गोदान उपन्यास | भाग 20 – मुंशी प्रेमचंद
20.फागुन अपनी झोली में नवजीवन की विभूति लेकर आ पहुँचा था। आम के पेड़ दोनों हाथों से बौर के सुगन्ध ...
गोदान उपन्यास | भाग 19 – मुंशी प्रेमचंद
19.मिरज़ा खुर्शेद का हाता क्लब भी है, कचहरी भी, अखाड़ा भी। दिन भर जमघट लगा रहता है। मुहल्ले में अखाड़े ...
गोदान उपन्यास | भाग 18 – मुंशी प्रेमचंद
18.खन्ना और गोविन्दी में नहीं पटती। क्यों नहीं पटती, यह बताना कठिन है। ज्योतिष के हिसाब से उनके ग्रहों में ...
गोदान उपन्यास | भाग 17 – मुंशी प्रेमचंद
17.गाँव में ख़बर फैल गयी कि राय साहब ने पंचों को बुलाकर ख़ूब डाँटा और इन लोगों ने जितने रुपए ...
CorelDRAW | 1989- Present
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राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दिवस | महत्वपूर्ण दिन और तारीखें 2025
हर महीने में कुछ महत्वपूर्ण दिन और तारीखें होती हैं, जो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दिवस रूप में जानी जाती हैं। ...
गोदान उपन्यास | भाग 16 – मुंशी प्रेमचंद
16.राय साहब को ख़बर मिली कि इलाक़े में एक वारदात हो गयी है और होरी से गाँव के पंचों ने ...
गोदान उपन्यास | भाग 15 – मुंशी प्रेमचंद
15.मालती बाहर से तितली है, भीतर से मधुमक्खी। उसके जीवन में हँसी ही हँसी नहीं है, केवल गुड़ खाकर कौन ...
मंगल ग्रह पर पहुचने वाले देश | Countries leading in Mars Exploration
मंगल ग्रह, सूर्य से चौथा ग्रह, आकार और दिन-रात की चक्रवात में पृथ्वी के समान होता है, इसलिए इसे अन्वेषण ...
गोदान उपन्यास | भाग 14 – मुंशी प्रेमचंद
14.होरी की फ़सल सारी की सारी डाँड़ की भेंट हो चुकी थी। वैशाख तो किसी तरह कटा, मगर जेठ लगते-लगते ...
गोदान उपन्यास | भाग 13 – मुंशी प्रेमचंद
13.गोबर अँधेरे ही मुँह उठा और कोदई से बिदा माँगी। सबको मालूम हो गया था कि उसका ब्याह हो चुका ...
गोदान उपन्यास | भाग 12 – मुंशी प्रेमचंद
12.रात को गोबर झुनिया के साथ चला, तो ऐसा काँप रहा था, जैसे उसकी नाक कटी हुई हो। झुनिया को ...
गोदान उपन्यास | भाग 11 – मुंशी प्रेमचंद
11.ऐसे असाधारण कांड पर गाँव में जो कुछ हलचल मचना चाहिए था, वह मचा और महीनों तक मचता रहा। झुनिया ...
गोदान उपन्यास | भाग 10 – मुंशी प्रेमचंद
10.हीरा का कहीं पता न चला और दिन गुज़रते जाते थे। होरी से जहाँ तक दौड़धूप हो सकी की; फिर ...
गोदान उपन्यास | भाग 9 – मुंशी प्रेमचंद
9.प्रातःकाल होरी के घर में एक पूरा हंगामा हो गया। होरी धनिया को मार रहा था। धनिया उसे गालियाँ दे ...