प्रांतीय नागरिकता (Provincial Citizenship): भारतीय संघीय ढांचे में उभरती नई राजनीतिक वास्तविकता
भारत का संविधान प्रत्येक भारतीय नागरिक को समान अधिकार प्रदान करता है और एकल राष्ट्रीय नागरिकता की अवधारणा को मान्यता देता है। संविधान निर्माताओं ने इस बात का विशेष ध्यान रखा कि भारत जैसे बहुभाषी, बहुजातीय और बहुसांस्कृतिक समाज में नागरिकता केवल “भारतीय” पहचान पर आधारित हो, न कि प्रांतीय या क्षेत्रीय आधार पर। इसीलिए … Read more