भारत, जिसे त्योहारों की भूमि कहा जाता है, अपने विविध संस्कृति और परंपराओं के लिए विश्व प्रसिद्ध है। यहां के विभिन्न राज्यों में मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण उत्सव विदेशी यात्रियों का भी ध्यान आकर्षित करते हैं। ये उत्सव विभिन्न समुदायों और संस्कृतियों को एक साथ लाने का काम करते हैं, तथा हमें हमारी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर की याद दिलाते हैं। यहां कुछ प्रमुख राज्य-विशिष्ट उत्सवों का उल्लेख किया गया है।
भारत के राज्य-विशिष्ट उत्सव
भारत के राज्य-विशिष्ट उत्सवों को संक्षेप में राज्यों के अनुसार दिया गया है –
जम्मू और कश्मीर
जम्मू और कश्मीर में खीर भवानी मेला (रागन्या देवी) एक महत्वपूर्ण धार्मिक उत्सव है। यह मेला श्रद्धालुओं द्वारा देवी रागन्या के मंदिर में मनाया जाता है, जो कश्मीर में तुलमुला गाँव में स्थित है। इस मेले में हजारों की संख्या में लोग शामिल होते हैं और देवी से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विभिन्न अनुष्ठान करते हैं।
लद्दाख
लद्दाख में सिंधु दर्शन उत्सव को विशेष रूप से जून के महीने में मनाया जाता है। यह उत्सव सिंधु नदी के किनारे आयोजित होता है और यह नदी की महत्ता को दर्शाता है। यह उत्सव भारतीय संस्कृति, विरासत और सद्भावना का प्रतीक है।
ओडिशा
ओडिशा में नुआखाई त्योहार और बाली यात्रा प्रमुख उत्सव हैं। नुआखाई त्योहार फसल कटाई का उत्सव है और यह कृषि प्रधान समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। वहीं, बाली यात्रा ओडिशा के कटक में मनाई जाती है और यह समुद्री व्यापार की पुरानी परंपराओं की याद दिलाती है।
त्रिपुरा
त्रिपुरा में खर्ची पूजा और लाइ हराओबा प्रमुख उत्सव हैं। खर्ची पूजा त्रिपुरा के राजबाड़ी मंदिर में मनाई जाती है और इसमें 14 देवताओं की पूजा होती है। लाइ हराओबा उत्सव मणिपुर और त्रिपुरा में मनाया जाता है और इसमें पौराणिक कथाओं को नृत्य और संगीत के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है।
मिजोरम
मिजोरम में मिम कुट, ज़ो कुटपुई, और चपचार कुट प्रमुख उत्सव हैं। मिम कुट फसल कटाई का उत्सव है और यह नवम्बर में मनाया जाता है। ज़ो कुटपुई एक सांस्कृतिक उत्सव है जो मिजो संस्कृति और परंपराओं को प्रदर्शित करता है। चपचार कुट मार्च में मनाया जाता है और यह वसंत ऋतु का स्वागत करते हुए नृत्य और गीतों के साथ एक रंगीन त्यौहार है।
ज़ो कुटपुई उत्सव विश्व के विभिन्न भागों में रहने वाली विभिन्न मिज़ो जनजातियों के बीच भाईचारे को एकजुट करने और मजबूत करने का एक प्रयास है। ज़ो कुटपुई उत्सव का आयोजन मिजोरम की राज्य सरकार ने किया था। 9 जनवरी को त्रिपुरा के वंघमुन शहर में त्यौहार का पहला संस्करण शुरू हुआ था और फिर अन्य राज्यों में चला जाएगा जहाँ मिज़ो जनजाति होंगी।
अरुणाचल प्रदेश
अरुणाचल प्रदेश में पक्के पक्का हॉर्नबिल और तवांग उत्सव प्रमुख हैं। पक्के पक्का हॉर्नबिल उत्सव अक्टूबर में मनाया जाता है और यह वन्यजीव संरक्षण का संदेश देता है। तवांग उत्सव अक्टूबर में तवांग मठ में आयोजित होता है और इसमें विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियाँ होती हैं।
नागालैंड
नागालैंड में हॉर्नबिल त्योहार और मोआत्सु उत्सव प्रमुख हैं। हॉर्नबिल त्योहार नागालैंड की विभिन्न जनजातियों की संस्कृति को प्रदर्शित करता है और यह दिसम्बर में मनाया जाता है। मोआत्सु उत्सव मई में मनाया जाता है और यह कृषि कार्यों के समाप्ति का प्रतीक है।
असम
असम में अम्बुबाची मेला, विजिंग, और बिहू प्रमुख उत्सव हैं। अम्बुबाची मेला कामाख्या मंदिर में मनाया जाता है और इसमें तांत्रिक साधना होती है। बिहू असम का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है और इसे तीन बार मनाया जाता है – भोगाली बिहू (जनवरी), रोंगाली बिहू (अप्रैल), और कोंगाली बिहू (अक्टूबर)।
पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल में बसंत उत्सव शांति निकेतन में मनाया जाता है। यह उत्सव वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है और इसमें रंगों की होली खेली जाती है।
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा नववर्ष का आरम्भ होता है। इसे चैत्र महीने के पहले दिन मनाया जाता है और यह महाराष्ट्रियन संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
तेलंगाना
तेलंगाना में बाथूकामा और बोनालु त्योहार प्रमुख हैं। बाथूकामा फूलों का त्योहार है और यह नवरात्रि के दौरान मनाया जाता है। बोनालु त्योहार एक लोक उत्सव है जिसमें देवी महाकाली की पूजा की जाती है।
तमिलनाडु
तमिलनाडु में पुथांडु और पोंगल प्रमुख हैं। पुथांडु तमिल नववर्ष है और पोंगल फसल कटाई का उत्सव है जो जनवरी में मनाया जाता है।
गुजरात
गुजरात में उत्तरायण और बेस्तु वरस प्रमुख हैं। उत्तरायण मकर संक्रांति का त्योहार है और बेस्तु वरस गुजराती नववर्ष है।
केरल
केरल में परीपली गज मेला, ओणम और विशु प्रमुख हैं। ओणम वामन अवतार की कहानी पर आधारित है और यह केरल का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है।
कर्नाटक
कर्नाटक में उगड़ी नववर्ष का आरम्भ है और इसे बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।
मणिपुर
मणिपुर में संगाई उत्सव और लुई-न्गाई-नी प्रमुख हैं। संगाई उत्सव मणिपुर की सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करता है और लुई-न्गाई-नी नगा जनजातियों का फसल कटाई का उत्सव है।
पंजाब और हरियाणा
पंजाब और हरियाणा में बैसाखी प्रमुख है। यह फसल कटाई का त्योहार है और इसे अप्रैल में मनाया जाता है।
उत्तराखंड
उत्तराखंड में गंगा कयाक/कश्ती और फूल देई प्रमुख हैं। गंगा कयाक/कश्ती गंगा नदी की महत्ता को दर्शाता है और फूल देई वसंत ऋतु का स्वागत करने का त्योहार है।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में नमस्ते ओरछा महोत्सव प्रमुख है। यह उत्सव ओरछा की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करता है।
हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश में फगली प्रमुख है। यह वसंत ऋतु का त्योहार है और इसे बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है।
भारतीय राज्यों के महत्वपूर्ण उत्सव की सूची
भारत के राज्यों के महत्वपूर्ण उत्सवों को निम्नलिखित सारणी में लिखा गया है –
उत्सव | राज्य |
---|---|
खीर भवानी मेला (रागन्या देवी) | जम्मू कश्मीर |
सिंधु दर्शन | लद्दाख |
नुआखाई त्योहार | ओडिशा |
खर्ची पूजा | त्रिपुरा |
लाइ हराओबा | त्रिपुरा |
मिम कुट | मिजोरम |
Zo Kutpui (ज़ो कुटपुई) | मिजोरम |
चपचार कुट | मिजोरम |
पक्के पक्का हॉर्नबिल | अरुणाचल प्रदेश |
हॉर्नबिल त्योहार | नागालैंड |
मोआत्सु उत्सव | नागालैंड |
अम्बुबाची मेला | कामाख्या मंदिर, असम |
विजिंग | असम |
भोगाली बिहू / भोगा बीहु (जनवरी), भोगया / रोंगाली बिहू (अप्रैल), और कोंगाली बिहू (अक्टूबर) | असम |
बसंत उत्सव | शांति निकेतन, पश्चिम बंगाल |
गुड़ी पड़वा (नववर्ष का आरम्भ) | महाराष्ट्र |
बाथूकामा | तेलंगाना |
बोनालु त्योहार | तेलंगाना |
पुथांडु | तमिलनाडु |
उत्तरायण | गुजरात |
परीपली गज मेला | केरल |
ओणम | केरल |
विशु (मलयालम नया साल) | केरल |
उगड़ी | कर्नाटक |
पोंगल | तमिलनाडु |
बाली यात्रा | ओडिशा |
धानु जात्रा | ओडिशा |
तवांग उत्सव | अरुणाचल प्रदेश |
बेस्तु वरस | गुजरात |
संगाई उत्सव | मणिपुर |
लुई-न्गाई-नी | मणिपुर |
बैसाखी | पंजाब और हरियाणा |
गंगा कयाक / कश्ती | उत्तराखंड |
नमस्ते ओरछा महोत्सव | मध्य प्रदेश |
फगली | हिमाचल प्रदेश |
फूल देई | उत्तराखंड |
चैत्र जात्रा उत्सव | ओडिशा |
भारत के ये विविध राज्य-विशिष्ट उत्सव न केवल देश की सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करते हैं, बल्कि यह हमें एकजुटता और भाईचारे का संदेश भी देते हैं। यह उत्सव भारतीय संस्कृति की गहराई और समृद्धि को दर्शाते हैं और यह हमें हमारी जड़ों से जोड़े रखते हैं।
इन्हें भी देखें –
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