बुकर पुरस्कार और अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार: विश्व साहित्य के दो सर्वोच्च सम्मान

विश्व साहित्य में कुछ पुरस्कार ऐसे हैं जिनका नाम ही उत्कृष्टता, प्रतिष्ठा और साहित्य के सर्वोच्च मानदंडों का प्रतीक माना जाता है। “बुकर पुरस्कार” (Booker Prize) और “अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार” (International Booker Prize) इन्हीं में से दो शीर्ष सम्मान हैं। आधुनिक साहित्यिक परिदृश्य में इन दोनों पुरस्कारों को ऐसे मंच की तरह देखा जाता है, जो न केवल लेखकों को वैश्विक पहचान देता है, बल्कि साहित्य की विविधता, बहुभाषिकता और मानव अनुभवों की गहराई को दुनियाभर के पाठकों तक पहुँचाता है।

आज के समय में ये पुरस्कार केवल किसी एक उत्कृष्ट उपन्यास को पुरस्कृत करने का माध्यम नहीं हैं, बल्कि यह साहित्यिक प्रवृत्तियों, सामाजिक मुद्दों, राजनीतिक वास्तविकताओं और वैश्विक मानवीय कथाओं को उजागर करने वाले शक्तिशाली मंच बन चुके हैं। विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार ने विश्व की अनेक भाषाओं, खासकर एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और मध्य-पूर्व की साहित्यिक परंपराओं को विश्व पटल पर नई पहचान दी है।

इस विस्तृत लेख में हम बुकर पुरस्कार और अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार दोनों का इतिहास, उद्देश्य, चयन प्रक्रिया, पुरस्कार राशि, महत्वपूर्ण विजेताओं, भारतीय संबंध और समकालीन प्रासंगिकता पर विस्तार से चर्चा करेंगे। साथ ही दोनों पुरस्कारों के बीच क्या अंतर हैं और आज के साहित्यिक संसार में उनकी क्या भूमिका है—इन सभी पहलुओं का विश्लेषण भी प्रस्तुत किया जा रहा है।

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भाग 1: बुकर पुरस्कार (The Booker Prize)

बुकर पुरस्कार क्या है?

बुकर पुरस्कार एक वार्षिक साहित्यिक सम्मान है जो अंग्रेज़ी भाषा में लिखी गई सर्वश्रेष्ठ मूल कृति (उपन्यास) को दिया जाता है। यह पुरस्कार उन लेखकों को दिया जाता है जो अपनी सृजनात्मक क्षमता, भाषा के कौशल और समाज के प्रति सूक्ष्म दृष्टिकोण को साहित्य में प्रतिबिंबित करते हैं।

पिछले पाँच दशक में यह पुरस्कार विश्व के सबसे प्रतिष्ठित साहित्यिक सम्मानों में गिना जाने लगा है। इसे अक्सर “साहित्य का ऑस्कर” भी कहा जाता है।

बुकर पुरस्कार का इतिहास

बुकर पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 1969 में हुई थी। इसे “Booker–McConnell Prize” के नाम से स्थापित किया गया।
यह पुरस्कार ब्रिटेन और आयरलैंड के साथ-साथ राष्ट्रमंडल देशों के लेखकों के लिए आरंभ किया गया था। बाद में समय के साथ इसमें कई संशोधन हुए।

महत्वपूर्ण पड़ाव:

  • 1969–2001: Booker–McConnell Prize
  • 2002 से वर्तमान: The Booker Prize (Man Group के सहयोग के कारण 2002–2019 तक इसे Man Booker Prize भी कहा गया)
  • 2019: Man Group के हटने के बाद पुनः The Booker Prize नाम अपनाया गया।

इस पुरस्कार ने पिछली सदी के उत्तरार्द्ध और वर्तमान सदी के साहित्य को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

बुकर पुरस्कार का उद्देश्य

बुकर पुरस्कार का प्रमुख उद्देश्य उत्कृष्ट अंग्रेज़ी भाषा के उपन्यासों को प्रोत्साहन देना और उन साहित्यिक कृतियों को वैश्विक मुख्यधारा में लाना है जो समाज की जटिलताओं, मनुष्य की अनुभूतियों और नए विचारों को सृजनात्मक रूप में प्रस्तुत करती हैं।

इसके माध्यम से—

  • नवलेखकों को पहचान
  • साहित्य में अभिनव प्रयोगों को प्रोत्साहन
  • सामाजिक–राजनीतिक विमर्श को नया आयाम
  • वैश्विक साहित्यिक संवाद को बढ़ावा
    प्राप्त हुआ है।

चयन प्रक्रिया

बुकर पुरस्कार की चयन प्रक्रिया अत्यंत कठोर और पारदर्शी मानी जाती है।
प्रक्रिया के मुख्य चरण—

  1. प्रकाशकों द्वारा उपन्यासों की प्रविष्टियाँ जमा करना
  2. जूरी द्वारा “लॉन्गलिस्ट” का चयन
  3. बाद में “शॉर्टलिस्ट” जारी करना
  4. शॉर्टलिस्टेड उपन्यासों का विस्तृत मूल्यांकन
  5. विजेता की घोषणा

जूरी लेखक, आलोचक, संपादक, शिक्षाविद और साहित्यिक विशेषज्ञ होते हैं।

पात्रता (Eligibility)

मुख्य पात्रताएँ:

  • उपन्यास अंग्रेज़ी में लिखा होना चाहिए।
  • यह मूल कृति हो, अनुवादित नहीं।
  • लेखक संसार के किसी भी देश से हो सकता है (2014 के बाद नियम में संशोधन)।
  • पुस्तक ब्रिटेन/ आयरलैंड में प्रकाशित होना आवश्यक है।

पहले केवल कॉमनवेल्थ और आयरलैंड के लेखकों तक सीमित था, लेकिन 2014 के बाद इसे वैश्विक रूप से सभी अंग्रेज़ी लेखकों के लिए खोल दिया गया।

पुरस्कार राशि

वर्तमान में विजेता लेखक को 50,000 पाउंड प्रदान किए जाते हैं।
इसके अतिरिक्त शॉर्टलिस्ट में शामिल सभी लेखकों को भी धनराशि दी जाती है।

कुछ प्रमुख बुकर पुरस्कार विजेता

कई ऐसे उपन्यास हैं जिन्होंने साहित्य में नई दिशा स्थापित की है।
उदाहरण—

  • डेविड सज़ाले(David Szalay) – Flesh (फ्लेश)
  • सलमान रुश्दी – Midnight’s Children
  • हिलेरी मेंटल – Wolf Hall
  • यान मार्टेल – Life of Pi
  • काज़ुओ इशिगुरो – The Remains of the Day
  • मार्गरेट एटवुड – The Blind Assassin
  • एलेन हॉरने – A Brief History of Seven Killings
  • जूलियन बार्न्स – The Sense of an Ending
    और अनेक अन्य।

बुकर पुरस्कार और भारत

भारत का बुकर पुरस्कार से एक गहरा संबंध रहा है।
कुछ भारतीय और भारतीय मूल के विजेता—

  • सलमान रुश्दीMidnight’s Children
  • अरविंद अडिगाThe White Tiger
  • किरण देशाईThe Inheritance of Loss
  • अरुंधति रॉयThe God of Small Things
  • गीता मेहता, झुम्पा लाहिड़ी, नील मुखर्जी आदि को भी शॉर्टलिस्ट किया गया।

बुकर पुरस्कार ने भारतीय अंग्रेज़ी साहित्य को विश्व मंच पर असाधारण पहचान दिलाई है।

भाग 2: अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार (The International Booker Prize)

अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार क्या है?

International Booker Prize दुनिया के किसी भी देश और किसी भी भाषा में लिखी गई साहित्यिक कृति के अंग्रेज़ी अनुवाद को दिया जाने वाला प्रतिष्ठित सम्मान है।

यह पुरस्कार साहित्यिक अनुवाद को वैश्विक पहचान दिलाने, भाषाई विविधता को बढ़ावा देने और विश्व की उपेक्षित साहित्यिक परंपराओं को नया मंच देने के उद्देश्य से दिया जाता है।

स्थापना और इतिहास

अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार की शुरुआत 2005 में हुई थी।

पहले यह पुरस्कार हर दो वर्ष में दिया जाता था और किसी लेखक के संपूर्ण साहित्यिक योगदान पर केंद्रित होता था।

2016 के बाद इसका ढांचा बदल दिया गया और अब यह पुरस्कार—

  • हर वर्ष दिया जाता है
  • किसी एक विशिष्ट पुस्तक (translated work) को समर्पित होता है
  • अनुवादक और लेखक दोनों को संयुक्त पुरस्कार राशि मिलती है

यही परिवर्तन इसे “अनुवादित साहित्य का सबसे बड़ा वैश्विक पुरस्कार” बनाता है।

उद्देश्य

अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार का मूल उद्देश्य है—

  • गैर-अंग्रेज़ी भाषाओं के साहित्य को विश्व के पाठकों तक पहुँचाना
  • अनुवादकों के योगदान को सम्मानित करना
  • साहित्यिक विविधता को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देना

प्रमुख बात—
यह पुरस्कार साहित्यिक अनुवाद को “लेखक के समान महत्व” प्रदान करता है। यही इसकी अनूठी पहचान है।

चयन प्रक्रिया

इस पुरस्कार की चयन प्रक्रिया भी बुकर पुरस्कार जैसी कठोर और पारदर्शी है।

मुख्य चरण—

  1. प्रकाशकों द्वारा अनुवादित पुस्तकों का नामांकन
  2. अंतरराष्ट्रीय जूरी द्वारा लॉन्गलिस्ट
  3. बाद में शॉर्टलिस्ट
  4. लेखक और अनुवादक दोनों की कृति का मूल्यांकन:
    • साहित्यिक गुणवत्ता
    • भाषा की संवेदनशीलता
    • अनुवाद की शुद्धता, भाव और संरचना
  5. विजेता की संयुक्त घोषणा

पात्रता

अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार के लिए—

  • मूल कृति किसी भी भाषा में हो सकती है
  • पुस्तक का अंग्रेज़ी में अनुवाद होना आवश्यक
  • ब्रिटेन/आयरलैंड में प्रकाशित होना अनिवार्य
  • लेखक और अनुवादक दोनों पुरस्कार के पात्र

पुरस्कार राशि

पुरस्कार राशि 50,000 पाउंड है।
सबसे महत्वपूर्ण बात—
यह राशि लेखक और अनुवादक में बराबर-बराबर बाँटी जाती है।
इस व्यवस्था ने साहित्यिक अनुवाद को असाधारण सम्मान दिलाया है।

प्रमुख विजेता

पिछले कुछ वर्षों के विजेता विश्व साहित्य की विविधता का उत्कृष्ट उदाहरण हैं।

  • हान कांग (कोरिया) – The Vegetarian (अनुवाद: डेबराह स्मिथ)
  • ओल्गा टोकार्चुक (पोलैंड) – Flights
  • डेविड डिओप (फ्रांस–सेनेगल) – At Night All Blood Is Black
  • गेव्रियेल ज़ेविन – By Night the Mountains Tremble (उदाहरण)
  • बानू मुश्ताक – Heart Lamp (कन्नड़ से अंग्रेज़ी, अनुवाद: दीपा भाष्टी)
    इन्होेंने विश्व साहित्य में नए आयाम जोड़े।

भारत और अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार

भारत की कई भाषाओं ने इस पुरस्कार में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है।

खासकर दक्षिण भारतीय भाषाएँ—कन्नड़, मलयालम, तमिल—अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार में लगातार पहचान बना रही हैं।

2022 में गीतानजलि श्री का उपन्यास Ret Samadhi (अंग्रेज़ी शीर्षक – Tomb of Sand) इस पुरस्कार को जीतकर इतिहास रच चुका है।
यह हिंदी साहित्य का पहला और अब तक का एकमात्र अनुवादित उपन्यास है जिसे यह सम्मान मिला।

हाल के वर्षों में कन्नड़ साहित्य—विशेष रूप से बानू मुश्ताक की Heart Lamp—भी इस पुरस्कार के केंद्र में रहा है।

भाग 3: बुकर और अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार: मुख्य अंतर

पहलूबुकर पुरस्कारअंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार
भाषामूल अंग्रेज़ीकिसी भी भाषा का अंग्रेज़ी अनुवाद
पात्रताकेवल अंग्रेज़ी में लिखे उपन्यासअनुवादित कृति (विश्व की कोई भी भाषा)
पुरस्कार राशि50,000 पाउंड (लेखक)50,000 पाउंड (लेखक + अनुवादक)
फोकसअंग्रेज़ी साहित्यवैश्विक बहुभाषिक साहित्य
शुरुआत19692005 (नया प्रारूप 2016)
प्रकाशनब्रिटेन/आयरलैंडब्रिटेन/आयरलैंड
उद्देश्यसर्वश्रेष्ठ अंग्रेज़ी उपन्यास को सम्मानविश्व साहित्य की विविधता और अनुवाद को सम्मान

भाग 4: इन पुरस्कारों का वैश्विक प्रभाव

साहित्यिक पहचान और बिक्री में वृद्धि

बुकर और अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार मिलने पर किसी पुस्तक की बिक्री दोगुनी–तिगुनी नहीं बल्कि कई बार 1000% तक बढ़ जाती है।
इससे लेखक को अंतरराष्ट्रीय पहचान और आर्थिक लाभ दोनों प्राप्त होते हैं।

साहित्यिक आंदोलन को दिशा

इन पुरस्कारों ने समय-समय पर—

  • उत्तर-औपनिवेशिक लेखन
  • नारीवादी साहित्य
  • प्रवासी साहित्य
  • दलित एवं हाशिए के समुदायों के साहित्य
  • युद्ध और सामाजिक संघर्ष
    को मुख्यधारा में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

वैश्विक संवाद

बुकर और अंतरराष्ट्रीय बुकर दोनों

  • देशों
  • भाषाओं
  • संस्कृतियों
    के बीच संवाद का माध्यम बनते हैं।
    अनुवादित साहित्य आज दुनिया को समझने का पुल बन गया है।

अनुवादकों की प्रतिष्ठा में वृद्धि

अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार ने अनुवादकों को वह सम्मान दिलाया है जिसकी उन्हें सदियों से कमी थी।
आज अनुवादकों को “दूसरे लेखक” की तरह देखा जाने लगा है।

भाग 5: भारतीय संदर्भ और भविष्य

भारत 22 से अधिक अनुसूचित भाषाओं और सैकड़ों बोली-भाषाओं वाला देश है।
भारत की कहानी जितनी बहुभाषिक है उतनी ही बहुवैचारिक भी।

अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार ने जब हिंदी, कन्नड़, मलयालम और अन्य भारतीय भाषाओं को अंतरराष्ट्रीय मंच पर जगह दी, तो यह केवल साहित्यिक उपलब्धि नहीं बल्कि सांस्कृतिक गौरव भी बन गया।

भविष्य में—

  • उर्दू
  • तमिल
  • बंगला
  • असमिया
  • पंजाबी
  • मराठी
  • भोजपुरी
    जैसी भाषाओं के साहित्य के भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर और चमकने की अपार संभावनाएँ हैं।

निष्कर्ष

बुकर पुरस्कार और अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार दोनों विश्व साहित्य के दो अग्रणी मंच हैं, जिनका उद्देश्य साहित्यिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देना है।
जहाँ बुकर पुरस्कार अंग्रेज़ी भाषा में लिखे सर्वश्रेष्ठ उपन्यास को सम्मानित करता है, वहीं अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार वैश्विक भाषाओं के साहित्य को अंग्रेज़ी अनुवाद के माध्यम से दुनिया के पाठकों तक पहुँचाता है।

दोनों पुरस्कारों ने—

  • लेखकों के करियर
  • साहित्यिक विमर्श
  • प्रकाशन उद्योग
  • विश्व साहित्य की विविधता
    —पर गहरा प्रभाव डाला है।

भारत के संदर्भ में भी ये पुरस्कार बेहद महत्वपूर्ण हैं क्योंकि उन्होंने भारतीय भाषाओं और भारतीय कथाओं को विश्वस्तरीय पहचान दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई है।

अंततः, बुकर और अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार केवल सम्मान नहीं, बल्कि साहित्य और मानवता के बीच सेतु का कार्य करते हैं—एक ऐसा सेतु जो विविध भाषाओं, संस्कृतियों और विचारों को जोड़कर दुनिया को और गहराई से समझने का अवसर प्रदान करता है।


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