रेगिस्तान वह भूमि क्षेत्र होते हैं, जो अत्यधिक शुष्क और बंजर होते हैं, जहाँ वर्षा बहुत कम होती है। ऐसे किसी भी भूमि क्षेत्र को रेगिस्तान माना जाता है जहाँ वार्षिक वर्षा 250 मिमी (10 इंच) से कम होती है। ये भूमि क्षेत्र अत्यधिक गर्म, ठंडे या समुद्री जलवायु के प्रभाव में हो सकते हैं। यह क्षेत्र पौधे और पशु जीवन के लिए प्रतिकूल हो जाता है। वनस्पति की कमी के कारण भूमि की असुरक्षित सतह अनाच्छादन की स्थिति में आ जाती है।
पृथ्वी की सतह का लगभग एक तिहाई भाग शुष्क या अर्ध-शुष्क है। इन क्षेत्रों में अधिकांश पृथ्वी के ध्रुवीय क्षेत्र भी शामिल हैं, जहां कम वर्षा होती है, इन क्षेत्रों को ध्रुवीय मरुस्थल या “शीतल मरुस्थल” कहा जाता है। मरुस्थलों में प्रतिकूल परिस्थियाँ होने के बावजूद भी यहाँ विभिन्न प्रकार के पौधे और जानवर रहते हैं, जो अपनी जीवित रहने की क्षमता के कारण इन कठिन परिस्थितियों में अपने अस्तित्व को बनाए रखते हैं।
रेगिस्तान (मरुस्थल) किसे कहते हैं?
रेगिस्तान (मरुस्थल) पृथ्वी के वे भू-भाग होते हैं जहां जलवायु अत्यधिक शुष्क होती है और वर्षा की मात्रा बहुत कम होती है। जिन क्षेत्रों में साल भर में 250 मिमी (10 इंच) से कम वर्षा होती है उन क्षेत्रों को रेगिस्तान अथवा मरुस्थल माना जाता है। वर्षा कम होने के कारण से ये क्षेत्र बंजर और सूखे होते हैं, और इनमें जीवन के लिए कठिन परिस्थितियाँ होती हैं। रेगिस्तान न केवल गर्म होते हैं, बल्कि कुछ क्षेत्रों में बहुत ठंडे भी हो सकते हैं। इनकी जलवायु और पर्यावरणीय परिस्थितियाँ अन्य क्षेत्रों से भिन्न होती हैं। रेगिस्तान पृथ्वी के लगभग एक-तिहाई हिस्से में फैले हुए हैं, और ये पारिस्थितिकी तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं।
रेगिस्तान की विशेषता उसकी शुष्कता होती है, जहाँ पानी की कमी के कारण जीवन के लिए उपयुक्त परिस्थितियाँ नहीं होतीं। यह विशेष रूप से पौधों और जानवरों के लिए चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि पानी की कमी इनकी जीवनधारा को प्रभावित करती है। हालांकि, यह धारणा कि रेगिस्तान जीवन के लिए पूरी तरह से अनुपयुक्त होते हैं, गलत है। इन क्षेत्रों में जीवन के विभिन्न रूप जैसे की सूखा सहन करने वाले पौधे, पशु और कीटों का अस्तित्व होता है, जो इन कठोर परिस्थितियों में जीवित रहते हैं।
रेगिस्तान की विभिन्न प्रकार की जलवायु होती है – अरीड (गर्म और शुष्क), सेमी-अरीड (सर्दियाँ ठंडी और कुछ वर्षा के साथ), तटीय (मौसम हल्का होता है, लेकिन शुष्क होता है) और ठंडे रेगिस्तान (जहां अधिकांश वर्षा बर्फ के रूप में होती है)। इन विभिन्न प्रकार के रेगिस्तानों का तापमान, मौसम और वर्षा की दर भिन्न होती है, और इनके पारिस्थितिकी तंत्र भी विभिन्न प्रकार के होते हैं। उदाहरण के लिए, सहारा रेगिस्तान अरीड (गर्म और शुष्क) है, जबकि अंटार्कटिका और ग्रीनलैंड के क्षेत्र ठंडे रेगिस्तान के रूप में पहचाने जाते हैं, जहाँ बर्फबारी अधिक होती है।
इस प्रकार, रेगिस्तान पृथ्वी के विशेष भाग होते हैं जहां जलवायु अत्यधिक शुष्क और कठोर होती है, और यहां जीवन को अनुकूलित करने के लिए विशेष प्रकार की जीवविज्ञानिक प्रक्रियाएँ और अस्तित्व के उपाय होते हैं। यह पारिस्थितिकी तंत्र का एक अनिवार्य हिस्सा होते हैं और पृथ्वी के पर्यावरणीय संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
मरुस्थल निर्माण की प्रक्रिया
मरुस्थल का निर्माण मुख्यतः अपक्षय प्रक्रियाओं द्वारा होता है। दिन और रात के तापमान में बड़े अंतर के कारण चट्टानों पर तनाव पड़ता है, और ये चट्टानें धीरे-धीरे टूटकर टुकड़ों में बदल जाती हैं। साथ ही यहाँ पर वर्षा बहुत कम अथवा नगण्य होती है।
मरुस्थल अथवा रेगिस्तान का सामान्य स्वरूप, गुण व विशेषता
मरुस्थल का प्रमुख गुण यह है कि इनमें वर्षा बहुत कम होती है। इसके साथ ही ये क्षेत्र निम्नलिखित विशेषताओं से युक्त होते हैं:
- विरल आबादी: मरुस्थल में आबादी का घनत्व बहुत कम होता है।
- नगण्य वनस्पति: यहाँ वनस्पति बहुत कम होती है और अक्सर कांटेदार पौधों का प्रभुत्व होता है।
- जल के स्त्रोतों की कमी: मरुस्थलों में जलस्रोतों का अभाव होता है। जलापूर्ति से अधिक वाष्पीकरण होने के कारण जल की कमी रहती है।
- रेत और पत्थरों का प्रभुत्व: मरुस्थल का केवल 20% भाग रेतीला होता है। शेष क्षेत्र पत्थरों और चट्टानों से ढका होता है।
- तापमान में विविधता: मरुस्थलों में दैनिक तापमान में बहुत भिन्नता होती है। दिन में तापमान बहुत अधिक होता है और रात में यह काफी कम हो जाता है।
- सतह संरचना: अधिकांश मरुस्थल समतल होते हैं। कुछ में रेत के टीले भी होते हैं, जो बनते और नष्ट होते रहते हैं।
मरुस्थल का वर्गीकरण
मरुस्थलों अथवा रेगिस्तानों को विभिन्न कारकों के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है, जैसे गिरने वाली वर्षा की मात्रा, प्रचलित तापमान, मरुस्थलीकरण के कारण, या उनकी भौगोलिक स्थिति। मरुस्थलों का निर्माण अपक्षय प्रक्रियाओं द्वारा होता है, जो चट्टानों को तोड़-फोड़कर टुकड़ों में बदल देती हैं। मरुस्थल अथवा रेगिस्तान को निम्न प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है –
- जालपत की दृष्टि से
- तापमान की दृष्टि से
- वृष्टि छाया क्षेत्र की दृष्टि से
- पर्वतीय क्षेत्र की दृष्टि से
1. जलपात की दृष्टि से
जलपात का अर्थ है वर्षा और हिमपात की कुल मात्रा। यदि किसी क्षेत्र का वार्षिक जलपात 200 मिलिमीटर से भी कम हो, तो वह क्षेत्र अत्यधिक शुष्क कहलाता है। इसके अलावा, 250-500 मिलिमीटर तक के क्षेत्र को मध्यम शुष्क क्षेत्रों में वर्गीकृत किया जा सकता है।
2. तापमान की दृष्टि से
मरुस्थलों को तापमान के आधार पर निम्नलिखित प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
- उष्ण कटिबंधीय मरुस्थल: ये क्षेत्र अत्यधिक गर्म और शुष्क होते हैं। उदाहरण: सहारा मरुस्थल।
- उपोष्ण कटिबंधीय मरुस्थल: इनमें गर्मी और ठंड का संतुलन होता है। उदाहरण: थार मरुस्थल।
- शीत कटिबंधीय मरुस्थल: ये क्षेत्र ठंडे मौसम वाले होते हैं। उदाहरण: गोबी मरुस्थल।
3. वृष्टिछाया क्षेत्र
जब एक विशाल पर्वत वर्षा के बादलों को आगे बढ़ने से रोकता है, तो पर्वत के दूसरी ओर का क्षेत्र वृष्टिहीन हो जाता है। इसे वृष्टिछाया क्षेत्र कहते हैं। इस प्रकार के क्षेत्र भी मरुस्थलों में शामिल होते हैं।
4. पर्वतीय क्षेत्र
अत्यधिक ऊंचे पर्वतों पर, जैसे हिमालय, वर्षा नहीं होती, और इन्हें भी मरुस्थलों की श्रेणी में रखा जाता है।
रेगिस्तान (मरुस्थल) के प्रकार
रेगिस्तान (मरुस्थल) पृथ्वी के उन क्षेत्रों में होते हैं जो अत्यधिक शुष्क और बंजर होते हैं। यह क्षेत्रों पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। रेगिस्तान पृथ्वी की एक-तिहाई भूमि क्षेत्र को कवर करते हैं। रेगिस्तान भी विभिन्न प्रकार के होते हैं। रेगिस्तानों के विभिन्न प्रकार को नीचे दिया गया हैं –
1. अरीड रेगिस्तान (Arid Desert) – गर्म और शुष्क
अरीड रेगिस्तान उन रेगिस्तानों को कहा जाता है जिनमें गर्मी और शुष्कता होती है। इन रेगिस्तानों का तापमान साल भर ऊंचा रहता है, और वर्षा बहुत कम होती है। इनका मौसम गर्म और शुष्क रहता है। सबसे प्रसिद्ध उदाहरण सहारा रेगिस्तान है। यह एक विशाल अरीड रेगिस्तान है, जहाँ गर्मी का स्तर बहुत ज्यादा होता है और वर्षा बहुत कम होती है। ये मरुस्थल उष्ण कटिबंधीय मरुस्थल इसी श्रेणी में आते हैं।
2. सेमी-अरीड रेगिस्तान (Semi-Arid Desert)
सेमी-अरीड रेगिस्तान अरीड रेगिस्तानों से थोड़ा ठंडा होता है। इन रेगिस्तानों में गर्मियों के लंबे और शुष्क मौसम के बाद ठंडे सर्दियाँ होती हैं, जिसमें कुछ वर्षा भी होती है। इन रेगिस्तानों में वर्षा की मात्रा कम होती है, लेकिन कुछ जगहों पर ठंडी और नम सर्दियाँ होती हैं। इन रेगिस्तानों में जीवन को थोड़ा आरामदायक होने का मौका मिलता है। सेमी-अरीड रेगिस्तान उत्तरी अमेरिका, ग्रीनलैंड, यूरोप और एशिया में पाए जाते हैं। ये मरुस्थल उपोष्ण कटिबंधीय मरुस्थल की श्रेणी में आते हैं।
3. तटीय रेगिस्तान (Coastal Desert)
तटीय रेगिस्तान अन्य रेगिस्तानों की तरह शुष्क होते हैं, लेकिन इनका तापमान बहुत अधिक गर्म नहीं होता है। तटीय रेगिस्तान में गर्मी की अवधि लंबी होती है, लेकिन सर्दियाँ ठंडी नहीं होतीं। यहाँ का मौसम हल्का और मापदंड होता है। इन रेगिस्तानों में जीवन के लिए थोड़ा ज्यादा सहायक परिस्थितियाँ होती हैं, जिससे यहाँ अधिक प्रकार के जानवर और पौधे पनप सकते हैं। तटीय रेगिस्तान चिली क्षेत्र (दक्षिण अमेरिका) में पाए जाते हैं। इन रेगिस्तानों का तापमान बहुत गर्म नहीं होता, और यहाँ जीवन को सहारा देने वाली जलवायु होती है।
4. ठंडे रेगिस्तान (Cold Desert)
ठंडे रेगिस्तान ऐसे रेगिस्तान होते हैं जहाँ अधिकांश वर्षा बर्फ के रूप में होती है। इन रेगिस्तानों में लंबे ठंडे सर्दियाँ होती हैं, जो बहुत अधिक बर्फबारी के साथ होती हैं, और ग्रीष्मकाल छोटे और नम होते हैं। ठंडे रेगिस्तान अधिकतर बर्फीले क्षेत्रों में होते हैं, जैसे अंटार्कटिक क्षेत्र (दक्षिणी ध्रुव), ग्रीनलैंड, और उत्तरी अमेरिका के कुछ हिस्सों में। इन क्षेत्रों में जीवन की स्थिति थोड़ी कठोर होती है, लेकिन फिर भी कुछ विशेष प्रकार के पौधे और जीव इन क्षेत्रों में जीवित रहते हैं। ये मरुस्थल शीत कटिबंधीय मरुस्थल की श्रेणी में आते हैं।
रेगिस्तान (मरुस्थल) के प्रकार की संक्षिप्त तालिका
रेगिस्तान (मरुस्थल) के प्रकार, उनके स्थान, उदाहरण और विशेषताओं को एक टेबल में व्यवस्थित किया गया है। इस टेबल में प्रत्येक प्रकार के रेगिस्तान के स्थान, उदाहरण और विशेषताओं को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया गया है, जिससे इनकी जलवायु और पारिस्थितिकी तंत्र की विविधता को समझा जा सकता है –
क्रम संख्या | रेगिस्तान का प्रकार | स्थान | उदाहरण | विशेषताएँ |
---|---|---|---|---|
1 | अरीड रेगिस्तान (Hot & Dry) | अफ्रीका, एशिया, उत्तरी अमेरिका | सहारा रेगिस्तान (North Africa), अरबियन रेगिस्तान (Middle East), किबेरियाई रेगिस्तान (India) | यह रेगिस्तान बहुत गर्म और शुष्क होता है। यहाँ वर्षा की मात्रा अत्यधिक कम होती है और तापमान पूरे वर्ष गर्म रहता है। जीवन के लिए बहुत कठिन परिस्थितियाँ होती हैं। |
2 | सेमी-अरीड रेगिस्तान (Semi-Arid) | उत्तरी अमेरिका, ग्रीनलैंड, यूरोप, एशिया | ग्रीनलैंड (Greenland), उत्तरी अमेरिका (North America), यूरोप (Europe), मध्य एशिया (Central Asia) | इस प्रकार के रेगिस्तान में गर्मियों में शुष्कता होती है, लेकिन सर्दियाँ ठंडी होती हैं और इनमें कुछ वर्षा भी होती है। यह अरीड रेगिस्तान से ठंडे होते हैं। |
3 | तटीय रेगिस्तान (Coastal) | दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका | चिली क्षेत्र (Chile, South America), नामिब रेगिस्तान (Namib Desert, Southern Africa) | तटीय रेगिस्तान गर्म नहीं होते, बल्कि मौसम हल्का और मापदंड होता है। यहाँ की गर्मियाँ लंबी होती हैं, लेकिन सर्दियाँ ठंडी नहीं होतीं। जीवन के लिए उपयुक्त परिस्थितियाँ होती हैं। |
4 | ठंडे रेगिस्तान (Cold) | अंटार्कटिका, ग्रीनलैंड, उत्तरी अमेरिका | अंटार्कटिका (Antarctica), ग्रीनलैंड (Greenland), उत्तरी अमेरिका के कुछ क्षेत्र (Parts of North America) | ठंडे रेगिस्तानों में अधिकांश वर्षा बर्फ के रूप में होती है। यहाँ लंबी सर्दियाँ होती हैं और गर्मियाँ छोटी और नम होती हैं। बर्फबारी के कारण यह जीवन के लिए और भी कठोर होते हैं। |
विश्व के प्रसिद्ध रेगिस्तान (मरुस्थल)
दुनिया में कई बड़े रेगिस्तान स्थित हैं, जिनमें से कुछ बर्फीले और अन्य गर्म हैं। नीचे विश्व के प्रसिद्ध रेगिस्तानों (मरुस्थलों) का वर्णन किया गया है –
1. अंटार्कटिक रेगिस्तान
यह दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान है और यह अंटार्कटिका महाद्वीप में स्थित है। यह क्षेत्र लगभग 14,000,000 वर्ग किलोमीटर (5,500,000 वर्ग मील) में फैला हुआ है। यह एक बर्फीला रेगिस्तान है, जहाँ तापमान बहुत कम होता है और यहाँ वर्षा के रूप में बर्फ गिरती है।
2. आर्कटिक रेगिस्तान
यह भी एक बर्फीला रेगिस्तान है और उत्तरी गोलार्ध में स्थित है। यह रेगिस्तान उत्तरी अमेरिका (अलास्का, कनाडा और ग्रीनलैंड), उत्तरी यूरोप (फिनलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे, और स्वीडन) और रूस के कुछ हिस्सों में फैला हुआ है। इस क्षेत्र में भी बहुत कम वर्षा होती है और तापमान ठंडा रहता है। इसका कुल क्षेत्रफल लगभग 13,985,000 वर्ग किलोमीटर (5,400,000 वर्ग मील) है।
3. सहारा रेगिस्तान
यह दुनिया का सबसे बड़ा गर्म रेगिस्तान है और अफ्रीका महाद्वीप में स्थित है। सहारा मरुस्थल का क्षेत्र लगभग 9,000,000 वर्ग किलोमीटर (3,300,000 वर्ग मील) है, जो दुनिया के अधिकांश गर्म रेगिस्तानों का क्षेत्रफल कवर करता है। यहाँ अत्यधिक गर्मी और सूखा होता है, लेकिन फिर भी इस क्षेत्र में जीवित रहने वाले कुछ जानवर और पौधे पाए जाते हैं।
4. ऑस्ट्रेलियाई रेगिस्तान
यह रेगिस्तान ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप में स्थित है और इसका क्षेत्रफल लगभग 2,700,000 वर्ग किलोमीटर (1,000,000 वर्ग मील) है। यह एक उपोष्णकटिबंधीय रेगिस्तान है, जहाँ गर्मी बहुत अधिक होती है।
5. अरब रेगिस्तान
यह उपोष्णकटिबंधीय रेगिस्तान पश्चिमी एशिया में स्थित है और इसका क्षेत्रफल लगभग 2,330,000 वर्ग किलोमीटर (900,000 वर्ग मील) है। यह रेगिस्तान देशों जैसे इराक, जोर्डन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन में फैला हुआ है।
6. गोबी रेगिस्तान
गोबी मरुस्थल संसार का पांचवा बड़ा और एशिया का सबसे विशाल रेगिस्तान है। यह एक ठंडा सर्दी वाला रेगिस्तान है, जो चीन और मंगोलिया के बीच स्थित है। इसका क्षेत्रफल लगभग 12,95,000 वर्ग किलोमीटर (500,000 वर्ग मील) है। यह मरुस्थल एशिया महाद्वीप में मंगोलिया के अधिकांश भाग पर फैला हुआ है। यहाँ की सर्दी चरम पर होती हैं, जिससे इस रेगिस्तान में जीवन के लिए कठिनाइयाँ उत्पन्न होती हैं।
सर्दियों में गोबी रेगिस्तान का तापमान शून्य से चालीस डिग्री सेल्सियस नीचे तक चला जाता है। गोबी मरुस्थल आज के समय में रेगिस्तान के रूप में जाना जाता है, परन्तु प्राचीन काल में यह रेगिस्तान नहीं था। यहाँ पर प्राचीन समय में समृद्धशाली भारतीय बस्तियाँ बसी हुई थीं। ‘गोबी’ एक मंगोलियन शब्द है, जिसका अर्थ होता है- ‘जलरहित स्थान’।
7. कालाहारी रेगिस्तान
यह उपोष्णकटिबंधीय रेगिस्तान दक्षिणी अफ्रीका में स्थित है, जो बोत्सवाना, नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका में फैला हुआ है। इसका क्षेत्रफल लगभग 900,000 वर्ग किलोमीटर (360,000 वर्ग मील) है। यहाँ की शुष्क परिस्थितियाँ काफी कठोर होती हैं, लेकिन कुछ वन्यजीव यहाँ रहते हैं।
दुनिया के अन्य महत्वपूर्ण रेगिस्तान (मरुस्थल)
दुनिया के कुछ अन्य महत्वपूर्ण रेगिस्तानों की सूची निम्नलिखित है –
पैटागोनियन रेगिस्तान
यह दक्षिण अमेरिका के अर्जेंटीना और चिली में स्थित है और यह एक ठंडा सर्दी वाला रेगिस्तान है। इसका क्षेत्रफल लगभग 620,000 वर्ग किलोमीटर (200,000 वर्ग मील) है।
सिरियाई रेगिस्तान
यह पश्चिमी एशिया में इराक, जोर्डन और सीरिया में स्थित है और इसका क्षेत्रफल लगभग 520,000 वर्ग किलोमीटर (200,000 वर्ग मील) है।
कालीफोर्निया रेगिस्तान
यह संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित है और इसका क्षेत्रफल लगभग 492,000 वर्ग किलोमीटर (190,000 वर्ग मील) है।
मोहावे रेगिस्तान
यह संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित एक उपोष्णकटिबंधीय रेगिस्तान है, जिसका क्षेत्रफल लगभग 124,000 वर्ग किलोमीटर (48,000 वर्ग मील) है।
प्रमुख मरुस्थल और उनके प्रकार, स्थान व महाद्वीप की संक्षिप्त तालिका
क्रम संख्या | रेगिस्तान का नाम | प्रकार | क्षेत्र (वर्ग किमी) | स्थान | देश /महाद्वीप |
---|---|---|---|---|---|
1 | अंटार्कटिक रेगिस्तान | ध्रुवीय बर्फ और टुंड्रा | 14,000,000 | अंटार्कटिका | अंटार्कटिका |
2 | आर्कटिक रेगिस्तान | ध्रुवीय बर्फ और टुंड्रा | 13,985,000 | उत्तरी अमेरिका, यूरोप, एशिया | कनाडा, फिनलैंड, रूस, आइसलैंड |
3 | सहारा रेगिस्तान | उपोष्ण कटिबंधीय | 9,000,000 | उत्तरी अफ्रीका | अल्जीरिया, मिस्र, लीबिया, माली |
4 | थार रेगिस्तान | उपोष्ण कटिबंधीय | 200,000 | दक्षिणी एशिया | भारत और पाकिस्तान |
5 | गोबी रेगिस्तान | शीत कटिबंधीय | 1,295,000 | पूर्वी एशिया | चीन और मंगोलिया |
6 | कालाहारी रेगिस्तान | उपोष्ण कटिबंधीय | 900,000 | दक्षिणी अफ्रीका | बोत्सवाना, नामीबिया, दक्षिण अफ्रीका |
भारत में सबसे बड़ा रेगिस्तान (मरुस्थल) | थार रेगिस्तान
भारत में भी एक बड़ा रेगिस्तान स्थित है, जिसे थार रेगिस्तान के नाम से जाना जाता है। यह भारतीय उपमहाद्वीप में भारत और पाकिस्तान के बीच स्थित है और इसे ‘ग्रेट इंडियन डेजर्ट‘ भी कहा जाता है। इसका क्षेत्रफल लगभग 200,000 वर्ग किलोमीटर (77,000 वर्ग मील) है। थार रेगिस्तान में भी गर्मी का स्तर बहुत अधिक होता है और यहाँ वर्षा की कमी रहती है। हालांकि, यहाँ की रेत की परतों में जीवन का अद्भुत रूप देखने को मिलता है। इस क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के पौधे और जीव-जंतु पाए जाते हैं, जो यहां की कठिन जलवायु के अनुकूल हैं।
विश्व के सबसे बड़े रेगिस्तानों की सूची
विश्व के सबसे बड़े रेगिस्तानों (मरुस्थलों) की सूची को उनके क्षेत्रफल के अनुसार घटते क्रम में दिया गया है –
यह सूची सभी प्रमुख मरुस्थलों को उनकी रैंकिंग, प्रकार, क्षेत्रफल और स्थान के अनुसार व्यवस्थित करती है। हिंदी में विस्तारित सूची नीचे दी गई है:
क्रमांक | नाम | प्रकार | क्षेत्रफल (किमी²) | क्षेत्रफल (वर्ग मील) | स्थान | देश |
---|---|---|---|---|---|---|
1 | अंटार्कटिक मरुस्थल | ध्रुवीय बर्फ और टुंड्रा | 14,200,000 | 5,482,651 | अंटार्कटिका | – |
2 | आर्कटिक मरुस्थल | ध्रुवीय बर्फ और टुंड्रा | 13,900,000 | 5,366,820 | पूर्वी यूरोप, उत्तरी अमेरिका, उत्तरी एशिया, उत्तरी यूरोप | अलास्का (यूएसए), कनाडा, रूस, फिनलैंड, स्वीडन, ग्रीनलैंड आदि |
3 | सहारा मरुस्थल | उपोष्ण कटिबंधीय | 9,200,000 | 3,552,140 | उत्तरी और पश्चिमी अफ्रीका | अल्जीरिया, चाड, मिस्र, माली, मोरक्को, सूडान आदि |
4 | अरब मरुस्थल | उपोष्ण कटिबंधीय | 2,330,000 | 899,618 | पश्चिमी एशिया | सऊदी अरब, यमन, ओमान, जॉर्डन, इजराइल आदि |
5 | ग्रेट ऑस्ट्रेलियन मरुस्थल (Outback*) | उपोष्ण कटिबंधीय | 1,371,000 | 529,346 | ऑस्ट्रेलिया | ऑस्ट्रेलिया |
6 | गोबी मरुस्थल | शीत कटिबंधीय (ठंडा शीतकालीन) | 1,295,000 | 500,002 | पूर्वी एशिया | चीन और मंगोलिया |
7 | कालाहारी मरुस्थल | उपोष्ण कटिबंधीय | 900,000 | 347,492 | दक्षिणी अफ्रीका | बोत्सवाना, नामीबिया, दक्षिण अफ्रीका |
8 | पटागोनियन मरुस्थल | ठंडा शीतकालीन | 673,000 | 259,847 | दक्षिण अमेरिका | अर्जेंटीना और चिली |
9 | सीरियन मरुस्थल | उपोष्ण कटिबंधीय | 500,000 | 193,051 | पश्चिमी एशिया | इराक, जॉर्डन, सऊदी अरब, तुर्की, सीरिया |
10 | ग्रेट बेसिन मरुस्थल | ठंडा शीतकालीन | 492,098 | 190,000 | उत्तरी अमेरिका | नेवादा, यूटा, कैलिफ़ोर्निया, इडाहो (यूएसए) |
11 | चिहुआहुआन मरुस्थल | उपोष्ण कटिबंधीय | 453,248 | 175,000 | उत्तरी और मध्य अमेरिका | मैक्सिको और अमेरिका |
12 | काराकुम मरुस्थल | ठंडा शीतकालीन | 350,000 | 135,136 | मध्य एशिया | तुर्कमेनिस्तान |
– | ग्रेट विक्टोरिया मरुस्थल (ऑस्ट्रेलियन मरुस्थल का भाग) | उपोष्ण कटिबंधीय | 348,750 | 134,653 | ऑस्ट्रेलिया | ऑस्ट्रेलिया |
13 | तकलामाकान मरुस्थल | ठंडा शीतकालीन | 337,000 | 130,191 | पूर्वी एशिया | चीन |
14 | कोलोराडो पठार | ठंडा शीतकालीन | 336,700 | 130,116 | उत्तरी अमेरिका | अमेरिका |
15 | सोनोरन मरुस्थल | उपोष्ण कटिबंधीय | 310,000 | 119,692 | उत्तरी और मध्य अमेरिका | मैक्सिको और अमेरिका |
16 | किज़िलकुम मरुस्थल | ठंडा शीतकालीन | 300,000 | 115,831 | मध्य एशिया | कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान |
17 | ओगाडेन मरुस्थल | उपोष्ण कटिबंधीय | 256,000 | 98,842 | पूर्वी अफ्रीका | इथियोपिया, सोमालिया और सोमालीलैंड |
18 | थार मरुस्थल | उपोष्ण कटिबंधीय | 238,254 | 77,220 | दक्षिण एशिया | भारत और पाकिस्तान |
19 | पंटलैंड मरुस्थल | उपोष्ण कटिबंधीय | 200,000 | 77,220 | पूर्वी अफ्रीका | सोमालिया |
20 | उस्त्युरत पठार | समशीतोष्ण | 200,000 | 77,220 | मध्य एशिया | कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान |
21 | गुबान मरुस्थल | उपोष्णकटिबंधीय | 175,000 | 67,568 | पूर्वी अफ्रीका | सोमालिया/सोमालीलैंड |
22 | नामिब मरुस्थल | ठंडा तटीय | 160,000 | 61,776 | मध्य और दक्षिण अफ्रीका | अंगोला, नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका |
23 | मारगो मरुस्थल | उपोष्ण कटिबंधीय | 150,000 | 57,915 | दक्षिण एशिया | अफगानिस्तान |
24 | रेगिस्तान मरुस्थल | उपोष्ण कटिबंधीय | 146,000 | 56,371 | दक्षिण एशिया | अफगानिस्तान |
25 | अटाकामा मरुस्थल | हल्का तटीय | 140,000 | 54,054 | दक्षिण अमेरिका | चिली और पेरू |
26 | डनाकिल मरुस्थल | उपोष्ण कटिबंधीय | 137,000 | 52,896 | पूर्वी अफ्रीका | जिबूती, इरिट्रिया, इथियोपिया |
27 | मोजावे मरुस्थल | उपोष्ण कटिबंधीय | 124,000 | 47,877 | उत्तरी अमेरिका | संयुक्त राज्य अमेरिका |
28 | चालबी मरुस्थल | उपोष्ण कटिबंधीय | 100,000 | 38,610 | पूर्वी अफ्रीका | केन्या |
29 | कोलंबिया बेसिन | ठंडा शीतकालीन | 83,139 | 32,100 | उत्तरी अमेरिका | कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका |
30 | कवीर मरुस्थल | उपोष्ण कटिबंधीय | 77,000 | 29,730 | दक्षिण एशिया | ईरान |
31 | फेरलो मरुस्थल | उपोष्ण कटिबंधीय | 70,000 | 27,027 | पश्चिमी अफ्रीका | सेनेगल |
32 | लद्दाख मरुस्थल | ठंडा शीतकालीन | 59,146 | 22,836 | दक्षिण एशिया | भारत |
33 | लुट मरुस्थल | उपोष्णकटिबंधीय | 52,000 | 20,077 | दक्षिण एशिया | ईरान |
*Outback: ग्रेट ऑस्ट्रेलियन मरुस्थल (रेगिस्तान) में कई मरुस्थल शामिल हैं, जैसे कि ग्रेट विक्टोरिया मरुस्थल, ग्रेट सैंडी मरुस्थल, और सिम्पसन मरुस्थल, लेकिन इसमें घास के मैदान और अन्य पारिस्थितिक तंत्र भी शामिल हैं। यह एकल मरुस्थल नहीं है।
मरुस्थल (रेगिस्तान) पर वर्षा एवं हवा का प्रभाव
वर्षा का प्रभाव
यद्यपि मरुस्थलों में बहुत कम वर्षा होती है, कभी-कभी मूसलाधार बारिश होती है, जो अचानक बाढ़ का कारण बन सकती है। गर्म चट्टानों पर बारिश पड़ने से वे चकनाचूर हो जाती हैं, और यह मलबा मरुस्थल में फैल जाता है।
हवा का प्रभाव
मरुस्थलों में चलने वाली तेज़ हवा रेत और धूल के कणों को उठाती है, जिससे रेत के तूफान या धूल के तूफान उत्पन्न होते हैं। हवा के कारण चट्टानों की सतह चिकनी हो जाती है और रेत के कण रेत के टीलों में बदल जाते हैं।
नमक के मैदान
कभी-कभी मरुस्थल में अस्थायी झीलें बनती हैं, और पानी के वाष्पीकरण के बाद नमक के मैदान पीछे छूट जाते हैं। ये मैदान श्वेत और चमकीले होते हैं।
मरूद्यान किसे कहते हैं?
मरुस्थलों में कभी-कभी भूमिगत जलस्रोत मिलते हैं, जो झरनों या जलभृतों के रूप में प्रकट होते हैं। इन स्थानों को मरूद्यान कहते हैं, और ये जीवन के लिए सहायक होते हैं।
रेगिस्तान (मरुस्थल) का महत्व
रेगिस्तान अथवा मरुस्थल पृथ्वी के प्राकृतिक संतुलन के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। ये भूमि क्षेत्र जैव विविधता के गवाह होते हैं और प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर होते हैं। रेगिस्तान में पाए जाने वाले खनिज, रेत, और अन्य प्राकृतिक संसाधन मानवता के लिए उपयोगी होते हैं। इसके अलावा, रेगिस्तान में कई महत्वपूर्ण प्राचीन सभ्यताएँ अस्तित्व में आईं थीं, जिनमें उनके सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व का योगदान है।
रेगिस्तान पृथ्वी के उन क्षेत्रों में शामिल हैं, जहां जीवन के लिए अत्यधिक कठिन परिस्थितियाँ होती हैं। फिर भी, इन क्षेत्रों में प्राकृतिक संसाधनों की भरमार होती है और इनका पारिस्थितिकी तंत्र पृथ्वी की जैव विविधता में महत्वपूर्ण योगदान देता है। रेगिस्तान पृथ्वी के विभिन्न हिस्सों में पाए जाते हैं और इनकी जलवायु और परिस्थितियाँ एक-दूसरे से भिन्न होती हैं। इनका पारिस्थितिकी तंत्र और जैव विविधता भी बहुत अलग होती है। इन रेगिस्तानों में हरियाली और जीवन के अद्भुत रूपों को देखना मानवता के लिए एक चमत्कारी अनुभव है, जो हमें यह सिखाता है कि जीवन अपनी परिस्थितियों के अनुरूप ढलने की अपार क्षमता रखता है।
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