क्रिकेट में ‘बनी हाप’ कैच पर लगी रोक | MCC का बड़ा फैसला और खेल की नई दिशा

क्रिकेट एक ऐसा खेल है, जिसमें नियमों की पेचीदगियाँ और उनकी व्याख्याएं समय के साथ बदलती रही हैं। चाहे वह डीआरएस हो, नो-बॉल की टेक्नोलॉजी हो या फील्डिंग से जुड़े नियम, हर बदलाव का उद्देश्य खेल को और अधिक निष्पक्ष, स्पष्ट और रोमांचक बनाना रहा है। अब मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (MCC) ने एक और बड़ा फैसला लिया है, जिससे क्रिकेट की दुनिया में एक महत्वपूर्ण बहस को विराम मिल सकता है।

‘बनी हाप’ कैच को अब नहीं माना जाएगा वैध

क्रिकेट के इतिहास में कई बार कुछ असाधारण फील्डिंग प्रयासों ने दर्शकों को चौंका दिया है। विशेष रूप से बाउंड्री लाइन पर हवा में उछलकर लिए गए कैचों ने खेल की सुंदरता को और अधिक बढ़ाया है। परंतु, इसी प्रक्रिया ने कभी-कभी खेल की भावना बनाम नियमों की व्याख्या जैसे विवादों को भी जन्म दिया है। इस सबके मद्देनज़र, MCC ने ‘बनी हाप’ कैच — जिसमें कोई फील्डर सीमा रेखा के पार जाकर हवा में एक से अधिक बार उछलते हुए कैच पूरा करता है — को अमान्य घोषित कर दिया है।

अब नहीं दिखेंगे ‘बनी हाप’ कैच: MCC ने बाउंड्री फील्डिंग के नियम में किया बड़ा बदलाव

क्रिकेट के नियमों में बड़ा बदलाव! मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (MCC) ने बाउंड्री लाइन के पास हवा में छलांग लगाकर लिए जाने वाले ‘बनी हाप’ कैच को अमान्य घोषित कर दिया है। यह फैसला खेल की नैतिकता, निष्पक्षता और पारदर्शिता को बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है। अब कोई भी फील्डर अगर बाउंड्री के बाहर से हवा में कूदकर गेंद को छूता है, तो उसे केवल एक बार ऐसा करने की अनुमति होगी। उसके बाद उसे पूरी तरह मैदान के अंदर लैंड करना अनिवार्य होगा, अन्यथा गेंद स्वतः बाउंड्री मानी जाएगी।

यह नया नियम 17 जून 2025 से ICC के सभी प्रारूपों में प्रभावी होगा, जबकि MCC के आधिकारिक नियमों में अक्टूबर 2026 से लागू होगा। इस परिवर्तन का सीधा प्रभाव ऐसे विवादित कैचों पर पड़ेगा जैसे माइकल नीसर (BBL 2023) और टॉम बैंटन (2020) द्वारा लिए गए रिले कैच। इस नियम से “खेल की भावना बनाम नियमों की व्याख्या” पर उठे प्रश्नों का समाधान मिल सकता है।

नए नियम के तहत अब अद्भुत फील्डिंग प्रयास तो प्रोत्साहित किए जाएंगे, लेकिन उनके लिए स्पष्ट मर्यादाएं तय की गई हैं। जानिए इस विस्तृत लेख में कि MCC ने यह निर्णय क्यों लिया, इसका प्रभाव क्या होगा, और क्रिकेट का भविष्य अब किस दिशा में बढ़ेगा।

नया नियम: MCC का संशोधित कानून 19.5.2

मेरिलबोन क्रिकेट क्लब, जो कि क्रिकेट के नियमों का संरक्षक है, ने अब कानून 19.5.2 में संशोधन करते हुए ‘बनी हाप’ शैली के बाउंड्री कैच को गैरकानूनी घोषित कर दिया है। यह संशोधन ICC के अंतर्गत 17 जून 2025 से प्रभावी हो जाएगा — ठीक उसी दिन से जब नई विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप चक्र की शुरुआत होगी। हालांकि MCC के आधिकारिक “लॉज़ ऑफ क्रिकेट” दस्तावेज़ में यह बदलाव अक्टूबर 2026 से प्रभावी माना जाएगा।

नए नियम का सार

इस बदलाव के तहत अब कोई भी फील्डर यदि सीमा रेखा के बाहर से छलांग लगाकर गेंद को छूता है, तो:

  • वह केवल एक बार ही गेंद को छू सकता है।
  • इसके बाद उसे पूरी तरह से मैदान के अंदर आना अनिवार्य होगा।
  • यदि वह मैदान के अंदर लैंड किए बिना दोबारा गेंद को छूता है या गेंद का नियंत्रण संभालने का प्रयास करता है, तो वह गेंद स्वतः बाउंड्री मानी जाएगी।
  • अगर कोई फील्डर गेंद को अपने साथी को पास करने की कोशिश करता है और वह कैच पूरा नहीं कर पाता, तो बॉल बाउंड्री मानी जाएगी, भले ही वह कैच कितनी ही कलात्मक क्यों न हो।

इस बदलाव की आवश्यकता क्यों पड़ी?

पृष्ठभूमि: पुराने नियमों में क्या था?

अब तक जो नियम प्रभावी थे, उनके अनुसार:

  • अगर कोई फील्डर बाउंड्री के बाहर हवा में कूदता है और वहां से गेंद को पकड़ने की प्रक्रिया शुरू करता है, तो वह तब तक मान्य मानी जाती थी जब तक वह अंतिम पकड़ मैदान के अंदर करता है और जमीन से संपर्क तब होता है जब उसका शरीर मैदान के भीतर हो।
  • इसका लाभ उठाते हुए कई फील्डरों ने एक से अधिक बार हवा में उछलकर गेंद को ऊपर फेंककर, फिर बाउंड्री के अंदर आकर कैच को पूरा किया।

विवादित उदाहरण

  1. माइकल नीसर का कैच (BBL 2023):
    ऑस्ट्रेलियाई बिग बैश लीग (BBL) 2023 में ब्रिस्बेन हीट और सिडनी सिक्सर्स के बीच हुए मैच में माइकल नीसर ने सीमा रेखा के बाहर से हवा में छलांग लगाकर गेंद को बार-बार उछालते हुए एक अद्भुत कैच पकड़ा। यह कैच नियमों के अनुसार वैध था, लेकिन क्रिकेट प्रेमियों के बीच इस पर तीखी बहस हुई कि क्या यह खेल की भावना के अनुरूप था?
  2. टॉम बैंटन और मैट रेनशॉ का रिले कैच (2020):
    इस घटना में गेंद को बाउंड्री लाइन के बाहर से एक फील्डर ने हवा में उछालकर अपने साथी को पास किया, जिसने अंदर आकर कैच पूरा किया। नियमों के लिहाज़ से यह भी वैध था, लेकिन दर्शकों और विशेषज्ञों ने इसे “नियमों का उपयोग खेल की आत्मा के विरुद्ध” करार दिया।

इन दोनों घटनाओं ने “नियमों की तकनीकी व्याख्या बनाम खेल की नैतिकता” की चर्चा को जन्म दिया, जिसे अब MCC ने गंभीरता से लेते हुए निवारण का प्रयास किया है।

नए नियम की प्रमुख विशेषताएं

1. एकल हवा में संपर्क की अनुमति

अब कोई भी फील्डर यदि बाउंड्री के बाहर से कूदकर हवा में गेंद को छूता है, तो वह केवल एक बार ही ऐसा कर सकता है। यदि वह गेंद को बार-बार हवा में उछालता है और तब तक मैदान में वापस नहीं आता, तो कैच अमान्य माना जाएगा।

2. अनिवार्य मैदान के अंदर लैंडिंग

गेंद को नियंत्रित करने या दोबारा छूने से पहले फील्डर को पूरी तरह से मैदान के अंदर लैंड करना होगा। यदि ऐसा नहीं होता, तो गेंद बाउंड्री मानी जाएगी।

3. रिले कैच की सीमाएँ

अब यदि कोई फील्डर गेंद को बाउंड्री के बाहर से हवा में अपने साथी को पास करता है और वह साथी उसे मैदान में पकड़ नहीं पाता, तो भी वह बाउंड्री घोषित की जाएगी। केवल तभी कैच वैध माना जाएगा जब गेंद को एक बार में और इनफील्ड में पूरी तरह पकड़ लिया जाए।

इस बदलाव के उद्देश्य और लाभ

MCC ने यह स्पष्ट किया है कि इस नए नियम का उद्देश्य सिर्फ नियमों की सख्ती नहीं है, बल्कि खेल की आत्मा और निष्पक्षता को बनाए रखना है। इसके प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

  • खेल की नैतिकता बनाए रखना: नियमों की ऐसी व्याख्या न हो जो दर्शकों और खिलाड़ियों को भ्रमित करे।
  • दर्शकों की अपेक्षाओं के अनुरूप खेल: एक बाउंड्री के पार से बार-बार हवा में उछलकर गेंद को संभालना दर्शकों की सहज समझ में नहीं आता। यह निर्णय खेल को सरल, स्पष्ट और तर्कसंगत बनाए रखने की दिशा में उठाया गया कदम है।
  • फेयर फील्डिंग को बढ़ावा देना: अद्भुत फील्डिंग प्रयासों को प्रोत्साहन तो मिलेगा, लेकिन उनकी सीमाएँ भी तय की जाएंगी जिससे अनावश्यक छल-कपट की संभावना समाप्त हो।

प्रभाव: क्रिकेट के सभी प्रारूपों में लागू

यह नियम सभी प्रकार के क्रिकेट — टेस्ट, वनडे और टी20 — में समान रूप से लागू होगा। इसका अर्थ यह है कि अब कोई भी खिलाड़ी चाहे वह अंतरराष्ट्रीय मैच खेल रहा हो या घरेलू टूर्नामेंट, उसे इन नए नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।

विशेषज्ञों और दर्शकों की प्रतिक्रियाएं

इस बदलाव को लेकर क्रिकेट जगत में मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला खेल की भावना के अनुरूप है और इससे दर्शकों की समझ और संतुष्टि में बढ़ोतरी होगी। वहीं, कुछ पूर्व खिलाड़ियों ने यह भी कहा है कि इससे “क्रिएटिव फील्डिंग” पर थोड़ा अंकुश लग सकता है।

खेल की आत्मा और नियमों में संतुलन की ओर एक कदम

MCC का यह निर्णय खेल के दृश्यात्मक सौंदर्य और उसकी नैतिक संरचना के बीच संतुलन स्थापित करने की दिशा में एक सराहनीय कदम है। यह निर्णय यह दर्शाता है कि क्रिकेट केवल तकनीकी नियमों का खेल नहीं है, बल्कि उसमें दर्शकों की समझ, खिलाड़ियों की निष्ठा और खेल की भावना भी उतनी ही अहम है।

‘बनी हाप’ जैसे दृश्यात्मक लेकिन विवादास्पद प्रयासों पर लगाम लगाकर MCC ने न केवल नियमों की सुसंगतता बढ़ाई है, बल्कि यह भी स्पष्ट किया है कि खेल की आत्मा से समझौता नहीं किया जा सकता।

आने वाले वर्षों में यह देखा जाएगा कि यह नया नियम खेल पर किस तरह का प्रभाव डालता है, लेकिन फिलहाल यह कहा जा सकता है कि यह फैसला क्रिकेट को और भी अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने की दिशा में एक बड़ा और साहसी कदम है।

Student Zone – KnowledgeSthali
Current Affairs – KnowledgeSthali


इन्हें भी देखें –

Leave a Comment

Contents
सर्वनाम (Pronoun) किसे कहते है? परिभाषा, भेद एवं उदाहरण भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग | नाम, स्थान एवं स्तुति मंत्र प्रथम विश्व युद्ध: विनाशकारी महासंग्राम | 1914 – 1918 ई.