भाषा की संरचना में शब्दों का अपना-अपना विशिष्ट स्थान होता है। वाक्य निर्माण के क्रम में प्रत्येक शब्द किसी न किसी रूप में अर्थ, भाव और अभिप्राय को व्यक्त करता है। भाषा के इन्हीं अंगों में क्रिया-विशेषण (Kriya Visheshan) एक अत्यंत महत्वपूर्ण श्रेणी है। यह न केवल वाक्य में प्रयुक्त क्रिया का विस्तार करता है, बल्कि यह विशेषण, वाक्य तथा अन्य क्रिया-विशेषणों की जानकारी को भी स्पष्ट और अर्थपूर्ण बनाता है। इस प्रकार यह भाषा के अभिव्यक्ति पक्ष को अधिक सटीक, प्रभावशाली और संप्रेषणीय बनाता है।
क्रिया-विशेषण की संकल्पना
क्रिया-विशेषण (Adverb) हिंदी व्याकरण का एक ऐसा अवयव है, जो क्रिया (Verb), विशेषण (Adjective) अथवा किसी अन्य क्रिया-विशेषण की विशेषता प्रकट करता है। अंग्रेजी में इसे Adverb कहा जाता है। शब्दगत दृष्टि से यह दो शब्दों के मेल से बना है—
- क्रिया + विशेषण
अर्थात वह शब्द जो क्रिया को विशेषित करे या उसके अर्थ को और अधिक स्पष्ट करे।
उदाहरण:
- वह धीरे-धीरे चलता है।
इस वाक्य में चलता है क्रिया है तथा धीरे-धीरे उस क्रिया की विशेषता बताता है, इसलिए यह शब्द क्रिया-विशेषण है।
क्रिया-विशेषण की परिभाषा
“जो शब्द वाक्य में प्रयुक्त क्रिया की विशेषता को स्पष्ट करें, उन्हें क्रिया-विशेषण कहते हैं।”
उदाहरण:
- वह जोर से रोता है।
यहाँ रोता है क्रिया है और जोर से उस क्रिया की रीति या प्रकार बताता है, इसलिए वह क्रिया-विशेषण कहलाता है।
क्रिया-विशेषण की आवश्यकता और उपयोगिता
वाक्यों के अर्थ-अर्थालंकार, भावों की तीव्रता तथा भाषा के संप्रेषणीय पक्ष को परिपूर्ण करने में क्रिया-विशेषण की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। एक साधारण वाक्य क्रिया-विशेषण से प्रभावित होकर और अधिक सजीव, भावपूर्ण और परिशुद्ध स्वरूप धारण कर लेता है।
उदाहरण:
| सामान्य वाक्य | क्रिया-विशेषण सहित वाक्य |
|---|---|
| राम बोलता है। | राम धीरे-धीरे बोलता है। |
| वह आए। | वह अचानक आए। |
| सूरज निकला। | सूरज धीरे-धीरे निकला। |
इन उदाहरणों से स्पष्ट है कि क्रिया-विशेषण वाक्य में गति, समय, स्थान, मात्रा और भाव की स्पष्टता प्रदान करता है।
क्रिया-विशेषण के उदाहरण
कुछ सामान्य उदाहरण:
- वह कल आपसे मिलेगा।
- वे पार्टी में जल्दी पहुँच गए।
- बारिश लगातार हो रही है।
- छात्र बहुत ध्यान से पढ़ रहे हैं।
- वह वहाँ बैठा है।
- रीना बहुत धीरे बोलती है।
- बच्चे पार्क में खुशी-खुशी खेल रहे थे।
- वह अभी घर से निकला है।
- ट्रेन काफी देर से आई।
- वह हमेशा सच बोलता है।
- हम कल दिल्ली जाएंगे।
- छात्र परीक्षा में बेहद सावधानी से लिख रहे थे।
- मोहन बार-बार वही प्रश्न पूछ रहा है।
- चिड़िया ऊपर उड़ रही है।
- वह मेरे घर के पास ही रहता है।
- सूरज धीरे-धीरे बादलों से बाहर आ रहा है।
- उसने कहानी गंभीरता से सुनी।
- बारिश तेज़ी से बढ़ रही है।
- वह किताब ध्यानपूर्वक पढ़ रहा है।
- गाड़ी जहाँ-तहाँ खड़ी थीं।
- वह हमें इतनी जल्दी क्यों बुला रहा है?
- खिलाड़ी मैदान में लगातार अभ्यास कर रहे हैं।
- वह शायद आज न आए।
- छात्र कक्षा में सही तरह से बैठे हैं।
- राम ने खाना जल्दी में खाया।
- यह काम कठिनाई से पूरा हुआ।
- सैनिक सीमा पर बहादुरी से डटे रहे।
- बच्चा धीरे-धीरे चलना सीख रहा है।
- शिक्षक ने उसे दुबारा समझाया।
- उसने उत्तर ठीक से नहीं दिया।
इन उदाहरणों में प्रयुक्त शब्द क्रमशः समय, गति, मात्रा और स्थान को दर्शाते हैं। अतः ये सभी क्रिया-विशेषण के उदाहरण हैं।
क्रिया-विशेषण का वर्गीकरण
हिंदी व्याकरण में क्रिया-विशेषण का वर्गीकरण तीन मुख्य आधारों पर किया जाता है—
- अर्थ के आधार पर
- प्रयोग के आधार पर
- रूप के आधार पर
इन तीनों आधारों में क्रिया-विशेषणों की विभिन्न श्रेणियाँ निर्धारित की गई हैं, जो वाक्य के अर्थ, उद्देश्य और पाठ्य संदर्भ को स्पष्ट बनाती हैं।
अर्थ के आधार पर क्रिया-विशेषण के भेद
अर्थ के अनुसार क्रिया-विशेषण ने मुख्य रूप से निम्नलिखित प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है—
- स्थानवाचक क्रिया-विशेषण
- कालवाचक क्रिया-विशेषण
- परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण
- रीतिवाचक क्रिया-विशेषण
1. स्थानवाचक क्रियाविशेषण
स्थान बताने वाले अविकारी शब्द जो किसी क्रिया के होने की जगह या दिशा का ज्ञान कराएं, उन्हें स्थानवाचक क्रियाविशेषण कहा जाता है। ऐसे शब्द वाक्य में इस बात का संकेत देते हैं कि क्रिया कहाँ घटित हो रही है।
सरल परिभाषा
👉 जिन शब्दों से किसी स्थान या लोकेशन का बोध होता है तथा जो क्रिया को विशेषित करते हैं, वे स्थानवाचक क्रियाविशेषण कहलाते हैं।
उदाहरण वाक्य
स्थानवाचक क्रियाविशेषण के उदाहरण वाक्य नीचे दिए जा रहे हैं –
| वाक्य | क्रियाविशेषण |
|---|---|
| वह बाहर सो रहा है। | बाहर |
| कनिका यहाँ चल रही है। | यहाँ |
| रामू छत पर खेल रहा है। | पर |
| चूहा जाल में फँस गया। | में |
स्थान जैसे — यहाँ, वहाँ, ऊपर, नीचे, भीतर, बाहर, आगे, पीछे, पास, दूर आदि शब्द इसी श्रेणी में आते हैं।
स्थान वाचक क्रिया विशेषण के उदाहरण
- मैंने चाबियाँ यहीं रखीं थीं।
- वह हर जगह उसे तलाश रहा था।
- बिल्ली अंदर बैठी है।
- दुकान सामने है।
- मंदिर घर के पास ही है।
👉 यहाँ प्रयुक्त शब्द — यहीं, हर जगह, अंदर, सामने, पास — सभी स्थानवाचक क्रियाविशेषण हैं।
स्थान वाचक क्रिया विशेषण के उपभेद
स्थान वाचक क्रिया विशेषण को सामान्यतः निम्न उपभेदों में बाँटा जा सकता है—
| उपभेद | उदाहरण शब्द |
|---|---|
| 1. स्थितिवाचक | वहाँ, यहाँ, बहार, भीतर |
| 2. दिशावाचक | दायें, बाएं, इधर, उधर |
1️⃣ स्थितिवाचक क्रिया-विशेषण
जो शब्द यह बताते हैं कि कार्य किस स्थान पर हो रहा है, वे स्थितिवाचक कहलाते हैं।
मुख्य शब्द:
वहाँ, यहाँ, बाहर, भीतर
✔ स्पष्ट उदाहरण
- राम वहाँ खड़ा है।
→ “वहाँ” उस स्थान को बताता है जहाँ राम खड़ा है। - बच्चे यहाँ खेल रहे हैं।
→ “यहाँ” बोलने वाले के निकट के स्थान को दर्शाता है। - वह बाहर चली गई।
→ “बाहर” बताता है कि वह घर के बाहर किसी स्थान पर गई। - बिल्ली भीतर सो रही है।
→ “भीतर” कमरे के अंदर का स्थान बता रहा है।
➡ इन सभी वाक्यों में बोल्ड शब्द क्रिया के स्थान का स्पष्ट बोध कराते हैं।
2️⃣ दिशावाचक क्रिया-विशेषण
ये शब्द बताते हैं कि क्रिया किस दिशा में हो रही है।
मुख्य शब्द:
दाएँ, बाएँ, इधर, उधर
✔ स्पष्ट उदाहरण
- गाड़ी दाएँ मुड़ गई।
→ “दाएँ” दिशा बता रहा है कि गाड़ी किस ओर मुड़ी। - वह बाएँ तरफ चला गया।
→ “बाएँ” दिशा सूचित कर रहा है। - बच्चे इधर आओ।
→ “इधर” वक्ता की ओर आने की दिशा दर्शाता है। - लोग उधर जा रहे हैं।
→ “उधर” किसी दूर दिशा की ओर जाने का संकेत देता है।
➡ इन शब्दों द्वारा क्रिया की दिशा स्पष्ट रूप से ज्ञात होती है।
सारणी (Table) — स्थानवाचक क्रिया-विशेषण के उपभेद
| उपभेद | अर्थ | प्रमुख शब्द | उदाहरण वाक्य |
|---|---|---|---|
| स्थितिवाचक | क्रिया किस स्थान पर हो रही है | वहाँ, यहाँ, बाहर, भीतर | वह यहाँ बैठा है। |
| दिशावाचक | क्रिया किस दिशा में हो रही है | दाएँ, बाएँ, इधर, उधर | कार उधर जा रही है। |
2. कालवाचक क्रियाविशेषण
वे अव्यय शब्द जो बताते हैं कि क्रिया कब हुई, हो रही है अथवा होगी, वे कालवाचक क्रियाविशेषण कहलाते हैं। ये समय, दिनांक, अवधि या आवृत्ति संबंधी जानकारी देते हैं।
सरल परिभाषा
👉 वे शब्द जिनसे क्रिया के समय का पता चले, उन्हें कालवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।
उदाहरण वाक्य
कालवाचक क्रियाविशेषण के उदाहरण वाक्य नीचे दिए जा रहे हैं –
| वाक्य | क्रियाविशेषण |
|---|---|
| खुशी ने सुबह खाना खाया। | सुबह |
| वह यहाँ प्रतिदिन आता है। | प्रतिदिन |
| मैं अभी उससे मिलकर आ रहा हूँ। | अभी |
इस श्रेणी में — आज, कल, परसों, सदा, प्रतिदिन, कभी-कभी, अभी, पहले, बाद में, फिर, लगातार आदि शब्द आते हैं।
काल वाचक क्रिया विशेषण के उदाहरण
- मैं उससे कल मिला था।
- वे जल्द ही वापस आएँगे।
- हम आज यात्रा पर जा रहे हैं।
- समस्या का समाधान फौरन चाहिए।
- वह कभी-कभी देर से आता है।
👉 यहाँ आए शब्द — कल, जल्द ही, आज, फौरन, कभी-कभी — कालवाचक क्रियाविशेष
कालवाचक क्रिया विशेषण के उपभेद
कालवाचक क्रिया विशेषण को सामान्यतः निम्न उपभेदों में बाँटा जा सकता है—
| उपभेद | उदाहरण शब्द |
|---|---|
| 1. समयवाचक | आज, कल, अभी, तुरंत |
| 2. अवधिवाचक | आजकल, रातभर, दिनभर, नित्य |
| 3. बारंबारतावाचक | कईबार, प्रतिदिन, हर बार |
1️⃣ समयवाचक क्रिया-विशेषण
जो शब्द स्पष्ट समय बताएं कि कार्य कब हुआ / हो रहा है / होगा, उन्हें समयवाचक कहते हैं।
मुख्य शब्द:
आज, कल, अभी, तुरंत
✔ उदाहरण
- वह आज स्कूल जाएगा।
- मैं कल तुमसे मिलूँगा।
- वह अभी खाना खा रही है।
- डॉक्टर तुरंत आ रहे हैं।
➡ इन सभी वाक्यों में बोल्ड शब्द क्रिया के समय को दर्शा रहे हैं।
2️⃣ अवधिवाचक क्रिया-विशेषण
ये शब्द बताते हैं कि कोई कार्य कितनी अवधि (duration) तक हुआ या होता रहा।
मुख्य शब्द:
आजकल, रातभर, दिनभर, नित्य
✔ उदाहरण
- वह आजकल नई नौकरी कर रहा है।
- बारिश रातभर होती रही।
- वह दिनभर पढ़ाई करता है।
- वह नित्य योग करती है।
➡ यहाँ सभी शब्द कार्य की कुल अवधि / समयावधि बताते हैं।
3️⃣ बारंबारतावाचक क्रिया-विशेषण
ये शब्द बताते हैं कि कोई कार्य कितनी बार (frequency) होता है।
मुख्य शब्द:
कई बार, प्रतिदिन, हर बार
✔ उदाहरण
- मैंने यह बात कई बार समझाई है।
- वह प्रतिदिन विद्यालय जाता है।
- परीक्षा में वह हर बार सफल होता है।
➡ यहाँ शब्द क्रिया की बारंबारता या दोहराव को दर्शा रहे हैं।
सारणी (Table) — कालवाचक क्रिया-विशेषण के उपभेद
| उपभेद | अर्थ | उदाहरण शब्द | उदाहरण वाक्य |
|---|---|---|---|
| समयवाचक | कार्य कब हुआ | आज, कल, अभी | वह अभी आ रहा है। |
| अवधिवाचक | कार्य कितनी अवधि तक | आजकल, रातभर | वह रातभर जागता रहा। |
| बारम्बारतावाचक | कार्य कितनी बार हुआ | कई बार, प्रतिदिन | मैंने उसे कई बार समझाया। |
3. परिमाणवाचक क्रियाविशेषण
जब कोई क्रियाविशेषण क्रिया के परिमाण, संख्या, गहनता, तीव्रता या सीमा का बोध कराता है, तो वह परिमाणवाचक क्रियाविशेषण कहलाता है।
सरल परिभाषा
👉 वे शब्द जो क्रिया की मात्रा या स्तर दर्शाएँ, वे परिमाणवाचक क्रियाविशेषण कहलाते हैं।
उदाहरण वाक्य
परिमाणवाचक क्रियाविशेषण के उदाहरण वाक्य नीचे दिए जा रहे हैं –
| वाक्य | क्रियाविशेषण |
|---|---|
| उसने केवल कुतुबमीनार देखा। | केवल |
| वह बहुत खाता है। | बहुत |
| कमरा पूरी तरह सजाया गया। | पूरी तरह |
इस श्रेणी में — बहुत, थोड़ा, अत्यधिक, लगभग, केवल, ज्यादा, कुछ-कुछ, काफी, एक-एक करके, आदि शामिल हैं।
परिमाण वाचक क्रिया विशेषण के उदाहरण
- वह काफी तेज बोल रही है।
- उसने पहेली लगभग पूरी कर ली।
- सूप बहुत गर्म था।
- शिक्षक ने बात स्पष्ट रूप से समझाई।
- काम पूरी तरह समाप्त हो गया।
👉 यहाँ आए शब्द — काफी, लगभग, बहुत, स्पष्ट रूप से, पूरी तरह — परिमाणवाचक क्रियाविशेषण हैं।
परिमाण वाचक क्रिया विशेषण के उपभेद
परिमाणवाचक क्रिया विशेषण को सामान्यतः निम्न उपभेदों में बाँटा जा सकता है—
| उपभेद | उदाहरण शब्द |
|---|---|
| 1. अधिकताबोधक | बहुत, खूब, अत्यंत, अति |
| 2. न्यूनताबोधक | कुछ, जरा, थोड़ा, किंचित् |
| 3. पर्यप्तिवोधक | काफी, ठीक, बस, यथेष्ट |
| 4. तुलनाबोधक | कम, अधिक, इतना, उतना |
| 5. श्रेणीवोधक | थोड़ा-थोड़ा, बारी-बारी, तिल-तिल |
1️⃣ अधिकताबोधक क्रिया-विशेषण
जो शब्द क्रिया की अधिकता (Intensity / High Degree) दर्शाते हैं।
मुख्य शब्द:
बहुत, खूब, अत्यंत, अति
✔ उदाहरण
- वह बहुत तेज दौड़ता है।
- बच्चे खूब खुश हुए।
- मौसम अत्यंत ठंडा हो गया।
- उसने अति विनम्रता से उत्तर दिया।
➡ ये सभी शब्द क्रिया की ज्यादा मात्रा या तीव्रता दिखाते हैं।
2️⃣ न्यूनताबोधक क्रिया-विशेषण
ये क्रिया की कम मात्रा या थोड़े स्तर का बोध कराते हैं।
मुख्य शब्द:
कुछ, ज़रा, थोड़ा, किंचित
✔ उदाहरण
- वह कुछ उदास लग रहा है।
- कृपया ज़रा रुकिए।
- पानी थोड़ा बचा है।
- बात किंचित देर में समझ आई।
➡ यहाँ पर मात्रा को कम दर्शाया गया है।
3️⃣ पर्याप्तिबोधक क्रिया-विशेषण
ये क्रिया की पर्याप्त (Enough / Sufficient) मात्रा दर्शाते हैं।
मुख्य शब्द:
काफी, ठीक, बस, यथेष्ट
✔ उदाहरण
- आपके लिए चाय काफी है।
- यह दूरी पैदल चलने के लिए ठीक है।
- अब बस, आगे मत बोलो।
- भोजन यथेष्ट है।
➡ इन शब्दों से पता चलता है कि मात्रा न अधिक है, न कम — पर्याप्त है।
4️⃣ तुलनाबोधक क्रिया-विशेषण
ये क्रिया की मात्रा का तुलनात्मक बोध कराते हैं—
किसी चीज़ के कम–अधिक, या इतना–उतना होने का।
मुख्य शब्द:
कम, अधिक, इतना, उतना
✔ उदाहरण
- वह दूसरों से कम बोलता है।
- यह काम पहले से अधिक कठिन है।
- तुम इतना क्यों घबरा रहे हो?
- मैं उतना खुश नहीं हूँ।
➡ शब्द क्रिया की मात्रा की आपसी तुलना कर रहे हैं।
5️⃣ श्रेणीबोधक क्रिया-विशेषण
ये क्रिया की मात्रा को भागों/स्तरों में बताते हैं।
अर्थात कार्य धीरे-धीरे, टुकड़ों में, क्रम से आदि हो रहा है।
मुख्य शब्द:
थोड़ा-थोड़ा, बारी-बारी, तिल-तिल
✔ उदाहरण
- उसने खाना थोड़ा-थोड़ा खाया।
- बच्चों ने बारी-बारी से उत्तर दिया।
- वह तिल-तिल करके दर्द सहता रहा।
➡ यहाँ पर क्रिया को खंडों या क्रम में किया जाना दर्शाया गया है।
सारणी (Table) — परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण के उपभेद
| उपभेद | अर्थ | प्रमुख शब्द | उदाहरण |
|---|---|---|---|
| अधिकताबोधक | अधिक मात्रा/तीव्रता | बहुत, खूब, अत्यंत, अति | वह बहुत तेज दौड़ता है। |
| न्यूनताबोधक | कम मात्रा | कुछ, ज़रा, थोड़ा, किंचित | पानी थोड़ा बचा है। |
| पर्याप्तिबोधक | पर्याप्त मात्रा | काफी, ठीक, बस, यथेष्ट | यह खाना काफी है। |
| तुलनाबोधक | तुलना करते हुए मात्रा | कम, अधिक, इतना, उतना | वह दूसरों से कम बोलता है। |
| श्रेणीबोधक | क्रम/भागों में मात्रा | थोड़ा-थोड़ा, बारी-बारी, तिल-तिल | उसने बारी-बारी से उत्तर दिया। |
4. रीतिवाचक क्रियाविशेषण
वे शब्द जो क्रिया के करने की रीति, ढंग या स्टाइल बताते हैं, उन्हें रीतिवाचक क्रियाविशेषण कहा जाता है। ये बताते हैं कि क्रिया कैसे की गई।
परिभाषा
👉 वे क्रियाविशेषण जो क्रिया की विधि या प्रक्रिया बताते हैं, उन्हें रीतिवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।
उदाहरण वाक्य
रीतिवाचक क्रियाविशेषण के उदाहरण वाक्य नीचे दिए जा रहे हैं –
| वाक्य | क्रियाविशेषण |
|---|---|
| वह तेजी से दौड़ता है। | तेजी से |
| उसने पहेली आसानी से हल की। | आसानी से |
| बच्चे चुपचाप बैठे थे। | चुपचाप |
इस श्रेणी में — धीरे-धीरे, जोर से, शांति से, सावधानी से, सुंदर ढंग से, धीरे-धीरे, सही से, लगन से, निडरता से आदि शब्द आएंगे।
रीति वाचक क्रिया विशेषण के उदाहरण
- छात्र ने प्रश्न का उत्तर सही ढंग से दिया।
- उसने मंच पर शानदार नृत्य किया।
- उपहार पाकर वह खुशी से मुस्कुराया।
- सैनिकों ने देश की रक्षा बहादुरी से की।
- कलाकार ने चित्र बड़ी बारीकी से बनाया।
👉 ये सभी शब्द क्रिया के प्रकार या ढंग का संकेत करते हैं।
रीतिवाचक क्रिया-विशेषण के उपभेद
रीतिवाचक क्रियाविशेषण क्रिया की रीति, तरीका, ढंग, भाव आदि बताते हैं।
इन्हें सामान्यतः निम्न उपभेदों में बाँटा जा सकता है—
| उपभेद | उदाहरण शब्द |
|---|---|
| 1. ढंगबोधक | धीरे, जोर से |
| 2. भावबोधक | खुशी से, गुस्से में |
| 3. व्यवहारबोधक | आदरपूर्वक, शांति से |
| 4. प्रयोजनबोधक | जानबूझकर, अनजाने में |
| 5. क्रमबोधक | एक-एक करके |
1️⃣ ढंगबोधक रीतिवाचक क्रियाविशेषण
जो क्रिया के सामान्य ढंग (General manner) को दिखाते हों।
मुख्य शब्द:
धीरे, जल्दी, जोर से, चुपचाप, साफ-साफ, ध्यान से
उदाहरण:
- वह धीरे बोल रहा था।
- बच्चे ध्यान से पढ़ रहे हैं।
2️⃣ भावबोधक रीतिवाचक क्रियाविशेषण
जो क्रिया के भाव या मन:स्थिति को प्रकट करते हैं।
मुख्य शब्द:
खुशी से, दुखी होकर, गुस्से में, प्रेम से, प्रसन्न होकर
उदाहरण:
- उसने मुझे खुशी से गले लगाया।
- वह गुस्से में घर से निकल गया।
3️⃣ व्यवहारबोधक रीतिवाचक क्रियाविशेषण
जो बताते हैं कि व्यक्ति क्रिया को कैसे व्यवहार के साथ कर रहा है।
मुख्य शब्द:
सभ्यता से, बदतमीज़ी से, आदरपूर्वक, शांति से
उदाहरण:
- उसने शिक्षक से आदरपूर्वक बात की।
- बच्चे शांति से लाइन में खड़े थे।
4️⃣ प्रयोजनबोधक रीतिवाचक क्रियाविशेषण
जो क्रिया के उद्देश्य/नियत प्रयोजन के ढंग को बताएं।
मुख्य शब्द:
जानबूझकर, अनजाने में, मजबूरी में, आवश्यकतः
उदाहरण:
- उसने यह काम जानबूझकर किया।
- मैंने फ़ोन अनजाने में काट दिया।
5️⃣ रीति/क्रमबोधक रीतिवाचक क्रिया-विशेषण
क्रिया किस क्रम या बनावट में की जा रही है, यह बताता है।
मुख्य शब्द:
एक-एक करके, धीरे-धीरे, क्रमशः
उदाहरण:
- उसने पन्ने एक-एक करके पलटे।
- बच्चे धीरे-धीरे आगे बढ़े।
सारणी (Table) — रीतिवाचक क्रिया-विशेषण के उपभेद
| उपभेद | क्या बताते हैं | उदाहरण शब्द | उदाहरण वाक्य |
|---|---|---|---|
| ढंगबोधक | क्रिया का तरीका/ढंग | धीरे, जोर से | वह धीरे बोलता है। |
| भावबोधक | भाव, मनोदशा | खुशी से, गुस्से में | उसने मुझे खुशी से देखा। |
| व्यवहारबोधक | व्यवहार/स्वभाव | आदरपूर्वक, शांति से | उसने आदरपूर्वक उत्तर दिया। |
| प्रयोजनबोधक | उद्देश्य/नियत | जानबूझकर, अनजाने में | उसने यह काम जानबूझकर किया। |
| क्रमबोधक | क्रम/क्रमिक क्रिया | एक-एक करके | बच्चों ने एक-एक करके पढ़ा। |
प्रयोग के आधार पर क्रिया-विशेषण के प्रकार
हिंदी भाषा में क्रिया-विशेषण का अध्ययन केवल उसके अर्थ या रूप तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके उपयोग अर्थात प्रयोग के आधार पर भी इनका वर्गीकरण किया जाता है। वाक्य में क्रिया-विशेषण किस प्रकार प्रयुक्त हो रहा है और उसका वाक्य में भूमिका क्या है — इसी मानदंड पर इन्हें तीन मुख्य वर्गों में विभाजित किया जाता है। ये तीन प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:
- साधारण क्रिया-विशेषण
- सयोजक (Conjunctive) क्रिया-विशेषण
- अनुबद्ध क्रिया-विशेषण
आइए, इन तीनों की विस्तृत व्याख्या उदाहरण सहित समझते हैं।
1. साधारण क्रिया-विशेषण (Simple Adverb)
साधारण क्रिया-विशेषण वे अविकारी शब्द होते हैं, जिनका प्रयोग वाक्य में सीधे क्रिया से संबंधित होकर होता है। ऐसे क्रिया-विशेषण अकेले प्रयुक्त होते हैं और किसी शब्द या वाक्यांश के सहारे नहीं होते। यह सीधे-सीधे बताता है कि क्रिया कैसे, कब या कितनी मात्रा में हुई।
विशेषताएँ:
- स्वतंत्र रूप से प्रयुक्त होते हैं।
- केवल क्रिया से संबंधित रहते हैं।
- वाक्य में इनके हटने से अर्थ अधूरा हो सकता है।
उदाहरण वाक्य:
| वाक्य | क्रिया-विशेषण | प्रयोग का प्रकार |
|---|---|---|
| वह लड़का कहाँ चला गया? | कहाँ | साधारण |
| तुम कब आए? | कब | साधारण |
| यह क्या हो गया? | क्या | साधारण |
| बेटा जल्दी आओ। | जल्दी | साधारण |
इन उदाहरणों में कहाँ, कब, क्या, जल्दी सीधे-सीधे क्रिया के बारे में जानकारी देते हैं, इसलिए ये साधारण क्रिया-विशेषण कहलाते हैं।
2. सयोजक क्रिया-विशेषण (Conjunctive Adverb)
वे क्रिया-विशेषण जो वाक्य में दो उपवाक्यों या विचारों को जोड़ने का कार्य करते हैं, सयोजक क्रिया-विशेषण कहलाते हैं। ये न केवल क्रिया का परिचय देते हैं, बल्कि तर्क, समय या स्थान अनुसार वाक्यों का संबंध भी स्थापित करते हैं।
उदाहरण स्वरूप शब्द:
👉 हालांकि, इसलिए, इसके अलावा, फिर भी, जब-तक… तब-तक, जहाँ… वहाँ आदि
उदाहरण वाक्य:
| वाक्य | सयोजक क्रिया-विशेषण |
|---|---|
| जब-तक तुम पहुँचोगे, तब-तक हम जा चुके होंगे। | जब-तक… तब-तक |
| जहाँ तुम खड़े हो, वहाँ पहले पुस्तकालय था। | जहाँ… वहाँ |
| यहाँ लोग रो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग हँस रहे हैं। | वहीं |
यहाँ प्रयुक्त शब्द न केवल वाक्य को जोड़ रहे हैं, बल्कि क्रिया के साथ संबंध भी बना रहे हैं, इसीलिए इन्हें सयोजक क्रिया-विशेषण कहा जाता है।
3. अनुबद्ध क्रिया-विशेषण (Emphatic/Bonded Adverb)
अनुबद्ध क्रिया-विशेषण वे शब्द हैं जो वाक्य में निश्चय, दृढ़ता, बल या भावात्मक तीव्रता व्यक्त करते हैं। इन्हें वाक्य में कहीं भी रखा जा सकता है, लेकिन इनका कार्य वाक्य में अर्थ को प्रबल बनाना होता है।
विशेषताएँ:
- वाक्य का भाव प्रबल करते हैं।
- स्थान परिवर्तन के बावजूद अर्थ समान रहता है।
- स्वतंत्र रूप से पूर्ण अर्थ नहीं देते।
उदाहरण:
| वाक्य | क्रिया-विशेषण | भाव |
|---|---|---|
| कुंभकरण के खाने भर की देर है। | खाने भर की देर | निश्चितता/भाव |
| मेरा काम तो गलत ही हुआ है। | ही | विशेष जोर |
यहाँ “ही” और “बेहद निश्चित अभिव्यक्ति जैसे “खाने भर की देर” वाक्य में भाव की तीव्रता को उभारते हैं। इसलिए वे अनुबद्ध क्रिया-विशेषण माने जाते हैं।
सारांश तालिका
| क्रिया-विशेषण का प्रकार | परिभाषा | उदाहरण |
|---|---|---|
| साधारण | सीधे क्रिया से संबंधित स्वतंत्र अव्यय | कब, कहाँ, जल्दी |
| सयोजक | दो वाक्यों, उपवाक्यों या भावों को जोड़ता है | इसलिए, फिर भी, जहाँ-वहाँ |
| अनुबद्ध | वाक्य में भाव, निश्चितता या बल व्यक्त करता है | ही, तो, बस, अवश्य |
प्रयोग के आधार पर क्रिया-विशेषणों का वर्गीकरण हिंदी व्याकरण में अत्यंत आवश्यक तत्व है क्योंकि इससे स्पष्ट होता है कि वाक्य में प्रयुक्त अविकारी शब्द किस प्रकार अर्थ, भाव और व्याकरणिक संरचना को प्रभावित करते हैं। चाहे वाक्य में समय का संकेत हो, भाव का जोर हो या विचारों में संबंध स्थापित करना हो — हर स्थिति में क्रिया-विशेषण अपनी विशिष्ट भूमिका निभाते हैं।
रूप के आधार पर क्रिया-विशेषण (Form Based Classification of Kriya Visheshan)
हिंदी व्याकरण में क्रिया-विशेषणों को उनके स्वरूप और संरचना के आधार पर भी वर्गीकृत किया जाता है। यह वर्गीकरण इस बात पर निर्भर करता है कि क्रिया-विशेषण किसी अन्य शब्द से मिलकर बने हैं या वे बिना किसी रूपांतरण के स्वतंत्र रूप में प्रयुक्त होते हैं। रूप के आधार पर क्रिया-विशेषण मुख्य रूप से तीन श्रेणियों में विभाजित किए जाते हैं—
- मूल क्रिया-विशेषण
- यौगिक क्रिया-विशेषण
- स्थानीय क्रिया-विशेषण
इन तीनों प्रकारों की संरचना, उपयोग और उदाहरण नीचे विस्तार से दिए गए हैं।
1. मूल क्रिया-विशेषण (Basic Adverb)
जो शब्द किसी भी संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण से जुड़े बिना ही क्रिया की विशेषता व्यक्त करते हैं, वे मूल क्रिया-विशेषण कहलाते हैं। ये शब्द अपने आप में पूर्ण होते हैं और इन्हें समझने या प्रयोग करने के लिए किसी अन्य शब्द की आवश्यकता नहीं होती। ऐसे शब्द सामान्यतः बोलचाल की भाषा में बहुत अधिक प्रयोग में आते हैं।
इन शब्दों से समय, स्थिति, भाव, दूरी या क्रिया की तीव्रता का बोध होता है।
उदाहरण :
- अचानक
- फिर
- पास
- दूर
- नहीं
- ऊपर
- ठीक
- हमेशा
- आज
उदाहरण वाक्य :
- वह अचानक गायब हो गया।
- डॉक्टर ने मरीज को ठीक कर दिया।
- वह मेरे घर के पास रहता है।
इन वाक्यों में “अचानक”, “ठीक” और “पास” स्वतंत्र रूप से क्रिया की विशेषता बता रहे हैं, अतः ये मूल क्रिया-विशेषण हैं।
2. यौगिक क्रिया-विशेषण (Compound Adverb)
जब दो शब्द (अक्सर संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण या क्रिया) मिलकर एक नया पद बनाते हैं, और वह पद क्रिया की विशेषता प्रकट करता है, तब उसे यौगिक क्रिया-विशेषण कहा जाता है।
ये शब्द संयुक्त रूप में अर्थ देते हैं और प्रायः लिखने-बोलने में अधिक स्पष्टता प्रदान करते हैं।
यौगिक क्रिया-विशेषण कई आधारों पर बनाए जा सकते हैं, जैसे—
(क) संज्ञा से बने यौगिक क्रिया-विशेषण :
- सवेरे
- रातभर
- प्रेमपूर्वक
- क्रमशः
- सायंकाल
(ख) सर्वनाम से बने यौगिक क्रिया-विशेषण :
- यहाँ
- वहाँ
- अब
- जब
- उतना
- इससे
(ग) विशेषण से बने यौगिक क्रिया-विशेषण :
- पहले
- धीरे
- चुपके
- दूसरे
(घ) क्रिया से बने यौगिक क्रिया-विशेषण :
- खाते-पीते
- सोते-जागते
- उठते-बैठते
उदाहरण वाक्य :
- वह सवेरे टहलने जाता है।
- बच्चे धीरे-धीरे लिखना सीख रहे हैं।
- वह यहाँ बैठा था, लेकिन अब दिखाई नहीं दे रहा।
इन वाक्यों में प्रयुक्त शब्द संयुक्त होकर क्रिया की विशेषता बता रहे हैं, इसलिए ये यौगिक क्रिया-विशेषण कहलाते हैं।
तालिका : यौगिक क्रिया-विशेषण के प्रकार और उदाहरण
| क्रमांक | यौगिक क्रिया-विशेषण का आधार | उदाहरण शब्द | उदाहरण वाक्य | अर्थ एवं व्याख्या |
|---|---|---|---|---|
| 1 | संज्ञा से बने यौगिक क्रिया-विशेषण | सवेरे | वह सवेरे टहलने जाता है। | “सवेरे” शब्द समय बता रहा है और क्रिया “टहलने” की स्थिति स्पष्ट कर रहा है, इसलिए यह यौगिक क्रिया-विशेषण है। |
| रातभर | उसने रातभर पढ़ाई की। | यहाँ “रातभर” पढ़ाई की अवधि बताता है, इसलिए यह यौगिक क्रिया-विशेषण है। | ||
| प्रेमपूर्वक | वह बच्चों से प्रेमपूर्वक बात करती है। | “प्रेमपूर्वक” क्रिया की शैली/भाव दर्शाता है। | ||
| क्रमशः | छात्र क्रमशः कक्षा से बाहर गए। | यह बताता है कि क्रिया क्रम में हुई, इसलिए यह यौगिक क्रिया-विशेषण है। | ||
| सायंकाल | हम सायंकाल मंदिर जाएंगे। | यह समय को इंगित करता है और क्रिया को स्पष्ट करता है। | ||
| 2 | सर्वनाम से बने यौगिक क्रिया-विशेषण | यहाँ | वह यहाँ बैठा था। | “यहाँ” स्थान बताने वाला क्रिया-विशेषण है। |
| वहाँ | बच्चे वहाँ खेल रहे हैं। | “वहाँ” क्रिया के स्थान को स्पष्ट करता है। | ||
| अब | वह अब स्कूल जाता है। | “अब” समय की स्थिति बताता है। | ||
| जब | जब बरसात होती है तब हम घर में रहते हैं। | “जब” उपवाक्य को जोड़कर क्रिया को समय से जोड़ता है। | ||
| उतना | वह उतना तेज नहीं दौड़ सकता। | “उतना” क्रिया के परिमाण को दर्शाता है। | ||
| इससे | तुमने इससे बेहतर प्रयास किया। | यहाँ तुलना का भाव है, इसलिए यह क्रियाविशेषण है। | ||
| 3 | विशेषण से बने यौगिक क्रिया-विशेषण | पहले | वह पहले स्कूल पहुंच गया। | “पहले” समय व क्रम की जानकारी देता है। |
| धीरे | बच्चे धीरे चल रहे हैं। | यह क्रिया की गति बताता है। | ||
| चुपके | वह कमरे से चुपके निकल गया। | “चुपके” क्रिया की विधि दर्शाता है। | ||
| दूसरे | वह दूसरे नंबर पर आया। | यह क्रम स्पष्ट करता है, अतः क्रियाविशेषण है। | ||
| 4 | क्रिया से बने यौगिक क्रिया-विशेषण | खाते-पीते | वह खाते-पीते बोलता रहता है। | यह दर्शाता है कि बोलने की क्रिया दूसरी क्रिया के साथ हुई। |
| सोते-जागते | वह सोते-जागते उसी के बारे में सोचता रहा। | यह निरंतरता व अवस्था महसूस कराता है। | ||
| उठते-बैठते | वह उठते-बैठते शिकायत करता रहा। | यह बताता है कि क्रिया बार-बार होती रही। |
समग्र निष्कर्ष
यौगिक क्रिया-विशेषण भाषा को अधिक अभिव्यक्तिपूर्ण और प्रभावशाली बनाते हैं। वे न केवल क्रिया को स्पष्ट करते हैं, बल्कि समय, स्थान, मात्रा, शैली और परिस्थिति के अनुसार वाक्य के अर्थ को भी विस्तार देते हैं।
इनका उपयोग विशेष रूप से कहानी, संवाद, निबंध, कविता और औपचारिक लेखन में वाक्य को अधिक स्वाभाविक और अभिव्यक्तिपूर्ण बनाने में होता है।
3. स्थानीय क्रिया-विशेषण (Place-Specific Adverb)
ऐसे क्रिया-विशेषण जिनका स्थान वाक्य में निश्चित होता है और जिनका प्रयोग किसी विशेष स्थिति या स्थान को इंगित करने के लिए किया जाता है, उन्हें स्थानीय क्रिया-विशेषण कहा जाता है। विशेष बात यह है कि इनका स्वरूप व अक्षर-रूप बिना बदले वाक्यांश में प्रयुक्त होता है।
इनका मुख्य उद्देश्य किसी वस्तु, व्यक्ति या क्रिया की स्थिति या स्थान को निर्धारित करना है।
उदाहरण वाक्य :
- मैंने अपनी जैकेट वहीं रखी थी।
- खिलौना मेज़ के नीचे गिरा हुआ है।
इन वाक्यों में वहीं और नीचे स्थान का संकेत दे रहे हैं और बिना रूप-परिवर्तन के क्रिया की विशेषता व्यक्त कर रहे हैं, अतः इन्हें स्थानीय क्रिया-विशेषण माना जाता है।
रूप के आधार पर क्रिया-विशेषणों का यह वर्गीकरण हमें यह समझने में सहायता करता है कि भाषा में किसी शब्द की संरचना ही नहीं, बल्कि उसका प्रयोग और स्थान भी उसके अर्थ में परिवर्तन ला सकता है। मूल, यौगिक और स्थानीय क्रिया-विशेषण—all तीन प्रकार—क्रिया और वाक्य की स्पष्टता, प्रभाव और अभिव्यक्ति को अधिक सुगम एवं अर्थपूर्ण बनाते हैं।
विशेषण और क्रिया-विशेषण में अंतर
भाषा-विज्ञान में विशेषण और क्रिया-विशेषण दोनों ही वर्णनात्मक शब्दों की श्रेणी में आते हैं, परंतु उनका कार्य और उपयोग एक-दूसरे से भिन्न होता है। विशेषण जहाँ संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताता है, वहीं क्रिया-विशेषण क्रिया, विशेषण या स्वयं किसी अन्य क्रिया-विशेषण की विशेषता बताता है।
इस अंतर को समझने के लिए दोनों की परिभाषा, प्रयोग तथा उदाहरणों को विस्तार से समझना आवश्यक है।
अर्थ के आधार पर अंतर
| मानक | विशेषण (Adjective) | क्रिया-विशेषण (Adverb) |
|---|---|---|
| अर्थ | वह शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम को विशेषता प्रदान करता है। | वह शब्द जो क्रिया, विशेषण या अन्य क्रिया-विशेषण की विशेषता बताता है। |
| मुख्य उद्देश्य | व्यक्ति, वस्तु या स्थान के गुण, रूप, आकार, रंग, अवस्था आदि की जानकारी देना। | क्रिया की शैली, समय, स्थान, मात्रा, कारण, आवृत्ति आदि की जानकारी देना। |
व्याकरणीय भूमिका के आधार पर अंतर
| विशेषण | क्रिया-विशेषण |
|---|---|
| यह संज्ञा या सर्वनाम के साथ प्रयोग किया जाता है। | यह क्रिया, विशेषण या अन्य क्रिया-विशेषण के साथ प्रयोग होता है। |
| वाक्य में संज्ञा के पूर्व या बाद में आता है। | वाक्य में क्रिया के बाद, पहले या कभी-कभी वाक्य के मध्य में आता है। |
उदाहरणों के आधार पर अंतर
| विशेषण सहित वाक्य | क्रिया-विशेषण सहित वाक्य |
|---|---|
| यह काली गाय है। | यह काली गाय शांति से चर रही है। |
| नरेंद्र अच्छा वक्ता है। | नरेंद्र बहुत अच्छा बोलता है। |
| उस पेड़ पर लाल फल लगे हैं। | उस पेड़ पर फल जल्दी पकते हैं। |
| वह सुंदर लड़की है। | वह धीरे-धीरे चल रही है। |
| यह लंबा कुत्ता है। | यह कुत्ता बहुत तेजी से दौड़ता है। |
प्रश्नों के उत्तर देने की क्षमता के आधार पर अंतर
| विशेषण | क्रिया-विशेषण |
|---|---|
| यह प्रश्नों का उत्तर देता है — कैसा? कितने? किस प्रकार का? | यह प्रश्नों का उत्तर देता है — कब? कहाँ? कैसे? कितने स्तर तक? कितनी बार? |
उदाहरण:
- विशेषण: यह घर बड़ा है। → (कैसा घर?)
- क्रिया-विशेषण: यह घर बहुत दूर है। → (कहाँ? कितनी दूरी?)
परिवर्तन क्षमता के आधार पर अंतर
| विशेषण | क्रिया-विशेषण |
|---|---|
| विशेषण वचन, लिंग और कारक के अनुसार बदल सकता है। जैसे— अच्छा, अच्छी, अच्छे, अच्छा-सा | सामान्यतः क्रिया-विशेषण अपरिवर्तनीय होता है; इसका रूप नहीं बदलता। जैसे— जल्दी, बहुत, कम, अधिक |
निष्कर्ष
विशेषण और क्रिया-विशेषण दोनों वर्णनात्मक शब्द हैं लेकिन इनके प्रयोग का क्षेत्र अलग है।
- विशेषण व्यक्ति या वस्तु के स्वरूप और गुण का परिचय देता है।
- क्रिया-विशेषण क्रिया की रीति, समय, स्थान या मात्रा को स्पष्ट करता है।
इस प्रकार, क्रिया-विशेषण वाक्य को अधिक सूचना-प्रधान, स्पष्ट और अभिव्यक्तिपूर्ण बनाता है जबकि विशेषण संज्ञा को अधिक जीवंत, अर्थपूर्ण और विशिष्ट बनाता है।
भाषा में क्रिया-विशेषण का महत्व
क्रिया-विशेषण न केवल वाक्य में क्रिया का पूरक होता है, बल्कि अर्थ की सूक्ष्मता, भाव की गहनता और संप्रेषण की प्रभावशीलता को भी बढ़ाता है। इसके प्रयोग से भाषा अधिक अभिव्यक्तिपूर्ण बनती है।
उदाहरण लेकर समझें—
- वह हँसा। (साधारण अर्थ)
- वह तेज आवाज़ में हँसा। (अधिक स्पष्ट अर्थ)
- वह बहुत जोर से हँसा। (अर्थ की चरम स्पष्टता)
इन वाक्यों में क्रिया-विशेषण के प्रयोग का स्तर बढ़ने के साथ अभिव्यक्ति और अर्थ स्पष्ट होते जाते हैं।
क्रिया-विशेषण के प्रकार — सारणी (Table Form)
| क्रमांक | क्रिया-विशेषण का प्रकार | उपप्रकार / आधार | विवरण | उदाहरण शब्द | उदाहरण वाक्य |
|---|---|---|---|---|---|
| 1 | अर्थ के आधार पर क्रिया-विशेषण | अर्थ के अनुसार क्रिया की विशेषता बताते हैं। | — | — | |
| ➤ स्थानवाचक (Place Adverb) | स्थान के बारे में बताता है। | यहाँ, वहाँ, नीचे, पास | वह वहीं खड़ा है। | ||
| ➤ कालवाचक (Time Adverb) | समय के बारे में बताता है। | आज, कल, अभी, पहले | वह कल आएगा। | ||
| ➤ परिमाणवाचक (Quantity Adverb) | मात्रा या सीमा बताता है। | बहुत, थोड़ा, अधिक | वह बहुत तेज बोलता है। | ||
| ➤ रीतिवाचक (Manner Adverb) | क्रिया के करने की शैली बताता है। | धीरे, जल्दी, चुपचाप | वह धीरे-धीरे चलता है। | ||
| 2 | प्रयोग के आधार पर क्रिया-विशेषण | वाक्य में उपयोग की स्थिति के आधार पर। | — | — | |
| ➤ साधारण क्रिया-विशेषण | स्वतंत्र रूप से प्रयुक्त होते हैं। | कब, कहाँ, जल्दी | वह कब आएगा? | ||
| ➤ संयोजक क्रिया-विशेषण | उपवाक्यों को जोड़ते हुए क्रिया की विशेषता बताते हैं। | जहाँ, जब तक, इसलिए | जहाँ तुम थे, वहाँ मैं भी था। | ||
| ➤ अनुबद्ध क्रिया-विशेषण | निश्चय या भाव व्यक्त करते हैं। | ही, भर, मात्र | यह काम तुमसे ही होगा। | ||
| 3 | रूप के आधार पर क्रिया-विशेषण | — | शब्दों की बनावट पर आधारित। | — | — |
| ➤ मूल क्रिया-विशेषण | बिना परिवर्तन के क्रिया-विशेषण। | आज, फिर, ऊपर | वह आज नहीं आएगा। | ||
| ➤ यौगिक क्रिया-विशेषण | दो शब्दों से मिलकर बनते हैं। | धीरे-धीरे, खाते-पीते | वह धीरे-धीरे लिखता है। | ||
| ➤ स्थानीय क्रिया-विशेषण | स्थान को सूचित करते हैं और वाक्य में स्थिर रहते हैं। | वहीं, नीचे | किताब नीचे रख दो। |
अतिरिक्त उदाहरण (Extra Sample Sentences)
| वाक्य | प्रयुक्त क्रिया-विशेषण |
|---|---|
| बच्चा खुशी-खुशी खेल रहा है। | खुशी-खुशी (रीतिवाचक) |
| वह हमेशा सच बोलता है। | हमेशा (कालवाचक) |
| ट्रेन काफी देर से आई। | काफी (परिमाणवाचक) |
| वह शायद आज न आए। | शायद (अनुबद्ध) |
| शिक्षक ने मुझे दोबारा समझाया। | दोबारा (कालवाचक) |
क्रिया-विशेषण के सभी निर्दिष्ट प्रकार — उदाहरणों के साथ
| क्रम | वाक्य | प्रकार (ऊपर वर्णित नाम के अनुसार) |
|---|---|---|
| 1 | वह यहाँ बैठा है। | स्थानवाचक क्रिया-विशेषण |
| 2 | किताब ऊपर रखी है। | स्थानवाचक क्रिया-विशेषण |
| 3 | वे गाँव के बाहर रहते हैं। | स्थानवाचक क्रिया-विशेषण |
| 4 | हम नीचे चलेंगे। | स्थानवाचक क्रिया-विशेषण |
| 5 | तुम पास ही ठहरो। | स्थानवाचक क्रिया-विशेषण |
| 6 | वह कल आएगा। | कालवाचक क्रिया-विशेषण |
| 7 | वह आज स्कूल नहीं गया। | कालवाचक क्रिया-विशेषण |
| 8 | मैं अभी आ रहा हूँ। | कालवाचक क्रिया-विशेषण |
| 9 | वह कभी देर नहीं करता। | कालवाचक क्रिया-विशेषण |
| 10 | हम जल्द ही मिलेंगे। | कालवाचक क्रिया-विशेषण |
| 11 | उसने बहुत मेहनत की। | परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण |
| 12 | वह थोड़ा काम करेगा। | परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण |
| 13 | आज मौसम काफी खराब है। | परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण |
| 14 | वह लगभग जीत गया। | परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण |
| 15 | वह कम बोलता है। | परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण |
| 16 | वह धीरे चलता है। | रीतिवाचक क्रिया-विशेषण |
| 17 | बच्चे जोर से चिल्ला रहे हैं। | रीतिवाचक क्रिया-विशेषण |
| 18 | शिक्षक शांति से पढ़ा रहे हैं। | रीतिवाचक क्रिया-विशेषण |
| 19 | वह सुंदरता से नाचती है। | रीतिवाचक क्रिया-विशेषण |
| 20 | वह चुपचाप बैठा रहा। | रीतिवाचक क्रिया-विशेषण |
| 21 | वह कहाँ गया? | साधारण क्रिया-विशेषण |
| 22 | तुम कब लौटोगे? | साधारण क्रिया-विशेषण |
| 23 | तुम क्यों हँस रहे हो? | साधारण क्रिया-विशेषण |
| 24 | क्या अब भी दर्द है? | साधारण क्रिया-विशेषण |
| 25 | जल्दी अंदर आओ। | साधारण क्रिया-विशेषण |
| 26 | जब तक तुम पढ़ोगे, तब तक पास हो जाओगे। | सयोंजक क्रिया-विशेषण |
| 27 | जहाँ चाह, वहाँ राह। | सयोंजक क्रिया-विशेषण |
| 28 | जैसे को तैसा। | सयोंजक क्रिया-विशेषण |
| 29 | जब बारिश होगी, तब ठंड बढ़ेगी। | सयोंजक क्रिया-विशेषण |
| 30 | मैंने जहां देखा, वहां कुछ नहीं था। | सयोंजक क्रिया-विशेषण |
| 31 | वह तो आया ही नहीं। | अनुबद्ध क्रिया-विशेषण |
| 32 | तुमने जरूर कुछ गलत कहा है। | अनुबद्ध क्रिया-विशेषण |
| 33 | उसने ही सारी समस्या हल की। | अनुबद्ध क्रिया-विशेषण |
| 34 | मैंने तो पहले ही कहा था। | अनुबद्ध क्रिया-विशेषण |
| 35 | यह काम बिल्कुल ठीक हुआ है। | अनुबद्ध क्रिया-विशेषण |
| 36 | वह आज बाहर गया। | मूल क्रिया-विशेषण |
| 37 | वह पास खड़ा है। | मूल क्रिया-विशेषण |
| 38 | हमें फिर कोशिश करनी चाहिए। | मूल क्रिया-विशेषण |
| 39 | वह अचानक चिल्लाया। | मूल क्रिया-विशेषण |
| 40 | वह तुरंत लौट आया। | मूल क्रिया-विशेषण |
| 41 | वह सवेरे उठता है। | यौगिक क्रिया-विशेषण |
| 42 | बच्चे रातभर सोए रहे। | यौगिक क्रिया-विशेषण |
| 43 | वह प्रेमपूर्वक बोलता है। | यौगिक क्रिया-विशेषण |
| 44 | वे क्रमशः पुरस्कार जीतते गए। | यौगिक क्रिया-विशेषण |
| 45 | हम मन से काम करें। | यौगिक क्रिया-विशेषण |
| 46 | किताब वहीं रखी है। | स्थानीय क्रिया-विशेषण |
| 47 | गेंद नीचे लुढ़की। | स्थानीय क्रिया-विशेषण |
| 48 | वह वहीं खड़ा रहा। | स्थानीय क्रिया-विशेषण |
| 49 | बैग अंदर रखा है। | स्थानीय क्रिया-विशेषण |
| 50 | फाइल ऊपर रख दो। | स्थानीय क्रिया-विशेषण |
| 51 | वहाँ से हट जाओ। | स्थानवाचक क्रिया-विशेषण |
| 52 | बाद में मैं आऊँगा। | कालवाचक क्रिया-विशेषण |
| 53 | उसने ज़्यादा नहीं खाया। | परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण |
| 54 | वह तेजी से भागा। | रीतिवाचक क्रिया-विशेषण |
| 55 | तुम अब आओ। | साधारण क्रिया-विशेषण |
| 56 | यदि तुम पढ़ोगे, तो सफल हो जाओगे। | सयोंजक क्रिया-विशेषण |
| 57 | उसने ही सबको चौंकाया। | अनुबद्ध क्रिया-विशेषण |
| 58 | वह कभी नहीं झूठ बोलता। | मूल क्रिया-विशेषण |
| 59 | वह पहले आएगा। | यौगिक क्रिया-विशेषण |
| 60 | केक नीचे रख दो। | स्थानीय क्रिया-विशेषण |
ऊपर दी गई तालिका क्रिया-विशेषण के सभी प्रकारों को एक साथ समझने में सहायक है। इससे विद्यार्थी आसानी से पहचान सकते हैं कि किस स्थिति में कौन-सा क्रिया-विशेषण प्रयोग होता है।
निष्कर्ष
क्रिया-विशेषण हिंदी व्याकरण का एक अनिवार्य अंग है, जो वाक्य में क्रिया, विशेषण या अन्य क्रिया-विशेषण की विशेषता बताता है। इसका प्रयोग भाषा को अधिक सटीक, सौंदर्यपूर्ण और प्रभावी बनाता है। बिना क्रिया-विशेषण के भाषा यंत्रवत्, सीमित और भावहीन प्रतीत होती है, जबकि इसके प्रयोग से अभिव्यक्ति में अर्थ की गहराई और भाव सौंदर्य दोनों विकसित होते हैं।
इन्हें भी देखें –
- हिंदी ध्वनियों (वर्णों) के उच्चारण स्थान, वर्गीकरण एवं विशेषतायें
- पद परिचय – परिभाषा, अर्थ, प्रकार और 100 + उदाहरण
- अव्यय | परिभाषा, प्रकार तथा 100 + उदाहरण
- शब्द किसे कहते हैं? तत्सम, तद्भव, देशज एवं विदेशी शब्द
- वाक्य | परिभाषा, भेद एवं 100+ उदाहरण
- पदबन्ध (Phrase) | परिभाषा, भेद एवं उदाहरण
- समास – परिभाषा, भेद और 100 + उदाहरण
- प्रत्यय | परिभाषा, भेद एवं 100+ उदाहरण
- विशेषण (Adjective)- भेद तथा 50+ उदाहरण
- क्रिया (Verb) किसे कहते हैं? परिभाषा, भेद एवं 50+ उदाहरण