भारत सरकार ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने और वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर करने के लिए इंडिया AI मिशन की शुरुआत की है। यह मिशन डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन (DIC) के तहत एक स्वतंत्र व्यवसाय प्रभाग (Independent Business Division – IBD) के रूप में संचालित किया जा रहा है। इस मिशन के लिए ₹10,371.92 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है, जिसका उद्देश्य AI अनुसंधान, नवाचार, स्टार्टअप्स और AI शिक्षा को बढ़ावा देना है।
हाल ही में, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इंडिया AI मिशन की पहली वर्षगांठ पर कई प्रमुख AI पहल शुरू कीं। इन पहलों का लक्ष्य भारत में AI अनुसंधान, नवाचार और कौशल विकास को तेजी से आगे बढ़ाना है, ताकि देश डिजिटल प्रगति की ओर तेजी से अग्रसर हो सके।
इंडिया AI मिशन | भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का भविष्य
भारत सरकार ने डिजिटल इंडिया पहल के तहत “इंडिया AI मिशन” की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य देश में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को सशक्त बनाना और इसे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है। यह मिशन न केवल AI नवाचारों को बढ़ावा देता है, बल्कि स्टार्टअप्स, शोधकर्ताओं और छात्रों को आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने में भी सहायक सिद्ध हो रहा है। इस लेख में, हम इंडिया AI मिशन की प्रमुख पहलों पर विस्तृत चर्चा करेंगे और समझेंगे कि यह कैसे भारत के AI पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत बना रहा है।
1. इंडिया AI कंप्यूट पोर्टल | उन्नत AI संसाधनों तक आसान पहुंच
इंडिया AI कंप्यूट पोर्टल भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक अत्याधुनिक प्लेटफॉर्म है, जो छात्रों, स्टार्टअप्स, शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं को उन्नत GPU संसाधनों तक आसान पहुंच प्रदान करता है। इस पोर्टल के माध्यम से उपयोगकर्ताओं को NVIDIA H100, AMD MI300x और AWS Tranium जैसे उच्च-प्रदर्शन वाले GPUs तक सब्सिडी दरों पर उपलब्धता मिलेगी।
मुख्य विशेषताएँ
- 18,000 से अधिक GPU संसाधनों तक पहुंच
- क्लाउड स्टोरेज और अन्य AI सेवाएँ
- 40% तक की सब्सिडी
- मात्र 67 रुपये प्रति घंटे की दर से GPU उपयोग
यह पहल भारत को वैश्विक AI अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
2. AIKosha डेटा सेट प्लेटफॉर्म | सुरक्षित और उच्च-गुणवत्ता वाले डेटा तक पहुंच
AI नवाचारों के लिए डेटा अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने AIKosha डेटा सेट प्लेटफॉर्म की शुरुआत की है। यह प्लेटफॉर्म AI अनुप्रयोगों के विकास के लिए उच्च-गुणवत्ता वाले डेटा सेट, मॉडल और उपयोग मामलों को उपलब्ध कराता है।
मुख्य विशेषताएँ
- उन्नत एन्क्रिप्शन और सुरक्षित API
- रीयल-टाइम फ़िल्टरिंग की सुविधा
- AI सैंडबॉक्स क्षमता
- कंटेंट डिस्कवरबिलिटी और AI रेडीनेस स्कोरिंग
इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से AI शोधकर्ताओं और डेवलपर्स को वास्तविक उपयोग मामलों पर काम करने में सहायता मिलेगी, जिससे AI के व्यावहारिक उपयोग को बढ़ावा मिलेगा।
3. AI Competency Framework | सरकारी अधिकारियों के लिए AI कौशल विकास
AI का प्रभावी उपयोग सरकारी नीति निर्माण और प्रशासन में एक नई क्रांति ला सकता है। इसी उद्देश्य से सरकार ने AI Competency Framework लॉन्च किया है, जिससे सार्वजनिक क्षेत्र के अधिकारियों को AI कौशल से लैस किया जाएगा।
मुख्य विशेषताएँ
- सरकारी अधिकारियों के लिए AI-समर्थित प्रशिक्षण
- वैश्विक मानकों के अनुरूप पाठ्यक्रम
- iGOT-AI प्लेटफॉर्म पर AI सीखने की सुविधा
इस पहल के माध्यम से सरकारी अधिकारी AI तकनीक का प्रभावी उपयोग कर सकेंगे और स्मार्ट नीतियों के निर्माण में सहयोग कर पाएंगे।
4. वैश्विक एक्सेलेरेशन प्रोग्राम | भारतीय स्टार्टअप्स के लिए वैश्विक अवसर
इंडिया AI स्टार्टअप्स ग्लोबल एक्सेलेरेशन प्रोग्राम भारतीय स्टार्टअप्स को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए शुरू किया गया है। यह कार्यक्रम STATION F (पेरिस) और HEC Paris के सहयोग से संचालित किया जा रहा है।
मुख्य विशेषताएँ
- 4 महीने की मेंटरशिप और नेटवर्किंग सुविधा
- 10 प्रमुख AI स्टार्टअप्स को वैश्विक विस्तार का अवसर
- विदेशी निवेशकों और बाजारों तक पहुंच
इस पहल से भारतीय AI स्टार्टअप्स को अपने उत्पादों और सेवाओं को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा।
5. IndiaAI फ्यूचर स्किल्स | AI शिक्षा और कौशल विकास
भारत में AI शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने IndiaAI फ्यूचर स्किल्स और फेलोशिप प्रोग्राम की शुरुआत की है। यह कार्यक्रम विभिन्न शिक्षण संस्थानों में AI पाठ्यक्रमों को लागू करने और छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करने पर केंद्रित है।
मुख्य विशेषताएँ
- IIT, NIT, और अन्य प्रमुख संस्थानों में AI पाठ्यक्रम
- स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी छात्रों को वित्तीय सहायता
- टियर 2 और टियर 3 शहरों में AI डेटा लैब्स की स्थापना
इस पहल के माध्यम से भारत के युवाओं को AI क्षेत्र में करियर बनाने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण और संसाधन प्रदान किए जाएंगे।
इंडिया AI पोर्टल | AI जानकारी और संसाधनों का एकीकृत मंच
इंडिया AI पोर्टल, जिसे मई 2020 में लॉन्च किया गया था, भारत में AI से संबंधित सभी गतिविधियों का एकीकृत मंच है। यह पोर्टल इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY), राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (NeGD) और नैसकॉम (NASSCOM) के सहयोग से शुरू किया गया था। इस पोर्टल पर AI से जुड़ी शोध रिपोर्टें, लेख, समाचार, इंटरव्यू, सरकारी नीतियाँ और स्टार्टअप्स की जानकारी उपलब्ध कराई जाती है।
इस पोर्टल पर 1151 से अधिक लेख, 701 समाचार कहानियाँ, 98 शोध रिपोर्ट, 95 केस स्टडीज़ और 213 से अधिक वीडियो प्रकाशित किए गए हैं। इसके अलावा, 121 सरकारी पहल और 281 स्टार्टअप्स का डेटाबेस भी उपलब्ध है। यह पोर्टल न केवल AI शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान करता है, बल्कि नि:शुल्क और सशुल्क AI पाठ्यक्रमों की सुविधा भी देता है।
इस पोर्टल का उद्देश्य भारत में AI शिक्षा, शोध और उद्योग के विकास को बढ़ावा देना है।
इंडिया AI मिशन के प्रमुख लक्ष्य
- भारत सरकार ने इंडिया AI मिशन के तहत कई महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं:
- भारत के युवाओं और पेशेवरों के लिए AI स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम को सशक्त बनाना।
- 10,000 से अधिक GPU क्षमता वाले AI कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण।
- 100 अरब से अधिक पैरामीटर्स वाले भारतीय भाषाओं पर आधारित फाउंडेशनल AI मॉडल विकसित करना।
- स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा और शासन में AI के उपयोग को बढ़ावा देना।
- AI स्टार्टअप्स और कंपनियों के लिए शोध और विकास (R&D) को समर्थन देना।
इंडिया AI मिशन का उद्देश्य
इंडिया AI मिशन का मुख्य उद्देश्य भारत में AI पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) को मजबूत करना और इसे आत्मनिर्भर बनाना है। इसके अंतर्गत निम्नलिखित प्रमुख लक्ष्य रखे गए हैं:
- 10,000 से अधिक GPU क्षमता का AI कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना।
- 100 अरब से अधिक पैरामीटर्स वाले फाउंडेशनल AI मॉडल विकसित करना, जो भारतीय भाषाओं पर आधारित हों।
- स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा और शासन (Governance) जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में AI का उपयोग बढ़ाना।
- AI स्टार्टअप्स और कंपनियों के लिए शोध और विकास (R&D) को बढ़ावा देना।
- भारत के युवाओं और पेशेवरों के लिए AI स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम चलाना।
भारत में AI मॉडल और भाषा प्रौद्योगिकियां | विकास, अवसर और चुनौतियाँ
भारत सरकार ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के विकास को प्राथमिकता देते हुए कई महत्वपूर्ण पहलें शुरू की हैं। इन पहलों का उद्देश्य भारतीय भाषाओं में डिजिटल सेवाओं को अधिक समावेशी और सुलभ बनाना है। भारत में बड़े भाषा मॉडल (LLM), छोटे भाषा मॉडल (SLM) और बहुभाषी AI समाधानों का विकास किया जा रहा है ताकि देश की विविध भाषाई आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।
भारत के प्रमुख AI मॉडल और पहल
भारत में विकसित किए जा रहे AI मॉडल और भाषायी प्रौद्योगिकियाँ डिजिटल समावेशन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इनमें से कुछ प्रमुख पहलें निम्नलिखित हैं:
1. भारतजेन (BharatGPT)
भारतजेन पहल की शुरुआत 2024 में दिल्ली में की गई थी। यह भाषा, भाषण और कंप्यूटर विज़न के क्षेत्र में आधारभूत AI मॉडल विकसित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मॉडल का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक सेवा वितरण और नागरिकों की डिजिटल सहभागिता को आसान बनाना है। इसे देश के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों और AI शोधकर्ताओं के सहयोग से विकसित किया जा रहा है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह भारत की वास्तविक जरूरतों के अनुकूल हो।
2. सर्वम-1
सर्वम-1 एक अत्याधुनिक बड़ा भाषा मॉडल (LLM) है, जिसे विशेष रूप से भारतीय भाषाओं के लिए विकसित किया गया है। इसमें 2 अरब पैरामीटर शामिल हैं और यह 10 प्रमुख भारतीय भाषाओं को समर्थन देता है। इसका उपयोग स्वचालित अनुवाद, पाठ सारांश और सामग्री निर्माण में किया जाता है, जिससे स्थानीय भाषाओं में डिजिटल संसाधनों का विस्तार होगा।
3. हनुमान एवरेस्ट 1.0
हनुमान एवरेस्ट 1.0 एक बहुभाषी AI प्रणाली है, जो वर्तमान में 35 भारतीय भाषाओं को समर्थन देती है। इसकी भाषाई क्षमता को भविष्य में 90 भाषाओं तक विस्तारित करने की योजना बनाई गई है। यह मॉडल विशेष रूप से भाषाई विविधता को सशक्त करने और डिजिटल प्लेटफार्मों पर स्थानीय भाषाओं की उपस्थिति बढ़ाने में सहायक होगा।
4. डिजिटल इंडिया भाषानी
डिजिटल इंडिया भाषानी एक अनुवाद और भाषा प्रोसेसिंग प्लेटफॉर्म है, जो भारतीय भाषाओं में डिजिटल सेवाओं की आसान पहुंच सुनिश्चित करता है। यह आवाज-आधारित AI अनुवाद तकनीकों का उपयोग करता है, जिससे इंटरनेट का उपयोग और भारतीय भाषाओं में सामग्री निर्माण अधिक प्रभावी और समावेशी बन सके।
5. चित्रलेखा
चित्रलेखा एक AI-संचालित वीडियो ट्रांसक्रिप्शन प्लेटफॉर्म है, जिसे AI4भारत द्वारा विकसित किया गया है। यह भारतीय भाषाओं में ऑडियो को टेक्स्ट में बदलने और संपादित करने की सुविधा प्रदान करता है। इसका उपयोग मीडिया, शैक्षणिक संस्थानों और कंटेंट क्रिएटर्स द्वारा बड़े पैमाने पर किया जा रहा है।
भारत में AI विकास के लिए प्रमुख अवसंरचना | पहल
AI के विकास के लिए मजबूत कंप्यूटिंग अवसंरचना आवश्यक होती है। इस दिशा में भारत सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं:
1. AI कंप्यूट अवसंरचना
भारत ने AI कंप्यूटिंग क्षमताओं को मजबूत करने के लिए बड़े पैमाने पर GPU (Graphics Processing Unit) तैनात किए हैं। मिशन के शुरुआती चरण में 10,000 से अधिक GPU उपलब्ध कराए जा चुके हैं, और आने वाले समय में इनकी संख्या और बढ़ाई जाएगी। यह पहल स्वदेशी AI समाधान विकसित करने, भारतीय भाषाओं में AI को सुलभ बनाने और अनुसंधान को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
2. ओपन GPU मार्केटप्लेस
भारत ने ओपन GPU मार्केटप्लेस की शुरुआत की है, जिससे छोटे स्टार्टअप, शोधकर्ता और छात्र भी उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग का लाभ उठा सकें। यह पहल उन देशों से अलग है, जहां बड़ी कंपनियों के पास AI अवसंरचना का नियंत्रण होता है। इससे सभी को समान अवसर मिलेगा और छोटे उद्यमियों के लिए नवाचार के नए द्वार खुलेंगे।
3. सेमीकंडक्टर विनिर्माण
भारत सेमीकंडक्टर निर्माण को बढ़ावा देने के लिए बड़े निवेश कर रहा है। वर्तमान में देश में पाँच सेमीकंडक्टर संयंत्र निर्माणाधीन हैं, जिससे AI आधारित तकनीकों, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी।
सरकारी पहल और नीतियाँ
सरकार ने डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्मार्ट सिटीज मिशन, GI क्लाउड (MeghRaj), और Global INDIA AI Summit जैसी पहलें शुरू की हैं, जो AI को उद्योगों और प्रशासनिक सेवाओं में तेजी से अपनाने में मदद कर रही हैं।
भारत में AI नवाचार और स्टार्टअप ईकोसिस्टम
भारत में AI स्टार्टअप ईकोसिस्टम तेजी से विकसित हो रहा है। देश के विभिन्न शहरों में AI क्लस्टर उभर रहे हैं, जहाँ अनुकूल सरकारी नीतियों, अनुसंधान संस्थानों और AI प्रौद्योगिकियों की बढ़ती मांग के चलते AI स्टार्टअप्स और कंपनियों का तेजी से विकास हो रहा है। बेंगलुरु, हैदराबाद, मुंबई, चेन्नई, पुणे और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) AI नवाचार के प्रमुख केंद्र बन रहे हैं।
इंडिया AI मिशन के सामने संभावित चुनौतियाँ
हालाँकि भारत AI के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन कुछ चुनौतियाँ भी बनी हुई हैं:
1. सीमित GPU क्षमता और अवसंरचना
AI मॉडल के प्रशिक्षण और निष्पादन के लिए उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग अवसंरचना की जरूरत होती है, लेकिन भारत में अभी भी इसकी उपलब्धता सीमित है। हालाँकि सरकार इस दिशा में निवेश कर रही है, लेकिन बड़ी टेक कंपनियों के मुकाबले यह अभी भी अपर्याप्त है।
2. भू-राजनीतिक और नियामकीय चुनौतियाँ
भारत को सेमीकंडक्टर और GPU आपूर्ति के लिए अन्य देशों पर निर्भर रहना पड़ता है। यदि व्यापार प्रतिबंध या आपूर्ति श्रृंखला में कोई व्यवधान होता है, तो AI विकास की गति प्रभावित हो सकती है। साथ ही, डेटा सुरक्षा और नैतिक AI को लेकर वैश्विक नियमों के अनुपालन की चुनौती भी बनी हुई है।
3. सीमित AI विशेषज्ञता और उच्च लागत
भारत में AI विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं की संख्या अभी भी सीमित है। शीर्ष AI प्रतिभाएँ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आकर्षक वेतन और बेहतर संसाधनों की वजह से विदेशों में चली जाती हैं (Brain Drain)। इसके अलावा, AI मॉडल विकसित करने की लागत बहुत अधिक होती है, जिससे स्टार्टअप्स और शैक्षणिक संस्थानों के लिए यह क्षेत्र चुनौतीपूर्ण बन जाता है।
4. पर्यावरणीय चुनौतियाँ
AI मॉडल को प्रशिक्षित करने और निष्पादित करने में बड़ी मात्रा में ऊर्जा की खपत होती है, जिससे कार्बन उत्सर्जन बढ़ता है। यदि भारत AI विकास के साथ हरित ऊर्जा स्रोतों को प्राथमिकता नहीं देता, तो यह मिशन जलवायु लक्ष्यों को प्रभावित कर सकता है।
भारत के AI बाजार की प्रमुख विशेषताएँ
- AI कंप्यूट अवसंरचना: भारत ने AI कंप्यूटिंग क्षमताओं को मजबूत करने के लिए बड़े पैमाने पर GPU (Graphics Processing Unit) तैनात किए हैं। मिशन के शुरुआती चरण में 10,000 से अधिक GPU उपलब्ध कराए जा चुके हैं, और आने वाले समय में इनकी संख्या और बढ़ाई जाएगी।
- ओपन GPU मार्केटप्लेस: भारत ने ओपन GPU मार्केटप्लेस की शुरुआत की है, जिससे छोटे स्टार्टअप, शोधकर्ता और छात्र भी उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग का लाभ उठा सकें।
- सेमीकंडक्टर विनिर्माण: भारत सेमीकंडक्टर निर्माण को बढ़ावा देने के लिए बड़े निवेश कर रहा है। वर्तमान में देश में पांच सेमीकंडक्टर संयंत्र निर्माणाधीन हैं।
- सरकारी पहल: सरकार ने डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्मार्ट सिटीज मिशन, GI क्लाउड (MeghRaj), और Global INDIA AI Summit जैसी पहलें शुरू की हैं।
- AI क्लस्टर: देश के विभिन्न शहरों में AI क्लस्टर विकसित हो रहे हैं, जहां अनुकूल सरकारी नीतियों, अनुसंधान संस्थानों और AI प्रौद्योगिकियों की बढ़ती मांग के चलते AI स्टार्टअप्स और कंपनियों का तेजी से विकास हो रहा है।
इंडिया AI मिशन भारत को AI के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की ओर ले जाने का एक महत्वाकांक्षी कदम है। इस मिशन के माध्यम से भारत न केवल AI अनुसंधान और नवाचार में आगे बढ़ेगा, बल्कि यह देश के युवाओं को AI कौशल से लैस करने और स्टार्टअप्स को वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धी बनाने में भी मदद करेगा। हालांकि, इस मिशन को सफल बनाने के लिए सरकार को चुनौतियों का सामना करने और उचित नीतियों को लागू करने की आवश्यकता होगी।
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