शारदा नदी | एक ऐतिहासिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक अध्ययन

शारदा नदी

शारदा नदी, जिसे महाकाली नदी के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय उपमहाद्वीप की एक प्रमुख नदी है। इसका उद्गम भारत के उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले में नंदा देवी पर्वतमाला के पूर्वी ढलानों से होता है। यह नदी अपनी भौगोलिक विशेषताओं, ऐतिहासिक महत्व और सांस्कृतिक पहचान के कारण एक अद्वितीय स्थान रखती है। … Read more

पंच प्रयाग | भारत की पवित्र संगम स्थली

पंच प्रयाग | भारत की पवित्र संगम स्थली

भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित “पंच प्रयाग” हिंदू धर्म के पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक हैं। इनका धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यंत गहन है। हिमालयी क्षेत्र की नदियां केवल भौगोलिक महत्व ही नहीं रखतीं, बल्कि भारतीय सभ्यता और संस्कृति का भी अभिन्न हिस्सा हैं। इन नदियों के संगम स्थल, जिन्हें प्रयाग कहा जाता … Read more

भारत की नदियाँ और उनकी सहायक नदियाँ | Rivers and Tributaries

भारत की नदियाँ और उनकी सहायक नदियाँ

भारत एक विशाल और विविध भौगोलिक क्षेत्र है, जिसमें नदियाँ न केवल जल संसाधन प्रदान करती हैं बल्कि आर्थिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। भारतीय उपमहाद्वीप की प्रमुख नदियाँ, जैसे कि सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र, यमुना, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, नर्मदा, दामोदर, रावी, और महानदी, देश के विभिन्न हिस्सों में जीवन के लिए … Read more

यमुना नदी तंत्र और सहायक नदियाँ | हिमालय से गंगा तक का सफर

यमुना नदी तंत्र और सहायक नदियाँ | हिमालय से गंगा तक का सफर

यमुना नदी, जिसे भारत की पवित्र नदियों में से एक माना जाता है, गंगा नदी की प्रमुख सहायक नदी है। इसका उद्गम स्थल हिमालय के निचले क्षेत्र में बंदरपूंछ शिखरों के पास यमुनोत्री ग्लेशियर से होता है, जो उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित है। यह ग्लेशियर 6,387 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। … Read more

गंगा नदी तंत्र और सहायक नदियाँ | भारत की जीवनदायिनी नदी

गंगा नदी तंत्र और सहायक नदियाँ | भारत की जीवनदायिनी नदी

गंगा नदी, जिसे संस्कृत में “गङ्गा” और बांग्ला में “গঙ্গা” के नाम से जाना जाता है, भारत की सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र नदियों में से एक है। गंगा को हिंदू धर्म में माता और देवी के रूप में पूजा जाता है जिसका धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व अपार है। गंगा केवल एक नदी नहीं है, … Read more

ब्रह्मपुत्र नदी तन्त्र | ब्रह्मपुत्र और सहायक नदियाँ

ब्रह्मपुत्र नदी तन्त्र | ब्रह्मपुत्र और सहायक नदियाँ

ब्रह्मपुत्र नदी एशिया की सबसे महत्वपूर्ण नदियों में से एक है, जो तिब्बत, भारत, और बांग्लादेश से होकर बहती है। इसकी लंबाई लगभग 2,900 किलोमीटर है और यह हिमालय के उत्तरी हिस्से से निकलकर बंगाल की खाड़ी में मिलती है। यह नदी न केवल अपने विशाल जल प्रवाह और भौगोलिक विस्तार के लिए जानी जाती … Read more

सिन्धु नदी तन्त्र | सिन्धु और सहायक नदियाँ | Indus River System

सिन्धु नदी तन्त्र | सिन्धु और सहायक नदियाँ | Indus River System

सिन्धु नदी, जिसे भारतीय उपमहाद्वीप की जीवनरेखा भी कहा जाता है, एशिया की सबसे लंबी नदियों में से एक है। यह नदी अपने विशाल जलग्रहण क्षेत्र और प्रमुख सहायक नदियों के साथ पाकिस्तान, भारत (जम्मू और कश्मीर) और चीन (पश्चिमी तिब्बत) के विभिन्न हिस्सों से होकर बहती है। सिंधु नदी, एशिया की सबसे प्रमुख और … Read more

पृथ्वी की आंतरिक संरचना | Internal Structure of the Earth

पृथ्वी की आंतरिक संरचना

पृथ्वी लगभग 5 अरब वर्ष पहले अस्तित्व में आई तब से पृथ्वी की आंतरिक संरचना एवं सतह में कई बदलाव हुए हैं। भूवैज्ञानिकों द्वारा पृथ्वी के आंतरिक भाग के विस्तृत अध्ययन से पृथ्वी की आंतरिक संरचना | Internal Structure of the Earth के बारे में निम्नलिखित बुनियादी जानकारी प्राप्त होती है – पृथ्वी की भूरसायनिक … Read more

पृथ्वी के प्रमुख क्षेत्र | परिमंडल | Earth’s Domain | Circle

पृथ्वी के प्रमुख क्षेत्र | परिमंडल

पृथ्वी की ऊपरी सतह को परिमंडल कहते हैं। पृथ्वी का परिमंडल चार प्रमुख भागों स्थल मण्डल, जलमण्डल, वायुमंडल और जैवमंडल में विभाजित है।

भारत में उद्योग | Industry in India

भारत में उद्योग

भारत में उद्योग, अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यहां विभिन्न क्षेत्रों में विकसित उद्योग योजनाएं और उत्पादों के निर्माण में सक्रिय हैं, जो रोजगार, निर्माण, और नवाचार को प्रोत्साहित करती हैं। विभिन्न उद्योगों जैसे कि खाद्य प्रसंस्करण, विनिर्माण, तकनीकी उत्पाद, और सेवाएं यहां प्रमुख हैं, जो देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने … Read more

सर्वनाम (Pronoun) किसे कहते है? परिभाषा, भेद एवं उदाहरण भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग | नाम, स्थान एवं स्तुति मंत्र प्रथम विश्व युद्ध: विनाशकारी महासंग्राम | 1914 – 1918 ई.