प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM) भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा योजना है, जिसे असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को पेंशन सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। इस योजना के माध्यम से असंगठित क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों को वृद्धावस्था में वित्तीय सहायता सुनिश्चित की जाती है। 2019 में शुरू हुई यह योजना अब अपने छह वर्ष पूरे कर चुकी है और लाखों श्रमिकों को लाभान्वित कर रही है।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM) योजना का उद्देश्य
भारत में असंगठित क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों की संख्या बहुत अधिक है, लेकिन उनकी सामाजिक सुरक्षा का कोई मजबूत आधार नहीं था। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM) की शुरुआत की गई। इस योजना का मुख्य उद्देश्य वृद्धावस्था में श्रमिकों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, जिससे वे सम्मानपूर्वक जीवन यापन कर सकें।
योजना की प्रमुख विशेषताएँ
- स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना: यह योजना स्वैच्छिक है, यानी कोई भी पात्र श्रमिक इसमें अपनी इच्छा से शामिल हो सकता है। इस योजना में अंशधारियों द्वारा योगदान किया जाता है, और सरकार भी समान राशि का योगदान करती है।
- निश्चित मासिक पेंशन: इस योजना के तहत 60 वर्ष की आयु के बाद श्रमिकों को ₹3,000 प्रति माह की पेंशन प्राप्त होती है।
- सरकार का सहयोग: श्रमिक द्वारा किए गए अंशदान के बराबर ही सरकार भी योगदान देती है।
- सुरक्षित निवेश: इस योजना को भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) द्वारा प्रबंधित किया जाता है, जिससे इसमें संपूर्ण पारदर्शिता और सुरक्षा बनी रहती है।
- डोनेट-ए-पेंशन (Donate-a-Pension) मॉड्यूल: सरकार ने एक अनूठी पहल की है, जिसमें नियोक्ता अपने कर्मचारियों के लिए इस योजना के तहत अंशदान कर सकते हैं।
- पारिवारिक पेंशन सुविधा: यदि पेंशनधारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके जीवनसाथी को 50% पेंशन की सुविधा मिलती है।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM) | लॉन्च वर्ष और मंत्रालय
- लॉन्च वर्ष: 2019
- प्रबंधक मंत्रालय: श्रम और रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labour and Employment)
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM) | पात्रता (Eligibility Criteria)
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के तहत असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को पेंशन का लाभ देने के लिए कुछ पात्रता मापदंड तय किए गए हैं:
- आयु सीमा: 18 से 40 वर्ष के बीच होना आवश्यक है।
- मासिक आय: ₹15,000 या उससे कम होनी चाहिए।
- आयकर दाता (Income Taxpayer) नहीं होना चाहिए।
- EPF, ESIC या NPS का सदस्य नहीं होना चाहिए।
- पहले से कोई अन्य पेंशन योजना का लाभ नहीं लेना चाहिए।
पात्र पेशे (Eligible Professions)
इस योजना का लाभ असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले विभिन्न पेशों से जुड़े श्रमिकों को मिलता है। इसमें शामिल हैं:
- सड़क किनारे कार्य करने वाले श्रमिक: ठेले वाले, कचरा बीनने वाले, रिक्शा चालक आदि।
- निर्माण कार्यकर्ता: दिहाड़ी मजदूर, राजमिस्त्री आदि।
- कृषि क्षेत्र के श्रमिक: खेतिहर मजदूर, बीड़ी श्रमिक आदि।
- घरेलू कामगार: घरेलू नौकर, कारीगर आदि।
योगदान संरचना (Contribution Structure)
इस योजना में योगदान आयु के अनुसार तय किया गया है।
- 18 वर्ष की आयु में प्रवेश करने पर: ₹55 प्रति माह का योगदान।
- 40 वर्ष की आयु में प्रवेश करने पर: ₹200 प्रति माह का योगदान।
- सरकार श्रमिक द्वारा किए गए योगदान के बराबर राशि अंशदान करती है।
नामांकन और पेंशन प्रबंधन (Enrollment & Pension Fund Manager)
- पेंशन फंड प्रबंधक: भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC)
- नामांकन प्रक्रिया: नामांकन कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) या मांधन पोर्टल के माध्यम से किया जा सकता है।
- भुगतान प्रणाली: बैंक खाते या जन-धन खाते से ऑटो-डेबिट सुविधा द्वारा भुगतान किया जाता है।
पारिवारिक पेंशन (Family Pension)
- यदि पेंशनधारी की मृत्यु 60 वर्ष की आयु के बाद होती है, तो उसके जीवनसाथी को 50% पेंशन मिलेगी।
- यदि पेंशनधारी की मृत्यु 60 वर्ष की आयु से पहले हो जाती है, तो उसकी पत्नी योजना जारी रख सकती है या बाहर निकल सकती है।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना की वर्तमान स्थिति
- कवरेज: यह योजना भारत के सभी 36 राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों में लागू है।
- कुल नामांकन: अब तक लगभग 46,12,330 श्रमिक इस योजना में नामांकित हो चुके हैं।
- शीर्ष 3 राज्य: हरियाणा, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में सबसे अधिक नामांकन हुए हैं।
योजना का महत्व और भविष्य की संभावनाएँ
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM) असंगठित क्षेत्र के करोड़ों श्रमिकों के लिए एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा कवच है। इस योजना ने वृद्धावस्था में श्रमिकों को आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया है। सरकार इस योजना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
इस योजना के भविष्य में और अधिक विस्तार की संभावनाएँ हैं, जिससे अधिक से अधिक श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा मिल सके। डिजिटल नामांकन प्रक्रिया और सरकारी जागरूकता अभियानों के माध्यम से इस योजना का लाभ अधिक लोगों तक पहुँचाने की योजना बनाई जा रही है।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना भारत के असंगठित क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों के लिए एक क्रांतिकारी पहल है। यह योजना उन्हें वृद्धावस्था में वित्तीय स्थिरता प्रदान करने में मदद करती है और सरकार द्वारा दी जा रही अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के साथ मिलकर श्रमिकों की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाती है। यदि सही तरीके से प्रचार-प्रसार किया जाए और अधिक लोगों को इस योजना से जोड़ा जाए, तो यह असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक सशक्त आर्थिक सुरक्षा तंत्र बन सकती है।
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