ऑस्ट्रेलियाई बैट लिसावायरस (ABLV): एक दुर्लभ लेकिन जानलेवा संक्रमण

हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स (NSW) राज्य में एक व्यक्ति की दुर्लभ लेकिन घातक संक्रमण ऑस्ट्रेलियाई बैट लिसावायरस (Australian Bat Lyssavirus – ABLV) से मृत्यु हो गई। यह मामला न केवल NSW राज्य का पहला पुष्ट मानव संक्रमण है, बल्कि एक बार फिर इस वायरस के खतरनाक स्वरूप की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करता है। ABLV भले ही रेबीज की तरह आम नहीं है, लेकिन इसके लक्षण, प्रभाव और मृत्यु दर इतने गंभीर हैं कि इस पर समाज और स्वास्थ्य तंत्र को विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।

इस लेख में हम ABLV के इतिहास, वायरस की प्रकृति, संक्रमण के तरीके, लक्षण, निदान, रोकथाम और उपचार के संभावित उपायों पर विस्तृत चर्चा करेंगे।

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वायरस का परिचय: ABLV क्या है?

ऑस्ट्रेलियाई बैट लिसावायरस (Australian Bat Lyssavirus) एक दुर्लभ विषाणु है जो मुख्यतः ऑस्ट्रेलिया में पाई जाने वाली चमगादड़ों की प्रजातियों में पाया जाता है। यह वायरस Lyssavirus जीनस का हिस्सा है, जिसमें विश्व प्रसिद्ध रेबीज वायरस भी शामिल है। ABLV, रेबीज की तरह ही तंत्रिका तंत्र (nervous system) को प्रभावित करता है और यदि लक्षण एक बार प्रकट हो जाएँ, तो लगभग मृत्यु निश्चित होती है।

इस वायरस की पहचान 1996 में पहली बार न्यू साउथ वेल्स के एक फ्रूट बैट में हुई थी। तब से लेकर अब तक यह वायरस चमगादड़ों की कई प्रजातियों में पाया गया है, लेकिन इंसानों में संक्रमण के मामले अत्यंत दुर्लभ हैं।

वैज्ञानिक वर्गीकरण (Classification)

  • परिवार (Family): Rhabdoviridae
  • जीनस (Genus): Lyssavirus
  • संबंध: यही वही जीनस है जिसमें Rabies Virus भी आता है
  • आकार: बुलेट के आकार का RNA वायरस

विज्ञान की दृष्टि से ABLV को रेबीज वायरस का ‘करीबी रिश्तेदार’ माना जाता है। इसकी संरचना, संक्रमण विधि, और रोग का प्रगति क्रम रेबीज के समान है।

संक्रमण का स्रोत और प्रसार (Reservoir & Transmission)

मुख्य स्रोत:

ABLV वायरस केवल चमगादड़ों में पाया गया है और वही इसके मुख्य प्राकृतिक Reservoir माने जाते हैं। विशेष रूप से जिन प्रजातियों में यह पाया गया है:

  • Flying Foxes (उड़ने वाले बड़े चमगादड़)
  • Fruit Bats (फलाहारी चमगादड़)
  • Microbats (कीटभक्षी सूक्ष्म चमगादड़)

ये सभी प्रजातियाँ पूरे ऑस्ट्रेलिया में पाई जाती हैं और किसी भी क्षेत्र में सक्रिय हो सकती हैं।

संक्रमण कैसे फैलता है?

वायरस संक्रमित चमगादड़ से इंसान में निम्नलिखित तरीकों से पहुँच सकता है:

  1. काटने से: चमगादड़ के दांत से त्वचा में छेद होने पर वायरस शरीर में प्रवेश करता है।
  2. नाखून से खरोंच: संक्रमित चमगादड़ के पंजों से खरोंच लगने पर वायरस त्वचा में प्रवेश कर सकता है।
  3. लार के संपर्क से: यदि चमगादड़ की लार किसी खुले घाव, आँख, नाक या मुँह की झिल्ली से संपर्क में आती है, तो वायरस प्रवेश कर सकता है।

क्या संक्रमण अन्य तरीकों से भी हो सकता है?

नहीं। वायरस निम्नलिखित चीज़ों से नहीं फैलता:

  • मल (feces)
  • मूत्र (urine)
  • खून (blood)
  • सिर्फ चमगादड़ के पास होने से या उसके पास सोने से

इसका संक्रमण तभी संभव होता है जब शरीर में सीधे संक्रमण का रास्ता मिले।

संक्रमण की लक्षणावस्था (Symptoms of ABLV)

ABLV के लक्षण रेबीज के समान होते हैं और ये वायरस धीरे-धीरे शरीर के तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है।

प्रारंभिक लक्षण (Early Stage):

  • बुखार (Fever)
  • सिरदर्द (Headache)
  • थकान (Fatigue)
  • मांसपेशियों में अकड़न
  • बेचैनी

ये लक्षण एक सामान्य फ्लू जैसे महसूस हो सकते हैं, जिससे संक्रमण को पहचानना मुश्किल हो जाता है।

प्रगतिशील लक्षण (Advanced Stage):

जैसे-जैसे वायरस मस्तिष्क की ओर बढ़ता है:

  • भ्रम (Confusion)
  • मानसिक अस्थिरता
  • दौरे (Seizures)
  • लकवा (Paralysis)
  • बेहोशी (Coma)

मृत्यु की संभावना:

एक बार जब लक्षण प्रकट हो जाते हैं, तो बचने की संभावना अत्यंत कम (लगभग शून्य) होती है। यही कारण है कि ABLV संक्रमण को बेहद गंभीर माना जाता है।

संक्रमण का इतिहास और अब तक के मानव मामले

ABLV के इंसानों में बहुत कम मामले सामने आए हैं। अब तक (2025 तक) ऑस्ट्रेलिया में कुल तीन पुष्ट मानव मौतें ABLV संक्रमण के कारण हो चुकी हैं:

  1. 1996: पहला पुष्ट मामला
  2. 1998: दूसरा मामला, बच्चों में
  3. 2025: ताज़ा मामला, न्यू साउथ वेल्स में

इन सभी मामलों में लक्षणों के प्रकट होने के बाद कोई व्यक्ति बच नहीं पाया।

निदान और जांच (Diagnosis and Testing)

ABLV संक्रमण की पुष्टि कई चरणों में होती है:

  • लार, रक्त, मस्तिष्क स्पाइनल द्रव की जांच
  • RT-PCR तकनीक का उपयोग वायरस के RNA का पता लगाने के लिए किया जाता है।
  • एंटीबॉडी परीक्षण से शरीर में वायरस से लड़ने की प्रतिक्रिया देखी जाती है।

हालाँकि, निदान की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि लक्षण प्रकट होने तक बहुत देर हो चुकी होती है।

रोकथाम: ABLV से कैसे बचें?

1. चमगादड़ों से दूर रहें:

  • घायल, बीमार या जमीन पर गिरे चमगादड़ों को छूने से बचें।
  • बच्चों को चमगादड़ों से खेलने या उन्हें छूने से स्पष्ट रूप से मना करें।

2. टीकाकरण (Vaccination):

ऑस्ट्रेलियाई स्वास्थ्य विभाग निम्नलिखित लोगों को ABLV (या रेबीज) का टीका लगाने की सिफारिश करता है:

  • पशु चिकित्सक (Veterinarians)
  • चमगादड़ बचावकर्मी (Bat Rescuers)
  • जीव विज्ञानी (Zoologists)
  • वन्यजीव सेवा कर्मी (Wildlife workers)

टीका संक्रमण से पहले और बाद में दोनों ही स्थिति में कारगर है, यदि समय पर लगाया जाए

3. काटने या खरोंचने की स्थिति में क्या करें?

यदि किसी को चमगादड़ काटता या खरोंचता है, तो तुरंत:

  1. घाव को साबुन और पानी से कम से कम 15 मिनट तक धोएं
  2. एंटीसेप्टिक लगाएँ
  3. तुरंत अस्पताल जाएँ और पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PEP) लें

PEP में रैबीज़ इम्युनोग्लोब्युलिन और टीकाकरण शामिल होता है।

क्या ABLV एक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट बन सकता है?

ABLV एक ज़ूनोटिक वायरस (जानवरों से इंसानों में फैलने वाला) है, लेकिन यह फिलहाल एक महामारी का रूप नहीं ले सकता क्योंकि:

  • वायरस का केवल एक ज्ञात Reservoir (चमगादड़) है।
  • इंसान से इंसान में फैलने की संभावना अत्यंत कम है।
  • संक्रमण का जोखिम विशेष परिस्थितियों तक सीमित है।

हालाँकि, इसके परिणाम इतने घातक हैं कि हर संभावित मामले को गंभीरता से लेना ज़रूरी है।

सामाजिक दृष्टिकोण और भ्रांतियाँ

बहुत से लोग चमगादड़ों को देखकर डर जाते हैं, जबकि अधिकांश चमगादड़ ABLV संक्रमित नहीं होते। यह ज़रूरी है कि:

  • जनता में सही जानकारी पहुँचे
  • चमगादड़ों के संरक्षण और मानव सुरक्षा दोनों के बीच संतुलन बना रहे
  • अफवाहों और अंधविश्वासों से बचा जाए, जैसे कि “हर चमगादड़ संक्रमित होता है” — जो सत्य नहीं है।

निष्कर्ष: सतर्कता ही बचाव है

ऑस्ट्रेलियाई बैट लिसावायरस अत्यंत दुर्लभ है, लेकिन यदि इससे संक्रमण हो जाए, तो परिणाम घातक होते हैं। हमें यह समझने की ज़रूरत है कि इस प्रकार के वायरस भविष्य में बड़ी स्वास्थ्य चुनौतियाँ उत्पन्न कर सकते हैं, यदि इनकी निगरानी, जागरूकता और रोकथाम में लापरवाही की जाए।

इस वायरस के खिलाफ हमारी सबसे बड़ी ढाल है — जानकारी, सावधानी और समय पर कार्यवाही।

यदि आप ऑस्ट्रेलिया में रहते हैं और चमगादड़ों के संपर्क में आने की संभावना रखते हैं, तो टीकाकरण करवाना, सतर्क रहना, और किसी भी संदेह की स्थिति में शीघ्र चिकित्सा सहायता लेना अत्यंत आवश्यक है।


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