राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2025: भारत के डेयरी उत्कृष्टता को नई ऊँचाइयों पर ले जाने वाला सर्वोच्च सम्मान

भारत विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है, और यह उपलब्धि केवल देश की विशाल गाय-भैंस जनसंख्या के कारण ही नहीं, बल्कि करोड़ों डेयरी किसानों, सहकारी संस्थाओं और जमीन पर कार्यरत प्रजनन तकनीशियनों के अथक योगदान से संभव हुई है। इन्हीं योगदानों का सम्मान करने के लिए पशुपालन और डेयरी मंत्रालय (MoFAHD) द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर प्रदान किया जाने वाला राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार (National Gopal Ratna Award – NGRA) आज देश के डेयरी क्षेत्र का एक सर्वोच्च नागरिक सम्मान बन चुका है।

वर्ष 2025 के लिए इस प्रतिष्ठित पुरस्कार की आधिकारिक घोषणा मंत्रालय द्वारा कर दी गई है, जिसे राष्ट्रीय दुग्ध दिवस (26 नवंबर 2025) के अवसर पर प्रदान किया जाएगा। यह दिन भारत में ‘मिल्कमैन ऑफ इंडिया’ के नाम से विख्यात डॉ. वर्गीज़ कुरियन की जयंती के रूप में मनाया जाता है—जो श्वेत क्रांति के जनक माने जाते हैं।

यह लेख राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2025 की घोषणा, उसके उद्देश्य, चयन प्रक्रिया, पुरस्कार श्रेणियों, विजेताओं, नकद राशि, और भारत के डेयरी क्षेत्र में इसके महत्व का विस्तृत व विश्लेषणात्मक विवरण प्रस्तुत करता है।

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राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार की पृष्ठभूमि और स्थापना

राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 2021 में राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM) के तहत की गई थी। राष्ट्रीय गोकुल मिशन स्वयं भारत सरकार की वह प्रमुख योजना है, जो देशी गाय-भैंस नस्लों के संरक्षण, संवर्धन और वैज्ञानिक प्रबंधन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रारंभ की गई थी।

इस पुरस्कार का मुख्य उद्देश्य है—

  • डेयरी किसान, सहकारी संस्थाओं और पशुपालन क्षेत्र के अन्य कर्मियों के योगदान को पहचानना
  • देशी (Indigenous) पशु नस्लों के महत्व को रेखांकित करना
  • उन्नत कृत्रिम गर्भाधान तकनीक (Artificial Insemination Technology) को लोकप्रिय बनाना
  • नवाचार, वैज्ञानिकता और स्थायी प्रथाओं को प्रोत्साहित करना
  • भारत की डेयरी अर्थव्यवस्था को अधिक दक्ष, टिकाऊ और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना

आज यह पुरस्कार केवल सम्मान भर नहीं, बल्कि प्रेरणा का ऐसा स्रोत बन गया है, जिसने हजारों डेयरी किसानों और तकनीशियनों को उच्च स्तरीय तकनीकों और वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रेरित किया है।

राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2025 की घोषणा और आवेदन प्रक्रिया

वर्ष 2025 के लिए राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार हेतु कुल 2,081 आवेदन प्राप्त हुए। ये आवेदन पूरे भारत के विभिन्न राज्यों, सहकारी संघों, व्यक्तिगत किसानों और तकनीशियनों द्वारा जमा किए गए थे।

चयन समिति ने सभी आवेदनों का मूल्यांकन गुणवत्ता, नवाचार, उत्पादन क्षमता, देशी नस्लों के संरक्षण, पशुपालन के आधुनिक तरीकों के उपयोग, समाज में योगदान तथा तकनीकी दक्षता के आधार पर किया।

प्राप्त आवेदनों की बड़ी संख्या यह दर्शाती है कि यह पुरस्कार अब राष्ट्रीय स्तर पर अत्यधिक प्रतिष्ठा और प्रभाव प्राप्त कर चुका है।

पुरस्कार वितरण समारोह: राष्ट्रीय दुग्ध दिवस 2025 का गौरवशाली आयोजन

राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2025 का वितरण नई दिल्ली में 26 नवंबर 2025 को आयोजित एक भव्य समारोह में किया जाएगा। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री एवं अन्य उच्च पदस्थ अधिकारियों की उपस्थिति इसे और अधिक विशेष बनाती है।

समारोह में उपस्थित प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों में शामिल होंगे—

  • श्री राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) – केन्द्रीय मंत्री, मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
  • प्रो. एस. पी. सिंह बघेल – राज्य मंत्री
  • श्री जॉर्ज कुरियन – राज्य मंत्री

इन उच्चस्तरीय नेताओं की उपस्थिति यह दर्शाती है कि भारत सरकार डेयरी क्षेत्र को न केवल आर्थिक, बल्कि सामाजिक और तकनीकी दृष्टि से भी कितना महत्व देती है।

पुरस्कार राशि और सम्मान के रूप

राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार के विजेताओं को निम्नलिखित सम्मान प्रदान किए जाते हैं—

  • मेरिट प्रमाणपत्र (Certificate of Merit)
  • मोमेंटो (Memento)
  • नकद पुरस्कार (Cash Prize) – (सिर्फ दो श्रेणियों में)

नकद पुरस्कार राशि निम्नलिखित है—

  • प्रथम पुरस्कार: ₹5,00,000
  • द्वितीय पुरस्कार: ₹3,00,000
  • तृतीय पुरस्कार: ₹2,00,000
  • पूर्वोत्तर/हिमालयी राज्यों के लिए विशेष पुरस्कार: ₹2,00,000

ध्यान दें:

कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (AIT) श्रेणी में कोई नकद पुरस्कार नहीं दिया जाता। उन्हें केवल प्रमाणपत्र और मोमेंटो से सम्मानित किया जाता है।
इसका उद्देश्य AITs की सेवा भावना और उनके द्वारा किए गए सामुदायिक योगदान को नैतिक ढंग से सम्मानित करना है।

पुरस्कार की श्रेणियाँ: तीन मुख्य वर्गीकरण

राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार तीन प्रमुख श्रेणियों में प्रदान किया जाता है—

(1) सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान (देशी नस्लों को पालने वाले)

दो उप-श्रेणियाँ—

  • Non-NER क्षेत्र
  • NER/हिमालयी क्षेत्र

(2) सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी/FPO/मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी

दो उप-श्रेणियाँ—

  • Non-NER क्षेत्र
  • NER/हिमालयी क्षेत्र

(3) सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (AIT)

दो उप-श्रेणियाँ—

  • Non-NER क्षेत्र
  • NER/हिमालयी क्षेत्र

यह वर्गीकरण विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों के प्रदर्शन की समान रूप से पहचान सुनिश्चित करता है।

राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2025: विजेताओं की श्रेणीवार पूरी सूची

नीचे वर्ष 2025 के विजेताओं की सूची श्रेणीवार और क्षेत्रवार प्रस्तुत है।

A. सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान – देशी नस्लों को पालने वाले

Non-NER क्षेत्र

स्थानविजेता का नामस्थान
1stश्री अरविंद यशवंत पाटिलकोल्हापुर, महाराष्ट्र
2ndडॉ. कंकनाला कृष्ण रेड्डीहैदराबाद, तेलंगाना
3rd (संयुक्त)श्री हर्षित झूरियासीकर, राजस्थान
3rd (संयुक्त)कुमारी श्रद्धा सत्यवान धवनअहमदनगर, महाराष्ट्र

NER/हिमालयी क्षेत्र

  • श्रीमती विजय लता – हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश
  • श्री प्रदीप पांगड़िया – चंपावत, उत्तराखंड

B. सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी/FPO/मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी

Non-NER क्षेत्र

स्थानसंस्थास्थान
1stमीनन गड़ी क्षीरोल्पादक सहकारणा संघम लिमिटेडवायनाड, केरल
2nd (संयुक्त)कुन्नमकट्टुपथी क्षीरोल्पादक सहकारणा संघमपालक्काड़, केरल
2nd (संयुक्त)घिनोई दुग्ध उत्पादक सहकारी समितिजयपुर, राजस्थान
3rdTYSPL 37 सेंदुरई MPCS लिमिटेडअरियालुर, तमिलनाडु

NER/हिमालयी क्षेत्र

  • कुल्हा दूध उत्पादक सहकारी समिति – ऊधम सिंह नगर, उत्तराखंड

C. सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (AIT)

Non-NER क्षेत्र

  • 1st: श्री दिलीप कुमार प्रधान (अनुगुल, ओडिशा)
  • 2nd: श्री विकास कुमार (हनुमानगढ़, राजस्थान)
  • 3rd: श्रीमती अनुराधा चकली (नांदयाल, आंध्र प्रदेश)

NER/हिमालयी क्षेत्र

  • श्री दिलुवर हसन (बारपेटा, असम)

पुरस्कारों के चयन में देशी नस्लों का विशेष महत्व

भारत में गिर, साहीवाल, थारपारकर, राठी, पुनोठी, पंडरपुरी, मुर्रा, जाफराबादी, और हिमालयी क्षेत्र की कई अन्य स्वदेशी नस्लें विश्वभर में अपनी हार्डिनेस, दूध की गुणवत्ता और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए प्रसिद्ध हैं।

NGRA इन देशी नस्लों के—

  • संरक्षण
  • वैज्ञानिक संवर्धन
  • प्रजनन गुणवत्ता में सुधार
  • दुधारू क्षमता बढ़ाने

—जैसे महत्वपूर्ण विषयों को मुख्य स्थान देता है।

देशी नस्लों के संरक्षण को प्रोत्साहित करने के पीछे तीन प्रमुख कारण हैं—

  1. जैविक विविधता (Biodiversity) का संरक्षण
  2. दुग्ध उद्योग की स्थिरता
  3. जलवायु परिवर्तन के दौर में टिकाऊ पशुधन प्रबंधन

कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (AIT) की बढ़ती भूमिका

AITs पशुपालन क्षेत्र के “अज्ञात नायक” कहे जा सकते हैं।
वे—

  • आनुवंशिक सुधार
  • दूध उत्पादन बढ़ाने
  • रोग नियंत्रण
  • नस्ल उन्नयन
  • ग्रामीण अर्थव्यवस्था सशक्तिकरण

—में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार में AIT श्रेणी जोड़ने का उद्देश्य यह था कि उनकी मेहनत को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सके।

AITs की वजह से—

  • पशुओं में उच्च गुणवत्ता वाली नस्लों का प्रचार
  • दूध उत्पादन में बढ़ोतरी
  • प्रजनन चक्र में सुधार
  • किसानों की आय में वृद्धि

—जैसी उपलब्धियां संभव हुई हैं।

राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार का भारत की डेयरी अर्थव्यवस्था में महत्व

भारत का दुग्ध क्षेत्र कृषि GDP का लगभग 1/4 हिस्सा है।
यह क्षेत्र—

  • महिला स्वावलंबन
  • ग्रामीण रोजगार
  • पोषण सुरक्षा
  • किसान आय वृद्धि

—के लिए महत्त्वपूर्ण स्तंभ है।

NGRA पुरस्कार—

  • श्रेष्ठ किसानों को सम्मानित कर प्रेरणा देता है
  • सहकारी मॉडल (जैसे अमूल) की प्रासंगिकता बढ़ाता है
  • डेयरी क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा और नवाचार को प्रोत्साहित करता है
  • सरकार और समुदाय के बीच सहयोग बढ़ाता है
  • देशी नस्लों के संरक्षण को तेज़ करता है
  • तकनीकी ज्ञान के प्रसार में मदद करता है

इस पुरस्कार का व्यापक प्रभाव यह है कि यह डेयरी क्षेत्र को आधुनिक तकनीकों, वैज्ञानिक प्रबंधन और नवाचारों की दिशा में अग्रसर करता है।

राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2025 के महत्वपूर्ण तथ्य (Quick Facts)

  • घोषणा करने वाला विभाग: पशुपालन एवं डेयरी विभाग, MoFAHD
  • अवसर: राष्ट्रीय दुग्ध दिवस – 26 नवंबर 2025
  • स्थापना वर्ष: 2021
  • लगू योजना: राष्ट्रीय गोकुल मिशन
  • कुल आवेदन: 2,081
  • श्रेणियों की संख्या: 3
  • शीर्ष नकद पुरस्कार: ₹5 लाख
  • AIT श्रेणी में केवल प्रमाणपत्र और मोमेंटो
  • उद्देश्य:
    • देशी नस्ल संरक्षण
    • डेयरी नवाचार
    • प्रजनन दक्षता में सुधार
    • किसानों और संस्थाओं को सम्मान

निष्कर्ष: भारत के डेयरी भविष्य को मजबूत करता एक प्रेरणादायी पुरस्कार

राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2025 न केवल विजेताओं को सम्मानित करता है, बल्कि पूरे भारतीय डेयरी क्षेत्र के लिए एक प्रेरणा स्रोत है। यह पुरस्कार दर्शाता है कि—

  • यदि वैज्ञानिक पद्धतियों, नवाचार और परिश्रम को अपनाया जाए,
  • देशी नस्लों का संरक्षण किया जाए,
  • सहकारी मॉडल मजबूत रखा जाए,
  • और तकनीक का उचित उपयोग किया जाए,

—तो भारत भविष्य में भी वैश्विक दुग्ध उत्पादन में अग्रणी बने रहने में सक्षम रहेगा।

NGRA 2025 के विजेताओं ने अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किए हैं, जिनसे प्रेरणा लेकर देशभर के किसान, तकनीशियन और सहकारी संस्थाएँ डेयरी क्षेत्र को और अधिक सशक्त बना सकती हैं।


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