नदी घाटी परियोजना भारत में समृद्धि और विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। नदी घाटी योजनाएं नदियों के सही प्रबंधन और उपयोग के माध्यम से पेयजल, सिंचाई, ऊर्जा उत्पादन, और पर्यटन के क्षेत्रों में सुधार करने का लक्ष्य रखती हैं। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं को ‘आधुनिक भारत का मंदिर’ कहा गया था। और इन्हें ‘आधुनिक भारत का मंदिर’ कहना पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा बहुत ही प्रेरक है।
इन योजनाओं के तहत, बड़े-बड़े बाँधों का निर्माण होता है, जिनसे नदी के जल स्तर को बढ़ाया जा सकता है और उससे अनेक उपयोगिता हासिल की जा सकती है। इसके अलावा, ये योजनाएं स्थानीय जनता को रोजगार के अवसर प्रदान करने में भी सहायक होती हैं, और साथ ही पर्यावरणीय सुरक्षा को भी ध्यान में रखती हैं।
भारत में कई ऐसी नदी घाटी परियोजनाएं हैं जो समृद्धि की ओर कदम बढ़ा रही हैं, जैसे कि भाखरा-नांगल, हिरकुद, तुंगभद्र, सरदार सरोवर, और नर्मदा सागर योजना, इत्यादि। ये सभी योजनाएं नदी घाटी क्षेत्रों में सुधार और समृद्धि के प्रति एक सकारात्मक कदम हैं।
भारत में नदी घटी परियोजना का उद्देश्य
भारत में बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएं नदियों के अनुज्ञान में विभिन्न उद्देश्यों के लिए काम कर रही हैं, जैसे कि पेयजल, सिंचाई, ऊर्जा उत्पादन, पर्यटन, और विकास के लिए। इन परियोजनाओं में बड़े-बड़े बाँधों, नहरों, और जलसंचार योजनाओं के माध्यम से नदी घाटियों का संवर्धन और सशक्तिकरण किया जा रहा है।
इन परियोजनाओं के माध्यम से:-
- पेयजल सुरक्षा: नदी घाटियों पर बाँधों का निर्माण करके पानी को संग्रहित करने और प्रबंधित करने से पेयजल की सुरक्षा होती है और जलसंचार में सुधार होता है।
- सिंचाई: नहरों और किनारों पर बने सिंचाई सुविधाएं कृषि क्षेत्रों को सिंचाई प्रदान करने में मदद करती हैं, जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि होती है।
- ऊर्जा उत्पादन: बड़े बाँधों से ह्यूड्रो पावर प्लांट्स का निर्माण किया जाता है, जो ऊर्जा उत्पादन में मदद करता है।
- पर्यटन: बड़े बाँधों और नहरों के किनारे पर बने पर्यटन स्थलों से अधिकांश नगरीय और प्राकृतिक सौंदर्य को सुरक्षित किया जा रहा है।
- जलसंचार योजनाएं: नदी घाटियों में बनाई जा रही नहरें और जलसंचार योजनाएं जल संवर्धन, जल संचार, और जल सामाजिकता को सुनिश्चित करने के लिए हैं।
ये योजनाएं नदी घाटियों के संरक्षण और सशक्तिकरण के साथ-साथ जल, ऊर्जा, और सिंचाई क्षेत्रों में सुधार करने में मदद कर रही हैं।
सिन्धु-तन्त्र से जुड़ी नदी घाटी परियोजनाएं
सिन्धु तंत्र से जुडी नदी घटी परियोजना के अंतर्गत सिन्धु नदी और उसकी सहायक नदियों पर बनायीं गयी नदी घटी परियोजनाएं शामिल हैं। ये परियोजनाएं निम्नलिखित है-
भाखड़ा नांगल परियोजना
भाखड़ा नांगल परियोजना भारत का सबसे ऊंचा गुरूत्वीय बांध है। इसकी ऊंचाई नदी तल से 226 मी. तथा समुद्र तल से 518 मी. है। भाखड़ा नांगल परियोजना पंजाब में सतलज नदी पर है तथा इससे पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश व राजस्थान राज्य लाभान्वित होते है। यह परियोजना पंजाब, राजस्थान एवं हरियाणा की संयुक्त परियोजना है। भाखड़ा और नांगल इसकी दो प्रसिद्ध बांध है। भाखड़ा अपने समय में भारत का सबसे ऊंचा बांध था। इसका जलाशय गोविंद सागर के नाम से जाना जाता है।
इंदिरा गांधी परियोजना
इंदिरा गांधी परियोजना के अन्तर्गत व्यास और सतलज नदियों के संगम ‘हरिके बराज’ से इंदिरा गांधी नहर निकाली गई है। इंदिरा गाँधी नाहर विश्व की सबसे लम्बी नहर है। जिसकी लम्बाई 468 किमी है।
पोंग परियोजन
पोंग परियोजना व्यास नदी पर बनाया गया है। यह हिमाचल प्रदेश में स्थित है।
नाथपा-झाकरी परियोजन
नाथपा-झाकरी परियोजन हिमाचल प्रदेश में सतलज नदी पर बनाया गया है।
दुलहस्ती परियोजना
दुलहस्ती परियोजना जम्मू कश्मीर में चेनाब नदी पर बनाया गया है।
तुलबुल परियोजना
तुलबुल परियोजना जम्मू कश्मीर में झेलम नदी पर बनाया गया है। जो पंजाब की पाँच नदियों से बहती हुई पाकिस्तान में मिलती है। मूल भारतीय योजना के अनुसार, ये बैराज 439 फीट लंबा और 40 फीट चौड़ा है। इसकी अधिकतम क्षमता 3,00000 एकड़ फीट है। तुलबुल परियोजना वूलर झील पर एक नेविगेशन “लॉक कम कंट्रोल स्ट्रक्चर” है। यह परियोजना जम्मू कश्मीर के वुलर झील के मुहाने पर स्थित है। इस परियोजना का निर्माण कार्य सन् 1882 ई० में किया गया था। वूलर भारत की साफ़ पानी की सबसे बड़ी झील है। वूलर झील पर बांध बनाने के कारण इसे वूलर बराज परियोजना भी कहते हैं।
चमेरा परियोजना
चमेरा परियोजना हिमाचल प्रदेश में रावी नदी पर शुरू जल विधुत परियोजना है।
थीन परियोजना
थीन परियोजना पंजाब व हिमाचल प्रदेश की सम्मिलित परियोजना रावी नदी पर स्थित है।
सलाल परियोजना
सलाल परियोजना जम्मू कश्मीर में चिनाब पर बनाया गया है।
बगलिहार परियोजना
बगलिहार परियोजना जम्मू कश्मीर में चिनाब नदी पर बनाया गया है।
उरी परियोजना
उरी परियोजना जम्मू कश्मीर के बारामूला जिले में झेलम नदी पर बनाया गया है।
आदि बद्री बांध
हिमाचल प्रदेश और हरियाणा की सरकारों द्वारा आदि बद्री बांध के निर्माण के लिए पंचकूला में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया है, इस समझौते के अनुसार आदि बद्री बांध, हरियाणा के यमुना नगर जिले के आदि बद्री क्षेत्र के पास हिमाचल प्रदेश में 77 एकड़ में बनेगा। इस प्रस्तावित बांध का उद्देश्य 215.35 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से सरस्वती नदी का कायाकल्प करना है। आदि बद्री बांध को हिमाचल प्रदेश की सोम नदी से 224 हेक्टेयर मीटर पानी मिलेगा जो यमुना नगर जिले में आदि बद्री के पास यमुना में गिरती है।
प्रायद्वीप भारत की नदी घाटी परियोजनाएं
प्रायद्वीप भारत की नदी घाटी परियोजनाओं को प्रायद्वीपीय भारत से निकलने वाली नदियों पर बनाया गया है। अपने उद्गम स्थान से निकल कर कुछ प्रायद्वीपीय नदियाँ पश्चिम की ओर बहती है और अरब सागर में मिल जाती है, तो कुछ प्रायद्वीपीय नदियाँ पूरब की ओर बहते हुए बंगाल की खाड़ी में अपना जल गिरती हैं। इस प्रकार से प्रायद्वीपीय नदी घटी परियोजना को दो भागों में विभाजित किया गया है –
- पश्चिम की ओर बहने वाली (अरब सागर में गिरने वाली) नदियों से जुड़ी परियोजनाएं
- पूरब की ओर बहने वाली (बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली) नदियों से जुड़ी परियोजनाएं
पश्चिम की ओर बहने वाली (अरब सागर में गिरने वाली) नदियों से जुड़ी परियोजनाएं
प्रायद्वीप भारत की इस नदी घाटी परियोजना में पश्चिम की ओर बहने वाली (अरब सागर में गिरने वाली) नदियों से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं, जिनका विवरण निम्नलिखित है –
नर्मदा घाटी परियोजना
नर्मदा घाटी परियोजना के तहत नर्मदा नदी विभिन्न स्थानों पर 29 बड़े बांध बनाये गये हैं। इस परियोजना से लाभान्वित राज्य महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात एवं राजस्थान। इस परियोजना के अंतर्गत बनाये गए बंधों में मध्य प्रदेश का ‘नर्मदा सागर बांध’ व गुजरात का ‘सरदार सरोवर बांध’ प्रमुख है।
उकाई परियोजना
उकाई परियोजना गुजरात व महाराष्ट्र की सम्मिलित परियोजना है। उकाई परियोजना ताप्ती नदी पर बनाई गयी है। जो गुजरात के उकाई नामक स्थान पर है।
काकरापा परियोजना
काकरापा परियोजना गुजरात में तापी नदी पर बनायीं गयी है।
इडुक्की परियोजना
इडुक्की परियोजना केरल के इडुक्की जिले में पेरियार नदी पर बनायीं गयी है।
शरावती परियोजना
शरावती परियोजना कर्नाटक के शिमांगा जिले में शरावती नदी पर बनायीं गयी है। इसके अन्तर्गत भारत के सबसे ऊंचे जलप्रपात जोग (महात्मा गांधी) जल प्रपात पर जल विद्युत् केन्द्र स्थापित किया गया है।
माही परियोजना
माही परियोजना मध्य प्रदेश में माही नदी पर बनायीं गयी है।
सबरी गिरी परियोजना
सबरी गिरी परियोजना केरल में पम्बा नदी पर बनायीं गयी है।
पल्लीवासल परियोजना
पल्लीवासल परियोजना केरल में मदिरा पूजा नदी पर बनायीं गयी है।
पूरब की ओर बहने वाली (बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली) नदियों से जुड़ी परियोजनाएं
प्रायद्वीप भारत की इस नदी घाटी परियोजना में पूरब की ओर बहने वाली (बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली) नदियों से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं, जिनका विवरण निम्नलिखित है –
हीराकुंड परियोजना
हीराकुंड परियोजना उड़ीसा में महानदी पर बनाया गया है। हीराकुण्ड बांध विश्व का सबसे लम्बा नदी बांध है। हीराकुंड बांध की लम्बाई 4.8 किमी है।
अलमाटी परियोजना
अलमाटी परियोजना कर्नाटक में कृष्णा नदी पर बनाया गया है।
तुगभद्रा परियोजना
तुगभद्रा परियोजना कर्नाटक एवं आन्ध्र प्रदेश की संयुक्त परियोजना है। यह परियोजना तुंगा एवं भद्रा नदियों के संगम पर बनायीं गयी है।
भद्रा परियोजना
भद्रा परियोजना कर्नाटक में भद्रा नदी पर बनायीं गयी है।
घाटप्रभा परियोजना
घाटप्रभा परियोजना कर्नाटक में कावेरी नदी पर बनायीं गयी है। यह भारत की सबसे पुरानी जल विधुत परियोजना है।
मैटूर परियोजना
मैटूर परियोजना तमिलनाडु में कावेरी नदी पर बनायीं गयी है।
नागार्जुन सागर परियोजना
नागार्जुन सागर परियोजना नलगोडा जिला (तेलंगाना) एवं गुदर जिला (आन्ध्र प्रदेश) की सीमा पर कृष्णा नदी पर बनायीं गयी है।
पोचम्पाद परियोजना
पोचम्पाद परियोजना निजामाबाद जिला (तेलंगाना) में गोदावरी नदी पर बनायीं गयी है।
निजामसागर परियोजना
निजामसागर परियोजना तेलंगाना में गोदावरी की सहायक नदी मजरा पर बनायीं गयी है।
पापनाशम परियोजना
पापनाशम परियोजना तमिलनाडु में ताम्रपर्णी नदी पर बनायीं गयी है।
कुण्डा परियोजना
कुण्डा परियोजना तमिलनाडु में कुण्डा नदी पर बनायीं गयी है।
कुण्डा परियोजना
कुण्डा परियोजना महबूबनगर जिला(तेलंगाना) एवं कूर्नल जिला(आंध्र प्रदेश) की सीमा पर कृष्णा नदी पर बनायीं गयी है।
रामगुंडम परियोजना
रामगुंडम परियोजना तेलंगाना में गोदावरी नदी पर बनायीं गयी है।
बालिमेला परियोजना
बालिमेला परियोजना उड़ीसा में सिलेरू नदी पर बनायीं गयी है।
प्रमुख नदी घाटी परियोजनाएं
कुछ अन्य प्रमुख नदी घाटी परियोजनाओं का विवरण निम्नलिखित है-
दामोदर घाटी परियोजना
दामोदर घाटी परियोजना आजादी के बाद की पहली बहुउद्देशीय परियोजना है इससे अमेरिका की टेनसी घाटी परियोजना की तर्ज पर बनाया गया है।
कोसी नदी घाटी परियोजना
यह परियोजना कोसी नदी पर 1954 में प्रारंभ की गई। यह भारत नेपाल की संयुक्त परियोजना है। बिहार इसमें लाभान्वित होने वाला राज्य है।
चंबल घाटी परियोजना
चंबल घाटी परियोजना चंबल नदी पर बनायीं गयी है, जो मध्यप्रदेश व राजस्थान की संयुक्त परियोजना है। राणा प्रताप सागर, गांधी सागर व जवाहर सागर इसी नदी पर स्थित है।
माही बजाज परियोजना
माही नदी पर गुजरात राजस्थान की संयुक्त परियोजना माही बजाज परियोजना के नाम से जानी जाती है।
नर्मदा घाटी परियोजना
इस परियोजना में 3 राज्य मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं गुजरात शामिल है। गुजरात में सरदार सरोवर बांध का निर्माण किया गया है तथा मध्य प्रदेश में इंदिरा सागर बांध का निर्माण किया गया। इस परियोजना में 3000 छोटे, 135 मध्यम व 30 बड़े बांध बनाए जा रहे हैं।
रिहंद परियोजना
रिहंद परियोजना भारत की मुख्य नदी घाटी परियोजना में से एक है यह बांध एक गुरुत्वीय बांध है जो उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में पिपरी नामक स्थान पर रिहंद नदी पर बनाया गया है। रिहंद बांध का निर्माण 1959 से 1962 के बीच हुआ था। यह उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित है। उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश एवं बिहार इससे लाभान्वित राज्य हैं। दिल्ली हावड़ा को विद्युत आपूर्ति इसी से की जाती है। रिहंद बांध से बनने वाले जलाशय को ” गोविंद बल्लभ पंत सागर” या ” रेणु सागर” भी कहते हैं। इस जलाशय के जल को सोन नहर से मिला देने पर सोन नहर की सिंचाई क्षमता बढ़ गई है।
टिहरी परियोजना
उत्तराखंड में भागीरथी पर रूस के सहयोग से टिहरी बांध निर्मित किया गया है। इस बांध की ऊंचाई 260.5 मीटर है। यह भारत का सबसे संवेदनशील बांध है। जो भारत और यूरोपियन प्लेट के मिलन बिंदु पर स्थित है। उत्तर प्रदेश एवं दिल्ली इससे लाभान्वित होने वाले राज्य हैं।
तुंगभद्रा परियोजना
तुंगभद्रा नदी पर बनी तुंगभद्र परियोजना आंध्र प्रदेश- कर्नाटक की संयुक्त परियोजना है। यह दक्षिण भारत की सबसे बड़ी परियोजना है।
शरावती परियोजना
यह परियोजना कर्नाटक में शरावती नदी पर बनाई गई है। यह भारत की सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक है।
व्यास परियोजना
व्यास परियोजना पंजाब, हरियाणा एवं राजस्थान की संयुक्त परियोजना है। यह परियोजना व्यास नदी पर बनायीं गयी है।
ऊपरी कृष्णा परियोजना
कर्नाटक में कृष्णा नदी पर स्थित इस परियोजना का उद्घाटन 1964 में लाल बहादुर शास्त्री द्वारा किया गया। अलबट्टी बांध इसी परियोजना से सम्बद्ध है। अलबट्टी बांध को लेकर कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में विवाद चल रहा है।
पराम्बिकुलम अलियार परियोजना
केरल व तमिलनाडु की 8 छोटी नदियों को इस परियोजना से जोड़ा गया है।
इंदिरा गांधी नहर परियोजना
1953 में गोविंद बल्लभपंत द्वारा इसका उद्घाटन किया गया। पंजाब में व्यास सतलुज के संगम पर हरिके बैराज का निर्माण किया गया जहां से इंदिरा गांधी नहर निकाली गई। इसे राजस्थान की जीवन रेखा भी कहा जाता है। इंदिरा गांधी नहर परियोजना का निर्माण जर्मनी के सहयोग हुआ है। अपनी शाखाओं सहित यह नदी 10,000 किलोमीटर लंबी है।
शारदा नहर परियोजना
शारदा नहर परियोजना शारदा बैराज में प्रारंभ की गई है। उत्तर प्रदेश के 50 से अधिक जिलों में इसका विस्तार है। यह भारत का सबसे बड़ा नहर तंत्र है।
फरक्का बैराज परियोजना
फरक्का बैराज परियोजना का निर्माण कोलकाता बंदरगाह की जलापूर्ति के लिए मुर्शिदाबाद में गंगा नदी पर किया गया है।
रामगंगा परियोजना
रामगंगा परियोजना उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की संयुक्त परियोजना है। इसकी देखरेख रामगंगा कमान क्षेत्र विकास बायोग्राम (Ramganga Command Area Development Biogramm) द्वारा की जाती है। यह सिंचाई, चकबंदी, भूमि सुधार एवं ऋण वितरण का कार्य भी करता है।
प्रमुख नदी घटी परियोजना एवं उससे सम्बंधित नदी व लाभान्वित राज्य
भारत के विभिन्न राज्यों में स्थित प्रमुख नदी घाटी परियोजना एवं उससे सम्बंधित नदी व लाभान्वित राज्य की सूची निचे दिया गया है –
परियोजना | नदी | सम्बन्धित/लाभान्वित राज्य |
---|---|---|
सरदार सरोवर परियोजना | नर्मदा | गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश एवं राजस्थान |
भाखड़ा-नांगल परियोजना | सतलुज | पंजाब, हरियाणा, राजस्थान एवं हिमाचल प्रदेश |
शिवसमुद्रम | कावेरी | कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल एवं पांडिचेरी |
नागार्जुन सागर | कृष्णा | तेलन्गाना एवं आंध्रप्रदेश |
हीराकुण्ड | महानदी | ओड़िसा |
चम्बल नदी घाटी | चम्बल | मध्य प्रदेश एवं राजस्थान |
टिहरी बांध | भागीरथी | उत्तराखंड |
मयूराक्षी | मयूराक्षी | पश्चिम बंगाल |
फरक्का | गंगा | पश्चिम बंगाल |
काकरापार | ताप्ती | गुजरात |
उकाई | ताप्ती | गुजरात |
रिहंद | रिहंद | उत्तर प्रदेश |
इडुक्की | पेरियार | केरल |
माताटीला | बेतवा | मध्य प्रदेश |
जायकवाड़ी | गोदावरी | महाराष्ट्र |
नाथपा-झाकरी | सतलुज | हिमाचल प्रदेश |
मचकुंड | मचकुंड | आंध्रप्रदेश एवं ओड़िसा |
पोचम्पाद | गोदावरी | कर्नाटक |
तुलबुल | झेलम | जम्मु एवं कश्मीर |
दुलहस्ती | चिनाब | जम्मु एवं कश्मीर |
कोयना | कोयना | महाराष्ट्र |
सलाल | चिनाब | जम्मु एवं कश्मीर |
टनकपुर | महाकाली नदी | भारत-नेपाल सीमा ( उत्तर प्रदेश ) |
साबरमती | साबरमती | गुजरात |
शारदा | शारदा | उत्तर प्रदेश |
बाण सागर | सोन | मध्य प्रदेश |
मैटूर | कावेरी | तमिलनाडु |
सबरिगिरी | पम्बा-काकी | केरल |
श्री सैलम | कृष्णा | कर्नाटक |
चुखा / चुक्का | वांग्चु / रायडक | भूटान एवं भारत |
काल्पोंग | काल्पोंग | अंडमान एवं निकोबार |
घाट प्रभा | घाट प्रभा | कर्नाटक |
बगलिहार | चिनाब | जम्मु एवं कश्मीर |
रानी लक्ष्मीबाई बांध | बेतवा | मध्य प्रदेश |
सिद्रापोंग | पश्चिम बंगाल |
भारत के प्रमुख बांध एवं नदी परियोजनाएँ
Serial No. | परियोजना का नाम (Project Name) | नदी (River) | राज्य (State) |
---|---|---|---|
1. | इडुक्की परियोजना (Idukki Dam) | पेरियार नदी (Periyar River) | केरल (Kerala) |
2. | उकाई परियोजना (Ukai Project) | ताप्ती नदी (Tapi river) | गुजरात (Gujarat) |
3. | काकड़ापारा परियोजना (Kakrapar project) | ताप्ती नदी (Tapi river) | गुजरात (Gujarat) |
4. | कोलडैम परियोजना (Koldam project) | सतलुज नदी (Sutlej River) | हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) |
5. | गंगासागर परियोजना (Ganga Sagar project) | चम्बल नदी (Chambal River) | मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) |
6. | जवाहर सागर परियोजना (Jawahar Sagar Project) | चम्बल नदी (Chambal River) | राजस्थान (Rajasthan) |
7. | जायकवाड़ी परियोजना (Jayakwadi project) | गोदावरी नदी (Godavari river) | महाराष्ट्र (Maharashtra) |
8. | टिहरी बाँध परियोजना (Tehri Dam Project) | भागीरथी नदी (Bhagirathi River) | उत्तराखण्ड (Uttarakhand) |
9. | तिलैया परियोजना (Tilaiya Project) | बराकर नदी (Barakar River) | झारखंड (Jharkhand) |
10. | तुलबुल परियोजना (Tulbul Project) | झेलम नदी (Jhelum River) | जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) |
11. | दुर्गापुर बैराज परियोजना (Durgapur Barrage Project) | दामोदर नदी (Damodar River) | पश्चिम बंगाल (West Bengal) |
12. | दुलहस्ती परियोजना (Dul Hasti Project ) | चिनाब नदी (Chenab River) | जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) |
13. | नागपुर शक्ति गृह परियोजना (Nagpur Power Station Project) | कोराडी नदी (Koradi River) | महाराष्ट्र (Maharashtra) |
14. | नागार्जुनसागर परियोजना (Nagarjuna Sagar Project) | कृष्णा नदी (Krishna River) | आन्ध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) |
15. | नाथपा झाकरी परियोजना (Nathpa Jhakri project) | सतलज नदी (Sutlej River) | हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) |
16. | पंचेत बांध (Panchet Dam) | दामोदर नदी (Damodar River) | झारखंड (Jharkhand) |
17. | पोचम्पाद परियोजना (Pochampad project) | महानदी (Mahanadi) | कर्नाटक (Karnataka) |
18. | फरक्का परियोजना (Farakka project) | गंगा नदी (Ganges River ) | पश्चिम बंगाल (West Bengal) |
19. | बाणसागर परियोजना (Bansagar project) | सोन नदी (Son River) | मध्य प्रदेश (Madya Pradesh) |
20. | भाखड़ा नांगल परियोजना (Bhakra Nangal Project) | सतलज नदी (Sutlej River) | हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) |
21. | भीमा परियोजना (Bhima Project) | पवना नदी (Pavana River) | तेलंगाना (Telangana) |
22. | माताटीला परियोजना (Matatila project ) | बेतवा नदी (Betwa River) | उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) |
23. | रंजीत सागर बांध परियोजना (Ranjit Sagar Dam Project ) | रावी नदी (Ravi River) | जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) |
24. | राणा प्रताप सागर परियोजना (Rana Pratap Sagar Project ) | चम्बल नदी (Chambal River) | राजस्थान (Rajasthan) |
25. | सतलज परियोजना (Sutlej Project) | चिनाब नदी (Chenab River) | जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) |
26. | सरदार सरोवर परियोजना (Sardar Sarovar Project) | नर्मदा नदी* (Narmada River) | गुजरात (Gujarat) |
27. | हिडकल परियोजना (Hidkal project) | घाटप्रभा परियोजना (Ghataprabha River) | कर्नाटक (Karnataka) |
28. | हिराकुड बाँध परियोजना (Hirakud Dam Project) | महानदी (Mahanadi) | ओडीशा (Odisha) |
नदी घटी परियोजना से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य
- भारत की पहली जल विद्युत परियोजना 1897 में दार्जिलिंग में बनाई गई।
- 1901 में कर्नाटक में कावेरी नदी पर शिव समुद्रम परियोजना स्थापित की गई।
- अमेरिका की टेनेसी valley तथा सोवियत संघ (यूक्रेन) परियोजनाएं विश्व प्रसिद्ध बहुउद्देशीय परियोजना है।
- वर्तमान में विश्व में 40,000 बड़े बांध तथा भारत में 5000 बड़े बांध है।
- बड़े बांध की ऊंचाई 15 मीटर से अधिक होती है।
- सर्वाधिक 20,000 बड़े बांध चीन में है।
- चीन का Three Gorges Dam विश्व का सबसे बड़ा बांध है।
- भारत की सबसे बड़ी जल विद्युत परियोजना सतलुज नदी पर हिमाचल प्रदेश में है।
- अरुणाचल प्रदेश में निर्माणाधीन सबसे बड़ी जल विद्युत परियोजना है।
- नर्मदा घाटी परियोजना में 3000 से अधिक बांध जुड़े हुए हैं।
- दामोदर नदी घाटी परियोजना स्वतंत्र भारत की प्रथम बहुउद्देशीय परियोजना है , इस परियोजना को अमेरिका की टिनेसी योजना के माडल के आधार पर बनाया गया था।
- पंजाब में सतलज नदी पर स्थित भाखडा नांगल बांध परियोजना भारत की सबसे बडी परियोजना है।
- भाखडा नांगल बांध भूकम्पीय क्षेत्र में स्थित विश्व का सबसे ऊंचा गुरुत्वीय बांध है।
- भाखडा नांगल बांध की सहायक इंदिरा गांधी परियोजना के तहत राजस्थान तक इंदिरा नहर का विकास किया गया है, जो भारत की सबसे बडी नहर प्रणाली है।
- बिहार का शोक माने जानी बाली कोसी नदी पर भारत ब नेपाल की संयुक्त परियोजना कोसी परियोजना स्थित है।
- हीराकुंड बांध उडीसा व छ्त्तीसगढ की सीमा पर महानदी पर बना भारत का सबसे लंबा बांध है। जिसकी लम्बाई 4.8 किमी है।
- पराम्बिकुलम परियोजना केरल की 8 छोटी – छोटी नदियों पर बनायीं गयी है।
- शराबती परियोजना, शराबती नदी पर कर्नाटक मेंबनायीं गयी है।
- पूर्णा परियोजना, पूर्णा नदी पर महाराष्ट्र में बनायीं गयी है।
- बार्गी परियोजना, बार्गी नदी पर मध्यप्रदेश में बनायीं गयी है।
- गिरना परियोजना, गिरना नदी पर महाराष्ट्र में बनायीं गयी है।
- पनामा परियोजना, पनामा नदी पर गुजरात में बनायीं गयी है।
- कांगसाबती परियोजना, कांगसाबती नदी पर पश्चिम बंगाल में बनायीं गयी है।
- घाटप्रभा परियोजना व हिडकल परियोजना, घाटप्रभा नदी पर कर्नाटक में बनायीं गयी है।
- रामगंगा परियोजना, रामगंगा नदी पर उत्तर प्रदेश में बनायीं गयी है।
- कोयना परियोजना, कोयना नदी पर महाराष्ट्र में बनायीं गयी है।
- कुण्डा परियोजना, कुण्डा नदी पर तमिलनाडु में बनायीं गयी है।
- तुंगभद्रा परियोजना, तुंगभद्रा नदी पर आंध्र प्रदेश व कर्नाटक की संयुक्त परियोजना है।
- मयुराक्षी परियोजना, मयुराक्षी नदी पर पश्चिम बंगाल में बनायीं गयी है।
- गंडक परियोजना, गंडक नदी पर बिहार व नेपाल की संयुक्त परियोजना है।