मौर्य साम्राज्य | MAURYAN EMPIRE | 322–185 ई.पू.

मौर्य साम्राज्य

मौर्य साम्राज्य की स्थापना चंद्रगुप्त मौर्य ने 322 ई.पू. में किया, जब उन्होंने मगध राज्य और पश्चिमोत्तर मेसेडोनियन के क्षेत्रों पर विजय प्राप्त की। मौर्य साम्राज्य प्राचीन भारत में भौगोलिक रूप से व्यापक लौह युग की ऐतिहासिक शक्ति थी, जिसका शासन मौर्य वंश ने 322-185 ई.पू. भारतीय उपमहाद्वीप के पूर्वी हिस्से में इंडो-गंगेटिक प्लेन (आधुनिक … Read more

चाणक्य | Chanakya | 375-275 ई. पू.

चाणक्य

जो लोग अपने जीवन में कठिन परिस्थितियों का सामना कर सफलता की राह पर चल रहे हैं, वे चाणक्य का नाम अच्छी तरह से जानते हैं। चाणक्य का असली नाम विष्णुगुप्त है। चाणक्य तक्षशिला के निवासी थे। उस समय तक्षशिला एक नगर था, जो रावलपिंडी के पास था। आचार्य चाणक्य के जीवन की घटनाओं का विशेष संबंध … Read more

सिकन्दर महान | Alexander the Great | 356-323 ई.पू.

सिकन्दर

सिकन्दर महान (Alexander the Great) मेसेडोनिया का ग्रीक शासक था। सिकंदर युद्ध में जिससे प्रभावित हुआ वह थे भारत के राजा पोरस। सिकन्दर का जन्म 20 जुलाई 356 ईसा पूर्व पेलमेसडॉन यूनान मे हुआ था। वह एलेक्ज़ेंडर तृतीय तथा एलेक्ज़ेंडर मेसेडोनियन नाम से भी जाना जाता है। इतिहास में वह सबसे कुशल और यशस्वी सेनापति … Read more

उदायिन | Udayin | 460 ई.पू. से 444 ई.पू.

उदायिन

उदायिन (Udayin) (461 ई.पू. से 445 ई.पू.): उदायिन  हर्यक वंशी अजातशत्रु का पुत्र था। उसने अपने पिता अजातशत्रु की हत्या करके राजसिंहासन प्राप्त किया था।

अजातशत्रु | Ajatashatru | 493 – 460 ई.पू.

अजातशत्रु

अजातशत्रु (Ajatashatru) हर्यक वंश के प्रथम शासक बिंबिसार के पुत्र थे। अपने पिता को मौत के घाट उतारकर मगध के राजा बने। अजातशत्रु का अर्थ होता हैं “शत्रुविहीन” अर्थात् जिसका कोई दुश्मन या शत्रु पैदा नहीं हुआ हो।

बिम्बिसार | Bimbisara | 546 – 494 ईसा पूर्व

Bimbisara बिम्बिसार (546 – 494 ईसा पूर्व)

बिम्बिसार Bimbisara 52 साल तक 544 BC से 492 BC तक शासन किया। इसको इसके ही पुत्र अजातशत्रु (492-460 BC) ने बंदी बना लिया और हत्या कर दी। वह हर्यंक राजवंश से था।

मगध साम्राज्य | Magadha Empire | 1700-322 BC

मगध साम्राज्य

बिहार के पटना तथा गया जनपदों की भूमि में स्थित मगध प्राचीन भारत का एक महत्वपूर्ण राज्य रहा है। युद्धकाल में मगध एक शक्तिशाली तथा संगठित राजतन्त्र के रूप में दिखता है। कालान्तर में मगध का उत्तरोत्तर विकास हुआ और एक प्रकार से मगध का इतिहास सम्पूर्ण भारत का इतिहास बन गया। मगध साम्राज्य ने … Read more

मगध महाजनपद | Magadha Mahajanpadas | 544-322 ई. पू.

मगध महाजनपद

मगध महाजनपद दक्षिण बिहार के वर्तमान  पटना व गया जिले में  स्थित था। मगध महाजनपद सभी 16 महाजनपदों में सबसे शक्तिशाली जनपद के रूप में उभरा। मगध धीरे धीरे अन्य सभी राज्यों को स्वंय में समाहित कर भारत का प्रथम साम्राज्य बना। मगध का सर्वप्रथम उल्लेख अथर्ववेद में मिलता है । इससे पता चलता है … Read more

जनपद एवं महाजनपद | Janpadas and Mahajanapadas | 600-325 ई. पू.

जनपद और महाजनपद

जनपद एवं महाजनपद की शुरुआत वैदिक सभ्यता के पश्चात छठी शताब्दी ईसा पूर्व के लगभग हो चुकी थी। वैदिक सभ्यता के पश्चात छठी शताब्दी ईसा पूर्व के लगभग लोग छोटे-छोटे समूहों में नदियों के किनारे बसने लगे थे, इन स्थानों को ‘जनपद’ कहा जाता था। ये लोग ‘आर्य’ कहलाते थे। आर्य का शाब्दिक अर्थ ‘श्रेष्ठ’ होता है। आर्य जातियों के परस्पर … Read more

धार्मिक आन्दोलन | Religious Movements | 600 ईसा पूर्व

धार्मिक आन्दोलन Religious Movements

धार्मिक आन्दोलन (Religious Movements) के छठी शताब्दी ईसा पूर्व दुनिया के विभिन्न हिस्सों में कई धार्मिक आंदोलनों का गवाह बना। इओनिया द्वीप में हेराक्लिटस, फारस में जोरोस्टर और चीन में कन्फ्यूशियस ने नए सिद्धांतों का प्रचार किया। भारत में भी, नए विचारों का उथल पुथल हुआ, जिससे नए दार्शनिक सिद्धांतों और धार्मिक संप्रदायों का उदय हुआ।

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सर्वनाम (Pronoun) किसे कहते है? परिभाषा, भेद एवं उदाहरण भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग | नाम, स्थान एवं स्तुति मंत्र प्रथम विश्व युद्ध: विनाशकारी महासंग्राम | 1914 – 1918 ई.