भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए वर्ष 2025 एक ऐतिहासिक उपलब्धि लेकर आया है। भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल कप्तानों में से एक, महेंद्र सिंह धोनी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के प्रतिष्ठित हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया है। यह सम्मान न केवल धोनी के अद्वितीय नेतृत्व, खेल कौशल और उपलब्धियों का प्रमाण है, बल्कि यह भारतीय क्रिकेट के गौरव को भी नई ऊँचाई देता है।
ICC हॉल ऑफ फेम 2025 में शामिल सात दिग्गज
2025 की ICC हॉल ऑफ फेम सूची में कुल सात दिग्गज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों को शामिल किया गया, जिनमें दो महिला क्रिकेटर भी शामिल हैं। यह विविधता इस मंच की समावेशिता और वैश्विक पहुंच को दर्शाती है।
इस वर्ष शामिल हुए खिलाड़ी:
- महेंद्र सिंह धोनी (भारत)
- मैथ्यू हेडन (ऑस्ट्रेलिया)
- डेनियल वेटोरी (न्यूज़ीलैंड)
- हाशिम अमला (दक्षिण अफ्रीका)
- ग्रेम स्मिथ (दक्षिण अफ्रीका)
- सना मीर (पाकिस्तान, महिला खिलाड़ी)
- सारा टेलर (इंग्लैंड, महिला खिलाड़ी)
ICC हॉल ऑफ फेम क्या है?
परिचय
ICC हॉल ऑफ फेम क्रिकेट जगत का एक सम्मानित मंच है, जो उन खिलाड़ियों को मान्यता देता है जिन्होंने अपने प्रदर्शन और समर्पण से क्रिकेट की दुनिया में अमिट छाप छोड़ी है। यह पहल क्रिकेट के ऐतिहासिक गौरव और उन नायकों की स्मृति को जीवंत रखने का माध्यम है।
स्थापना
इसकी स्थापना 2 जनवरी 2009 को ICC की शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में की गई थी। इसे FICA (फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल क्रिकेटर्स असोसिएशंस) के सहयोग से शुरू किया गया।
प्रारंभिक तौर पर, इसमें FICA हॉल ऑफ फेम (1999–2003) में शामिल 55 खिलाड़ियों को सम्मिलित किया गया और 2009 में पाँच नए नाम जोड़े गए।
उद्देश्य
इस मंच का उद्देश्य खेल में उत्कृष्ट योगदान देने वाले खिलाड़ियों को स्थायी रूप से पहचान देना और नई पीढ़ियों को उनके योगदान से प्रेरित करना है।
पात्रता और चयन प्रक्रिया
- खिलाड़ी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से रिटायर हुए कम से कम 5 वर्ष हो चुके होने चाहिए।
- चयन के प्रमुख मापदंड:
- प्रदर्शन की निरंतरता
- उपलब्धियाँ
- नेतृत्व क्षमता
- क्रिकेट के प्रति समर्पण
महत्त्वपूर्ण आँकड़े
- अब तक कुल 122 खिलाड़ी इस मंच पर शामिल हो चुके हैं।
- इनमें से 85 खिलाड़ी इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज से हैं, और 37 अन्य देशों से।
- 2025 तक 15 महिला खिलाड़ी भी हॉल ऑफ फेम का हिस्सा बन चुकी हैं।
महेंद्र सिंह धोनी: एक युग का नायक
प्रारंभिक जीवन और पदार्पण
महेंद्र सिंह धोनी ने 2004 में बांग्लादेश के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। रांची जैसे छोटे शहर से आने वाले इस युवा खिलाड़ी ने जल्द ही अपने आत्मविश्वास, शांतचित्त व्यक्तित्व और विस्फोटक बल्लेबाज़ी से सबका ध्यान आकर्षित किया।
कप्तानी का दौर: रणनीति, सोच और विजय
2007 में जब धोनी को भारत की T20 टीम की कप्तानी सौंपी गई, तब किसी ने नहीं सोचा था कि यह निर्णय भारतीय क्रिकेट की दिशा बदल देगा। धोनी के नेतृत्व में भारत ने पहला ICC T20 वर्ल्ड कप 2007 जीता। इसके बाद:
- 2011 वनडे वर्ल्ड कप में ऐतिहासिक जीत
- 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी में भारत को विजय दिलाकर वह तीनों ICC ट्रॉफियाँ जीतने वाले विश्व के पहले कप्तान बने।
आँकड़ों में धोनी की चमक
- वनडे:
- 350 मैच
- 10,773 रन
- औसत: 50.57
- 10 शतक, 73 अर्धशतक
- टेस्ट:
- 90 मैच
- 4,876 रन
- औसत: 38.09
- 6 शतक
- विकेटकीपिंग:
- टेस्ट में 294 और वनडे में 450+ शिकार
धोनी को “बेस्ट फिनिशर” की उपाधि यूँ ही नहीं मिली। उन्होंने अनेक बार दबाव में आकर भारत को जीत दिलाई।
संन्यास और उसके बाद
धोनी ने 15 अगस्त 2020 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया। उन्होंने अपना अंतिम मैच 2019 विश्व कप सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला। हालांकि वे क्रिकेट से अलग नहीं हुए। चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के साथ IPL में उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई और टीम को कई बार खिताब दिलवाया।
ICC हॉल ऑफ फेम में शामिल अन्य भारतीय दिग्गज
- बिशन सिंह बेदी (2009): बाएं हाथ के स्पिनर, 266 विकेट और 22 बार कप्तानी।
- कपिल देव (2009): 1983 विश्व कप विजेता कप्तान; 5000+ रन और 400+ विकेट।
- सुनील गावस्कर (2009): 10,000+ टेस्ट रन, 34 टेस्ट शतक।
- अनिल कुंबले (2015): 619 टेस्ट विकेट; एक मैच में 10 विकेट लेने वाले इकलौते भारतीय।
- राहुल द्रविड़ (2018): ‘द वॉल’, 13288 टेस्ट रन,36 शतक।
- सचिन तेंदुलकर (2019): 100 अंतरराष्ट्रीय शतक; क्रिकेट का ‘भगवान’।
- वीनू मांकड़ (2021): टेस्ट डबल (1000 रन + 100 विकेट); 413 रन की साझेदारी प्रसिद्ध।
- वीरेंद्र सहवाग (2023): दो बार टेस्ट में तिहरा शतक; आक्रामक बल्लेबाज़ी शैली।
- डायना एडुल्जी (2023): महिला क्रिकेट की पथप्रदर्शक; 120 अंतरराष्ट्रीय विकेट।
- नीतू डेविड (2024): 182 अंतरराष्ट्रीय विकेट; बाएं हाथ की बेहतरीन स्पिनर।
धोनी को सम्मानित किए जाने के निहितार्थ
- यह सम्मान सिर्फ एक खिलाड़ी के लिए नहीं, बल्कि उस पीढ़ी के लिए है जो क्रिकेट को जुनून की तरह देखती है।
- यह नए खिलाड़ियों को प्रेरणा देता है कि छोटे शहरों से भी विश्व के मंच तक पहुँचा जा सकता है।
- धोनी की नेतृत्व शैली, संयम, और निर्णय लेने की क्षमता आज भी मैनेजमेंट और लीडरशिप के अध्ययन में उदाहरण स्वरूप दी जाती है।
महेंद्र सिंह धोनी का ICC हॉल ऑफ फेम में शामिल होना न केवल उनके लिए, बल्कि समस्त भारतीय क्रिकेट समुदाय के लिए गर्व का क्षण है। धोनी की कहानी इस बात का प्रमाण है कि अगर सपने बड़े हैं और मेहनत सच्ची है, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं।
उनकी कप्तानी, उनकी बल्लेबाज़ी, उनका आत्मविश्वास और सबसे बढ़कर उनका संयम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक आदर्श है। धोनी अब केवल एक नाम नहीं, बल्कि एक विचार बन चुके हैं – “कूल माइंड, स्ट्रॉन्ग स्ट्राइक।”
जय हिन्द, जय क्रिकेट।
(कृपया इस लेख को अन्य क्रिकेट प्रेमियों के साथ साझा करें ताकि सभी को महेंद्र सिंह धोनी की इस ऐतिहासिक उपलब्धि की जानकारी मिल सके।)
Student Zone – KnowledgeSthali
Current Affairs – KnowledgeSthali
इन्हें भी देखें –
- तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन पर मिली नई जीवाणु प्रजाति – Niallia tiangongensis
- चागोस द्वीपसमूह की संप्रभुता पर ब्रिटेन-मॉरीशस समझौता
- नालंदा विश्वविद्यालय | प्राचीन गौरव और आधुनिक पुनरुत्थान की कहानी
- अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार विजेता एवं नामांकन सूची | 2005–2025
- बानु मुश्ताक | अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाली पहली कन्नड़ लेखिका
- भारत की पहली विस्टाडोम जंगल सफारी ट्रेन | इको-टूरिज्म की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल
- पाकिस्तान की UNSC में चढ़ती चाल | भारत के लिए क्यों बजा खतरे का अलार्म?
- तमिलनाडु ने धनुषकोडी को ग्रेटर फ्लेमिंगो अभयारण्य घोषित किया
- विझिंजम अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह | भारत का पहला ट्रांसशिपमेंट पोर्ट
- कुलसी नदी और जलविद्युत परियोजना पर विवाद
- भारत की जनगणना 2027 | एक ऐतिहासिक पुनरारंभ