भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहाँ आज भी लगभग 65 प्रतिशत आबादी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर निर्भर है। स्वतंत्रता के बाद से ही ग्रामीण बेरोजगारी, गरीबी और पलायन देश की बड़ी सामाजिक–आर्थिक चुनौतियाँ रही हैं। इन्हीं समस्याओं के समाधान के उद्देश्य से वर्ष 2005 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) लागू किया गया, जिसने ग्रामीण परिवारों को न्यूनतम रोजगार सुरक्षा प्रदान की।
अब लगभग दो दशकों के अनुभव के बाद केंद्र सरकार ग्रामीण रोजगार नीति को नए सिरे से पुनर्गठित करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। इसी क्रम में मोदी सरकार ने मनरेगा की जगह एक नया व्यापक कानून और योजना लाने का प्रस्ताव रखा है, जिसका नाम है—
‘विकसित भारत – रोजगार गारंटी व आजीविका मिशन (ग्रामीण)’
(Viksit Bharat – Guarantee for Rozgar and Ajeevika Mission – Gramin),
संक्षेप में: VB–G RAM G या ‘जी राम जी’
यह योजना केवल रोजगार उपलब्ध कराने तक सीमित नहीं है, बल्कि 2047 के ‘विकसित भारत’ विजन को ध्यान में रखकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर, टिकाऊ और संरचनात्मक रूप से मजबूत बनाने का प्रयास है।
मनरेगा: पृष्ठभूमि और उपलब्धियाँ
मनरेगा को वर्ष 2005 में लागू किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य था—
- ग्रामीण परिवारों को साल में कम से कम 100 दिन का अकुशल मजदूरी रोजगार
- रोजगार को कानूनी अधिकार के रूप में स्थापित करना
- ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण, भूमि सुधार, सिंचाई और आधारभूत ढांचे का विकास
प्रमुख उपलब्धियाँ
- करोड़ों ग्रामीण परिवारों को आर्थिक सुरक्षा
- महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि
- पलायन में आंशिक कमी
- ग्रामीण परिसंपत्तियों का निर्माण
लेकिन समस्याएँ भी रहीं
- मजदूरी भुगतान में देरी
- फर्जी जॉब कार्ड
- गुणवत्ता रहित कार्य
- कृषि सीजन में मजदूरों की कमी
- पंचायतों की सीमित योजना क्षमता
इन्हीं कमियों को दूर करने के उद्देश्य से सरकार अब मनरेगा के स्थान पर एक उन्नत और व्यापक मॉडल प्रस्तुत कर रही है।
‘VB–G RAM G’ योजना क्या है?
विकसित भारत – रोजगार गारंटी व आजीविका मिशन (ग्रामीण) एक नया प्रस्तावित ग्रामीण रोजगार कानून है, जिसे मनरेगा के स्थान पर लाने की तैयारी की जा रही है।
यह योजना तीन स्तंभों पर आधारित है—
- रोजगार गारंटी
- आजीविका सृजन
- ग्रामीण अधोसंरचना का विकास
सरकार के अनुसार, यह योजना केवल मजदूरी देने की व्यवस्था नहीं होगी, बल्कि ग्रामीण विकास का एक समग्र मिशन होगी।
‘जी राम जी’ (G RAM G) का फुल फॉर्म
‘जी राम जी’ या G RAM G का पूरा नाम है—
Viksit Bharat – Guarantee for Rozgar and Ajeevika Mission (Gramin)
हिंदी में—
विकसित भारत – रोजगार गारंटी एवं आजीविका मिशन (ग्रामीण)
इसे संक्षेप में VB–G RAM G योजना भी कहा जा रहा है।
मनरेगा और VB–G RAM G में प्रमुख अंतर
1. रोजगार के दिनों में वृद्धि
| बिंदु | मनरेगा | VB–G RAM G |
|---|---|---|
| रोजगार गारंटी | 100 दिन | 125 दिन |
इससे ग्रामीण परिवारों को अधिक आय सुरक्षा मिलेगी।
2. मजदूरी भुगतान व्यवस्था
- मनरेगा:
- भुगतान अधिकतम 15 दिनों में
- अक्सर देरी की शिकायत
- VB–G RAM G:
- साप्ताहिक भुगतान की अनुमति
- या कार्य पूर्ण होने के अधिकतम 15 दिनों के भीतर भुगतान अनिवार्य
➡️ इससे मजदूरों की नकदी समस्या कम होगी और योजना में भरोसा बढ़ेगा।
3. ग्राम पंचायत की भूमिका
नई योजना में ग्राम पंचायतों को केंद्रीय भूमिका दी गई है।
- पंचायतें स्वयं रोजगार योजनाएँ तैयार करेंगी
- योजनाएँ स्थानीय आवश्यकताओं पर आधारित होंगी
- इन्हें PM गति शक्ति जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा
इससे—
- पारदर्शिता बढ़ेगी
- फर्जी कामों पर रोक लगेगी
- संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा
किसानों के लिए ‘डबल फायदा’
VB–G RAM G योजना किसानों के हितों को भी केंद्र में रखती है।
1. कृषि सीजन में मजदूरों की उपलब्धता
- बुआई और कटाई के मौसम में 60 दिनों का विशेष कृषि काल
- इस अवधि में ग्रामीण रोजगार योजना के कार्य अस्थायी रूप से बंद
👉 उद्देश्य:
- किसानों को खेतों के लिए मजदूरों की कमी न हो
- कृषि कार्य प्रभावित न हों
2. फर्जी मजदूरी पर रोक
- कृषि सीजन में काम रोकने से
- फर्जी हाजिरी
- कृत्रिम मजदूरी वृद्धि
- कागजी कार्यों
पर रोक लगेगी।
3. बेहतर कृषि अवसंरचना
- सिंचाई परियोजनाएँ
- खेत तालाब
- जल संरक्षण ढाँचे
- ग्रामीण सड़कें
इनसे किसानों को लंबे समय तक लाभ मिलेगा।
ग्रामीण मजदूरों के लिए लाभ
1. अधिक रोजगार के दिन
- 100 → 125 दिन
- इससे वार्षिक आय में वृद्धि
2. बेहतर कार्य विकल्प
- विकसित ग्राम पंचायत योजनाओं से
- स्थानीय जरूरत के अनुसार काम
- कौशल आधारित कार्यों की संभावना
3. नियमित भुगतान
- साप्ताहिक भुगतान से
- कर्ज पर निर्भरता घटेगी
- जीवन स्तर में सुधार होगा
आजीविका मिशन का नया दृष्टिकोण
मनरेगा मुख्यतः अकुशल मजदूरी तक सीमित था, जबकि VB–G RAM G—
- स्वरोजगार
- कौशल विकास
- ग्रामीण उद्यमिता
- महिला स्वयं सहायता समूहों
को भी बढ़ावा देगा।
यह योजना रोजगार + आजीविका का संयुक्त मॉडल प्रस्तुत करती है।
2047 का ‘विकसित भारत’ विजन और VB–G RAM G
सरकार ने 2047 तक भारत को—
- विकसित
- आत्मनिर्भर
- समावेशी
अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है।
VB–G RAM G योजना—
- ग्रामीण–शहरी अंतर कम करेगी
- कृषि और गैर-कृषि रोजगार को संतुलित करेगी
- ग्रामीण युवाओं को गांव में ही अवसर देगी
संभावित चुनौतियाँ
हालाँकि योजना महत्वाकांक्षी है, फिर भी कुछ चुनौतियाँ हो सकती हैं—
- राज्यों के साथ समन्वय
- वित्तीय बोझ
- पंचायतों की क्षमता निर्माण
- प्रभावी निगरानी तंत्र
इन पर गंभीरता से काम करना आवश्यक होगा।
निष्कर्ष
विकसित भारत – रोजगार गारंटी व आजीविका मिशन (ग्रामीण) या VB–G RAM G केवल मनरेगा का विकल्प नहीं, बल्कि उसका उन्नत और विस्तारित संस्करण है। यह योजना—
- ग्रामीण मजदूरों को अधिक रोजगार
- किसानों को बेहतर मजदूर उपलब्धता
- पंचायतों को सशक्त भूमिका
- और देश को 2047 के विकसित भारत लक्ष्य
की ओर ले जाने का प्रयास है।
यदि इसे पारदर्शिता, तकनीक और स्थानीय सहभागिता के साथ लागू किया गया, तो यह योजना भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था में ऐतिहासिक परिवर्तन ला सकती है।
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