पेरिस शांति सम्मेलन (Paris Peace Conference) इसके अंतर्गत पराजित राष्ट्रों के साथ समझौते के रूप में पांच संधियां की गई। – वर्साय की संधि जर्मनी के साथ, 28 June,1919 – सेंट जर्मन की संधि आस्ट्रिया के साथ, 10 Sep,1919 – न्युइली की संधि बुल्गारिया के साथ 27 Nov,1919 – त्रियानो की संधि हंगरी के साथ 4 June,1920 – सेव्रेस की संधि तुर्की के साथ 10 Aug,1920
राष्ट्र संघ का संचालन कई मुश्किलों से गुजरा। और ये मुश्किलें ही इसकी विफलता का कारण बनी। और द्वितीय विश्वयुद्ध शुरू हो गया। द्वितीय विश्वयुद्ध शुरू होने के बाद इसका अस्तित्व समाप्त हो गया। इसके विफल होने के कुछ मुख्य कारण इस प्रकार थे- 1.संगठन के अद्यतन न कर पाना 2.महत्वपूर्ण देशों का अनदेखा करना 3.कई देशों की आत्मशक्ति की कमी 4.निर्णायक प्राधिकृतता की कमी 5.सदस्य देशों के असहमति 6.सभी देश इसमें शामिल नहीं हो सके। जो इसके सफल न होने का एक कारण बना।
– सितंबर 1914 में, जर्मन वैज्ञानिक और सिद्धांतकार (विचारक) अर्न्स्ट हेकेल ने पहली बार “विश्व युद्ध” शब्द का इस्तेमाल किया, यह चार साल तक चला। – प्रथम विश्व युद्ध, जिसे आमतौर पर महान युद्ध कहा जाता है, 28 जुलाई, 1914 से 11 नवंबर, 1918 तक चला। – प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, केंद्रीय शक्तियों और मित्र राष्ट्रों की सेनाएँ एक-दूसरे से लड़ीं। – ग्रेट ब्रिटेन, फ़्रांस और रूस मित्र देशों (एलाइड पावर्स) में शामिल थे और साथ में मिलकर युद्ध लड़ा। -1917 के बाद, संयुक्त राज्य अमेरिका ने मित्र राष्ट्रों की ओर से युद्ध में प्रवेश किया।