आना सागर झील | अजमेर का ऐतिहासिक और प्राकृतिक धरोहर

राजस्थान के ऐतिहासिक शहर अजमेर में स्थित आना सागर झील एक प्रमुख आकर्षण और प्राकृतिक सुंदरता का प्रतीक है। यह कृत्रिम झील न केवल ऐतिहासिक महत्व रखती है, बल्कि यह अजमेर शहर के पर्यटन और जल संरक्षण के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। आना सागर झील का निर्माण 12वीं शताब्दी में हुआ था और तब से यह शहर के लिए एक महत्वपूर्ण जल स्त्रोत के रूप में कार्य कर रही है। हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने इस झील के वेटलैंड क्षेत्र में स्थित ‘सात अजूबों‘ पार्क से प्रतिकृति संरचनाओं (Replica Structures) को छह महीनों के भीतर हटाने का निर्देश दिया, जिससे झील का पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने पर जोर दिया गया है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

आना सागर झील का निर्माण अर्णोराजा (जिन्हें अणा भी कहा जाता था) ने 1135 से 1150 ईस्वी के बीच करवाया था। अर्णोराजा प्रसिद्ध चौहान राजा पृथ्वीराज चौहान के दादा थे। झील का नाम उनके नाम पर ही आणा सागर झील रखा गया, जिसे आना सागर झील तथा आनासागर झील के नाम से भी जाना जाता है। इस झील को बनाने में स्थानीय लोगों का महत्वपूर्ण योगदान था, जिन्होंने जलग्रहण क्षेत्र (Catchment Area) के निर्माण में सहायता की।

झील का भूगोल और संरचना

आना सागर झील अजमेर की सबसे बड़ी झीलों में से एक है।

  • क्षेत्रफल: यह झील लगभग 13 किलोमीटर (8.1 मील) के क्षेत्र में फैली हुई है।
  • जलग्रहण क्षेत्र: इसका जलग्रहण क्षेत्र 5 वर्ग किलोमीटर (9 वर्ग मील) तक फैला हुआ है।
  • अधिकतम गहराई: झील की अधिकतम गहराई लगभग 4 मीटर (14 फीट) है।
  • जल संग्रहण क्षमता: इसकी जल संग्रहण क्षमता 4,750,000 घन मीटर (6,210,000 घन गज) है।

मुगलकालीन योगदान

मुगल साम्राज्य के दौरान इस झील का और भी विकास हुआ।

  1. दौलत बाग: मुगल सम्राट जहाँगीर ने इस झील के किनारे एक सुंदर बगीचा बनवाया, जिसे दौलत बाग के नाम से जाना जाता है। यह बगीचा आज भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। दौलत बाग़ बगीचा को ही सुभाष उद्यान के नाम से भी जाना जाता है। 
  2. बरादरी: शाहजहाँ ने झील के किनारे संगमरमर से निर्मित पाँच सुंदर मंडप (पवेलियन) बनवाए, जिन्हें ‘बरादरी’ कहा जाता है। ये मंडप झील और बगीचे के बीच स्थित हैं और अपने सुंदर स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध हैं।

आना सागर झील और पर्यावरण संरक्षण

राजस्थान उच्च न्यायालय ने झील बेसिन के जलग्रहण क्षेत्रों में निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह निर्णय झील के प्राकृतिक संतुलन और जल संसाधनों की रक्षा के लिए लिया गया है। इसके अलावा, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि झील के वेटलैंड क्षेत्र में स्थित ‘सात अजूबों‘ पार्क से सभी प्रतिकृति संरचनाओं को हटाया जाए। यह कदम झील के पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने और झील के संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

पर्यटन और महत्व

आना सागर झील अजमेर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह न केवल स्थानीय लोगों के लिए एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल है, बल्कि देशभर से आने वाले पर्यटकों को भी आकर्षित करता है।

  • नाव विहार: झील में बोटिंग की सुविधा उपलब्ध है, जिससे पर्यटक झील की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकते हैं।
  • सूर्यास्त का दृश्य: इस झील से सूर्यास्त का दृश्य बेहद मनमोहक होता है, जो फोटोग्राफी प्रेमियों के लिए एक अद्भुत स्थान बनाता है।
  • आसपास के दर्शनीय स्थल: झील के आसपास अजमेर शरीफ दरगाह, तारागढ़ किला, और अढ़ाई दिन का झोंपड़ा जैसे कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल स्थित हैं।

आना सागर झील न केवल अजमेर की पहचान है, बल्कि यह ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और पारिस्थितिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। सरकार और न्यायपालिका द्वारा झील के संरक्षण के लिए उठाए गए कदम इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित रखने में सहायक होंगे। इस झील का महत्व केवल एक जल स्त्रोत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह एक ऐतिहासिक धरोहर और प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक भी है।

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