रस | परिभाषा, भेद और उदाहरण

रस परिभाषा और उसके भेद

रस का शाब्दिक अर्थ है – ‘आनंद’। किसी काव्य को पढ़ने अथवा सुनने से जिस आनंद की अनुभूति होती है, उसे रस कहा जाता है। रस को काव्य की आत्मा भी कहते है। काव्य पढ़ते अथवा सुनते समय आने वाला ‘आनन्द’ अर्थात ‘रस’ लौकिक न होकर अलौकिक होता है। संस्कृत में कहा गया है कि … Read more

वर्तनी | परिभाषा, भेद एवं 50+ उदाहरण

वर्तनी | परिभाषा, भेद एवं 50+ उदाहरण

वर्तनी एक शब्द है जिसका अर्थ है एक भाषा में शब्दों को सही ढंग से उच्चारण और लिखना। हर भाषा में वर्तनी के नियम होते हैं जो शब्दों के उच्चारण और लिखने को सही बनाते हैं। अच्छी वर्तनी से एक व्यक्ति की भाषा और व्यवहार में सुधार होता है जो उसके संवाद को मजबूत बनाता … Read more

अलंकार- परिभाषा, भेद और 100 + उदाहरण

अलंकार

श्रृंगार के लिए जिस प्रकार से किसी आभूषण की आवश्यकता होती है, ठीक उसी प्रकार से शब्दों और भावों को बेहतर बनाने के लिए अलंकार की आवश्यकता होती है।

समास – परिभाषा, भेद और 100 + उदाहरण

समास

समास शब्द ‘सम्’ और ‘आस’ के संयोग से बना है, जहां ‘सम्’ का अर्थ समीप एवं ‘आस’ का अर्थ बैठाना होता है। अत: दो या दो से अधिक पदों के साथ प्रयुक्त विभक्ति चिह्नों या योजक पदों या अव्यय पदों का लोप कर नए पद की निर्माण प्रक्रिया को समास कहते हैं।  समास शब्द का विलोम शब्द ‘व्यास’ होता है। सूत्र – समसनं समास, अर्थात संक्षिप्त कर देना ही समास है। … Read more

हिंदी भाषा का इतिहास

हिंदी भाषा का इतिहास

हिंदी भाषा एक भारतीय आर्य भाषा है, जो मुख्य रूप से उत्तर भारत में बोली जाती है। हिंदी भाषा का विकास विभिन्न संस्कृतियों, भाषाओं और इतिहासों से हुआ है। वास्तव में, हिंदी भाषा का उत्पत्ति देवनागरी लिपि की उत्पत्ति से जुड़ा हुआ है। देवनागरी लिपि के विकास से पहले, हिंदी भाषा विभिन्न लिपियों में लिखी … Read more

संधि – परिभाषा एवं उसके भेद | Joining

संधि एवं उसके भेद

संधि शब्द का शाब्दिक अर्थ है मेल या जोड़। दो निकटवर्ती वर्णों के परस्पर मेल से जो विकार अथवा परिवर्तन होता है वह संधि कहलाता है। 

हिंदी वर्णमाला- स्वर और व्यंजन | Hindi Alphabet

हिंदी वर्णमाला

हिंदी भाषा हमारी सांस्कृतिक और शैक्षिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। किसी भी भाषा की सबसे छोटी और मूल इकाई वर्ण होती है, जो शब्दों और वाक्यों के निर्माण की नींव रखती है। हिंदी में वर्णमाला स्वर और व्यंजन के मेल से बनती है, और इनकी सही समझ भाषा बोलने, लिखने और पढ़ने में … Read more

भाषा एवं उसके विभिन्न रूप

भाषा

भाषा मनुष्य के जीवन का एक अनिवार्य माध्यम है, जिसके बिना हम अपने विचार, भावनाएँ और ज्ञान दूसरों तक पहुँचाने में असमर्थ रहते हैं। यह न केवल संवाद का साधन है, बल्कि हमारी सोच और संस्कृति का भी प्रतिबिंब है। भाषा के माध्यम से हम न केवल बोलचाल कर सकते हैं, बल्कि लिखित रूप में … Read more

सर्वनाम (Pronoun) किसे कहते है? परिभाषा, भेद एवं उदाहरण भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग | नाम, स्थान एवं स्तुति मंत्र प्रथम विश्व युद्ध: विनाशकारी महासंग्राम | 1914 – 1918 ई.