लिंग (Gender) – परिभाषा, भेद और नियम

भाषा के व्याकरणिक संदर्भ में, लिंग से तात्पर्य भाषा के ऐसे प्रावधानों से है जो वाक्य के कर्ता के स्त्री/पुरुष/निर्जीव होने के अनुसार बदल जाते हैं। विश्व की लगभग एक चौथाई भाषाओं में किसी न किसी प्रकार की लिंग व्यवस्था होती है।

हिन्दी में दो लिंग होते हैं (पुल्लिंग और स्त्रीलिंग), जबकि संस्कृत में तीन Ling (Gender) होते हैं – पुल्लिंग, स्त्रीलिंग और नपुंसकलिंग। फ़ारसी जैसे भाषाओं में लिंग की व्यवस्था नहीं होती, और अंग्रेज़ी में Gender सिर्फ़ सर्वनाम (He – She etc ) में होता है।

उदाहरण:

  • राम पढ़ता है। (‘पढ़ता’ का रूप पुल्लिंग है, इसका स्त्रीलिंग रूप ‘पढ़ती’ है।)
  • सीता गाती है। (‘गाती’ का रूप स्त्रीलिंग है, इसका पुल्लिंग रूप ‘गाता’ है।)

लिंग की परिभाषा

संज्ञा के जिस रूप से किसी व्यक्ति या वस्तु के स्त्री या पुरुष जाति का होने का बोध होता हो उसे लिंग (Gender) कहते हैं।

हिंदी व्याकरण में Ling (Gender) बहुत महत्वपूर्ण हैI इससे यह पता चलता है की वह पुरुष जाति का है या स्त्री जाति का है। जैसे-

  • पुरुष जाति में = लड़का, मोहन, शेर, घोड़ा, दरवाजा, पंखा, कुत्ता, पिता, भाई आदि।
  • इसी प्रकार स्त्री जाति में = लड़की, मोहिनी, शेरनी, घोड़ी, कैची, अलमारी, माता, बहन आदी।

उदहारण

  • राजा – रानी
  • सम्राट – सम्राज्ञी
  • घोड़ा – घोड़ी
  • लेखक – लेखिका
  • लड़का – लड़की
  • पंडित – पंडिताइन
  • हाथी – हथनी
  • माली – मालिन
  • कवि – कवियत्री

लिंग का अर्थ

लिंग - पुल्लिंग, स्त्रीलिंग

लिंग (Gender) संज्ञा का शाब्दिक अर्थ होता है निशान के साथ पहचान का साधन, यानी शब्द के वह रूप जिससे हम पहचान सकें कि वर्णित वस्तु या व्यक्ति पुरूष जाति का है या स्त्री जाति का है। इसलिए, हर संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि शब्द का लिंग होता है।

लिंग (Gender) के द्वारा हम संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि शब्दों की जाति का बोध करते हैं। यहाँ पर दो रूपों में वर्णित होता है:

  1. प्राणिवाचक संज्ञा – इसमें जीवित वस्तुओं या व्यक्तियों को दर्शाने वाले शब्द होते हैं, जैसे घोड़ा-घोड़ी, माता-पिता, लड़का-लड़की आदि।
  2. अप्राणिवाचक संज्ञा – इसमें निर्जीव वस्तुओं को दर्शाने वाले शब्द होते हैं, जैसे गिलास, प्याली, पेड़, पत्ता आदि।

लिंग के भेद

संस्कृत व्याकरण में लिंग (Gender) के तीन भेद बताये गए हैं –

  • पुल्लिंग (पुरुष जाति)
  • स्त्रीलिंग (स्त्री जाति)
  • नपुंसकलिंग (जड़)

परन्तु हिंदी व्याकरण के अनुसार लिंग के दो भेद होते है –

  • पुल्लिंग (पुरुष जाति)
  • स्त्रीलिंग (स्त्री जाति)

पुल्लिंग किसे कहते है?

किसी शब्द (संज्ञा अथवा सर्वनाम) के जिस रूप से किसी व्यक्ति या वस्तु के पुरुष जाति होने का बोध होता हो, उन्हें पुल्लिंग कहा जाता है। जैसे– बेटा, कुता, लड़का, घोड़ा भेंड आदि।

उदाहरण

  • सजीव : शिशु, बालक, पत्रकार, राजा, राजकुमार, बकरा, घोड़ा, आदमी, शेर, हाथी, भेड़िया, खटमल, बन्दर, कुत्ता, आदि।
  • निर्जीव : रुमाल, कपड़ा, रक्त, पत्थर, नशा, नक्शा, रबर, शहद, वसंत, लगान, फल, धन, पोषण, भाग्य, धंधा, दबाव आदि।

कुछ पुल्लिंग शब्द एवं उनका वाक्य में प्रयोग

यहाँ कुछ पुल्लिंग शब्दों के उदाहरण दिए गए हैं I

  • रुमाल : मेरा रुमाल मैंने तुम्हे दे दिया था।
  • इंधन : इंधन जलाने से प्रदुषण होता है।
  • स्वास्थ : तुम्हारा स्वास्थ ठीक रहना चाहिए।
  • घाव : तीर लगने से घाव हो गया है।
  • घी : हमें चावल के साथ घी खाना चाहिए।
  • अकाल : हमारे यहाँ हर साल अकाल पड़ता है।
  • आइना : आइना आज साफ़ नज़र आ रहा है।
  • होश : उस लड़की को देखते ही मेरे ओश उड़ गए।
  • क्रोध : क्रोध करना हमारे स्वास्थ के लिए हानिकारक है।
  • दाग : स्याही लगने से मेरी सफ़ेद कमीज़ पर नीला दाग हो गया।
  • आँसू : मेरी आँखों से आंसू आ रहे हैं।
  • तीर : मुझे हवा में तीर चलाना आता है।

स्त्रीलिंग किसे कहते हैं?

किसी शब्द (संज्ञा अथवा सर्वनाम) के जिस रूप से किसी व्यक्ति या वस्तु के स्त्री जाति होने का बोध होता हो, उन्हें स्त्रीलिंग कहा जाता है। जैसे– शिक्षिका, गाय, बेटी, पुत्री, मोरनी आदि।

उदाहरण

  • सजीव : माता, लड़की, भेद, गाय, भैंस, बकरी, लोमड़ी, बंदरिया, मछली, बुढिया, शेरनी, नारी, रानी, राजकुमारी, बहन आदि।
  • निर्जीव : धोती, टोपी, सड़क, सजा, भीड़, छत, किताब, ईंट, ईर्ष्या, मंजिल, परत, झोंपड़ी, गंगा, नदी, शाखा, कुर्सी आदि।

कुछ स्त्रीलिंग शब्द एवं उनका वाक्य में प्रयोग

यहाँ कुछ स्त्रीलिंग शब्दों के उदाहरण दिए गए हैं I 

  • घूस : हमें किसी भी अधिकारी को घूस नहीं देनी चाहिए।
  • कमर : उस दिन से मेरी कमर दुःख रही है।
  • तबियत : तुम्हारी तबियत कुछ ठीक नहीं लग रही है।
  • खबर : मुझे यह खबर बहुत देरी से मिली।
  • गर्दन : मैं तुम्हारी गर्दन मरोड़ दूंगा।
  • किताब : किताब हमारी सबसे अच्छी दोस्त होती हैं।
  • चील : मुझे आकाश में चील उडती हुई दिखाई दे रही है।
  • उम्र : मेरी उम्र बढती जा रही है।
  • खोज : कोलंबस ने अमेरिका की खोज  की थी।
  • ईंट : दीवार में ईंट सबसे महत्वपूर्ण होती है।
  • चमक : तुम्हारी वह चमक अब नहीं रही।
  • धूप : आज सुनहरी धुप खिल रही है।

लिंग को कैसे पहचाने?

शब्दों के लिंग (Gender) की पहचान शब्दों के व्यवहार की जाती है। हिंदी में अनेक शब्द ऐसे है जो सदैव पुल्लिंग ही रहते हैं तो कुछ शब्द ऐसे भी हैं जो सदैव स्त्रीलिंग ही रहते है, जबकि बहुत से ऐसे शब्द भी होते हैं जिनका रूप पुल्लिंग से स्त्रीलिंग में परिवर्तित किया जा सकता है। पुल्लिंग और स्त्रीलिंग शब्दों को पहचानने की कुछ नियम है जो इस प्रकार हैं-

पुल्लिंग शब्दों की पहचान

नियम 1- पर्वतों के नाम, देशों के नाम, अनाज़ों के नाम, हिंदी महीनों के नाम, दिनों के नाम, जलस्थलों के नाम, विभागों के नाम, ग्रह-नक्षत्रों के नाम, पेड़ों के नाम इत्यादि सदैव पुल्लिंग होते हैं। (अपवादों को छोड़ कर)।

  • महीनों के नाम:- अंग्रेज़ी एवं भारतीय महीनों के नाम।
  • पर्वतों के नाम:- हिमालय, विंध्याचल, अरावली, कैलाश, आल्पस।
  • देशों के नाम:- भारत, अमेरिका, चीन, रूस, फ्रांस, इंडोनेशिया। अपवाद – श्रीलंका (स्त्रीलिंग)
  • दिन या वारों के नाम:- सोमवार, मंगलवार, शनिवार, रविवार, बुधवार, गुरूवार, शुक्रवार।
  • ग्रहों के नाम:- सूर्य, चंद्रमा, मंगल, शुक्र, राहु, केतु, अरुण, वरुण, यम। अपवाद – पृथ्वी (स्त्रीलिंग)
  • अनाजों के नाम:- चावल, गेहूँ, बाजरा, जौ। अपवाद – ज्वार (स्त्रीलिंग)
  • धातुओं के नाम:- सोना, ताम्बा, पीतल, लोहा। अपवाद – चाँदी (स्त्रीलिंग)
  • वृक्षों के नाम:- नीम, बरगद, बबूल, आम, पीपल, अशोक। अपवाद – इमली (स्त्रीलिंग)
  • द्रव पदार्थों के नाम:- तेल, घी, दूध, शर्बत, मक्खन, पानी। अपवाद – लस्सी, चाय (स्त्रीलिंग)
  • समय सूचक नाम:- क्षण, सेकण्ड, मिनट, घण्टा, दिन, सप्ताह, पक्ष, माह। अपवाद – रात, सायं, सन्ध्या, दोपहर (स्त्रीलिंग)
  • मूल्यवान पत्थर एवं रत्नों के नाम:- हीरा, पुखराज, नीलम, पन्ना, मोती, माणिक्य। अपवाद – मणि (स्त्रीलिंग)
  • समुद्रों के नाम :- हिन्द महासागर, प्रशान्त महासागर, अरब सागर।
  • शरीर के अंगों के नाम:- सिर, बाल, नाक, कान, दाँत, गाल, हाथ, पैर, अँगूठा, घुटना, टखना, नाख़ून, ओंठ, मुँह। अपवाद  गर्दन, जीभ, अंगुली,
  • वर्णमाला के वर्ण:- इ, ई तथा  को छोड़कर सभी स्वर तथा क से ह तक के व्यंजन।
  • देवताओं के नाम:- इन्द्र, यम, वरुण, ब्रह्मा, विष्णु, महेश।

नियम 2- अकारांत, इकारांत या उकारांत शब्द प्रायः पुल्लिंग होते हैं। अर्थात हिंदी के जिन शब्दों के अंत में अ, इ, उ आता है, उनमें से अधिकतर शब्द पुल्लिंग शब्द होते हैं।

  • जैसे:- जग, जल, जीव, मन, संसार, शरीर, तन, धन, कवि, ऋणि, मुनि, साधु, ध्वज, जन्तु, इत्यादि।

नियम 3- हिंदी के जिन शब्दों के अन्त में त्र, न, ण, ख, ज, आर, आय अक्षर आते हों, उनमें से अधिकतर शब्द पुल्लिंग शब्द होते हैं।

  • जैसे:- चित्र, मित्र, पत्र, पालन, वदन, जीवन, आंदोलन, जागरण, पोषण, भरण, हरण, रुख, सुख, दु:ख, मुख, सरोज, मनोज, भोज, अनाज, श्रृंगार, विहार, आहार, संचार, आचार, विचार, प्रचार, आकार, अधिकार, चमत्कार, व्यवसाय, अध्याय, न्याय इत्यादि।
  • अपवाद:- थकन, लगन, सीख, भीख, चीज़, मौज, खाज, लाज, खोज, हार, हुंकार, बौछार, पुकार, हाय, गाय, राय इत्यादि।

नियम 4- अनेक संज्ञा शब्दों में त्व, पा, पन आदि प्रत्यय जोड़ने पर बनने वाला शब्द अक्सर पुल्लिंग होता है।

  • जैसे:- शिवत्व, मनुष्यत्व, पशुत्व, गुरुत्व, बचपन, लड़कपन, बाँकपन, बुढ़ापा, मोटापा, बन्धुत्व, पुरुषत्व, पागलपन, भोलापन, छुटपन, बाँझपन इत्यादि।

स्त्रीलिंग शब्दों की पहचान

नियम 1- तिथियों के नाम, भाषाओँ के नाम, लिपियों के नाम, बोलियों के नाम, नदियों के नाम, नक्षत्रों के नाम, देवियों के नाम, महिलाओं के नाम, लताओं के नाम स्त्रीलिंग होते हैं।

  • तिथियों के नाम – प्रथमा, द्वितीय, एकादशी, अमावस्या, पूर्णिमा इत्यादि।
  • लिपियों के नाम – देवनागिरी, रोमन, अरबी, फ़ारसी इत्यादि।
  • बोलियों के नाम – ब्रज, राजस्थानी, हरयाणवी, जयपुरी इत्यादि।
  • लताओं के नाम – अमर, बेल, मालती इत्यादि।
  • भाषाओँ के नाम – हिंदी, अंग्रेज़ी, उर्दू इत्यादि।
  • नक्षत्रों के नाम – रोहिणी, अश्विनी, भरणी इत्यादि।
  • देवियों के नाम – दुर्गा, काली, उमा इत्यादि।
  • नदियों के नाम – गंगा, व्यास, सतलज इत्यादि।
  • महिलाओं के नाम – कमला, विमला, ममता, राधा इत्यादि।

नियम 2- हिंदी के जिन शब्दों के अंत में आ या ई की मात्रा आती है, उनमें से अधिकतर शब्द स्त्रीलिंग होते हैं।

  • जैसे:- रमा, सीता, गीता, अनुजा, कली, नदी, रोटी, टोपी, सब्जी, राधा, गली, पीली, काली, चमकीली इत्यादि।

नियम 3- हिंदी के बहुत से शब्दों में ता, आस, आहट, आवट, आई, ई इत्यादि प्रत्यय जोड़ देने पर बनने वाले लगभग शब्द स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे:-

  • आस प्रत्यय – प्यास, मिठास, खटास आदि।
  • आहट प्रत्यय – घबराहट, चिल्लाहट, सजावट, रुकावट, बनावट, मिलावट, चिकनाहट, गुर्राहट इत्यादि।
  • आई प्रत्यय – लड़ाई, भलाई, बुराई, अच्छाई, ऊँचाई, जुदाई, सफ़ाई, चौड़ाई इत्यादि।
  • ता प्रत्यय – मनुष्यता, पशुता, कविता, गुरुता, सुन्दरता, मधुरता, विवशता, लघुता इत्यादि।
  • आवट प्रत्यय – लिखावट, तरावट, थकावट, सजावट, दिखावट, रूकावट इत्यादि।
  • ई प्रत्यय – गर्मी, दूरी, हँसी, बोली, धमकी, बड़ाई, देवी, बेटी, काकी, घोड़ी इत्यादि।

नियम 4- हिंदी के अनेक प्राणी वाचक शब्दों का प्रयोग सदैव स्त्रीलिंग में ही होता है।

  • जैसे:- सेना, सरकार, पुलिस, संतान, संतति इत्यादि।

पुल्लिंग से स्त्रीलिंग बनाने के नियम

पुल्लिंग, स्त्रीलिंग

पुल्लिंग से स्त्रीलिंग बनाने के नियम इस प्रकार हैं –

नियम 1- पुल्लिंग शब्दों में ‘आनी’ प्रत्यय जोड़कर स्त्रीलिंग शब्द बनाए जा सकते हैं। जैसे:

  • भव – भवानी
  • सेठ – सेठानी
  • नौकर – नौकरानी
  • इन्द्र – इन्द्राणी
  • देवर – देवरानी

नियम 2- जिन पुल्लिंग शब्दों के अंत में ‘अ’ की मात्रा प्रयुक्त हुई हो, उन शब्दों में ‘अ’ के स्थान पर ‘ई’ जोड़कर स्त्रीलिंग शब्द बनाए जा सकते हैं। जैसे:-

  • मेंढ़क – मेंढ़की
  • पुत्र – पुत्री
  • दास – दासी
  • गोप – गोपी
  • देव – देवी

नियम 3- अनेक पुल्लिंग शब्दों में ‘इन’ प्रत्यय जोड़कर स्त्रीलिंग शब्द बनाए जा सकते हैं। जैसे:-

  • लुहार – लुहारिन
  • धोबी – धोबिन
  • कुम्हार – कुम्हारिन
  • जमादार – जमादारिन
  • सुनार – सुनारिन
  • बाघ – बाघिन
  • माली – मालिन

नियम 4- जिन पुल्लिंग शब्दों के अंत में ‘अ’ की मात्रा प्रयुक्त हुई हो, उन शब्दों में ‘अ’ के स्थान पर ‘आ’ जोड़कर स्त्रीलिंग शब्द बनाए जा सकते हैं। जैसे:-

  • सुत – सुता
  • निर्मल – निर्मला
  • पूज्य – पूज्या
  • चंचल – चंचला
  • प्रिय – प्रिया
  • छात्र – छात्रा
  • श्याम – श्यामा
  • अनुज – अनुजा
  • भवदीय – भवदीया

नियम 5- अनेक पुल्लिंग शब्दों में ‘आइन’ प्रत्यय जोड़कर स्त्रीलिंग शब्द बनाए जा सकते हैं। जैसे:-

  • ओझा – ओझाइन
  • पंडित – पंडिताइन
  • ठाकुर – ठकुराइन

नियम 6- जिन पुल्लिंग शब्दों के अंत में ‘अक’ प्रयुक्त हुआ हो, उन शब्दों में ‘अक’ के स्थान पर ‘इका’ जोड़कर स्त्रीलिंग शब्द बनाए जा सकते हैं। जैसे:-

  • अध्यापक – अध्यापिका
  • लेखक – लेखिका
  • नायक – नायिका
  • गायक – गायिका
  • बालक – बालिका
  • सेवक – सेविका
  • विधायक – विधायिका
  • पाठक – पाठिका

नियम 7- हिंदी के जिन पुल्लिंग शब्दों के अंत में ‘वान’ आया हो, उन शब्दों के अंत में ‘वान’ के स्थान पर ‘वती’ का तथा जिन शब्दों के अंत में ‘मान’ आया हो उनके अंत में ‘मति’ जोड़कर स्त्रीलिंग शब्द बनाए जा सकते हैं। जैसे:-

  • धनवान – धनवती
  • बलवान – बलवती
  • भगवान – भगवती
  • बुद्धिमान – बुद्धिमती
  • श्रीमान – श्रीमती

नियम 8- जिन पुल्लिंग शब्दों के अंत में ‘आ’ की मात्रा प्रयुक्त हुई हो, उन शब्दों में ‘आ’ के स्थान पर ‘इया’ जोड़कर स्त्रीलिंग शब्द बनाए जा सकते हैं। जैसे:-

  • डिब्बा – डिब्बिया
  • बूढ़ा – बुढ़िया
  • कुत्ता – कुतिया
  • चिड़ा – चिड़िया
  • बेटा – बिटिया
  • लोटा – लुटिया
  • चूहा – चुहिया

नियम 9- जिन पुल्लिंग शब्दों के अंत में ‘आ’ की मात्रा प्रयुक्त हुई हो, उन शब्दों में ‘आ’ के स्थान पर ‘ई’ जोड़कर स्त्रीलिंग शब्द बनाए जा सकते हैं। जैसे:-

  • नाना – नानी
  • लड़का – लड़की
  • बेटा – बेटी
  • घोड़ा – घोड़ी
  • रस्सा – रस्सी
  • चाचा – चाची
  • बकरा – बकरी
  • काका – काकी
  • दादा – दादी

नियम 10- पुल्लिंग शब्दों में ‘नी’ प्रत्यय जोड़कर स्त्रीलिंग शब्द बनाए जा सकते हैं। जैसे:-

  • शेर – शेरनी
  • जाट – जाटनी
  • मोर – मोरनी

नियम 11- जिन पुल्लिंग शब्दों के अंत में ‘ई’ प्रयुक्त हुआ हो, उन शब्दों में ‘ई’ के स्थान पर ‘इनी’ जोड़कर स्त्रीलिंग शब्द बनाए जा सकते हैं। जैसे:-

  • हाथी – हथिनी
  • तपस्वी – तपस्विनी
  • स्वामी – स्वामिनी

नियम 12- अनेक पुल्लिंग संज्ञाओं के आगे ‘मादा’ शब्द लगाकर उसका स्त्रीलिंग बनाया जाता है। जैसे:-

  • भालू – मादा भालू
  • खरगोश – मादा खरगोश
  • भेड़िया – मादा भेड़िया

लिंग से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य

  • हिंदी में ऐसे अनेक पुल्लिंग शब्द होते हैं, जो हिंदी की मूल भाषा संस्कृत भाषा में स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे:- तारा, देवता, व्यक्ति आदि।
  • हिंदी में ऐसे अनेक स्त्रीलिंग शब्द होते हैं, जो हिंदी की मूल भाषा संस्कृत भाषा में पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- आत्मा, बूँद आदि।
  • हिंदी में, सर्वनाम में लिंग के आधार पर कोई परिवर्तन नहीं होता है।

लिंग के उदाहरण

पुल्लिंगस्त्रीलिंग
अनुजअनुजा
अभिनेताअभिनेत्री
अभिमानीअभिमानिनी
अहीरअहीरनी
आयुष्मानआयुष्मती
इंद्रइंद्राणी
ऊँटऊँटनी
ओझाओझाइन
नर मछलीमछली
कविकवयित्री
कहारकहारिन
कुत्ताकुतिया
कुम्हारकुम्हारिन
कौआमादा कौआ
गधागधी
गायकगायिका
नर गिलहरीगिलहरी
गीदड़गीदड़ी
गीदड़मादा गीदड़
गुड्डागुड़िया
गुरूगुरूआइन
गैंडामादा गैंडा
गोरागोरी
चिड़ाचिड़िया
चीतामादा चीता
चूहाचुहिया
विद्वान विदुषी
चौबेचौबाइन
छात्रछात्रा 
नर छिपकलीछिपकली
जाटजाटनी
जेठजेठानी
ज्ञानवानज्ञानवती
ठगठगिनी
ठाकुरठाकुराइन
डिब्बाडिबिया
तपस्वीतपस्विनी
दर्जीदर्जिन
दर्शकदर्शिका
दातादात्री
देवदेवी
देवरदेवरानी
धनवानधनवती
नगरनगरी
नरमादा
नागनागिन
नातीनातिन
नायकनायिका
नेतानेत्री
नौकरनौकरानी
बंदरबंदरिया
बलवानबलवती
बाबूबबुआइन
बालकबालिका
बुद्धिमानबुद्धिमती
बूढ़ाबुढ़िया
बेटाबेटी
भगवानभगवती 
भवदीयभवदीया
भीलभीलनी
नर भेड़ भेड़
ग्वालाग्वालिन
भैंसाभैंस
नर मक्खीमक्खी
मच्छरमादा मच्छर
मज़दूरमज़दूरनी
मामामामी
मालिकमालकिन
मूर्खमूर्खा
मोरमोरनी
पंडितपंडिताइन
पतिपत्नी
पाठकपाठिका
पापीपापिन
पितामाता
पुत्रपुत्री
पुत्रवानपुत्रवती
पुरषस्त्री
प्रियप्रिया
प्रियतमप्रियतमा
याचकयाचिका
युवकयुवती
रचयितारचयित्री
रीछरीछनी
लड़कालड़की
लालाललाइन
लेखकलेखिका
लोटालुटिया
नर लोमड़ीलोमड़ी
वनवासीवनवासिनी
वरवधू
विधाताविधात्री
वृद्धवृद्धा
शिक्षकशिक्षिका
शिष्यशिष्या
शूद्रशुद्रा
शेरशेरनी
श्रीमानश्रीमती
साँपसाँपिन
सिंहसिंहनी

पुल्लिगं – स्त्रीलिंंग के कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण

पुल्लिगं – स्त्रीलिंंग

  • दादा – दादी
  • घोड़ा -घोड़ी
  • वृहद-वृहदा
  • चंचल-चंचला
  • आत्मज-आत्मजा
  • प्रिय-प्रिया 
  • नीरज-नीरजा
  • आचार्य-आचार्यों
  • सुत-सुता
  • कांत-कांता 
  • चंद्र-चांदनी
  • पूज्य-पूज्या
  • अग्रज-अग्रजा
  • बालक-बालिका 
  • बाल-बाला
  • बूढ़ा-बूढ़ी
  • मुर्गा-मुर्गी
  • नाना-नानी
  • चाचा-चाची
  • भाई-बहन
  • मामा-मामी
  • श्याम -श्यामा
  • चिड़ा-चिड़ी
  • कबूतर-कबूतरी
  • तोता-मैंना
  • नाग-नागिन 
  • बकरा-बकरी
  • बैल-गाय
  • भैंसा-भैंस
  • शेर-शेरनी
  • कुत्ता-कुतिया
  • बाघ-बाघिन
  • बिलोता-बिल्ली
  • बंदर-बंदरिया
  • नर जिराफ-मादा जिराफ
  • काला-काली
  • चीता-मादा चिता
  • ब्राह्मण-ब्राह्मणी 
  • डॉक्टर-डॉक्टरनी
  • राजा-रानी
  • विदूषक-विदुषी 
  • विधुर-विधवा        
  • साधु-साध्वी
  • माधव-माधवी
  • भाई-भाभी
  • भिक्षुक-भिक्षुका
  • विधाता-विधत्री
  • राक्षस-राक्षसी
  • पोता-पोती
  • इंद्र-इंद्राणी
  • बाबू-बाबूआईन
  • स्वामी-स्वामिनी
  • छाता-छतरी
  •  ससुर-सास
  • सबल-सबला
  • क्षत्रिय-क्षत्राणी 
  • राजपूत-राजपूतानी
  • कोठा-कोठी
  • बेटा-बेटी
  • चूहा-चुहिया
  • गूंगा-गूंगी
  • काना – कानी
  • मोटा – मोटी
  • बहरा- बेहरी
  •  ऊंट – ऊंटनी
  • ऊचा-ऊची
  • बलवान-बलवंती 
  • पहलवान-मादा पहलवान
  • अभिनेता-अभिनेत्री 
  • नेत्र-नेत्री
  • नाता-नाती
  • नाटा -नाटी
  • कर्ता-करती
  • कुम्हार-कुम्हारिन
  • कौआ-मादा कौआ
  • गधा-गधी
  • गायक-गायिका
  • देव-देवी
  • देवता-देवती
  • माली-मालिनी
  • पंडित-पंडितानी
  • सेठ-सेठानी
  • मर्द-औरत
  • दास-दासी
  • पत्र-पत्रिका
  • चालक -चालिका
  • पाठक-पाठिका
  • गुड्डा-गुड़िया
  • तपस्वी-तपस्विनी
  • तेजस-तेजस्वी
  • श्रीमान-श्रीमती
  • तनुज-तनुजा
  • दाता-दात्री
  • गोप-गोपी
  • लोभी-लोभिनि
  • तार्किक-तर्किकि
  • पहाड़-पहाड़ी
  • डिब्बा-डिब्बी

जानवरों के नाम के पुल्लिगं – स्त्रीलिंंग

पुल्लिंगस्त्रीलिंग
घोड़ाघोड़ी
शेरशेरनी
मोरमोरनी
भीलभीलनी
ऊंटऊंटनी
हाथीहथिनी
बंदरबंदरिया
कुत्ताकुतिया
मुर्गामुर्गी
शेरशेरनी
सांपसांपिन
बकराबकरी
बाघबाघिन
चूहाचूहिया
नागनागिन
बैलगाय
कबूतरकबूतरी
हिरनहिरनी

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