केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) भारत में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) का एक महत्वपूर्ण भाग है, जिसका मुख्य उद्देश्य देश की महत्वपूर्ण बुनियादी संरचनाओं को सुरक्षा प्रदान करना है। यह बल गृह मंत्रालय (MHA) के अधीन कार्य करता है और इसकी स्थापना 10 मार्च 1969 को संसद के एक अधिनियम के तहत की गई थी। प्रारंभ में इसकी संख्या 2,800 कर्मियों की थी, लेकिन वर्तमान में यह एक विशाल संगठन बन चुका है, जिसमें 1,88,000 से अधिक कर्मी कार्यरत हैं। 15 जून 1983 को इसे एक सशस्त्र बल (Armed Force) घोषित किया गया, जिससे इसकी सुरक्षा क्षमताओं में और अधिक मजबूती आई। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है और यह पूरे देश में विभिन्न प्रतिष्ठानों को सुरक्षा प्रदान करता है।
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) | संगठनात्मक संरचना
CISF का नेतृत्व भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के एक अधिकारी द्वारा किया जाता है, जो बल के महानिदेशक (DG) होते हैं। इनके साथ अतिरिक्त महानिदेशक (ADG) और अन्य वरिष्ठ अधिकारी कार्यरत रहते हैं। संगठन को सात क्षेत्रों में विभाजित किया गया है:
- एयरपोर्ट (Airport)
- उत्तर (North)
- उत्तर-पूर्व (North-East)
- पूर्व (East)
- पश्चिम (West)
- दक्षिण (South)
- प्रशिक्षण (Training)
इसके अतिरिक्त, CISF में एक अग्निशमन सेवा (Fire Service Wing) भी शामिल है, जो विभिन्न प्रतिष्ठानों में अग्नि सुरक्षा सुनिश्चित करती है।
मुख्य कार्य और उत्तरदायित्व
CISF का प्राथमिक उद्देश्य देश की महत्वपूर्ण संरचनाओं को सुरक्षा प्रदान करना है। इसके तहत विभिन्न क्षेत्रों में इसकी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ हैं:
1. सुरक्षा कवच
CISF देश के परमाणु संयंत्रों, अंतरिक्ष केंद्रों, हवाई अड्डों, बंदरगाहों, विद्युत संयंत्रों, तेल रिफाइनरियों, सरकारी इमारतों और अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों को सुरक्षा प्रदान करता है। वर्ष 2000 में भारतीय विमान IC-814 के अपहरण के बाद CISF को हवाई अड्डों की सुरक्षा का कार्य सौंपा गया था। वर्तमान में CISF 359 प्रतिष्ठानों को सुरक्षा प्रदान कर रहा है, जिनमें प्रमुख रूप से दिल्ली मेट्रो, संसद भवन परिसर और जम्मू-कश्मीर के केंद्रीय कारागार शामिल हैं।
2. विशेष सुरक्षा सेवाएँ
CISF की एक विशेष VIP सुरक्षा इकाई भी है, जो देश के महत्वपूर्ण व्यक्तियों (protectees) को 24×7 सुरक्षा प्रदान करती है। यह बल देश में सबसे बड़ी अग्नि सुरक्षा सेवा (Fire Protection Service) प्रदाता बलों में से एक है और इसकी एक समर्पित अग्निशमन शाखा भी है, जो विभिन्न औद्योगिक और रणनीतिक प्रतिष्ठानों में आग से सुरक्षा सुनिश्चित करती है।
3. निजी कंपनियों की सुरक्षा
2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के बाद CISF को निजी कंपनियों को भी सुरक्षा प्रदान करने की अनुमति दी गई थी। इसके तहत यह बल निजी कंपनियों को सुरक्षा परामर्श सेवाएँ (Security Consultancy Services) भी प्रदान करता है, जिससे वे अपने परिसरों और प्रतिष्ठानों को सुरक्षित बना सकें।
4. सार्वजनिक संपर्क और नागरिक सुरक्षा
CISF एकमात्र केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) है जो प्रतिदिन आम जनता के सीधे संपर्क में रहता है। हवाई अड्डों, दिल्ली मेट्रो और ऐतिहासिक स्थलों पर इसकी तैनाती होती है, जिससे नागरिकों को सुरक्षित और संरक्षित वातावरण मिलता है।
भविष्य की योजनाएँ और विस्तार
CISF आने वाले वर्षों में अपनी क्षमता को और बढ़ाने की योजना बना रहा है। बल हर साल 15,000 से 20,000 कर्मियों की भर्ती करने की योजना बना रहा है, ताकि सुरक्षा कवच को और मजबूत किया जा सके और देशभर में अधिक सुविधाओं की बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
CISF की यह भर्ती योजना न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को सुदृढ़ करेगी बल्कि युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगी। विशेष रूप से, बढ़ती तकनीकी आवश्यकताओं को देखते हुए बल अब साइबर सुरक्षा, ड्रोन सुरक्षा और स्मार्ट सर्विलांस जैसे क्षेत्रों में भी विस्तार कर रहा है।
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) देश की सुरक्षा व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, जो महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों, सरकारी और निजी क्षेत्रों, तथा आम जनता को सुरक्षा प्रदान करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आने वाले वर्षों में CISF अपनी तकनीकी क्षमताओं और मानव संसाधनों का विस्तार करके राष्ट्रीय सुरक्षा को और अधिक सुदृढ़ करने की दिशा में अग्रसर रहेगा। इस बल की प्रतिबद्धता और दक्षता इसे भारत के सबसे विश्वसनीय सुरक्षा बलों में से एक बनाती है।
Student Zone – KnowledgeSthali
Current Affairs – KnowledgeSthali
इन्हें भी देखें –
- RERA अधिनियम | रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (रेरा)
- त्रिभाषा नीति | राष्ट्रीय शिक्षा नीति और तमिलनाडु में विवाद
- सकल घरेलू ज्ञान उत्पाद (GDKP) | भारत की ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की नई दिशा
- होम रूल लीग आंदोलन | Home Rule League
- क्रिप्स मिशन | असफलता के कारण, प्रभाव और ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
- लिंग-समावेशी ‘विकसित भारत’ के लिए बजट | जेंडर बजटिंग | 2025-26
- मोरंड-गंजाल सिंचाई परियोजना | लाभ एवं पर्यावरणीय प्रभाव
- रेलवे जोन और उनके मुख्यालय के नाम एवं स्थापना वर्ष