असाधारण प्रतिभा, अदम्य साहस और राष्ट्र-निर्माण में बच्चों की भूमिका
किसी भी राष्ट्र का भविष्य उसके बच्चों में निहित होता है। बच्चे केवल आने वाले कल के नागरिक नहीं होते, बल्कि वे आज के समाज की चेतना, संवेदनशीलता और नवाचार का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। भारत जैसे युवा देश में, जहाँ जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा 18 वर्ष से कम आयु का है, बच्चों की प्रतिभा, साहस और सामाजिक प्रतिबद्धता को पहचानना और सम्मानित करना अत्यंत आवश्यक है। इसी उद्देश्य को साकार करता है प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (Prime Minister’s Rashtriya Bal Puraskar – PMRBP)।
26 दिसंबर 2025 को वीर बाल दिवस के अवसर पर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में देशभर के 20 प्रतिभाशाली बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया। ये बच्चे भारत के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आते हैं और इन्होंने वीरता, नवाचार, विज्ञान, कला, संस्कृति, खेल, समाज सेवा और पर्यावरण संरक्षण जैसे विविध क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियाँ अर्जित की हैं।
यह पुरस्कार न केवल व्यक्तिगत उपलब्धियों का सम्मान है, बल्कि यह समाज को यह संदेश भी देता है कि उम्र कोई सीमा नहीं होती—यदि संकल्प, साहस और समर्पण हो।
वीर बाल दिवस और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार का संबंध
वीर बाल दिवस, जिसे प्रतिवर्ष 26 दिसंबर को मनाया जाता है, सिख इतिहास के महान बलिदान—गुरु गोबिंद सिंह जी के चार साहिबजादों—की स्मृति में समर्पित है। इन बाल वीरों ने अत्याचार के सामने झुकने के बजाय धर्म, सत्य और आत्मसम्मान की रक्षा हेतु अपने प्राणों का बलिदान दिया।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार का आयोजन इसी दिन किया जाना प्रतीकात्मक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह दर्शाता है कि भारत आज भी अपने बच्चों में वही साहस, नैतिकता और राष्ट्रभक्ति देखता है, जो साहिबजादों में थी।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (PMRBP): एक परिचय
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार भारत सरकार द्वारा बच्चों को दिया जाने वाला सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह उन बच्चों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने कम उम्र में ही असाधारण उपलब्धियाँ हासिल कर समाज और राष्ट्र को प्रेरणा दी हो।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- शुरुआत: वर्ष 1996 में इस पुरस्कार की स्थापना ‘राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’ (National Child Award) के रूप में की गई थी।
- नाम परिवर्तन: वर्ष 2018 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा इसका नाम बदलकर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार कर दिया गया।
- उद्देश्य यह था कि इस सम्मान को राष्ट्रीय स्तर पर अधिक प्रतिष्ठा और पहचान मिले।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार की श्रेणियाँ
PMRBP मुख्य रूप से छह प्रमुख क्षेत्रों में दिया जाता है, जो बच्चों की बहुआयामी प्रतिभा को प्रतिबिंबित करते हैं—
1. वीरता (Bravery)
इस श्रेणी में उन बच्चों को सम्मानित किया जाता है जिन्होंने
- दूसरों की जान बचाने हेतु
- गंभीर खतरे का सामना करते हुए
- अदम्य साहस और निःस्वार्थता का परिचय दिया हो।
2. नवाचार (Innovation)
यह श्रेणी उन बच्चों के लिए है जिन्होंने
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में
- नई खोज, उपकरण या समाधान विकसित किए हों।
3. समाज सेवा (Social Service)
इसमें वे बच्चे आते हैं जिन्होंने
- समाज के वंचित वर्गों के लिए
- सेवा, सहायता और पुनर्वास के कार्य किए हों।
4. शैक्षणिक (Scholastic)
इस श्रेणी में
- असाधारण बौद्धिक क्षमता
- शैक्षणिक उपलब्धियाँ
- अनुसंधान एवं ज्ञान में उत्कृष्टता
को मान्यता दी जाती है।
5. खेल (Sports)
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर
- उत्कृष्ट खेल प्रदर्शन
- रिकॉर्ड निर्माण
- भारत का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों को यह पुरस्कार दिया जाता है।
6. कला एवं संस्कृति (Art & Culture)
संगीत, नृत्य, चित्रकला, रंगमंच और सांस्कृतिक विरासत के क्षेत्र में
- विशिष्ट योगदान देने वाले बच्चों को इस श्रेणी में सम्मानित किया जाता है।
पात्रता मानदंड
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए पात्रता के प्रमुख मानदंड इस प्रकार हैं—
- आवेदक की आयु 5 वर्ष से अधिक और 18 वर्ष से कम होनी चाहिए।
- बच्चा भारत का नागरिक होना चाहिए और भारत में निवासरत हो।
- उपलब्धि नामांकन तिथि से पूर्व के दो वर्षों के भीतर की होनी चाहिए।
चयन प्रक्रिया
PMRBP की चयन प्रक्रिया पारदर्शी और बहु-स्तरीय होती है—
- नामांकन
- नामांकन National Awards Portal के माध्यम से ऑनलाइन आमंत्रित किए जाते हैं।
- स्व-नामांकन के साथ-साथ
- राज्य सरकारें
- जिला मजिस्ट्रेट
- प्रतिष्ठित संस्थान
भी नाम प्रस्तावित कर सकते हैं।
- स्क्रीनिंग प्रक्रिया
- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अंतर्गत गठित स्क्रीनिंग कमेटी सभी आवेदनों की प्रारंभिक जांच करती है।
- अंतिम चयन
- एक उच्च-स्तरीय राष्ट्रीय समिति, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री करते हैं, अंतिम चयन करती है।
पुरस्कार का स्वरूप
प्रत्येक विजेता को निम्नलिखित प्रदान किया जाता है—
- एक पदक (Medal)
- ₹1,00,000 की नकद राशि
- एक प्रमाण-पत्र
- एक प्रशस्ति-पत्र
यह न केवल आर्थिक प्रोत्साहन है, बल्कि सामाजिक प्रतिष्ठा का भी प्रतीक है।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2025: विजेताओं का विस्तृत विवरण
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2025 में 20 बच्चों को सम्मानित किया गया, जिनकी उपलब्धियाँ प्रेरणादायक हैं—
वीरता श्रेणी
- व्योम प्रिया (मरणोपरांत), तमिलनाडु
- बिजली दुर्घटना के दौरान दूसरे बच्चे को बचाते हुए अपने प्राणों का बलिदान।
- कमलेश कुमार (मरणोपरांत), बिहार
- डूबते हुए बच्चे को बचाने के प्रयास में वीरगति प्राप्त की।
- मुहम्मद सिदान पी, केरल
- बिजली के झटके से अपने दो दोस्तों की जान बचाई।
- अजय राज, उत्तर प्रदेश
- अपने पिता को मगरमच्छ के हमले से सुरक्षित बाहर निकाला।
कला एवं संस्कृति
- एस्थर लालदुहॉमी ह्नामटे, मिजोरम
- देशभक्ति गीतों की भावपूर्ण प्रस्तुति से राष्ट्रीय चेतना को प्रोत्साहन।
- सुमन सरकार, पश्चिम बंगाल
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त विलक्षण तबला वादक।
नवाचार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
- पूजा, उत्तर प्रदेश
- कृषि धूल और वायु प्रदूषण को कम करने वाली नवीन मशीन का निर्माण।
- आशी प्रिशा बोराह, असम
- प्राकृतिक खेती और टिकाऊ कृषि पद्धतियों में नवाचार।
- अर्णव अनुप्रीय महर्षि, महाराष्ट्र
- हाथ के पक्षाघात के लिए AI-आधारित पुनर्वास उपकरण विकसित किया।
सामाजिक सेवा
- श्वान सिंह, पंजाब
- ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान सीमावर्ती सैनिकों की सहायता।
- वंश तायल, चंडीगढ़
- विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के पुनर्वास हेतु समर्पित प्रयास।
खेल
- वैभव सूर्यवंशी, बिहार
- सबसे युवा आईपीएल खिलाड़ी और सबसे तेज़ भारतीय शतकवीर।
- वका लक्ष्मी प्रज्ञिका, गुजरात
- शतरंज अंडर-7 वर्ल्ड चैंपियन (9/9 स्कोर)।
- धिनीधि देसिंगु, कर्नाटक
- पेरिस ओलंपिक 2024 में प्रतिस्पर्धा करने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय तैराक।
- अनीश सरकार, पश्चिम बंगाल
- मात्र 3 वर्ष की आयु में FIDE-रैंक प्राप्त करने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी।
- अनुष्का कुमारी, झारखंड
- भारतीय अंडर-17 महिला फुटबॉल टीम की प्रमुख गोल-स्कोरर।
- ज्योशना साबर, ओडिशा
- वेटलिफ्टिंग में यूथ एशियन रिकॉर्ड धारक।
- आरव भारद्वाज, दिल्ली
- कारगिल शहीदों के सम्मान में 1,251 किमी साइकिल यात्रा।
- विश्वनाथ कार्तिकेय, तेलंगाना
- ‘सेवन समिट्स चैलेंज’ पूरा करने वाले सबसे कम उम्र के पर्वतारोही।
- ज्योति, हरियाणा
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाली प्रेरणादायक पैरा-एथलीट।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (PMRBP) 2025 : विजेताओं की सूची
| क्र.सं. | विजेता का नाम | राज्य / केंद्र शासित प्रदेश | श्रेणी | प्रमुख उपलब्धि |
|---|---|---|---|---|
| 1 | व्योम प्रिया (मरणोपरांत) | तमिलनाडु | वीरता | बिजली दुर्घटना के दौरान दूसरे बच्चे को बचाते हुए अपना जीवन बलिदान किया |
| 2 | कमलेश कुमार (मरणोपरांत) | बिहार | वीरता | डूबते हुए बच्चे को बचाने के प्रयास में अपने प्राणों की आहुति दी |
| 3 | मुहम्मद सिदान पी | केरल | वीरता | बिजली के झटके से अपने दो दोस्तों की जान बचाई |
| 4 | अजय राज | उत्तर प्रदेश | वीरता | अपने पिता को मगरमच्छ के हमले से सुरक्षित बचाया |
| 5 | एस्थर लालदुहॉमी ह्नामटे | मिजोरम | कला एवं संस्कृति | देशभक्ति गीतों की भावपूर्ण प्रस्तुति से राष्ट्रीय चेतना को प्रेरित किया |
| 6 | सुमन सरकार | पश्चिम बंगाल | कला एवं संस्कृति | अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त विलक्षण तबला वादक |
| 7 | पूजा | उत्तर प्रदेश | नवाचार / पर्यावरण | कृषि धूल एवं वायु प्रदूषण को कम करने हेतु नवीन मशीन का निर्माण |
| 8 | श्वान सिंह | पंजाब | सामाजिक सेवा | ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान सीमावर्ती सैनिकों की सहायता |
| 9 | वंश तायल | चंडीगढ़ | सामाजिक सेवा | विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के पुनर्वास हेतु उल्लेखनीय कार्य |
| 10 | आशी प्रिशा बोराह | असम | विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी | प्राकृतिक खेती एवं टिकाऊ कृषि पद्धतियों में नवाचार |
| 11 | अर्णव अनुप्रीय महर्षि | महाराष्ट्र | विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी | हाथ के पक्षाघात हेतु AI-आधारित पुनर्वास उपकरण विकसित किया |
| 12 | वैभव सूर्यवंशी | बिहार | खेल | सबसे युवा IPL खिलाड़ी एवं सबसे तेज़ भारतीय शतकवीर |
| 13 | वका लक्ष्मी प्रज्ञिका | गुजरात | खेल | शतरंज अंडर-7 वर्ल्ड चैंपियन (9/9 स्कोर) |
| 14 | धिनीधि देसिंगु | कर्नाटक | खेल | पेरिस ओलंपिक 2024 में प्रतिस्पर्धा करने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय तैराक |
| 15 | अनीश सरकार | पश्चिम बंगाल | खेल | मात्र 3 वर्ष की आयु में FIDE-रैंक प्राप्त करने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी |
| 16 | अनुष्का कुमारी | झारखंड | खेल | भारतीय अंडर-17 महिला फुटबॉल टीम की प्रमुख गोल-स्कोरर |
| 17 | ज्योशना साबर | ओडिशा | खेल | वेटलिफ्टिंग में यूथ एशियन रिकॉर्ड धारक एवं अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता |
| 18 | आरव भारद्वाज | दिल्ली | खेल | कारगिल शहीदों के सम्मान में 1,251 किमी की साइकिल यात्रा |
| 19 | विश्वनाथ कार्तिकेय | तेलंगाना | खेल | ‘सेवन समिट्स चैलेंज’ पूरा करने वाले सबसे कम उम्र के पर्वतारोही |
| 20 | ज्योति | हरियाणा | खेल | अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाली प्रेरणादायक पैरा-एथलीट |
सामाजिक और राष्ट्रीय महत्व
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार केवल सम्मान नहीं, बल्कि—
- बच्चों में आत्मविश्वास जगाने का माध्यम
- समाज के लिए रोल मॉडल तैयार करने का प्रयास
- नवाचार, संवेदनशीलता और साहस को बढ़ावा
- नए भारत की सोच को सुदृढ़ करने वाला कदम
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2025 यह सिद्ध करता है कि भारत का भविष्य सुरक्षित और उज्ज्वल हाथों में है। ये बच्चे न केवल अपने परिवार या राज्य का गौरव हैं, बल्कि पूरे राष्ट्र की आशा और प्रेरणा हैं।
जब एक बच्चा दूसरों की जान बचाने के लिए अपनी जान न्योछावर करता है, जब कोई बच्चा विज्ञान से समाज की समस्या हल करता है, और जब कोई बाल खिलाड़ी विश्व मंच पर तिरंगा लहराता है—तब यह स्पष्ट हो जाता है कि राष्ट्र-निर्माण की प्रक्रिया बचपन से ही आरंभ हो जाती है।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार इसी विश्वास का सशक्त प्रतीक है।
इन्हें भी देखें –
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