हंतावायरस संक्रमण का उपचार
वर्तमान में हंतावायरस संक्रमण के लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है। इसका उपचार लक्षणों को नियंत्रित करने और रोगी को सहायता प्रदान करने पर केंद्रित है।
- गंभीर देखभाल (Intensive Care):
- जिन मरीजों को HPS होता है, उन्हें गहन देखभाल इकाइयों (ICU) में भर्ती करने की आवश्यकता हो सकती है।
- श्वसन सहायता के लिए यांत्रिक वेंटिलेशन (Mechanical Ventilation) की आवश्यकता हो सकती है।
- सहायक चिकित्सा (Supportive Therapy):
- तरल पदार्थ संतुलन बनाए रखना।
- ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करना।
- संक्रमण के अन्य संभावित जटिलताओं का इलाज करना।
हंतावायरस संक्रमण की रोकथाम
चूंकि हंतावायरस के लिए कोई विशेष टीका या इलाज उपलब्ध नहीं है, इसलिए रोकथाम ही सबसे प्रभावी तरीका है।
- कृन्तकों (चूहों) की संख्या को नियंत्रित करें:
- घरों में चूहों की संख्या को सीमित करें।
- भोजन और पानी के स्रोतों को ढककर रखें।
- घर और आसपास के क्षेत्रों को स्वच्छ रखें।
- संक्रमित क्षेत्रों से बचाव:
- चूहों की बीट या मूत्र की सफाई करते समय मास्क और दस्ताने पहनें।
- संदिग्ध स्थानों की सफाई से पहले हवा को ताज़ा करने के लिए दरवाजे और खिड़कियाँ खोलें।
- सुरक्षित सफाई के तरीके अपनाएं:
- चूहे की बीट को सीधे झाड़ू से न साफ करें, क्योंकि इससे वायरस हवा में फैल सकता है।
- सफाई के लिए 10% ब्लीच और पानी का मिश्रण उपयोग करें।
- कृन्तकों के प्रवेश के सभी संभावित रास्ते बंद करें:
- दरवाजों, खिड़कियों और पाइपों के चारों ओर की दरारों को सील करें।
- घर की नींव के आसपास की जगहों को चूहों से मुक्त रखें।
हंतावायरस एक गंभीर और संभावित घातक संक्रमण है, जो कृन्तकों के माध्यम से फैलता है। उचित सावधानी और रोकथाम के उपाय अपनाकर इससे बचा जा सकता है। चूहों से संपर्क से बचाव, सफाई के उचित तरीके अपनाना और संक्रमण के लक्षणों को पहचानकर शीघ्र चिकित्सा सहायता लेना अत्यंत आवश्यक है। इस घातक वायरस के प्रति सतर्कता और जागरूकता ही इसका सबसे प्रभावी बचाव है।
Student Zone – KnowledgeSthali
Current Affairs – KnowledgeSthali
इन्हें भी देखें –
- ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2025 | भारत की ऐतिहासिक जीत
- वैश्विक आतंकवाद सूचकांक 2025 | Global Terrorism Index (GTI)
- केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) | भारत की महत्वपूर्ण संरचनाओं का सुरक्षा प्रहरी
- AI कोष | भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के नवाचार को नई दिशा
- विटिलिगो (Vitiligo) | सफेद दाग – कारण, प्रकार और उपचार
- वैश्विक आतंकवाद सूचकांक 2025 | Global Terrorism Index (GTI)
- केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) | भारत की महत्वपूर्ण संरचनाओं का सुरक्षा प्रहरी
- AI कोष | भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के नवाचार को नई दिशा
- विटिलिगो (Vitiligo) | सफेद दाग – कारण, प्रकार और उपचार
- अंतरिक्ष मलबा | बढ़ती वैश्विक चिंता