भारतीय संविधान के स्त्रोत और उनके विविध प्रावधान

भारतीय संविधान, जिसे संविधान सभा द्वारा निर्मित और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया, दुनिया के सबसे विस्तृत और सुव्यवस्थित संविधानों में से एक है। भारतीय संविधान की संरचना और इसमें शामिल प्रावधान विभिन्न देशों के संविधानों और कानूनी प्रणालियों से प्रेरित हैं। संविधान सभा ने संविधान में 395 अनुच्छेद, 22 भाग, 8 अनुसूचीयां तथा 14 भाषाएं शामिल की थीं। वर्तमान में, भारतीय संविधान में 395 (445) अनुच्छेद, 22 भाग, 12 अनुसूचीयां और 22 भाषाएं हैं। इस संविधान को बनाने में विभिन्न देशों के संविधानों से प्रावधान लिए गए हैं, जिससे यह एक संपूर्ण और विस्तृत दस्तावेज़ बन सका। भारतीय संविधान के स्त्रोतों (विभिन्न देशों से लिए गए प्रमुख प्रावधानों) और उनके भारतीय संविधान में शामिल प्रावधानों पर एक विस्तृत विवरण आगे दिया गया है –

इंग्लैंड से लिए गए प्रावधान

  • इकहरी नागरिकता: भारतीय संविधान इंग्लैंड की तरह एक ही नागरिकता प्रदान करता है।
  • विधि का शासन: संविधान में कानून का शासन सुनिश्चित किया गया है।
  • कानून निर्माण की प्रक्रिया: संसद में कानून बनाने की प्रक्रिया इंग्लैंड से ली गई है।
  • संसदीय शासन प्रणाली: भारत में संसदीय प्रणाली है जहां प्रधानमंत्री और उनकी मंत्रिपरिषद संसद के प्रति उत्तरदायी होते हैं।
  • राष्ट्रपति पद की औपचारिक स्थिति: राष्ट्रपति की स्थिति प्रमुखतः औपचारिक है, जैसे इंग्लैंड में राजा की।
  • मंत्री मंडलीय शासन: मंत्रिमंडल सामूहिक रूप से संसद के प्रति उत्तरदायी है।
  • नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक: इस पद का प्रावधान इंग्लैंड से लिया गया है।
  • सांसदों एवं विधायकों के विशेषाधिकार: संसद और विधानसभाओं के सदस्यों को विशेषाधिकार प्राप्त हैं।
  • राष्ट्रपति की क्षमादान शक्ति: राष्ट्रपति को अपराधियों को क्षमा करने की शक्ति दी गई है।

अमेरिका से लिए गए प्रावधान

  • मौलिक अधिकार: भारतीय संविधान ने मौलिक अधिकारों की अवधारणा अमेरिका से ली है।
  • न्यायिक सर्वोच्चता: न्यायपालिका की सर्वोच्चता का प्रावधान भी अमेरिका से लिया गया है।
  • न्यायिक पुनरावलोकन: भारतीय न्यायपालिका को कानूनों की संवैधानिकता की समीक्षा करने की शक्ति अमेरिका से मिली है।
  • उपराष्ट्रपति का पद: उपराष्ट्रपति का पद भी अमेरिकी संविधान से प्रेरित है।
  • न्यायाधीशों को हटाने की प्रक्रिया: न्यायाधीशों को हटाने की स्पष्ट प्रक्रिया।
  • महाभियोग की प्रक्रिया: राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की प्रक्रिया अमेरिका से ली गई है।
  • लोकतंत्र: लोकतांत्रिक प्रणाली का प्रावधान भी अमेरिका से लिया गया है।
  • संघात्मक शासन: संघात्मक शासन प्रणाली के प्रावधान भी अमेरिकी संविधान से प्रेरित हैं।
  • वितीय आपातकाल: विशेष परिस्थितियों में वितीय आपातकाल की घोषणा।
  • सेनाओं का सर्वोच्च कमाण्डर: संविधान के तहत राष्ट्रपति सेनाओं का सर्वोच्च कमाण्डर।

फ्रांस से लिए गए प्रावधान

  • गणतंत्र: भारत को एक गणराज्य बनाने की अवधारणा फ्रांस से ली गई है, जिसमें राष्ट्राध्यक्ष जनता द्वारा निश्चित समय के लिए अप्रत्यक्ष रूप से चुना जाता है और यह पद वंशानुगत नहीं है।

कनाडा से लिए गए प्रावधान

  • संघीय शासन व्यवस्था: संघीय शासन की अवधारणा कनाडा से ली गई है।
  • अतिविशिष्ट शक्तियां केंद्र के अधीन: विशेष शक्तियां केंद्र सरकार के अधीन रखी गई हैं।
  • यूनियन ऑफ स्टेट्स: राज्यों के संघ की अवधारणा कनाडा से ली गई है।
  • राष्ट्रपति का सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श: राष्ट्रपति का सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श लेना भी कनाडा से प्रेरित है।

पूर्व सोवियत संघ (रूस) से लिए गए प्रावधान

  • मौलिक कर्तव्य: भारतीय नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों का प्रावधान सोवियत संघ से लिया गया है।
  • पंचवर्षीय योजनाएं: आर्थिक विकास की पंचवर्षीय योजनाओं की अवधारणा भी सोवियत संघ से ली गई है।
  • समाजवाद: समाजवाद की अवधारणा सोवियत संघ से ली गई है।

जर्मनी से लिए गए प्रावधान

  • राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियां: आपातकालीन स्थितियों में राष्ट्रपति को विशेष शक्तियां देने का प्रावधान जर्मनी से लिया गया है।

आयरलैंड से लिए गए प्रावधान

  • नीति निर्देशक तत्व: संविधान में नीति निर्देशक तत्वों का समावेश आयरलैंड से लिया गया है।
  • राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल: राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल की व्यवस्था भी आयरलैंड से ली गई है।
  • राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा में 12 सदस्यों को मनोनीत करना: राज्यसभा में 12 सदस्यों को मनोनीत करने का प्रावधान आयरलैंड से प्रेरित है।

दक्षिण अफ्रीका से लिए गए प्रावधान

  • संविधान में संशोधन की प्रक्रिया: संविधान में संशोधन की प्रक्रिया दक्षिण अफ्रीका से ली गई है।
  • राज्यसभा के सदस्यों का निर्वाचन: राज्यसभा के सदस्यों के निर्वाचन की प्रक्रिया भी दक्षिण अफ्रीका से ली गई है।

ऑस्ट्रेलिया से लिए गए प्रावधान

  • समवर्ती सूची: समवर्ती सूची का प्रावधान (केंद्र और राज्य दोनों के लिए एक संयुक्त सूची) ऑस्ट्रेलिया से लिया गया है।
  • प्रस्तावना की भाषा: संविधान की प्रस्तावना।
  • संसद की संयुक्त बैठक: दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की व्यवस्था।

जापान से लिए गए प्रावधान

  • विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया: कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया का प्रावधान।

1935 का भारत शासन अधिनियम

  • भारतीय संविधान का सबसे बड़ा एकाकी स्त्रोत, जिससे लगभग 2/3 भाग लिया गया है।
  • अधिवक्ता आइबर जेनिंग्स द्वारा इसे “वकीलों का स्वर्ग” कहा गया है।

भारतीय संविधान विभिन्न देशों के संविधानों के तत्वों का समावेश करके एक व्यापक और संतुलित दस्तावेज बना है, जो न केवल भारत की विविधता को सम्मानित करता है, बल्कि देश के विकास और प्रगति के लिए एक मजबूत आधार भी प्रदान करता है।

भारतीय संविधान के स्त्रोत और उनके प्रावधानों की सारणी

स्रोत देशप्रावधान
इग्लैण्ड– इकहरी नागरीकता
– विधि का शासन
– कानून निर्माण की प्रक्रिया
– संसदीय शासन प्रणाली
– राष्ट्रपति पद की औपचारिक स्थिति
– मंत्री मण्डलीय शासन और सामूहिक उतरदायित्व
– नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक
– सांसदों एवं विधायकों के विशेषाधिकार
– राष्ट्रपति की क्षमादान शक्ति
अमेरिका– मौलिक अधिकार
– न्यायिक सर्वोच्चता और न्यायिक पुनरावलोकन
– उपराष्ट्रपति का पद
– महाभियोग की प्रक्रिया
– लोकतंत्र
– न्यायाधीशों को हटाने की प्रक्रिया
– वितीय आपातकाल
– सेनाओं का सर्वोच्च कमाण्डर
– संघात्मक शासन
फ्रांस– गणतंत्र: राष्ट्राध्यक्ष जनता द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से चुना जाता है और पद वंशानुगत नहीं होता
कनाडा– संघीय शासन व्यवस्था
– अतिविशिष्ट शक्तियाँ केंद्र के अधीन
– युनियन ऑफ स्टेट्स
– राष्ट्रपति का सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श
पूर्व सोवियत संघ (रूस)– मौलिक कर्तव्य
– पंचवर्षीय योजनाएँ
– समाजवाद
जर्मनी– राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियाँ
आयरलैंड– नीति निर्देशक तत्व
– राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल की व्यवस्था
– राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा में 12 सदस्यों का मनोनयन
दक्षिण अफ्रीका– संविधान संशोधन की प्रक्रिया
– राज्यसभा के सदस्यों का निर्वाचन
ऑस्ट्रेलिया– समवर्ती सूची
– प्रस्तावना की भाषा
– संसद की संयुक्त बैठक
जापान– विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया
1935 का भारत शासन अधिनियम– भारतीय संविधान का सबसे बड़ा एकाकी स्त्रोत
– अधिवक्ता आइबर जेनिंग्स ने इसे “वकीलों का स्वर्ग” कहा

Polity – KnowledgeSthali


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