प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) | ग्रामीण भारत की जीवनरेखा

भारत एक कृषि प्रधान देश है जिसकी लगभग 65 प्रतिशत जनसंख्या आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था, सामाजिक संरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार के अवसरों का सीधा संबंध बुनियादी ढांचे, विशेष रूप से सड़कों की उपलब्धता से है। इसी सच्चाई को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने वर्ष 2000 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य भारत के हर ग्रामीण क्षेत्र को बारहमासी (All Weather) सड़कों से जोड़ना था।

हाल ही में, ग्रामीण विकास मंत्रालय (Ministry of Rural Development – MoRD) ने इस योजना की पारदर्शिता और निगरानी व्यवस्था को और बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब योजना के अंतर्गत बनी सभी सड़कों पर एक QR कोड युक्त डिस्प्ले बोर्ड लगाया जाएगा, जिससे नागरिक आसानी से उस सड़क से संबंधित जानकारी – जैसे स्थिति, रखरखाव एजेंसी, मरम्मत की तिथि आदि – प्राप्त कर सकेंगे।

इस लेख में हम प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का विस्तृत अध्ययन करेंगे, जिसमें इसका इतिहास, उद्देश्य, विशेषताएँ, तकनीकी पहल, हालिया सुधार, चुनौतियाँ और भविष्य की संभावनाएँ शामिल होंगी।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) का इतिहास और विकास

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरुआत 25 दिसंबर 2000 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने की थी। इसका मूल उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित असंबद्ध बस्तियों को पक्की और बारहमासी सड़कों से जोड़ना था।

योजना के मुख्य चरण:

  1. PMGSY-I (2000 से प्रारंभ):
    • मुख्य फोकस ग्रामीण सड़कों के निर्माण पर।
    • 500+ आबादी (आदिवासी और पहाड़ी क्षेत्रों में 250+) वाले गांवों को प्राथमिकता।
  2. PMGSY-II (2013 में आरंभ):
    • मौजूदा ग्रामीण सड़कों के अपग्रेडेशन पर बल।
    • ग्रामीण सड़कों को ग्रामीण-शहरी सड़कों से जोड़ने का कार्य।
  3. PMGSY-III (2019 में शुरू):
    • ग्रामीण मार्गों का उन्नयन जो मुख्य कृषि बाजारों और अन्य वाणिज्यिक केंद्रों से जोड़ते हैं।
    • ग्रामीण संपर्क को आर्थिक गतिविधियों से जोड़ने पर बल।

योजना का उद्देश्य

PMGSY एक समावेशी, सहभागी और विकासोन्मुख योजना है जिसका प्रमुख उद्देश्य है:

  • ग्रामीण बस्तियों को बारहमासी सड़कों से जोड़ना।
  • शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि बाजार, सरकारी सेवाओं और अन्य आवश्यकताओं तक सुगम पहुंच।
  • ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करना।
  • सामाजिक समावेश, विशेषकर अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाएं, को सशक्त बनाना।

कार्यान्वयन तंत्र

PMGSY का संचालन और क्रियान्वयन ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा किया जाता है, लेकिन इसके तकनीकी और व्यावसायिक प्रबंधन हेतु राज्य स्तर पर विशेष संस्थाएं कार्यरत हैं जिन्हें State Rural Roads Development Agencies (SRRDAs) कहा जाता है।

मुख्य संस्थागत तंत्र:

  • राष्ट्रीय स्तर: ग्रामीण विकास मंत्रालय
  • राज्य स्तर: राज्य ग्रामीण सड़क विकास एजेंसी (SRRDA)
  • जिला स्तर: कार्यक्रम कार्यान्वयन इकाइयाँ (PIUs)

योजना की प्रमुख विशेषताएँ

  1. बारहमासी संपर्क – हर मौसम में चलने योग्य सड़कों का निर्माण।
  2. लोक सहभागिता – पंचायतों, उपयोगकर्ताओं और स्थानीय नागरिकों की भागीदारी।
  3. तकनीकी गुणवत्ता नियंत्रण – त्रिस्तरीय गुणवत्ता निगरानी प्रणाली।
  4. ई-गवर्नेंस – योजना की निगरानी हेतु ऑनलाइन पोर्टल जैसे OMMAS (Online Management, Monitoring and Accounting System) का उपयोग।
  5. सतत विकास पर ध्यान – पर्यावरणीय मानकों के अनुरूप निर्माण।

नवीनतम सुधार और डिजिटल पहल

वर्ष 2025 में PMGSY के अंतर्गत जो सबसे महत्वपूर्ण सुधार सामने आया है, वह है:

QR कोड डिस्प्ले बोर्ड प्रणाली:

  • QR कोड अनिवार्य: हर सड़क पर डिस्प्ले बोर्ड लगेगा जिसमें QR कोड होगा।
  • नागरिक सुविधा: मोबाइल से स्कैन कर नागरिक सड़क की स्थिति, निर्माण तिथि, मरम्मत एजेंसी, उत्तरदायी अधिकारी आदि की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  • पारदर्शिता: इससे जवाबदेही तय होगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।

जन भागीदारी और AI का उपयोग:

  • नागरिक अब सड़क की फोटो भेज सकते हैं।
  • इन तस्वीरों का विश्लेषण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) से किया जाएगा।
  • इससे Performance Evaluation (PE) अंक दिए जाएंगे।
  • कार्यान्वयन एजेंसियों को इन तस्वीरों की सत्यता की जांच करनी होगी।

योजना की उपलब्धियाँ (2024 तक के आंकड़े अनुसार)

मानदंडआंकड़े
कुल लंबाई7 लाख किलोमीटर से अधिक
जोड़ी गई बस्तियाँ1.7 लाख से अधिक
लाभार्थी राज्यलगभग सभी राज्य व केंद्र शासित प्रदेश
रोजगार सृजनलाखों ग्रामीणों को अप्रत्यक्ष रोजगार
महिला सशक्तिकरणमहिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य व सुरक्षा में सुधार

योजना के लाभ

  1. सामाजिक-सांस्कृतिक विकास:
    • दूरस्थ क्षेत्रों में स्कूलों, अस्पतालों, बैंक, और पोस्ट ऑफिस तक पहुंच आसान।
    • बालिका शिक्षा में वृद्धि।
    • सामाजिक मेलजोल और सांस्कृतिक एकता।
  2. आर्थिक लाभ:
    • कृषि उत्पादों को मंडियों तक पहुँचाने में सुविधा।
    • ग्रामीण पर्यटन को प्रोत्साहन।
    • निर्माण के दौरान स्थानीय श्रमिकों को रोजगार।
  3. सुरक्षा और प्रशासनिक पहुंच:
    • आपातकालीन सेवाओं की पहुंच।
    • पुलिस व प्रशासन की निगरानी में सुविधा।
    • प्राकृतिक आपदाओं में राहत कार्य में सहूलियत।

चुनौतियाँ

हालांकि PMGSY ने शानदार उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं, फिर भी कई चुनौतियाँ हैं:

  1. रखरखाव की समस्या – कई ग्रामीण सड़कों का रखरखाव ठीक से नहीं हो रहा।
  2. भ्रष्टाचार और गुणवत्ता – कुछ क्षेत्रों में घटिया निर्माण, अनुबंधों में अनियमितता।
  3. दूरस्थ और पहाड़ी क्षेत्र – भौगोलिक बाधाएं कार्यान्वयन में बाधा बनती हैं।
  4. कर्मचारियों की कमी – तकनीकी और मैदानी निरीक्षण की सीमित क्षमता।
  5. समय पर मरम्मत और निरीक्षण – रखरखाव एजेंसियों की सुस्ती।

समाधान और सुझाव

  • स्थानीय पंचायतों को सशक्त करें: पंचायत स्तर पर निगरानी समितियाँ बनें।
  • डिजिटल प्लेटफॉर्म को मजबूत करें: QR कोड सिस्टम का विस्तार।
  • जन-सहभागिता बढ़ाएं: नागरिकों को फोटो भेजने व शिकायत दर्ज कराने में सक्रिय बनाना।
  • स्वतंत्र गुणवत्ता निगरानी एजेंसियाँ: Third-party inspection को बढ़ावा।
  • वार्षिक ऑडिट अनिवार्य करें: आर्थिक व तकनीकी दोनों।

भविष्य की दिशा

PMGSY के भविष्य को और सशक्त बनाने के लिए निम्न पहल की जा सकती है:

  • ग्रीन रोड्स: पर्यावरण के अनुकूल सामग्री का प्रयोग।
  • स्मार्ट रोड्स: GPS और सेंसर आधारित ट्रैकिंग।
  • स्थानीय संसाधनों का उपयोग: निर्माण सामग्री स्थानीय स्तर पर प्राप्त हो।
  • AI आधारित पूर्वानुमान: सड़क क्षतियों की भविष्यवाणी हेतु डेटा एनालिटिक्स।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना भारत के ग्रामीण जीवन के परिवर्तन की कहानी है। इस योजना ने ग्रामीण भारत को मुख्यधारा से जोड़ने में निर्णायक भूमिका निभाई है। शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक गतिविधियों, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक समरसता – हर क्षेत्र में इसकी सकारात्मक छाप है।

वर्तमान में QR कोड और AI आधारित निगरानी व्यवस्था को शामिल करके इसे और पारदर्शी व उत्तरदायी बनाया जा रहा है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि अगर भारत को “विकसित राष्ट्र” बनना है, तो उसकी यात्रा PMGSY जैसी योजनाओं के मजबूत और प्रभावी कार्यान्वयन से होकर ही गुजरेगी।

Polity – KnowledgeSthali
Current Affairs – KnowledgeSthali


इन्हें भी देखें –

Leave a Comment

Contents
सर्वनाम (Pronoun) किसे कहते है? परिभाषा, भेद एवं उदाहरण भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग | नाम, स्थान एवं स्तुति मंत्र प्रथम विश्व युद्ध: विनाशकारी महासंग्राम | 1914 – 1918 ई.