जीएसटी सुधार (GST reform) 2025 : नई कर संरचना और आम जनता को राहत

भारत सरकार ने हाल ही में वस्तु एवं सेवा कर (GST) प्रणाली में ऐतिहासिक सुधार की घोषणा की है। जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में लम्बी चर्चाओं के बाद वित्त मंत्रालय ने कर ढांचे को सरल बनाने का निर्णय लिया। इस सुधार के तहत अब पहले की तरह चार स्लैब नहीं होंगे, बल्कि केवल दो मुख्य दरें लागू होंगी – 5% और 18%। इसके अलावा कुछ हानिकारक वस्तुओं पर कर दर बढ़ाकर 40% कर दी गई है।

यह बदलाव 22 सितंबर से लागू होंगे और इनका सीधा असर रोजमर्रा की ज़िंदगी से लेकर औद्योगिक क्षेत्र तक देखा जाएगा। आइए विस्तार से समझते हैं कि इन सुधारों का समाज, अर्थव्यवस्था और आम जनता पर क्या असर पड़ेगा।

जीएसटी सुधार का उद्देश्य

नई कर संरचना के पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य आम जनता को राहत देना, छोटे कारोबारियों को सहारा प्रदान करना और कर व्यवस्था को अधिक सरल व पारदर्शी बनाना है। इसके अलावा, तंबाकू जैसे हानिकारक उत्पादों पर कर बढ़ाकर उनके उपभोग को कम करने की भी कोशिश की गई है।

  1. आम आदमी को राहत – जीवन-यापन के लिए जरूरी वस्तुओं और सेवाओं पर कर घटाया गया है।
  2. किसानों को सहयोग – कृषि उपकरण और मशीनरी सस्ती होगी जिससे खेती की लागत घटेगी।
  3. स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूती – स्वास्थ्य बीमा, दवाइयाँ और मेडिकल उपकरण सस्ते होंगे।
  4. शिक्षा को प्रोत्साहन – किताबें और शैक्षिक सामग्री कर-मुक्त की गई है।
  5. हानिकारक वस्तुओं पर नियंत्रण – तंबाकू, गुटखा, बीड़ी और शर्करा युक्त पेय पदार्थों पर कर बढ़ाकर 40% किया गया है।

रोजमर्रा के सामान पर जीएसटी में कटौती

सबसे बड़ा असर आम जनता की जेब पर पड़ेगा। रोजमर्रा की वस्तुओं को जीएसटी में बड़ी राहत मिली है।

  • साबुन, शैम्पू और टूथपेस्ट – पहले इन पर 18% जीएसटी लगता था, जो अब घटकर 5% रह गया है।
  • घी, मक्खन, नूडल्स और नमकीन – पहले 12% जीएसटी लगता था, अब 5%।
  • बर्तन, बच्चों की बोतलें, नैपकिन व डायपर – अब 12% से घटकर 5%।
  • सिलाई मशीन – अब केवल 5% पर उपलब्ध होगी।

इससे दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली वस्तुएँ काफी सस्ती हो जाएँगी।

कृषि क्षेत्र को मिली राहत

भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि की महत्वपूर्ण भूमिका है। किसानों को राहत देने के लिए कृषि उपकरणों और मशीनरी पर कर में बड़ी कटौती की गई है।

  • ट्रैक्टर टायर – पहले 18% जीएसटी था, अब केवल 5%।
  • ट्रैक्टर, सिंचाई की मशीनें और कृषि मशीनरी – पहले 12% जीएसटी लगता था, अब घटकर 5%।

इससे खेती की लागत कम होगी और किसानों की आय में वृद्धि की संभावना है।

स्वास्थ्य क्षेत्र पर असर

स्वास्थ्य सेवाओं और उपकरणों पर कर में कटौती से आम जनता को बड़ा लाभ मिलेगा।

  • हेल्थ इंश्योरेंस – अब पूरी तरह जीएसटी-मुक्त होगा (पहले 18%)।
  • थर्मामीटर – अब 5% (पहले 18%)।
  • ऑक्सीजन और डायग्नॉस्टिक किट – अब 5% (पहले 12%)।

इससे स्वास्थ्य सुविधाएँ और दवाइयाँ आम आदमी की पहुँच में और आसान होंगी।

ऑटोमोबाइल सेक्टर में बदलाव

ऑटोमोबाइल उद्योग को भी बड़ी राहत दी गई है।

  • छोटी कारें – पहले 28% जीएसटी लगता था, अब घटकर 18%।
  • मोटरसाइकिलें – पहले 28% जीएसटी लगता था, अब 18%।

इससे वाहन खरीदना आम लोगों के लिए आसान हो जाएगा।

शिक्षा क्षेत्र को राहत

शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी वस्तुओं पर कर में भारी कटौती की गई है।

  • मैप, चार्ट और ग्लोब – अब कर-मुक्त।
  • पेंसिल और क्रेयॉन – अब पूरी तरह कर-मुक्त।
  • बुक्स – पहले 5% जीएसटी लगता था, अब पूरी तरह हटा दिया गया है।

इससे शिक्षा की लागत घटेगी और विद्यार्थियों को राहत मिलेगी।

इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर असर

घरेलू इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर कर घटाया गया है।

  • एयर कंडीशनर, 32 इंच से बड़े टीवी और वॉशिंग मशीन – पहले 28% जीएसटी था, अब घटकर 18%।

इससे घरेलू सुविधाएँ और सस्ती होंगी।

40% जीएसटी वाले उत्पाद

कुछ हानिकारक और विलासिता की वस्तुओं पर कर बढ़ाकर 40% कर दिया गया है।

  • 350 सीसी से अधिक क्षमता वाली मोटरसाइकिलें
  • पान मसाला, तंबाकू, गुटखा और बीड़ी
  • मीठे और शर्करा युक्त कार्बोनेटेड पेय
  • सुगंधित व कैफीनयुक्त पेय पदार्थ
  • बड़ी गाड़ियाँ (पेट्रोल इंजन 1200 सीसी से ऊपर और डीजल इंजन 1500 सीसी से ऊपर)
  • निजी उपयोग के विमान व हेलीकॉप्टर
  • मनोरंजन या खेल के लिए नौकाएँ और जहाज

इन वस्तुओं पर कर बढ़ाने का उद्देश्य इन्हें कम सुलभ बनाना और इनके उपभोग को हतोत्साहित करना है।

लागू होने की तारीख

नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि तंबाकू से जुड़े उत्पादों पर 40% जीएसटी फिलहाल लागू नहीं होगा, लेकिन बाकी बदलाव नवरात्रि के पहले दिन से प्रभावी हो जाएंगे।

आम जनता को मिलने वाले फायदे

  1. जीवन–यापन सस्ता – साबुन, टूथपेस्ट, खाने-पीने का सामान और घरेलू वस्तुएँ सस्ती होंगी।
  2. इलाज आसान – मेडिकल उपकरण और हेल्थ इंश्योरेंस सस्ते होंगे।
  3. घर बनाना सस्ता – सीमेंट और निर्माण सामग्री पर खर्च घटेगा।
  4. वाहन किफायती – छोटी कारें, बाइक और ऑटो पार्ट्स सस्ते मिलेंगे।
  5. घरेलू सुविधाएँ सस्ती – टीवी, एसी और वॉशिंग मशीन किफायती होंगे।
  6. शिक्षा किफायती – किताबें और शैक्षिक सामग्री सस्ती होंगी।
  7. किसानों को राहत – ट्रैक्टर और कृषि उपकरण सस्ते होंगे।

निष्कर्ष

जीएसटी सुधार 2025 भारत की कर प्रणाली को सरल और जनहितकारी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। दो दरों (5% और 18%) पर आधारित नई संरचना से उपभोक्ताओं, किसानों, छात्रों और छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत मिलेगी। वहीं हानिकारक वस्तुओं पर 40% कर लगाकर सरकार ने स्वास्थ्य और सामाजिक दृष्टिकोण से एक सकारात्मक संदेश दिया है।

इस सुधार से न केवल महंगाई में कमी आएगी, बल्कि अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता भी बढ़ेगी और कर वसूली की प्रक्रिया अधिक सरल होगी। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि जीएसटी का यह नया संस्करण ‘जन-हितकारी और विकास-उन्मुख’ है।


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