जल प्रपात एक प्राकृतिक स्थान है जहां जल (पानी) ऊपर से नीचे गिरता है और एक या एक से अधिक पत्थरों, चट्टानों, या अन्य विघटकों से होकर गुजरता है। इसे अनेक स्थानों पर दर्शाने वाले प्राकृतिक सौंदर्य का हिस्सा माना जाता है, और कई स्थानों पर यह पर्यटन का केंद्र बनता है। जलप्रपात कई उच्चताओं से नीचे गिरने वाले जलस्रोतों के रूप में हो सकते हैं, जो अक्सर प्रवाहमय नदियों या झीलों से उत्पन्न होते हैं। ये स्थल प्रमुखतः प्राकृतिक सौंदर्य, पिकनिक, और पर्यटन के लिए प्रसिद्ध होते हैं।
जल प्रपात (Waterfall) किसे कहते हैं ?
किसी पहाड़ी या चट्टान से नदी का पानी जब धारा के रूप में ऊपर से निचे नीचे गिरता है, तब उसे जलप्रपात कहते है।
नदी के मार्ग में कभी कभी किसी स्थान पर ऐसी स्थिति आ जाती है जब उसका उसका मार्ग समतल न होकर के अचानक से काफी नीचे हो जाता है। इस प्रकार इसके उच्चावच में अत्यधिक विभिन्नता पाई जाती है जिसके कारण नदी का जल ऊंचे भाग से खड़े ढाल के सहारे नीचे गिरता हुआ अपना मार्ग बनाता है। जहां ऐसी आकृतियां देखने को मिलती है, उसे जल प्रपात (Waterfall) कहते हैं।
भारत के प्रमुख जल प्रपात (Waterfall) का विवरण
जोग जलप्रपात
- जोग जलप्रपात के अन्य नाम है – गरसोप्पा / महात्मा गांधी जलप्रपात।
- यह कर्नाटक में शरावती नदी पर स्थित है।
- यह 253 मीटर की ऊंचाई से एक गहरी खाई में गिरता है।
- यह भारत का सबसे ऊंचा जलप्रपात नहीं है। यह पहाड़ी से 4 बार अलग-अलग गिरता है।
कुंचिकल जलप्रपात
- कुंचिकल जलप्रपात भारत का सबसे ऊंचा जलप्रपात है, जिसकी ऊंचाई 455 मीटर है।
- यह जलप्रपात वाराही नदी पर कर्नाटक के शिमोगा जिले में है।
- इस जलप्रपात के आधार पर मणि बांध बनाया गया है।
बरेहीपानी जलप्रपात
- बरेहीपानी जलप्रपात उड़ीसा के मयूरभंज जिले में सिमलीपाल राष्ट्रीय पार्क के भीतर बुद्धाबलंग नदी पर स्थित है।
- यह जलप्रपात (399 मीटर) भारत का दूसरा सबसे ऊंचा जलप्रपात है।
दूधसागर जलप्रपात
- दूधसागर जलप्रपात भगवान महावीर राष्ट्रीय पार्क में मांडवी नदी पर स्थित है।
- 310 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह भारत का पांचवा सबसे ऊंचा जलप्रपात है।
नोहकलिकाई जलप्रपात
- नोहकलिकाई जलप्रपात मेघालय में चेरापूंजी के पास में है।
- 340 मीटर के साथ ही भारत का तीसरा सबसे ऊंचा जलप्रपात है।
भारत की नदियों पर स्थित प्रमुख जल प्रपात
भारत की प्रमुख नदियों पर स्थित महत्वपूर्ण जल प्रपात निचे दिए गए हैं –
नदी | जल प्रपात |
---|---|
वराह नदी | कुंचिकल जल प्रपात (455 मी.) |
शरावती नदी | जोग या गरसोप्पा या महात्मा गांधी जल प्रपात (225 मी.) |
स्वर्ण रेखा नदी | हुंडरू जल प्रपात (74 मी.) |
चम्बल नदी | चूलिया जल प्रपात (18 मी.) |
नर्मदा नदी | धुआधार जल प्रपात (10 मी.) |
येना नदी | येना जल प्रपात (183 मी.) |
कावेरी नदी | शिवसमुद्रम जल प्रपात (90 मी.) |
रारू नदी | गौतमधारा/जोन्हा (85 मी.) |
शंख नदी | साडनी (61 मी.) |
गोकक नदी | गोकक (55 मी.) |
कांची नदी | दसम (40 मी.) |
पाइकारा नदी | पाइकारा |
काकोलत नदी | काकोलत (241 मी.) |
नर्मदा नदी | पुनासा (10 मी.) |
मजलार नदी | थलैयार जल प्रपात |
सीता नदी | बरकाना जल प्रपात |
माण्डवी नदी | दूध सागर जल प्रपात |
किनशी नदी | लंगशियांग |
भारत के प्रमुख जलप्रपात, उनकी नदी एवं राज्य की सूची
भारत के प्रमुख जलप्रपात तथा उनकी नदी एवं राज्य की सूची नीचे दी गयी है –
क्रमांक | जलप्रपात | नदी | राज्य |
---|---|---|---|
1. | चूलिया जलप्रपात | चंबल नदी | राजस्थान |
2. | जोग / गरसोप्पा जलप्रपात | शरावती नदी | कर्नाटक |
3. | शिवसमुद्रम फॉल | कावेरी नदी | कर्नाटक |
4. | गोकक जलप्रपात | घटप्रभा नदी | कर्नाटक |
5. | मेकेदातू जलप्रपात | कावेरी नदी | कर्नाटक |
6. | पायकरा जलप्रपात | पायकरा नदी | तमिलनाडु |
7. | होगेनक्कल जलप्रपात | कावेरी नदी | तमिलनाडु |
8. | वट्टपारई जलप्रपात | पड़यार नदी | तमिलनाडु |
9. | बरेहीपानी जलप्रपात | बुद्धाबलंग नदी | उड़ीसा |
10. | जोरंडा जलप्रपात | बुद्धाबलंग नदी | उड़ीसा |
11. | दूदूमा जलप्रपात | मचकुंड नदी | उड़ीसा |
12. | चित्रकूट जलप्रपात | इंद्रावती नदी | छत्तीसगढ़ |
13. | तीरथगढ़ जलप्रपात | मुनगाबहार नदी | छत्तीसगढ़ |
14. | रजरप्पा जलप्रपात | दामोदर और भैरव नदी | झारखंड |
15. | हुंडरू जलप्रपात | स्वर्णरेखा नदी | झारखंड |
16. | धुआंधार जलप्रपात | नर्मदा नदी | मध्य प्रदेश |
17. | कपिलधारा | नर्मदा नदी | मध्य प्रदेश |
18. | येन्ना जलप्रपात | कृष्णा नदी | महाराष्ट्र |
19. | वज्राई जलप्रपात | उरमोदी नदी | महाराष्ट्र |
20. | दूधसागर जलप्रपात | मांडवी नदी | गोवा |
21. | सहस्त्रधारा जलप्रपात | कालीगढ़ नदी | उत्तराखंड |
22. | एलीफेंट फॉल्स | शिलांग के पास | मेघालय |
23. | नोहकलिकाई जलप्रपात | चेरापूंजी के पास | मेघालय |
झरना किसे कहते है? | What is Waterfall in Hindi?
झरना एक प्रकार का प्राकृतिक स्रोत होता है जिसमें पानी स्वतंत्रता से बहता है। यह अक्सर पहाड़ों या उच्चतम स्थानों से बहने वाले पानी की स्रोतों में पाया जाता है। झरना का पानी सामान्यत: उच्चतम स्थानों से नीचे की ओर गिरता है और अक्सर सुंदरता की दृष्टि से लोगों को प्रभावित करता है। झरने के पानी की धारा सामान्यत: छोटी होती है और यह पत्थरों या टहनियों से नीचे गिरती है, जिससे एक सुरम्य और प्राकृतिक दृश्य बनता है। झरने को अक्सर पर्वतीय क्षेत्रों में देखा जाता है और इसकी सुंदरता और प्राकृतिक साधने लोगों को खींचती हैं। कई झरने तो ऐसे है, जिन में से एक सारणीबद्ध हिमशैल या बर्फ शैल के किनारे पर पिघला हुआ पानी गिरता है।
भारत दुनिया के सबसे खूबसूरत झरनों का घर है। यहाँ मानसून कई झरनों के लिए प्रमुख जल प्रदाता है। बारिश नदियों को शक्ति प्रदान करती है और वे भीषण झरने बनाते हैं जो हर साल पर्यटन स्थल बन जाते हैं। झरने स्थानीय प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक हो सकते हैं। अनेक स्थानों पर लोग झरनों को धार्मिक और आध्यात्मिक स्थलों के रूप में भी मानते हैं।
झरना और जल प्रपात में अंतर
जिस सतह पर देखने वाला व्यक्ति खड़ा है उस स्थान से यदि जल धारा ऊचाई से गिर रही हैं तो उसे झरना कहते हैं और यदि उस स्थान से जल धारा निचे गिर रही हैं तो उसे जलप्रपात कहते है। वास्तव में झरना और जल प्रपात एक ही होता है। दोनों का अंग्रेजी नाम वॉटरफॉल (waterfall) है। अर्थात जल का गिरना।
भारत के जलप्रपात से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य
- भारत का सबसे ऊंचा जलप्रपात का नाम कुंचिकल जलप्रपात है, जिसकी ऊंचाई 455 मीटर है। यह जल प्रपात कर्नाटक में है।
- कर्नाटक में शरावती नदी पर जोग जलप्रपात है, जो 253 मीटर से गिरने के बाद 4 चट्टानों से बहता है।
- छत्तीसगढ़ के चित्रकूट जलप्रपात को भारत का नियाग्रा के नाम से भी जाना जाता है।
- सहस्त्रधारा नाम से जलप्रपात भारत के उत्तराखंड और मध्य प्रदेश दोनों राज्यों में स्थित है।
- एशिया में सबसे पहले जल विद्युत गृह कावेरी नदी पर शिवसमुद्रम जलप्रपात पर स्थापित किया था।
- मध्यप्रदेश के अमरकंटक जिले में नर्मदा नदी पर स्थित कपिलधारा जलप्रपात है। इस जल प्रपात का नाम कपिल मुनि के नाम पर रखा है।
- एलीफेंट जलप्रपात मेघालय राज्य में है, जबकि इसी नाम से एक गुफा है, “एलीफेंट की गुफा” जो महाराष्ट्र में है।