भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण पहलें की हैं। इनमें से एक प्रमुख पहल है AI कोष (AI Kosha), जिसे इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा विकसित किया गया है। यह एक सुरक्षित और केंद्रीकृत प्लेटफॉर्म है, जो AI डेटासेट्स, मॉडल्स और विकास टूल्स को संग्रहीत करता है। इसके माध्यम से भारत में AI शोध, स्टार्टअप्स और नवाचार को गति देने का लक्ष्य रखा गया है।
AI कोष, IndiaAI मिशन का एक प्रमुख घटक है, जिसे सरकार ने ₹10,371 करोड़ के बजट के साथ लॉन्च किया है। इस मिशन का उद्देश्य AI तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाना, शासन में AI क्षमता को बढ़ाना, और AI स्टार्टअप्स व अनुसंधान को समर्थन देना है। इस लेख में हम AI कोष, उसकी विशेषताएँ, IndiaAI मिशन के साथ उसका संबंध और इसके प्रभावों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
AI कोष (AI Kosha) क्या है?
AI कोष एक सुरक्षित AI इनोवेशन प्लेटफॉर्म है, जो डेटासेट्स, मॉडल्स और AI डेवलपमेंट टूल्स को एक स्थान पर उपलब्ध कराता है। यह शोधकर्ताओं, स्टार्टअप्स और सरकारी संस्थाओं को AI अनुसंधान और विकास के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान करता है। यह प्लेटफॉर्म डेटा-सुरक्षा और अनुमत-आधारित एक्सेस जैसी सुविधाएँ प्रदान करता है, जिससे AI विकास को एक संरचित और सुरक्षित रूप में संचालित किया जा सके।
AI कोष की प्रमुख विशेषताएँ
- AI डेटासेट रिपॉजिटरी:
- AI कोष में 300+ डेटासेट और 80+ AI मॉडल को होस्ट किया गया है, जो AI अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने में सहायक हैं।
- AI सैंडबॉक्स वातावरण:
- यह प्लेटफॉर्म AI मॉडल प्रशिक्षण के लिए एकीकृत विकास वातावरण (IDE) के साथ आता है, जो उपयोगकर्ताओं को टूल्स और ट्यूटोरियल प्रदान करता है।
- सुरक्षा और एक्सेस नियंत्रण:
- डेटा एन्क्रिप्शन (स्टोरेज और ट्रांसमिशन दोनों में), एपीआई-आधारित सुरक्षित एक्सेस और रियल-टाइम हानिकारक ट्रैफिक फ़िल्टरिंग जैसी सुरक्षा सुविधाएँ इसमें सम्मिलित हैं।
- अनुमति-आधारित एक्सेस:
- विभिन्न उपयोगकर्ता समूहों के लिए स्तरवार एक्सेस प्रणाली लागू की गई है, जिससे शोधकर्ताओं, स्टार्टअप्स और सरकारी संस्थाओं को उनकी आवश्यकतानुसार डेटा और संसाधनों तक पहुंच मिल सके।
IndiaAI मिशन | AI विकास का नया युग
IndiaAI मिशन सरकार द्वारा समर्थित एक व्यापक पहल है, जिसका उद्देश्य AI नवाचार, अनुसंधान और स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करना है। यह मिशन सात स्तंभों पर आधारित है, जिनमें से AI कोष (AI Kosha) डेटासेट प्लेटफॉर्म स्तंभ का एक अभिन्न हिस्सा है।
AI विकास के लिए Compute Capacity बढ़ाना
AI अनुसंधान और विकास को बढ़ाने के लिए Compute Capacity एक महत्वपूर्ण कारक है। इस उद्देश्य से सरकार ने 14,000 GPUs साझा AI मॉडल प्रशिक्षण और निष्पादन के लिए आरक्षित किए हैं (पहले 10,000 GPUs का लक्ष्य था)। ये GPU तिमाही आधार पर जोड़े जाएंगे, जिससे भारत में AI अनुसंधान और मॉडल विकास को बढ़ावा मिलेगा।
भारत में फाउंडेशनल AI मॉडल विकास
भारत सरकार का उद्देश्य स्वदेशी फाउंडेशनल AI मॉडल विकसित करना है, जिससे देश AI के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सके। चीन के DeepSeek मॉडल की तरह, भारत भी कम लागत वाले और सुलभ AI मॉडल विकसित करने की दिशा में कार्य कर रहा है। इस पहल से भारतीय स्टार्टअप्स को प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिलेगा और वे वैश्विक AI बाजार में अपनी स्थिति मजबूत कर सकेंगे।
सरकार की ओपन डेटा रणनीति
AI अनुसंधान और नवाचार के लिए डेटा की उपलब्धता एक प्रमुख कारक है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ओपन डेटा रणनीति अपनाई है।
मौजूदा ओपन डेटा प्लेटफॉर्म
सरकार द्वारा डेटा साझा करने के लिए data.gov.in प्लेटफॉर्म लॉन्च किया गया है, जहां 12,000+ सरकारी डेटासेट्स उपलब्ध हैं। प्रत्येक मंत्रालय में Chief Data Officers नियुक्त किए गए हैं, ताकि वे अधिक से अधिक डेटासेट्स साझा करने के लिए मंत्रालयों को प्रोत्साहित कर सकें।
गैर-व्यक्तिगत डेटा उपयोग के प्रयास
2018 में कृष गोपालकृष्णन समिति द्वारा निजी कंपनियों के लिए डेटा साझा करने को अनिवार्य करने का प्रस्ताव रखा गया था। 2020 में एक नए प्रस्ताव के तहत स्टार्टअप्स और नीतिगत उपयोग के लिए गैर-व्यक्तिगत डेटा (जैसे राइड-शेयरिंग ट्रैफिक डेटा) तक पहुंच देने का विचार रखा गया। हालांकि, निजी कंपनियों ने प्रतिस्पर्धात्मक और गोपनीय डेटा संरक्षण संबंधी चिंताओं को लेकर इस प्रस्ताव पर आपत्ति जताई थी।
AI कोष और IndiaAI मिशन का प्रभाव
AI कोष और IndiaAI मिशन के अंतर्गत की गई पहलें भारत के AI इकोसिस्टम को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगी।
- AI नवाचार को गति:
- AI कोष से शोधकर्ताओं और स्टार्टअप्स को AI डेटासेट्स और मॉडल्स तक सुरक्षित और सुलभ पहुँच मिलेगी, जिससे नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
- स्टार्टअप इकोसिस्टम को समर्थन:
- Compute Capacity और फाउंडेशनल AI मॉडल विकास जैसी पहलें भारतीय स्टार्टअप्स को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में मदद करेंगी।
- शासन में AI क्षमता का विकास:
- सरकारी योजनाओं और नीतियों में AI के अधिकतम उपयोग से शासन को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाया जा सकेगा।
- ओपन डेटा नीति का प्रभाव:
- डेटा की अधिक उपलब्धता से AI शोध और विकास को बल मिलेगा, हालांकि, डेटा सुरक्षा और निजी कंपनियों की चिंताओं को संबोधित करना आवश्यक होगा।
AI कोष और IndiaAI मिशन के माध्यम से भारत AI के क्षेत्र में एक मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने के लिए प्रयासरत है। AI कोष डेटा-सुरक्षित प्लेटफॉर्म के रूप में अनुसंधानकर्ताओं और स्टार्टअप्स को आवश्यक संसाधन प्रदान करेगा, जबकि Compute Capacity और फाउंडेशनल मॉडल विकास जैसी पहलें AI नवाचार और अनुसंधान को नए आयाम देंगी।
भविष्य में, सरकार और निजी कंपनियों के बीच सहयोग इस मिशन को और अधिक प्रभावी बना सकता है। ओपन डेटा नीति से AI अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा, लेकिन डेटा गोपनीयता और प्रतिस्पर्धा संबंधी चिंताओं को संतुलित करना आवश्यक होगा। यदि इन सभी तत्वों को संतुलित रूप से लागू किया जाता है, तो भारत आने वाले वर्षों में AI नवाचार का वैश्विक केंद्र बन सकता है।
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